बीवी ने किया नुकसान का भुगतान

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नरेन्द्र और मेरी वाईफ का नाम सुमन है. मेरी हाईट करीब 5 फुट, बदन भरा हुआ, वजन 67 किलोग्राम, उम्र 56 साल और सुमन उम्र 50 साल, उसकी हाईट लगभग मेरे बराबर ही है, वजन 52 किलोग्राम और फिगर साईज 38-36-40 है.
यह कहानी करीब 26 साल पहले की है, जब मेरी उम्र करीब 29-30 साल की होगी और सुमन 23-24 साल की थी. में बिहार में एक सेठ के यहाँ मुनीम था और उनके खाते और उधारी देखता था. में सुमन को भी अपने साथ यहाँ लाया था और एक किराए के घर में रहता था. एक बार मुझसे उधारी देने में चूक हो गई और सेठ को करीब 50-60 हज़ार का फटका लग गया.
सेठ मुझसे बहुत नाराज़ हो गया और मुझसे नुकसान भरपाई की माँग करने लगा और नौकरी से निकालने की धमकी देने लगा. अब में बहुत परेशान हो गया था कि नौकरी चली जाएगी तो में क्या करूँगा? मेरे सेठ का एक दोस्त था, जिनके साथ वो खाते पीते थे और मिलकर अय्याशी करते थे. फिर वो एक रोज उधर कहीं मेरे घर के आस पास आए तो मैंने उन्हें अपने घर पर बुलाया और सुमन से चाय लाने को कहा. सुमन उस समय अच्छी मस्त सेक्सी बदन की थी और बहुत सुंदर लगती थी. मेरी शादी हुए 3-4 साल ही हुए थे, सुमन गोरी, अच्छे नाक नक्श, भरे हुए बूब्स, अब मेरे सेठ का दोस्त सुमन को देखता ही रह गया था.
फिर मैंने उनको अपनी परेशानी बताई और कहा कि अब मेरा परदेश में बिना नौकरी के क्या होगा? और में नुकसान की भरपाई भी नहीं कर सकता हूँ, आप ही मेरी मदद कीजिए, उनको समझाइए आप उनके बहुत नज़दीकी है. तो फिर वो बोले कि कुंदन (सेठ का नाम) ऐसे नहीं मानता है, वो बहुत पक्का है, उसको बिज़नस में नुकसान एकदम बर्दाश्त नहीं है, इसके अलावा उसको एक ही शौक है और वो है अय्याशी का, अय्याशी में वो पैसे की परवाह नहीं करता है.
फिर मैंने कहा कि में इसमें क्या कर सकता हूँ? में उनके लिए लड़की कहाँ से लाऊं? मुझे तो इसकी बिल्कुल भी जानकारी नहीं है, आप ही मेरी मदद कीजिए. तो उसने कहा कि तुम्हारे पास तो एक नायाब चीज़ है तुम्हारी घरवाली, अगर वो उसे मिल जाए तो वो सब भूल जाएगा और तुम्हारी नौकरी भी बनी रहेगी, नहीं तो फिर तुम जानो. अब में मजबूर था फिर मैंने उनको बैठने को कहा और फिर में अंदर सुमन के पास गया.
अब वो मेरी समस्या से वाकिफ़ थी, जब उसने यह प्रस्ताव सुना तो वो पहले तो हिचकिचाई और आख़िर में मेरी खातिर मान गई. फिर मैंने रामबाबू (सेठ के दोस्त) से कहा कि ठीक है जैसा आप कहे. फिर उन्होंने कहा कि हम आज रात में आएगें और कल रविवार है तो पूरे दिन रहेगें, उसके बाद कुंदन कुछ नहीं कहेगा यह मेरी जिम्मेदारी है.
उस रात करीब 8 बजे डोर बेल बजी, तो मैंने दरवाजा खोला तो अब मेरे सामने सेठ (कुंदन) और उनका दोस्त रामबाबू खड़े थे. फिर मैंने उनका वेलकम किया और अंदर आने को कहा. फिर वो अंदर आए, उनके साथ एक सूटकेस था.
कुंदन ने कहा कि नरेन्द्र तुमने मेरा बहुत नुकसान किया है, लेकिन राम के कहने से में तुम्हें छोड़ रहा हूँ. फिर उन्होंने सूटकेस खोलकर वॉट 69 की बोतल निकाली और गिलास, सोडा लाने को कहा. फिर मैंने सुमन को आवाज़ दी और ट्रे में गिलास और पानी लाने को कहा और थोड़े से स्नैक्स लाने को कहा.
अब सुमन अच्छे से बन-ठन कर आई थी, उसने लो-कट का ब्लाउज पहन रखा था और उल्टे पल्ले की लाईट ब्लू कलर की साड़ी पहन रखी थी, उसके ब्लाउज से उसके बूब्स की लाईन साफ-साफ़ दिख रही थी. उस समय वो गोरी, चिकनी, उसके बूब्स 34C, वेस्ट लाईन 34 और हिप्स करीब 38 साईज़ के थे, उसका वजन भी करीब 52 किलोग्राम रहा होगा. अब मेरा सेठ तो उसे देखता ही रह गया था, फिर उसने सुमन का हाथ पकड़कर अपने पास बैठाया और पैग बनाने को कहा, तो सुमन ने बोतल में से वाईन निकालकर गिलास करीब आधा भर दिया और उसमें पानी भर दिया और सुमन ऐसा ही रामबाबू के लिए किया.
सेठ ने दो गिलास और भरने को कहा एक मेरे लिए और एक उसके खुद के लिए. हम लोग पीते नहीं थे, लेकिन सेठ के आगे हमारी एक नहीं चली और हमें भी पीना पड़ा. अब हम सब स्नैक्स खाते-खाते पीने लगे थे. अब जब तक हम अपना गिलास ख़त्म करते कुंदन और रामबाबू तीन पैग चढ़ा चुके थे और वो बोतल करीब-करीब ख़त्म हो गई थी. अब हमें भी नशा चढ़ने लगा था, अब कुंदन और रामबाबू तो खैर मस्त हो ही गये थे.
फिर सुमन उठी और उसने पास में रखी टेबल पर खाना लगाया और हम सब खाना खाने लगे. सुमन खाना बहुत अच्छा और लज़ीज़ बनाती थी, तो सबने उसकी तारीफ़ करते हुए खाना खाया और खाना खाकर कुंदन और रामबाबू सुमन का इंतजार करने लगे.
सुमन अंदर बर्तन रखकर वापस बाहर आई, तो मैंने कहा कि में जाता हूँ. तो उन्होंने कहा कि तुम कहाँ चले यही रहो और हमारे साथ ऐश करो. फिर कुंदन सेठ ने सुमन को खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया और उसके गाल पर अपना हाथ फैरने लगे. फिर रामबाबू ने आगे बढ़कर सुमन का मुँह उठाकर उसके होंठो का चुंबन लिया और उसके बूब्स मसलने लगे.
अब यह सब देखकर में भी गर्म हो गया था और मेरा 7 इंच लंबा लंड करवटे लेने लगा था. फिर कुंदन सेठ ने सुमन की साड़ी खींची और उसका पल्लू नीचे गिराकर सुमन को खड़ा किया और उसकी साड़ी खींचकर पूरी उतार दी और एक तरफ पटक दी.
अब सुमन सिर्फ ब्लाउज, पेटिकोट में थी और उसके बूब्स ब्लाउज में झूलते हुए बहुत ही सेक्सी लग रहे थे. फिर कुंदन सेठ ने सुमन का ब्लाउज खोल दिया और उसका ब्लाउज भी उतार दिया. फिर रामबाबू ने सुमन का पेटिकोट का नाडा खींचा तो सुमन का पेटिकोट खुलकर नीचे आ गया, अब सुमन केवल ब्रा पेंटी में थी.
कुंदन सेठ ने पीछे से सुमन की ब्रा के हुक खोल दिए, तो सुमन की ब्रा उसकी बाँहो में झूल गई, जिसे सुमन ने खुद ही उतार दी थी. अब वो उसकी कमर के ऊपर से बिल्कुल नंगी थी, अब वो दोनों (कुंदन सेठ और रामबाबू) उसके बूब्स को मसलने लगे थे और सुमन सिसकी लेने लगी थी. फिर कुंदन सेठ ने सुमन का एक बूब्स अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगे. अब रामबाबू अलग होकर अपने कपड़े उतारने लगे और थोड़ी देर में ही पूरे नंगे हो गये थे, रामबाबू 5 फुट 6 इंच के हट्टे कट्टे 45 साल के पुरुष थे, उनका सीना गठीला 36 इंच का था, उनका लंड करीब 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था और अकड़कर फनफना रहा था.
फिर उन्होंने सुमन को कुंदन सेठ की गोद में से उठाकर अपनी तरफ खींचा और कसकर भींच लिया. अब कुंदन सेठ अपने कपड़े उतारने लगे थे, वो 5 फुट 4 इंच के मोटे बदन के पुरुष थे. अब वो भी अपने कपड़े उतारकर पूरे नंगे हो गये थे, उनका पेट बाहर निकला हुआ था और उनका लंड करीब 5 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था, जो अब खड़ा हुआ था.
फिर मेरे सेठ ने मुझसे कहा कि नरेन्द्र तुम क्या देख रहे हो? तुम भी अपने कपड़े उतार दो. तो फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए, में 5 फुट हाईट का था, में उस समय इतना मोटा तो नहीं था, लेकिन फिर भी मेरा शरीर मोटाई की और जा रहा था. अब यह सब नज़ारे देखकर मेरा लंड भी, जो अब करीब 7 इंच लंबा था यह सब नज़ारे देखकर फनफना रहा था. फिर कुंदन सेठ ने मेरा लंड देखकर अपने हाथ में लिया और रामबाबू से कहा कि राम देख इसका लंड तो तुम्हारे जितना ही बड़ा है, सुमन को नरेन्द्र से रोज-रोज चुदवाकर लंबे लंड खाने की आदत लग गई होगी.
अब मुझे अहसास हो गया था कि सेठ को अय्याशी का शौक तो था ही, लेकिन वो गांडू किस्म का आदमी भी था. अब यह बातें सुनकर मेरा लंड अपने आपे से बाहर हुए जा रहा था. अब कुंदन सेठ ने आगे बढ़कर सुमन की पेंटी भी उतार दी और अब सुमन भी पूरी नंगी थी. फिर रामबाबू ने सुमन को बेड पर लेटा दिया और उसके बूब्स को अपने मुँह में भरकर चूसने लगे.
कुंदन सेठ सुमन के सिरहाने की तरफ आए और उसके मुँह पर बैठकर अपने लंड का सुपाड़ा सुमन के होंठ पर ले गये और दबाब डाला तो सुमन का मुँह खुल गया और उनका सुपाड़ा उसके होंठो पर चला गया. अब सुमन सेठ के लंड के सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी थी. फिर रामबाबू ने अपना मुँह उठाकर बोला कि नरेन्द्र तुम क्या देख रहो? तुम भी आ जाओ, तो में बिस्तर पर जाकर सुमन की चूत पर अपना मुँह ले गया और उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाटने लगा.
अब सुमन बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी, अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. अब कुंदन सेठ अपना पूरा लंड सुमन के मुँह में घुसाकर आगे पीछे करने लगे थे. फिर रामबाबू ने कुंदन सेठ को कहा कि कुंदन तुम बिस्तर पर सीधे लेट जाओ, तो सुमन नीचे उतर गई और कुंदन सेठ सीधे पलंग पर लेट गये. फिर रामबाबू ने सुमन को कुंदन के पैरो की तरफ आकर लंड चूसने को कहा, तो सुमन अपनी गांड उठाकर सेठ के लंड को चूसने लगी. अब सेठ मस्ती से आह आह करने लगा था. फिर रामबाबू ने अपने घुटनों के बाल बैठकर पीछे से सुमन की चूत के मुहाने पर अपना लंड रखकर ज़ोर से एक धक्का मारा, तो उनके लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर घुस गया.
अब रामबाबू के मोटे लंड का धक्का खाकर सुमन थोड़ी चीखी, लेकिन फिर सेठ के लंड को चूसने में मस्त हो गई. फिर रामबाबू ने पूरे ज़ोर से धक्का दिया तो उनका पूरा लंड सुमन की चूत में जड़ तक चला गया और फिर रामबाबू पूरे ज़ोर से सुमन को चोदने लगा.
अब इधर सुमन भी ज़ोर-ज़ोर से सेठ के लंड को चूसकर आगे पीछे करने लगी थी. अब कुंदन सेठ की कमर थोड़ी-थोड़ी अपने आप उठने और गिरने लगी थी और फिर थोड़ी देर में उसके लंड ने सुमन के मुँह में ही पिचकारी छोड़ दी. अब सुमन के मुँह से बहुत सारा वीर्य निकलकर बिस्तर पर फेल गया था. अब सेठ बिस्तर से नीचे आकर लंबी सांसे लेने लगे थे.
अब उधर रामबाबू भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहे थे और अब सुमन के मुँह से आ आ निकल रही थी. अब वो अपने आप बोल रही थी और ज़ोर-ज़ोर से और ज़ोर से, मुझे पूरा चोदो, मेरी चूत फाड़ दो, ओह आज तो मज़ा आ गया. फिर रामबाबू ने अपना आसन बदला और सुमन को पीठ के बल लेटाकर उसकी टांगे अपने कंधे पर रख ली और उसकी चूत के मुहाने पर अपने लंड को रखकर ज़ोर से धक्का दिया. अब इतनी देर तक चुदाई चलने से सुमन की चूत तो गीली होकर चिकनी हो गई थी और फिर एक धक्के में उनका लंड पूरा अंदर चला गया.
फिर रामबाबू ने अपना लंड पूरा बाहर खींचा और फिर से ज़ोर से अंदर धकेला और इस तरह ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगे. अब सुमन भी मस्ती में अजीब-अजीब तरह की आवाज़े निकाल रही थी सीईईईईईईईई आहहाआआआआअ और जोर से और जोर से मजाआाआअ आ गया, आआआआआ ओह अहाआआआअ में गई, में गई करते हुए उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. रामबाबू चुदाई करने में पूरे उस्ताद थे, अब वो लगातार जोर-जोर से धक्के दिए जा रहे थे.
अब मेरा लंड यह सब देखकर पूरा खड़ा हो रहा था और अब में अपने हाथ को मेरे लंड पर चलाने लगा था. फिर कुंदन सेठ ने कहा कि यह क्या कर रहे हो? रूको कहकर उसने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर अपने मुँह में डाला और चूसने लगा. अब मुझे लगा कि सेठ इस चीज़ का भी शौकीन है, अब में अपने लंड से सेठ के मुँह में धक्का लगाने लगा था और इस तरह मुझे भी मज़ा आने लगा था.
अब इधर रामबाबू पूरे ज़ोर-शोर से धक्के लगा रहे थे और उधर कुंदन सेठ ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूस रहे थे. अब आख़िर रामबाबू की आँखें बंद होने लगी थी और उनके धक्के पूरी स्पीड में हो गये थे. अब में समझ गया था कि रामबाबू अब पूरे क्लाइमैक्स में आ गये है और फिर उन्होंने आह आह करते हुए अपना लंड सुमन की चूत के अंदर तक डालकर अपनी पिचकारी छोड़ दी.
अब सुमन की चूत पूरी झील हो गई थी. फिर सुमन ने भी साथ देते हुए एक बार फिर से अपनी चूत से पानी छोड़कर रामबाबू के लंड का अभिषेक कर दिया. अब इधर मुझे लगा कि दुनिया का पूरा शहद मेरे लंड के सुपाड़े में इकट्ठा हो गया है और फिर मैंने सेठ के मुँह में ही अपनी पिचकारी छोड़ दी. तो सेठ ने अपना मुँह अलग कर लिया और मेरा पूरा वीर्य ज़मीन पर गिर गया. अब हम चारो लंबी-लंबी सांसे लेने लगे थे.
फिर मेरे सेठ ने मुझसे कहा कि तुमने और तुम्हारी बीवी ने हमें खुश कर दिया है. अब तुम उस नुकसान को भूल जाओ और अब तुम तुम्हारी बीवी के साथ नौकरी पर आना. मैंने तुम्हारे साथ तुम्हारी बीवी को भी नौकरी पर रख लिया है. दोस्तों उसके बाद हम दोनों पति पत्नी सेठ के यहाँ नौकरी करने लगे. में वहां पर खाते और उधारी संभालता था और मेरी बीवी कमरे में जाकर सेठ को संभालती थी.
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नई नवेली भाभी की कामुकता

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी एक भाभी को अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उनकी प्यास को बुझाया, वो दिखने में एकदम सेक्सी माल थी और मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को कभी भी तैयार नहीं होती थी. पहली नजर में ही में उनको चोदने के सपने देखने लगा था.
अब में सबसे पहले अपना परिचय आप सभी से करवा देता हूँ, मेरे घर में मेरी माँ, पापा, में और मेरी एक बहन है, मेरी बहन की शादी हो गई है और अब में और मम्मी, पापा हम तीनों रहते है. दोस्तों मैंने डॉक्टर बनने के लिए पेपर भी दिए, क्योंकि में पढ़ने में बहुत होशियार था और आगे की पढ़ाई करने के लिए मुझे अपने गावं को छोड़ना पड़ा और में अपने परिवार के साथ शहर में रहने चला गया और इसलिए मेरा अपने गावं में आना जाना नहीं हो पता था. एक दिन मेरे पास मेरी मौसी का कॉल आया तो उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा तेरे भाई की शादी है और तुझे जरूर आना है. फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है में आ जाऊंगा, लेकिन उस समय मेरे पेपर थे, इसलिए में पेपर छोड़कर नहीं जा सका.
फिर अपने भाई की शादी के ठीक दो साल बाद में अपने गावं चला गया, वहां पर मुझे पहली बार मेरी भाभी मिली और मौसी मिली, मौसी ने मुझे बहुत डांटा और उन्होंने मुझसे कहा कि तू शादी में नहीं आया.
मैंने उनको सॉरी बोला और मैंने उनको कहा कि पहले में अपनी भाभी को देख तो लूँ वो कैसी है? और में उनसे मिलने गया तो वो उस समय घूँघट में बैठी हुई थी. मैंने देखा तो वो हंस गई वाह क्या मस्त फिगर था उनका, उनकी उम्र करीब 26 साल और उनके फिगर का आकार 32-30-36 था, वो क्या मस्त माल थी? उन्होंने मुझसे कहा आओ देवर जी अब अच्छे से मुझसे मिल लो और वो हंसने लगी.
मैंने भी मुस्कुराकर कह दिया कि हाँ अब हम बहुत अच्छे से मिलेंगे और वो दोबारा हंस पड़ी और हम लोग हंस हंसकर बातें करने लगे, वो चाय बनाकर ले आई और हमने चाय पी और ढेर सारी इधर उधर की बातें की. मैंने बातों ही बातों में उनको मजाक में बोल दिया कि भाभी आप तो बहुत सुंदर हो और दिखने में भी मस्त माल हो, आप अब तक कहाँ थी? काश पहले मुझे मिली होती. फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंस गई और वो मुझसे बोली कि कोई बात नहीं है देवर जी, अब चलो थोड़ी मजाक मस्ती आपके साथ भी हो जाएगी.
फिर मैंने कहा कि अब आपको ले जाने से क्या फायदा अब आप यहीं पर रहो और कुछ घंटे बातें, मजाक करते करते अब रात हो चली थी, इसलिए बीच में मेरी मौसी से भी थोड़ी बात हुई और फिर रात का खाना खाने के बाद हम सबके सोने की तैयारी शुरू हो गई. तब मैंने अपनी भाभी से पूछा कि भाई कहाँ है? तो भाभी ने थोड़ा उदास होते हुए मुझे बताया कि वो अपनी नौकरी के लिए शहर गये है और तीन चार महीने में कुछ दिनों के लिए आते है. फिर कुछ देर बाद मौसी उठकर अपने कमरे में जाकर सो गई और वो जाते समय भाभी से बोली कि लाला का पूरा ख्याल रखना.
भाभी ने मुझे उनकी शादी की एलबम दिखाई, हमे नींद नहीं आ रही थी और फिर वो चाय बनाकर ले आई और हम लोग बातें करने लगे, तब भाभी मुझसे कहने लगी कि देवर जी आप दिखने में बहुत अच्छे हो, आपकी शहर में करीब दस बीस गर्लफ्रेंड तो जरुर होगी? तो मैंने भी मौके का फायदा उठाकर मुस्कुराते हुए उनसे कह दिया कि मैंने जब से तुमको देखा है, में वो सब कुछ भूल गया हूँ. अब उन्होंने मुझे धीरे से धक्का दे दिया और वो मुझसे बोली कि चल हट बदमाश मुझसे झूठ बोलता है. फिर मैंने कहा कि सच में और वो अब इधर उधर की बातें करने लगी.
फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों शहर में तो बहुत मज़े होंगे और वो मेरे साथ बिस्तर पर लेटी हुई थी, लेकिन अब वो मुझसे से ज़्यादा चिपककर लेटी हुई थी और हमारे होंठ एक दूसरे के बहुत पास थे, मुझे उनकी आखों में शरारत नजर आ रही थी, शायद वो मुझसे कुछ चाहती थी और में उस समय बरमूडा पहने हुए था और वो मेक्सी में थी. कुछ देर बाद भाभी की उभरी हुई छाती और उनकी बातें सुन सुनकर मेरा 6 इंच का लंड तंबू बन गया था. फिर कुछ देर बाद भाभी को नींद आने लगी थी और वो मुझसे बोली कि में अब सोने जा रही हूँ.
मैंने कहा कि आप भी यहीं मेरे पास सो जाओ, वैसे भी आप वहां पर अकेले सोओगी, यहाँ पर आज मेरे साथ सो जाओ. फिर वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारे पास ही सो जाती हूँ और वैसे भी अकेले में मुझे थोड़ा डर भी लगता है.
दोस्तों मैंने बहुत दिनों से किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और कुछ देर पहले भाभी के बूब्स को देखकर मेरा लंड धीरे धीरे झटके देने लगा था, में पूरी तरह से जोश में आ चुका था. फिर भाभी मेरे पास में सो रही थी और मुझे तो पता नहीं कब मेरा हाथ उनके बूब्स पर चलने लगा और में ऐसे ही उनके बूब्स को सहलाने लगा.
मैंने भाभी को किस भी किया, मुझे लगता है कि भाभी ज़्यादा गहरी नींद में सोती थी, इसलिए भाभी की तरफ से कोई भी हलचल नहीं हुई जिसकी वजह से मेरी हिम्मत बढ़ गई और मुझे आगे बढ़ने का मौका मिल गया. फिर मैंने अब दोनों बूब्स को एक एक करके ज़ोर से दबाए, जिसकी वजह से उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, आहहहह स्स्ईईईईई और में समझ गया कि भाभी को भी अब मजा आ रहा है और वो नींद में नहीं है बस सोने का नाटक कर रही है.
फिर मैंने जल्दी से उठकर अंदर से दरवाजे की कुण्डी लगाकर दोबारा उनके पास में आकर लेट गया और अब मैंने उनकी मेक्सी को ऊपर किया और में अब उनके गोरे गोरे पेट पर अपना एक हाथ फैरने लगा, जिसकी वजह से उनको गुदगुदी हो रही थी, जो एक जागते हुए इंसान को होती है सोते हुए को नहीं, वो बार बार कांप रही थी और में उन्हें गरम करना चाहता था कि वो मेरे साथ सेक्स करने की बात मान जाए, क्योंकि दोस्तों गरम लोहे पर चोट मारना ही ज्यादा ठीक रहता है और में अब उनके तनकर खड़े निप्पल को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा और बूब्स को पीने लगा, जिसकी वजह से वो गरम होकर हल्की हल्की सी सिसकियाँ ले रही थी, ऊओह्ह्ह सईईईईईइ आआहहहह.
अब में उनकी गोरी पीठ पर हाथ घुमाने लगा, जो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और वो अब कसमसा रही थी और में धीरे धीरे उन्हें गरम करना चाहता था.
मैंने सही मौका देखकर उनकी ब्रा को खोल दिया और खींचकर तुरंत उनके जिस्म से अलग कर दिया, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और मैंने देखा कि उन्होंने पेंटी तो पहनी ही नहीं थी, शायद वो खुद मुझसे आज अपनी चुदाई करवाना चाहती थी, इसलिए उन्होंने पेंटी नहीं पहनी और चुपचाप सीधी लेटकर सोने का नाटक कर रही थी. अब में उनकी हल्के बालों वाली प्यासी चूत को छूने लगा, उनकी चूत पर थोड़े बहुत भूरे रंग के बाल थे, और थोड़ी उभरी हुई, लेकिन छूने पर महसूस हुआ कि बहुत गरम चूत थी.
अब मैंने उनके पैरों से लेकर उन्हें किस करना शुरू किया और अब में ऊपर की तरफ बढ़ते हुए चूत तक पहुंच गया और फिर चूत को भी किस करने लगा और नाभि, बूब्स को भी चूमा. उसके बाद मैंने उनके होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिया. दोस्तों अब मैंने महसूस किया कि वो भी अब मेरा साथ दे रही थी और में अपनी जीभ को उनके मुहं में डाल रहा था और वो उसे चूस रही थी.
मैंने फिर अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और तुरंत अपना लंड भाभी के हाथ में दे दिया, पहले उन्होंने लंड को बहुत धीरे से डरते हुए पकड़ा, लेकिन फिर उसे महसूस करके ज़ोर से पकड़ लिया. अब दोनों 69 पोजीशन में आ गए और मैंने बहुत धीरे से भाभी के कान में बोला कि भाभी में आपकी चूत को चूसता हूँ और आप मेरा लंड चूसो, भाभी अभी भी सोने का नाटक कर रही थी.
फिर मैंने जबरदस्ती भाभी का मुहं खोला और अपना लंड उनके मुहं में डाल दिया और फिर बहुत धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा और कुछ देर बाद में रुक गया और वो शुरू हो गई. उन्होंने अब मेरे लंड को अपने मुहं से लगातार धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, वो अब लंड को बहुत मज़े लेकर चूस रही थी और उनकी गरम सांसो से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो पूरी गरम हो चुकी है और उन्हें अब ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर में 69 पोजीशन में आकर भाभी की चूत को चूसने लगा, भाभी की चूत से पानी निकल रहा था, में उनकी चूत को लगातार चूसने लगा और चूत में उंगली भी डालने लगा.
दोस्तों भाभी की चूत मुझे अब तक वर्जिन लग रही थी, शायद मेरे भाई ने उनको अब तक सही ढंग से नहीं चोदा था और उनको दो साल में अब तक कोई बच्चा भी नहीं था और मेरी दो उँगलियाँ भी चूत में नहीं जा रही थी. फिर जैसे ही मैंने चूत में उंगली डाली भाभी अब बिल्कुल पागल हो चुकी थी, उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और मुहं में लेकर चूसने लगी और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी, मेरा आधा लंड उनके मुहं में अब समा रहा था, वो मेरे टट्टे खा जाने के लिए मचल रही थी और लंड को चूस रही थी. करीब 15 मिनट बाद में उनके मुहं में झड़ गया, लेकिन तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी.
अब हम दोनों जाग गये थे, भाभी मुझे अपने गले से लगाए बैठी थी और वो मेरा लंड भी सहला रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि आपके भाई का तो इससे भी आधा नहीं है, आपकी बीबी आपसे बहुत खुश रहेगी. फिर भाभी मुझसे बोली कि देवर जी पूरे साल बाद आज में पहली बार झड़ी हूँ और अब तुम मेरी प्यास बुझा दो प्लीज अब मुझे और ज्यादा मत तड़पाओ और मुझे चोद दो, मेरी चूत को शांत कर दो.
फिर मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए उन्हें लंड चूसने को कहा और अब वो एक अनुभवी रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मैंने अब बोला कि भाभी आओ आगे का काम करे और फिर मैंने उनको नीचे लेटा दिया, करीब पांच मिनट चूत को लीक किया और उनको गरम करने लगा. तभी वो मुझसे कहने लगी कि देवर जी प्लीज अब डाल दो, मुझसे ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा है मेरे राजा अब ना तड़पाओ.
मैंने भी लंड को चूत के मुहं पर रखकर सही निशाना लगाया और एक जोरदार धक्का दे दिया, लेकिन लंड चूत में नहीं गया तो भाभी कसमसा गई. मैंने एक बार फिर से धक्का दिया और मेरा लंड दोबारा फिसल गया. फिर भाभी मुझसे बोली कि रूको और अब भाभी उठकर तेल की शीशी लेकर आई और उन्होंने बहुत सारा तेल मेरे लंड पर लगाया और अपनी चूत पर भी लगाया और फिर वो मुझसे बोली कि मेरे राजा में अभी तक कुँवारी हूँ तुम थोड़ा आराम से करना.
फिर मैंने धीरे से लंड को चूत के मुहं पर रखकर अंदर धक्का दिया. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि भाभी की चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से मेरा लंड चूत में घिसता हुआ जा रहा था, जिसकी वजह से भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी, लेकिन मैंने उनके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और अपना आधा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
दोस्तों उस दर्द की वजह से भाभी की चूत से पेशाब बाहर निकल गया और उनका पूरा शरीर काँपने लगा और वो दर्द से छटपटाती हुई मुझसे बोली, अहह्ह्ह स्स्ईईईईईईईइ में मर गई उफ्फ्फफ्फ्फ़ देवर जी प्लीज इसे अब बाहर निकालो. फिर में कुछ देर रुककर उनको किस करता रहा, जब वो ठीक हुई फिर में ऐसे ही धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और मैंने भाभी को एक आखरी धक्का दे दिया और उनके होंठो को बंद कर लिए तो वो रोने लगी और दर्द से बिलबिला उठी, में फिर पांच मिनट रुक गया.
भाभी का दर्द की वजह से अब बहुत बुरा हाल था, उनके बेड पर चूत से निकला हुआ खून था, क्योंकि आज उनकी सील टूट गई थी. अब में जब वो शांत हुई तो उनको तेज तेज धक्के देकर चुदाई के मज़े देने लगा और वो लगातार चिल्ला रही, उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आज फाड़ दो उफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरी चूत को हाँ और तेज़ चुदाई करो मेरे राजा, आज मुझे स्सईईईई असली मर्द मिला है, तेरा भाई नपुंसक है साला वो कुछ नहीं कर पाता, वो साला तो दो मिनट में ही झड़ जाता है, मुझको तेरे बच्चे की माँ बनना है और आज मुझे चोदकर अपना एक बच्चा दे दो, चाहे जैसे मुझे चोदो और में धक्के पर धक्के दिए जा रहा था.
अब मैंने पोज़िशन बदली और उनको घोड़ी बनने को बोला. फिर मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया, अब वो खुद हल्के हल्के धक्के लगा रही थी और मैंने भी फिर उनको गोद में उठाकर चोदा और अब तक वो चार बार झड़ गई थी और में भी अब झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो भाभी मुझसे बोली कि तुम आज अपने वीर्य से मेरी चूत को भर दो मेरे राजा.
अब में आपके बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ और फिर में कुछ देर बाद उनकी चूत में झड़ गया और हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े पड़े हाँफ रहे थे और भाभी मुझे प्यार भरी निगाहों से देख रही थी और किस भी कर रही थी. अब भाभी उठकर बैठ गई और बहुत दुखी थी बोली आपके भाई को तो चोदना भी नहीं आता पूरे दो साल हो गये शादी को और में अब तक माँ नहीं बनी, उनकी तो चार इंच की लुल्ली है, जो चूत में जाने से पहले ही झड़ जाती है और आज तक कभी भी उन्होंने मुझे संतुष्ट नहीं किया, लेकिन तुमने मुझे आज पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है, मुझे तुमसे एक बच्चा चाहिए प्लीज.
फिर मैंने भाभी को सांत्वना दी और कहा कि में हूँ ना आप क्यों चिंता करती हो? में आपको जरुर बच्चे दूंगा. फिर भाभी मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हुई और भाभी मुझसे बोली कि देवर जी मुझे आपसे बहुत जल्दी बच्चा चाहिए, में अब और इंतजार नहीं कर सकती. दोस्तों उसके बाद मैंने अपनी प्यासी भाभी को दिन रात जब भी मुझे जैसा भी मौका मिला एक महीने तक चोदा.
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मेरा निकाह मेरी कज़िन के साथ

मेरा नाम सलमान है और हम लखनऊ के नवाब खानदान से ताल्लुक रखते है, हमारे यहाँ शादी केवल खानदान में ही होती है. हमारे खानदान में सिर्फ़ दो लड़के है में और मेरी मौसी का लड़का रिज़वान, जिसका निकाह मेरी बहन रुकसाना से हुआ है. मेरे दो और बहनें है सलमा और फ़ातिमा और उनका निकाह भी रिज़वान से ही होगा. मेरी मौसी के दो लड़कियां है ज़ीनत और आरसी, मेरे चाचा के दो लडकियाँ है रुक्सर और ज़ूनी, ज़ीनत 26 साल की, आरसी 18 साल की, रुक्सर 20 साल की और ज़ूनी 19 साल की है.
फिर तय हुआ की मेरा निकाह ज़ीनत और आरसी से एक दिन और रूक्सर और ज़ूनी से दूसरे दिन हो जाए और रिज़वान का निकाह सलमा और फातिमा से हो जाए, ताकि खानदान घर में ही बढ़े और सब हवेली में ही रह जाए. फिर मैंने मेरी पहली सुहागरात ज़ीनत के साथ चुनी और हर एक महीने के बाद सुहागरात मनाने का फ़ैसला लिया और क्योंकि उम्र में सब उससे छोटी थी इसलिए घरवालों को भी कोई ऐतराज़ नहीं हुआ.
अब दोस्तों में आपको ज़ीनत के बारे में और उनकी चुदाई की कहानी सुनाता हूँ. वो मुझसे 4 साल बड़ी थी, लेकिन वो बला की खूबसूरत थी, हाईट 5 फुट 9 इंच, गोरी, भूरे बाल, भरा हुआ मांसल बदन, वो एकदम सुष्मिता जैसी लगती थी. मेरी उससे बहुत कम बात हुई थी, लेकिन मुझे मालूम था कि आज जन्नत की सैर करने का मौका खुदा ने दे ही दिया है. में आज उस लंबी नाजुक ज़ीनत को सोने नहीं दूँगा. फिर रात को रुकसाना और सलमा, फ़ातिमा मुझे ज़ीनत के कमरे में ले गयी और बाहर से दरवाज़ा बंद कर हंसते हुए चली गयी. अब वो कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी.
फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा और बोला कि आप तो यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरा बच्चा तुझे सब मालूम है. अब ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थी.
फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उनकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी. फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी. अब ज़ीनत सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 38 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थी.
फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला. तो जीनत ने कहा कि सलमान मेरे दूल्हे धीरे करो बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब ज़ीनत उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.
अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा था. अब उनके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, जिससे मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उसे अलग करके उनकी काली ब्रा भी उतार दी. उफ़फ्फ़ अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी और पेटीकोट में था.
अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था. अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे. फिर वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह सलमान 26 साल से तड़पति ज़ीनत पर ये क्या हुआ? मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो.
अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उनको पूरा नंगा कर दिया, क्या मस्त माल था? थैंक यू अल्लाह, शुक्रिया. फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन.
अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ? और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा. तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी कि सलमान में 10 साल से तेरे बड़े होने का इंतज़ार कर रही थी, मेरी 26 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.
फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी. फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई.
फिर मैंने आपा से कहा कि एक बार दर्द होगा, लेकिन आप अगर बर्दाश्त करोगी तो सारी जिंदगी मस्ती ले पाओगी. फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहा. अब उनकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर ज़ीनत की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था.
फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया. अब दर्द से दोहरी आपा अम्म्म्मा अम्मी जान कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी. फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया.
अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, अम्मी मुझे मार डाला इसने, मेरा दूल्हा कसाई है, जालिम है, मार डालेगा मुझे आआईईईईई रे सलमान, प्लीज़ अपनी मुझ पर रहम कर, यह लोहे की रोड घुसा दी, में मर जाउंगी, आआई रे मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो आईईईई. फिर मैंने कहा कि अच्छा में 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया. फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहा.
फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा. फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी. फिर मैंने कहा कि कसाई कैसा है? तो आपा ने कहा कि अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है, चोदो सल्लू मुझे चोदो, अपनी मौसी की लड़की को चोदो और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया. दोस्तों उस आनंद का अंदाज जो अपनी मौसी की लड़की को चोदेगा वही जान पाएगा.
फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी, तो आरसी ने मेरे पास आकर कहा कि पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला जीनत के साथ? तो मैंने कहा कि अगले महीने तेरी भी यही हालत करूँगा साली, तो आरसी ने कहा कि तो कर लेना, आओ तो सही, में चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे, जीनत तो सीधी थी मीठी, नमकीन और कमसिन का मज़ा तो में ही दूँगी.
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साले की बीवी ने लंड खड़ा किया

हैल्लो दोस्तों, कैसे हो आप? मेरा नाम सागर है और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और वैसी ही एक सच्ची घटना में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ, जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और जिसमें मैंने अपने साले की पत्नी को चोदा, मुझे उसकी चुदाई करने में बहुत मज़ा आया और मेरे साथ साथ उसने भी बहुत मज़े लिए और अब में वो घटना पूरी विस्तार से सुनाता हूँ.
दोस्तों यह बात इसी साल गर्मियों की है, जब मुझे किसी काम से अकेले अपने गावं कानपुर जाना पड़ा, वहाँ पर मेरा ससुराल भी है. फिर मेरी पत्नी ने मुझसे बोला कि उसके घर ही रुक जाना तो में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठा और रात को 9 बजे करीब में कानपुर पहुंच गया और में वहाँ से एक ऑटो करके अपने ससुराल पहुंच गया. मैंने अपने ससुराल वालों को सुबह ही फोन करके बता दिया था कि में घर पर आने वाला हूँ तो उन्होंने मेरे लिए खाना पीना सब कुछ पहले से ही तैयार किया हुआ था.
मैंने ऑटो में ही बैठे हुए अपने बेग से दारू की बोतल बाहर निकाली और उसे पानी की बोतल में डाल दिया और उसे में पीता पीता कुछ देर बाद अपने ससुराल पहुंच गया. दोस्तों वैसे में हमेंशा दारू अपने साथ ही ले जाता हूँ, क्योंकि दिल्ली से कानपुर में दारू थोड़ी महंगी भी है और वहाँ की जल्दी चड़ती भी नहीं है.
फिर में दस बजे अपने ससुराल पहुंच गया, मेरे ससुराल में मेरे सास, ससुर, साला और उसकी पत्नी रहती है. मेरा साला मेरी पत्नी से छोटा है और मेरी सास सरकारी नौकर है और ससुर रिटाइर्ड है और वो अपना टाईम पास करने के लिए खेती करते है, मेरा साला अपनी दुकान चलाता है. फिर में वहाँ पर पहुंचा तो उन्होंने मेरे लिए मीट बनाया हुआ था, जो मुझे बहुत पसंद है.
मैंने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर सो गया. फिर दूसरे दिन में सुबह उठा तो इन लोगों ने मुझसे मेरा हाल चाल पूछा और मुझसे इधर उधर की बातें की और एक एक करके सब अपने अपने काम पर चले गये.
उस दिन मैंने पहली बार ध्यान से अपने साले की बीवी को देखा, में उस समय खुले में नहा रहा था और वो किचन में अपना काम कर रही थी, वो हमेंशा मेरा घूँघट लेती है, लेकिन किचन में उसने चुन्नी नहीं ली हुई थी और वो उस समय मेक्सी में थी. में नहाते हुए उसके कुल्हे और साईड से बूब्स देखकर हैरान रह गया, वो दिखने में पतली थी, लेकिन जहाँ पर माल होता है, वहाँ पर बहुत मस्त तरीके से था, वो तो दिखने में एक मॉडल सी लगी, मेरा तो उसको दूर से देखकर लंड खड़ा हो गया, लेकिन मैंने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया और जल्दी नहा धोकर अपने काम से निकल गया और मुझे जिससे मिलना था, में उसके ऑफिस पहुंच गया और वहाँ पर जाकर मुझे पता चला कि वो 10-12 दिन बाद वापस आएगा, वो अपने परिवार के साथ कहीं बाहर गया हुआ है.
फिर में वहाँ से करीब 12 बजे वापस निकल गया और अपनी मौसी के यहाँ चला गया. उनसे बात करते करते मुझे करीब दो बज गये थे और फिर मेरे पास फोन आया तो मैंने बात कि तो वो मेरे साले की पत्नी थी और वो मुझसे पूछ रही थी कि में कब तक वापस आऊंगा मेरे लिए खाना तैयार है. फिर मैंने कहा कि बस में कुछ देर बाद घर के लिए निकल रहा हूँ और फिर मैंने अपनी मौसी से कहा कि में अभी चलता हूँ और में शाम को आ जाऊंगा, उन्होंने भी मुझे खाने के लिए बहुत रोका, लेकिन मैंने उनसे कहा कि उन्होंने मेरे लिए खाना वहाँ पर बना लिया है, में आपके घर पर खाना फिर कभी खा लूँगा और में वहां से निकल गया और अपने ससुराल पहुंच गया.
वहाँ जाकर मैंने मुहं हाथ धोए और कमरे में जाकर बैठ गया. मेरे साले की पत्नी ने मुझे खाना परोसा और मैंने उससे पूछा कि क्या दिन में घर पर खाना खाने कोई नहीं आता? तो उसने मुझसे कहा कि नहीं सब सुबह अपने साथ में ही ले जाते हैं और वो मेरे ठीक सामने ही बैठ गई. तब मैंने उससे बोला कि तुम भी खाना खा लो तो वो मुझसे कहने लगी कि आप खुद ही खा लो में बाद में खा लूंगी. फिर मैंने थोड़ा ज़ोर दिया तो वो भी अपने लिए खाना निकालकर ले आई और मेरे साथ में बैठकर खाना खाने लगी.
अब हम खाना खाते समय आपस में इधर उधर की बातें भी करने लगे और फिर मैंने उससे पूछा कि तुम यहाँ पर अकेले तो बोर हो जाती होगी? तो उसने कहा कि सच में यह घर तो अब मुझे काटने को दौड़ता है, इसलिए में दिन भर काम करके टाईम पास करती हूँ, लेकिन फिर भी मेरा मन नहीं लगता. अब मैंने उससे पूछा कि घर के सब लोग कब तक आते हैं?
उसने मुझे बताया कि सभी एक एक करके सुबह 8 बजे जाते हैं और 7 बजे सबसे पहले मम्मी जी आती है. उसके बाद 8 बजे तक पापा जी आते है और सबसे आखरी में मेरा साला रात को 10 बजे तक अपनी दुकान से वापस आ जाता है. तब मैंने उससे बोला कि यह क्या तुमने खाना खाते वक़्त भी अपना मुहं क्यों ढका हुआ है, अब तो यहाँ पर हम दोनों के अलावा और कोई नहीं है तो तुम मुझसे अपना चेहरा क्यों छुपा रही हो, लेकिन वो सब तुम घर वालों के सामने किया करो अकेले में नहीं, में खुद तुम से कह रहा हूँ कि तुम इसे अपने चेहरे से हटा लो और एकदम फ्री होकर आराम से खाना खाओ.
दोस्तों उसने मेरे एक ही बार बोलने पर अपनी चुन्नी को उतारकर अलग रख दी, में तो यह सब देखकर एकदम हैरान हो गया कि मैंने तो उससे सिर्फ़ मुहं से चुन्नी हाटने को कहा था, लेकिन उसने तो चुन्नी को पूरा हटा दिया और उसके उस समय बड़े गले की मेक्सी पहनी हुई थी, जिसकी वजह से जब वो खाना खाकर उठी और झुककर प्लेट उठाने लगी, तभी मेरी आखों के बिल्कुल सामने उसके लटकते हुए गोरे गोरे बूब्स थे, जिनको में चुपके से देख रहा था.
उसने अंदर गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी, लेकिन ज्यादा झुकने की वजह से उसके बूब्स आधे से ज्यादा उसकी ब्रा से बाहर निकलकर मेरे सामने आ रहे थे, सिर्फ़ उसकी निप्पल दिखाई नहीं दे रहे थे और उसकी पूरी ब्रा और बूब्स बिल्कुल साफ दिख रहे थे, उसने भी मुझे उसके बूब्स को देखते हुए देखा, लेकिन कोई विरोध नहीं किया और उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान जरुर थी और फिर वो सब बर्तन उठाकर सीधी किचन में मटकती हुई चली गयी. दोस्तों में बिल्कुल हैरान रह गया और मेरा लंड वो सब देखकर एकदम से खड़ा हो गया, वो करीब 23-24 साल की होगी.
में अब चारपाई पर लेट गया और में सोचने लगा कि इसको फंसाने की में कोशिश करूं या नहीं, मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था, क्योंकि अगर उसने मेरा विरोध किया और कुछ ग़लत हुआ तो मेरी तो ऐसी की तैसी हो जाएगी.
फिर मैंने टी.वी. चालू किया और देखने लगा. फिर थोड़ी देर बाद वो भी अपना काम खत्म करके मेरे पास आ गई और नीचे जमीन पर बैठकर टी.वी. देखने लगी.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम नीचे क्यों बैठी हो? पास वाली चारपाई खींच लो और उस पर बैठ जाओ, उसने पास में रखी दूसरी चारपाई खींची और मेरी वाली चारपाई के पास में लगाकर वो मेरी तरफ मुहं करके लेट गई, जिसकी वजह से उसकी छाती दोबारा मेक्सी से बाहर निकलने लगी और मुझे उसके बूब्स ताकने लगे. अब में कभी उसको देखता तो कभी टी.वी. को और वो भी ऐसा ही कर रही थी और हल्की हल्की स्माईल दे रही थी. मुझे उसकी हरकतों से आगे बढ़ने का मौका और हिम्मत मिली.
अब में लगातार उसको देख रहा था और वो भी मेरी आखों में आखें डालकर मुझे देख रही थी. तभी कुछ देर बाद उसने अपनी नजर को नीचे किया. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि जो भी होगा देखा जायेगा यार और अब मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हें चारपाई चुभ नहीं रही है, तुम इस पर कुछ बिछा लेती. फिर उसने कहा कि सारे बिस्तर नीचे वाले कमरे में है और मेरे साथ अब नीचे कौन जाएगा?
मैंने उससे कहाँ कि तुम यहाँ आ जाओ तो वो हंसने लगी और मुझसे कहने लगी कि अगर किसी ने हमें देख लिया और दीदी को बता दिया तो आपका यहाँ भी और दिल्ली में भी जीना हराम हो जाएगा. फिर मैंने कहा कि घर के सब लोग तो शाम तक आते है और दीदी को तो तब पता चलेगा जब कोई हमें देखेगा, में किसी को पता ही नहीं चलने दूँगा आ जाओ तुम क्यों डरती हो में हूँ ना तुम्हारे साथ, तुम्हें कोई कुछ नहीं कहेगा और फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंसने लगी और उसने मुझसे कहा कि एक बार और सोच लो. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ मैंने सब कुछ सोच समझकर ही तुम्हें कहा है.
फिर वो तुरंत उठी और मेरी चारपाई पर बैठ गई, में थोड़ा पीछे हो गया और अब उसने अपने दोनों पैर नीचे कर लिए तो मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ लेट जाओ ना, तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोली कि आपको दिक्कत होगी ना. फिर मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों? तो वो मुझसे कहने लगी कि आप ही पीछे हो गये और ज़्यादा पीछे होगे तो नीचे पहुंच जाओगे और वो हंसने लगी.
अब मैंने उससे कहा कि ऐसा नहीं होगा और फिर वो मेरे पास में लेट गई और अब हम दोनों एक ही चारपाई पर एक दूसरे से सटकर लेट गए और टी.वी. देखते रहे, में बहुत खुश था और शायद मेरे साथ साथ वो भी मन ही मन बहुत खुश थी, लेकिन वो मुझसे कुछ कहने से डर रही थी. दोस्तों उसके पास से बड़ी प्यारी खुशबू आ रही थी और उसके गरम गरम जिस्म को में महसूस कर रहा था, जिसकी वजह से मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सा जोश आ रहा था.
में तो अब उसे सूंघकर बिल्कुल मदहोश हो गया और कब 5 बज गए मुझे पता ही नहीं चला. फिर वो उठी और मुझसे कहने लगी कि में चाय बनाकर लाती हूँ, में अब उसके चले जाने के बाद पूरी तरह से बहुत गहरी सोच में डूबा हुआ था और सोच रहा था कि यह उसका बचपना है या फिर वो चालू है, मेरे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था और फिर ऐसे ही मस्ती मज़ाक करते करते शाम हो गई और धीरे धीरे सब लोग घर आ गये. फिर में अपनी मौसी के यहाँ पर चला गया और मेरी मौसी ने शाम के खाने में मेरे लिए मीट बनाया था. तभी मैंने अपने साले को फोन किया और उससे कहा कि में खाना खाकर आऊंगा, तुम लोग सो जाना में थोड़ा देरी से घर पर आऊंगा और फिर मैंने फोन पर बात करने के बाद मौसी के घर की छत पर जाकर दारू पी और में पूरा टाईम उसी के बारे में सोचता रहा.
फिर मैंने नीचे आकर खाना खाया और करीब रात के 11:30 बजे में अपने ससुराल पहुंचा और मैंने दरवाज़ा खटखटाया थोड़ी देर तक खटखटाने के बाद मेरे साले की पत्नी दरवाजा खोलने आई और उसने दरवाज़ा खोल दिया. तब मैंने उससे कहा कि क्या बात है बड़ी देर लगा दी? तो उसने मुझसे कहा कि हम सभी लोग सो गये थे और वो मेरी शक्ल देखने लगी. मैंने उससे पूछा क्या हुआ? तो उसने मुझसे कहा कि क्या आप दारू पीते हैं? तो मैंने तुरंत हाँ में अपना सर हिलाया और अब में थोड़ा नशे की एक्टिंग करने लगा.
फिर मैंने दरवाज़ा बंद किया और सीधा ऊपर जाने लगे और वो उस समय मेरे ठीक आगे चल रही थी. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी पतली कमर को पकड़ लिया और उससे कहा कि आज नशा ज़्यादा हो गया है और हम सीड़ियाँ चड़ने लगे, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा, बस चुपचाप मेरे आगे आगे चलती रही. फिर हम ऊपर गये और वो अपने कमरे में जाने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि सुनो वो मेरे पास आई और कहा कि हाँ बोलो? तो मैंने उससे कहा कि क्या मुझे तुम शुभरात्रि किस नहीं करोगी? तो वो हंसकर शरमाते हुए अपने कमरे में भाग गयी और में अपने कमरे में आकर सो गया.
फिर में दूसरे दिन सुबह उठा तो मैंने देखा कि उस समय 11 बज रहे थे और घर के सभी लोग तब तक नौकरी पर जा चुके थे, घर पर सिर्फ़ वो और में था, वो मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और फिर उसने मुझसे कहा कि आपके कोई कपड़े धोने के लिए है तो आप मुझे वो दे दो.
फिर मैंने कहा हाँ और मैंने अपनी जीन्स और टी-शर्ट को उसे उतारकर दे दिया, तो उसने मुझसे मजाक करते हुए कहा कि आप यह कच्चा भी मुझे दे दो में उसे भी धो दूँगी, तो मैंने भी उससे मजाक करते हुए कहा कि मैंने अंदर कुछ नहीं पहना है, वो मेरी यह बात सुनकर हंसने लगी और उसने मुझे एक अंगोछा दे दिया और कहा कि आप इसे पहन लो.
मैंने तुरंत अपना कच्चा उतारा और अंगोछा पहन लिया, वो लाल कलर का बहुत छोटा था, में बाहर गया और खुले में उसे पहनकर ब्रश करने लगा और नहाने को तैयार हुआ तो मैंने देखा कि पानी नहीं है. मैंने उसे आवाज़ दी और कहा कि मेरे नहाने के लिए पानी नहीं है. फिर उसने कहा कि रूको में अभी मोटर चलाकर भर देती हूँ और फिर उसने मोटर चालू की और पाईप लेकर ड्रम भरने लगी.
फिर मैंने मजाक में उस पर थोड़ा सा पानी फेंक दिया और उसने पाईप मेरी तरफ कर दिया और मुझे भीगाने लगी. पानी का प्रेशर इतनी तेज़ था कि उससे मेरा अंगोछा खुल गया और मुझे पता ही नहीं चला, लंड तो खड़ा ही था और वो ज़ोर से हंसने लगी तो में सोच रहा था कि हम जो मस्ती कर रहे है, उसकी वजह से वो हंस रही है और फिर उसने पाईप मेरे लंड की तरफ किया और लंड पर पानी मारने लगी, जिसकी वजह से मेरा लंड और भी तन गया. तभी उसने मुझे मेरे लंड की तरफ इशारा किया और वो हंसने लगी.
फिर मैंने जब नीचे देखा तो मेरे शरीर पर अंगोछा था ही नहीं और फिर में जानबूझ कर ऐसे ही नहाने लगा, उसने पानी भरा और मोटर बंद को कर दिया और वो दोबारा अपने कपड़े धोने लगी. फिर में नहाकर कमरे में ऐसे ही चला गया और उसे आवाज़ देकर कहा कि मुझे कोई टावल दे दो पानी साफ करने के लिए. तभी वो अंदर आ गई और उसने मुझे अपनी चुन्नी दे दी, में उसकी चुन्नी लेकर सबसे पहले अपने लंड को साफ करने लगा, वो वहीं पर खड़ी हुई थी. मैंने उसे अपने पास बुलाया तो वो आ गई.
अब मैंने उसे एकदम से गले लगा लिया तो वो मुझसे कहने लगी कि छोड़ो कोई हमें देख लेगा अब छोड़ दो. फिर मैंने उससे कहा कि हमें यहाँ पर कौन देखेगा? हम दोनों के अलावा यहाँ पर कोई नहीं है. फिर क्यों तुम इतना डरती हो और अब में उसे चूमने लगा और उसके गालो को, आँखो को और होंठो को उसके हाथ पकड़कर मैंने अपने लंड पर लगाए, वो अब बहुत धीरे धीरे मेरा लंड सहलाने लगी.
मैंने उससे पूछा कि कैसा लगा मेरा लंड? तो वो शरमाने लगी. मैंने कहा कि बताओ, लेकिन वो अब भी बिना कुछ बोले लंड को लगातार हिलाती रही. अब में नीचे झुका और मैंने उसकी मेक्सी को ऊपर किया और देखा कि उसने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था.
मैंने अब उसकी हल्की गुलाबी, गीली चूत को देखकर मदहोश होने लगा और मैंने उस पर जीभ फेरना शुरू किया और वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? उह्ह्हह्ह्ह्ह स्स्ईईईइ उफफ्फ्फ्फ़ अब दूर हटो कोई आ जाएगा.
दोस्तों मैंने सही मौका देखकर उसकी गांड को पकड़ लिया और अपनी जीभ को चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो अब और भी ज़ोर से लंबी लंबी सिसकियाँ लेने लगी, वो अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और अब वो अपने दोनों पैरों को खोलकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और फिर उसके कुछ देर बाद अपना एक पैर उठाकर मेरे कंधे पर रख दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई और में अब अपनी जीभ को थोड़ा ज्यादा अंदर तक डालने लगा और वो मचलने लगी और मुझसे कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह हाँ थोड़ा और तेज़ करो और आईईईईई हाँ और ज़ोर से अंदर डालो, अब मेरा निकलने वाला है और तेज़ यह कहते कहते वो मेरे मुहं पर झड़ गयी.
फिर में कुछ देर उसकी चूत को चाटकर उठा और मैंने उससे कहा कि अब तुम मुझे प्यार करो, उसने मुझे चारपाई पर बैठा दिया और वो खुद नीचे घुटनों के बल बैठकर पहले तो वो लंड को चूमती रही.
फिर वो धीरे धीरे चाटने लगी, जिसकी वजह से में तो बिल्कुल पागल ही हो गया था और उसके बालों पर हाथ फेरता रहा और वो लंड को अपने मुहं में लेने लगी और बहुत देर तक चूसती रही, लंड को वो लोलीपोप की तरह चूस रही थी, लेकिन अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे कहा कि अब झड़ रहा हूँ तो उसने अपना सर हिलाकर मुझसे हाँ कहा और में अब उसके मुहं को हल्के हल्के धक्के देकर चोदने लगा.
फिर मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ और वो यह बात सुनकर अब और भी ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी. मैंने उसके बालों को बहुत टाईट पकड़ लिया और उसके मुहं में झड़ने लगा.
उसने मेरी आँखो में देखकर मेरा सारा गरम गरम वीर्य अपने मुहं में ले लिया और उसने मुझे आँख मारी, लेकिन दोस्तों उसने वीर्य की एक भी बूँद को बाहर नहीं गिरने दिया, वो पूरा का पूरा वीर्य गटक गई और फिर लंड को चाट चाटकर साफ करने लगी.
फिर मैंने उससे कहा कि अब हम इसके आगे का काम कब करेंगे? तो उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि सब्र का फल बहुत मीठा होता है, थोड़ा सब्र करो बहुत जल्दी में तुम्हें वो मज़ा भी दूंगी, वैसे भी मुझे ऐसा ही दमदार लंड लेना बहुत अच्छा लगता है, में इसका बहुत समय से इंतजार कर रही थी, यही वो लंड है जो मेरी प्यासी चूत को शांत करेगा और मुझे वो सुख देगा, जिसके लिए में इतने सालों से तड़प रही हूँ.
दोस्तों वो मुझसे यह बात कहकर हंसती हुई बाहर चली गई और दोबारा अपने कपड़े धोने लगी और में बेड पर लेटकर उसके बारे में सोचता रहा. कुछ देर बाद मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और उस पल का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने लगा. दोस्तों यह थे मेरे साले की सेक्सी पत्नी के साथ बिताए मेरे कुछ पल, जिनमें मैंने उसके साथ बहुत जमकर मज़े किए.
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मासूम सी भोली भाली

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसको पढ़कर में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मजा जरुर आएगा, यह मेरा पहला सच्चा अनुभव है और अब में ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधे अपनी आज की उस घटना पर आता हूँ जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटी.
दोस्तों जब में करीब 18 साल का था तो उस समय मेरे घरवाले एक नयी नौकरानी ले आए, वो दिखने में नेपाली जैसी थी, लेकिन उसकी चमड़ी बड़ी ही गोरी थी उसके बूब्स बड़े ही मुलायम एकदम गोल बड़े आकार के थे और पतली दुबली सी थी, लेकिन फिर भी उसकी छाती और गांड का आकार उसकी लम्बाई कम होने की वजह से ज्यादा बाहर दिखने में आकर्षक लगता था वैसे उसकी उम्र उस समय करीब 18 साल की होगी, लेकिन उसका स्वभाव बिल्कुल छोटे बच्चो जैसा था, वो हमेशा बच्चो जैसी हरकतें किया करती थी और उसकी बातें भी एकदम बच्चो वाली वो एकदम मासूम सी थी और वो अपने शरीर से तो बड़ी हो गई थी, लेकिन उसका मन बहुत साफ था वो दुनिया की गलत भावनाओं से बिल्कुल बेख़बर थी.
दोस्तों मेरे मम्मी, पापा दोनों ही डॉक्टर हैं इसलिए वो दोनों 90% घर से हमेशा बाहर ही होते थे और उस वजह से में घर पर बिल्कुल अकेला और इसलिए मेरे घरवालों ने घर के काम के साथ साथ मेरे भी काम करने के लिए उसको नौकरानी को हमारे घर काम पर रखा था. दोस्तों वो अधिकतर समय फ्रॉक और टॉप ही पहनती थी या फिर सलवार सूट.
उसके हर कपड़े के गले का कट हमेशा बहुत बड़ा होता था और इतना बड़ा कि बस निप्पल से ज़रा सा ऊपर जिसकी वजह से मुझे हमेशा उसकी गोरी गोरी उभरी हुई सुंदर छाती नजर आती और जब वो नीचे झुककर झाड़ू लगाती तो मुझे वो पूरा सुंदर नजारा दिखाई देता, लेकिन बस उसके गले में एक छोटा सा लोकेट है जो हमेशा मेरी नज़रों को मामूली सी रुकावट देता था, लेकिन फिर भी में उसको लगातार घूर घूरकर देखता रहता था और वो जब कभी नीचे बैठकर फर्श को कपड़े से साफ करती तो में उसके झूलते हुए बूब्स का वो मस्त नजारा देखकर अपनी आखों को सेकता था. दोस्तों मेरा स्वभाव थोड़ा सा शर्मिला होने की वजह से में शुरू में तो उससे अपनी नज़रें छुपा लेता था, लेकिन दोस्तों दिल तो पागल है ना वो कहाँ किसी की बात सुनने को तैयार होता है इसलिए में धीरे धीरे अब उसकी तरफ कुछ ज्यादा ही आकर्षित होने लगा था और उसके मज़े लूटने लगा.
फिर में जब अपने स्कूल से घर पर आता तो मेरे आने के कुछ देर बाद जब में अपने कपड़े बदल लेता और दूसरे कामों से फ्री हो जाता तो वो मुझसे पूछकर मेरे लिए खाना लगा देती थी. फिर उसके बाद मेरी उसके साथ हल्की फुल्की बातें शुरू होती और कभी कभी उन बातों से लड़ाईयाँ भी हो जाती, जिसकी वजह से वो कभी कभी रो पड़ती थी और वो मुझे मारने के लिए मेरे पीछे पढ़ जाती और में उससे बचने के लिए अपने कमरे में चला जाता और फिर बिस्तर पर हम एक दूसरे पर टूट पड़ते.
दोस्तों वो मुझे मारने के लिए बिल्कुल भी किसी भी बात की परवाह करे बिना मेरे ऊपर चढ़ जाती, जिसकी वजह से उसके झूलते लटकते हुए बूब्स मेरे सीने पर दबने लगते थे और में तो हमेशा उससे थोड़ा दूर ही रहने की कोशिश करता था, लेकिन वो तो बिल्कुल ही अंजान थी, जैसे उसे पता ही ना हो कि वो एक लड़की है और में लड़का वो इस तरह से मुझसे लड़ती कि कई बार खुद जानबूझ कर उसके बूब्स को छू लिया करता था, लेकिन उसके इन सभी से कोई भी फर्क नहीं पढ़ता था. दोस्तों हम दोनों कुछ ही सप्ताह में बहुत खुल गए थे और अब में भी उससे पूरी तरह से खुलकर लड़ता था और जब वो मेरे ऊपर बैठती या मुझसे लिपटती तो में भी उससे जानबूझ कर कसकर लिपट जाता और उस बिस्तर पर हम दोनों लॉटपोट होते रहते थे.
हमारी छाती के साथ साथ जांघो से जांघे भी रगड़ जाती थी और मेरा हाथ हम दोनों के शरीर के बीच में अटक जाता जो सीधा उसके गोल गोल पर लगता और में उनको दबाने लगता और बहुत बार उसका एक पैर मेरे पैरों के बीच में चला जाता था और में तो बस उसे ज़ोर से पकड़ ही लेता था और उसके पैरों को अपने पैरों के बीच में फंसाकर मज़े लेता और जब कभी उसका हाथ मेरे लंड के पास से छूता हुआ निकलता तो में उससे बड़ी ज़ोर से चिपक जाता, जिसकी वजह से उसका वो हाथ हमारे दोनों पैरों के बीच में ही फँस जाता था.
दोस्तों यह सब बहुत अचानक से होता था, जब वो अपना हाथ बाहर निकालने की कोशिश किया करती उसकी वजह से मेरे खड़े लंड पर उसका हाथ हल्का हल्का हिलने लगता और वो सब मुझे एक अजीब सा सुख देता, जिसको में किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता, लेकिन उसका पूरा पूरा ध्यान तो बस मुझे मारने में ही होता था.
फिर कुछ दिनों बाद गर्मियाँ आ गई और में अब सिर्फ़ कॉटन की एक छोटी सी निक्कर और बनियान में ही रहने लगा. दोस्तों उसको कोकरोच से बहुत ही ज़्यादा डर लगता था और यह बात मुझे पहले से ही पता थी इसलिए एक दिन मस्ती करते समय मेरे मन में एक शरारत आई और में कहीं से मरा हुआ एक छोटा सा कोकरोच लेकर उसको डराने के लिए उसके पीछे भागने लगा जिसकी वजह से वो मुझसे दूर होते होते एक कोने में जाकर फँस गई.
तभी मैंने सही मौका देखकर उस कोकरोच को उसके ऊपर फैंक दिया और अब मेरी अच्छी किस्मत से वो कोकरोच गिरा भी कहाँ? वो जाकर सीधा उसके दोनों बूब्स के बीच में फंस गया उस कोकरोच को अपनी छाती पर देखकर वो बिल्कुल पागलों की तरह चिल्लाते हुए इधर उधर भागने लगी और में अब बहुत ज्यादा घबरा गया. तभी मैंने उसके पास जाने की थोड़ी हिम्मत करके मैंने उसके पीछे से आकर उसकी कमर के सहारे से उसे ज़ोर से पकड़कर उसे नीचे गिरा दिया, लेकिन वो अब भी बहुत ज़ोर से चिल्ला और लगातार हिल रही थी, जिसकी वजह से उसको अपने काबू में करना मुझे बहुत मुश्किल हो गया था और वो अपनी दोनों आखें बंद करके चीख रही थी.
फिर में फटाफट उसके ऊपर चड़ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को अपने घुटनों से रोक लिया और अपने एक हाथ से मैंने उसका मुहं बंद कर दिया, जिससे कि उसकी चीखने की आवाज बंद हो जाए और अब में तुरंत अपने दूसरे हाथ को उसके थोड़े से ढीले उस टॉप के अंदर डालकर उस कोकरोच को ढूँढने लगा.
तब मैंने महसूस किया कि उसका दिल तो उस समय डरने की वजह से इतनी ज़ोर से धड़क रहा था कि में कुछ भी कर नहीं पा रहा था और वो लगातार उछल रही थी वो अपने एक हाथ से जैसे मुझे अपने से दूर करने की नाकाम कोशिश रही थी और मेरी कमर का हिस्सा उसकी कमर के ठीक ऊपर होने के कारण उसका एक हाथ अब सीधा मेरे लंड के पास ही जाकर अटक गया मैंने उसी समय उसके हाथ को रोकने के लिए अपनी दोनों जांघो को कसकर दबा दिया, लेकिन अभी भी वो इतनी ज़ोर से मचल रही थी कि कोकरोच उसके बूब्स के बीच से ढूँढना बड़ा ही मुश्किल हो गया और मेरा एक हाथ उसके दोनों बूब्स को इतनी ज़ोर से दबा रहा था कि जैसे कोई अपने एक सप्ताह पुराने गंदे कपड़े धो रहा हो, वो बिल्कुल ही चकित थी और मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था कि उस कोकरोच को ढूँढने की वजह से मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसका एक हाथ मेरी निक्कर के नीचे से अनजाने में अंदर फँस गया और मेरे हाथ की पकड़ उसके हाथ पर बड़ी अच्छी थी, लेकिन फिर भी उसका हाथ अंदर हल्का हल्का डोले जा रहा था.
अब उसके नरम हाथों का स्पर्श पाने की वजह से मेरा लंड तो जैसे अब लोहे का हो गया था, लेकिन उसका पूरा ध्यान तो सिर्फ़ कोकरोच पर ही था और बहुत हद तक मेरा भी दोस्तों यह सब होते हुए करीब चार से पांच मिनट गुज़र चुके थे. मुझे उस समय इतना मज़ा आ रहा था कि में आपको क्या बताऊँ? क्योंकि वो तो उस कोकरोच की वजह से चिल्ला रही थी और में उस बात का फायदा उठाकर उसकी छाती को हल्के से दबाकर छूकर उसके मज़े ले रहा था और में अपने काम को करने के साथ साथ उसके गोल गोल बूब्स पर अपना हाथ घुमाकर उनको महसूस कर रहा था, लेकिन उसकी चीख वैसी की वैसी ही थी. तभी कुछ देर बाद मुझे पता नहीं क्यों में उस पर बड़ी ज़ोर से चिल्ला पड़ा “छुउउउप्प्प, चुप करो चिल्लाना, बस मिल ही गया.
में उस पर बस इतनी बात कहकर चिल्लाकर उसको देखा रहा वो तो जैसे मेरे चिल्लाने से एकदम मर ही गयी हो, ऐसी बिल्कुल शांत हो गई और डर के मारे उसका वो हाथ अब मेरे लंड के ऊपर कसकर लिपट गया और घबराने के कारण वो एकदम चुप बिल्कुल बेजान हो गयी. उसकी दोनों आँखें खुली की खुली रह गई और उसका वो गरम शरीर हल्का हल्का सा कांपने लगा था, वो तो जैसे मेरे नीचे पड़ी हुई बेहोश ही हो गयी हो ऐसे पड़ी रही और उसके ना हिलने की वजह से कोकरोच मुझे बहुत आसानी से मिल गया और फिर मैंने तुंरत अपना हाथ उसकी छाती के ऊपर से हटा लिया और अब उसकी आखों से आँसू बाहर निकल चुके थे और में भी अब तक बहुत थका हुआ सा उसके ऊपर ही उसकी छाती पर अपना सर रखकर कुछ देर ऐसे ही लेट गया और वो ज़ोर ज़ोर से हांफती रही. दोस्तों अब उसके बूब्स दबाना और उसकी गांड पर हाथ फैरना मेरे लिये सामान्य बात हो गई है, लेकिन अभी तक मैंने उसे चोदा नहीं है.
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दोस्त की गर्लफ्रेंड का दूध पिया

हैल्लो दोस्तों में 19 साल का हूँ और मेरी लम्बाई 5.10 है में दिखने में बहुत गजब का हूँ और किसी की भी चूत में मुझे देखकर आग लग सकती है. दोस्तों आप सभी चाहने वालों को यह घटना पूरी विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों अंकित मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और उसकी एक गर्लफ्रेंड है जिसका नाम पूजा है. यह उस समय की बात है जब मैंने अपने स्कूल की एक पार्टी की तो मैंने अपने सभी दोस्तों को वहां पर आने के लिए कहा और मैंने अपने सभी दोस्तों से कहा कि वो सभी इस पार्टी में अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड को भी अपने साथ ला सकते है और अब अंकित ने मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश होकर मुझसे कहा कि भाई फिर तो में इस पार्टी में अपनी दोस्त पूजा को भी जरुर लेकर आऊंगा तो मैंने उससे कहा कि हाँ तुम उसे भी अपने साथ जरुर ले आना.
अब पार्टी का वो दिन आ गया और सब लोग आ चुके थे और स्टेज पर डांस हो रहा था, लेकिन में थोड़ा सा बोर हो रहा था इसलिए में वहां से थोड़ा सा बाहर निकल आया तो मुझे बाहर एक काली कलर की ड्रेस में बहुत सुंदर लड़की दिखी जिसको देखकर तो मेरा लंड ऐसे खड़ा हो गया जैसे वो साला अभी मेरी जीन्स को फाड़ देगा तभी कुछ देर बाद अंदर से अंकित आ गया और वो उससे मिला और वो उस लड़की को मुझसे भी मिलवाने लगा मेरा उसका परिचय करवाने लगा तब वो मुझसे कहने लगी कि अभी यह मेरी गर्लफ्रेंड पूजा है.
दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया वो क्या मस्त पटाका लग रही थी साली हरामजादी और जब मैंने उससे हाथ मिलाया तो मेरा ऐसा मन कर रहा था कि में अभी इसके हाथों में अपना लंड पकड़ा दूँ और इससे कहूँ कि साली कुतिया चल अब जल्दी से मेरा लंड चूस में अपनी आखें फाड़ फाड़कर उसे लगातार देखता रहा. फिर वो मेरे कहने पर अंदर आई तो में पीछे खड़ा उसकी मटकती हुई गांड को देखने लगा और वो अंदर आकर एक तरफ बैठकर हमे डांस करते हुए देखने लगी थी. तभी मैंने अंकित को बोला कि जा तू पूजा को भी यहाँ पर ले आ और वो भी हमारे साथ थोड़ा सा मज़ा कर लेगी.
फिर वो मेरे कहने पर उसके पास चला गया और वापस मेरे पास आकर उसने मुझसे कहा कि भाई वो आने से मना कर रही है. तो मैंने उससे कहा कि ला में कोशिश करके देखता हूँ में उसके पास चला गया और उसको हमारे साथ डांस करने के लिए कहा मैंने उससे बहुत प्यार से दबी आवाज में कहा कि मेडम क्या आप मेरे साथ डांस नहीं करना चाहोगी?
और फिर उससे इतना कहकर मैंने अपना एक हाथ उसकी तरफ आगे बढ़ाया तो उसने भी तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाकर मेरा हाथ पकड़ लिया और में उसे डीजे पर ले आया और उसके बाद हम दोनों ने कपल डांस किया मैंने उसके सेक्सी गरम बदन के हर एक हिस्से के बहुत मज़े लिए, उसको अपनी बाहों में जकड़ लिया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अंकित को थमा दिया.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि जब वो मेरे साथ मेरी बाहों में आकर डांस कर रही थी तो वो मेरी आँखो में ऐसे देख रही थी जैसे वो खुद मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन उस समय मैंने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया और उसको अंकित को थमा दिया और पूरी पार्टी में भी उसने मुझ पर बहुत ध्यान दिया और लगातार वो मुझे ही देखती रही और वो मुझसे अपने मन की बात करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन में उससे थोड़ा दूर ही रहा क्योंकि में नहीं चाहता था कि उस एक लड़की की वजह से अंकित से मेरी दोस्ती टूट जाए.
फिर जब वो जाने लगी तो वो मेरे पास आई और फिर वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोली कि आपके साथ मुझे बहुत अच्छा लगा और उसने मुझे हग करके मेरे एक गाल पर किस करके वो वहां से जाने लगी.
दोस्तों जब उस साली ने मुझे हग किया तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि वो साली मेरा बलात्कार कर गई. उसके बूब्स का वाह क्या अहसास था और मेरा मन कर रहा था कि में अभी उसका टॉप उतारकर उसके दोनों बूब्स को चूस लूँ और पूरी तरह से निचोड़ दूँ और उसको उसी समय उसी जगह पटककर चोद दूँ. दोस्तों बस फिर हमारी पार्टी खत्म हुई और में अपने घर पर आ गया तो में बस उसी के बारे में सोचने लगा और फिर मैंने उसको सोचकर एक बार मुठ मारी.
और उसके बाद फिर कुछ दिन बाद उसकी तरफ से मुझे मेरे फोन पर मेरे अकाउंट पर दोस्ती करने का आग्रह आया तो में उसको देखकर जैसे पागल ही हो गया बस फिर धीरे धीरे हम दोनों की बातें शुरु हो गई और हम दोनों बहुत ही कम समय में बहुत अच्छे दोस्त बन गये. हम दोनों के मोबाईल नंबर एक दूसरे के पास आ गए जिसकी वजह से हमारी बातें अब ज्यादा बढ़ने लगी थी और एक दिन उसने मुझसे बोला.
पूजा : मुझे तुम्हारा छूना बिल्कुल मदहोश करता है, जब उस दिन हमने पहली बार डांस किया तो में तुम में खो गई थी, अगर उस दिन तुम दूर ना करते तो में तुम्हे किस कर देती.
में : हाँ तो जरुर कर देती ना मेरी जान तुम्हे किसने रोका था?
पूजा : देख लो अगर में ऐसा कर देती तो तुम्हारी हालत खराब हो जाती.
में : हाँ और फिर में तुम्हारी हालत खराब कर देता.
पूजा : अच्छा ठीक है चलो देखते है कि कौन किसकी हालत खराब करता है.
में : ठीक है तो तुम मुझे बताओ कि मेरी याद में कहाँ खोना चाहोगी?
पूजा : हम दोनों कल कोई फिल्म देखने चले.
में : हाँ क्यों नहीं ठीक है? हम कल 12 बजे चलते है.
दोस्तों अगले दिन में तैयार होकर उसके बताए पते पर जल्दी पहुंच गया और फिर में उसका इंतजार करने लगा और जब वो आई तो में उसको देखकर उसका बिल्कुल दीवाना हो गया था और में उसको लगातार घूर घूरकर देखता रहा उसने नीचे जीन्स और उसके ऊपर बिल्कुल टाइट टॉप पहना हुआ था जिसकी वजह से उसके बूब्स एकदम तनकर बाहर निकल रहे थे और उसकी गांड भी ज्यादा उभरी हुई थी.
अब मैंने उसकी तरफ आँख मारी और वो मुझे देखकर हंसने लगी. फिर हम फिल्म देखने के लिए अंदर चले गये और अब में फिल्म ना देखकर उसको और वो भी लगातार मुझे देखने लगी थी देखते ही देखते कब मेरे हाथों ने उसके गोरे गोरे गरम हाथों को पकड़ लिया, मुझे इस बात का पता ही नहीं चला और हमारे बीच एक बहुत ही लंबी वाली स्मूच हुई जिसकी वजह से शायद उसके अंदर की आग जाग गई और फिर मैंने उसकी आँखे, उसके गालो को चूमा और धीरे धीरे से उसकी गर्दन को भी चूमा.
दोस्तों जब में उसकी गर्दन को अपने होंठो से गीला कर रहा था तब वो मुझ में बिल्कुल खोई हुई थी और में उसकी गर्दन को चूमता चूसता हुआ अब सही मौका देखकर उसके बिल्कुल गोल मुलायम बूब्स को भी दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो आँहे भरने लगी थी और मुझे उसकी आँहे सुनकर और भी जोश चढ़ने लगा और में उसकी गर्दन को चूसता हुआ अब में उसके बूब्स की तरफ बढ़ा तो मैंने देखा कि उसने लाल कलर की ब्रा पहन रही थी जो मुझे एकदम पागल कर रही थी.
अब मैंने उसके टॉप के ऊपर से ही पहले तो उसके बूब्स को पकड़ा और अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगा, लेकिन कुछ देर के बाद मैंने तुरंत उसके टॉप में अपना एक हाथ डालकर उसके बूब्स को बाहर निकाल लिया, अब उसके मोटे मोटे बूब्स मेरी आँखो के ठीक सामने थे जिनको देखकर में एकदम पागल हो गया और अब मेरे होंठ उन्हे चूसने के लिए तरस रहे थे.
दोस्तों बस फिर मैंने झट से उसके बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और पागलों की तरह चूसने लगा और उसके पूरे बूब्स को अपने मुहं में भरकर में उसके हल्के गुलाबी कलर के निप्पल पर अपनी जीभ को फेरने लगा और उससे खेलने लगा और उसके निप्पल को अपने मुहं में भरकर चूसने लगा, जिसकी वजह से वो अब एकदम पागल हो गई और फिर वो मुझसे कहने लगी कि अभी तुम सच में आज मुझे मार ही डालोगे आह्ह्ह् उफ्फ्फफ् हाँ थोड़ा और ज़ोर से चूसो दबा आईईइ मुझे इतना मजा आज से पहले कभी नहीं आया और वो भी मेरे गाल पर किस करने लगी और मेरे कान को चूसने लगी और वो बिल्कुल पागल सी होकर मेरे बालों को खींचकर जबरदस्ती अपना दूध मुझे पिलाने लगी थी.
अब में भी किसी भूखे शेर की तरह उसे चूसने लगा और मैंने उसके दोनों निप्पल को चूस चूसकर लाल कर दिए थे और फिर मैंने उसकी चूत की तरफ अपना एक हाथ बढ़ाकर उसकी पेंटी में तुरंत अपना एक हाथ अंदर घुसा दिया. दोस्तों जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ तो वो एकदम सहम सी गई और वो मुझसे बोली कि अभी आज तो तू क्या मेरी पूरी इज़्ज़त ही लूटेगा? में बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि तुझ में बहुत दम है और तू एक असली मर्द है.
दोस्तों बस फिर क्या था मैंने उसकी पेंटी में अपना एक हाथ घुसा दिया और अब में उसकी गीली गरम चूत को धीरे धीरे रगड़ने लगा और फिर कुछ देर बाद में उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर में बहुत मन लगाकर उसकी चूत की चुदाई करने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से उफ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह्ह्ह मार डाला आह्ह्हह्ह्ह्ह अब बस कर वाह मज़ा आ गया मेरी जान आईईईई सिसकियाँ लेती रही और चिल्लाती रही.
दोस्तों अब तो मेरा मन कर रहा था कि में उस साली की चूत को अपना पूरा लंड अंदर डालकर फाड़ दूँ, लेकिन में बहुत मजबूर था क्योंकि साला वो एक फिल्म हॉल था कोई मेरा बेडरूम नहीं, लेकिन हम दोनों उस समय बहुत जोश में थे और वो कामुकता की आग हम दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी इसलिए हमें आसपास किसी के होने ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और फिर मैंने उसकी चूत को बहुत गंदी तरह से रगड़कर उसके सर को पकड़कर नीचे झुकाकर जबरदस्ती अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया.
दोस्तों पहले तो उसने मुझसे लंड को चूसने के लिए साफ मना किया, लेकिन जब मैंने उसके ऊपर ज़्यादा ज़ोर दिया तो वो कुतिया की तरह मेरे लंड को चूसने लगी और लंड को चूसती हुई वो ऐसी लग रही थी कि मानो वो ना जाने कब से मेरे लंड की प्यासी हो? और बहुत देर तक मेरा लंड चूसने के बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना सारा वीर्य छोड़ दिया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई और फिर भी लंड को लगातार लोलीपोप की तरह चूसती रही और कुछ देर बाद वो बहुत होकर मुझसे कहने लगी कि अभी आज तुमने मेरी चूत की आग को पूरी तरह से मिटा दिया है और आज से यह मेरी चूत और मेरा पूरा जिस्म अब तुम्हारा हुआ. आज से तुम मुझे जब चाहो जैसे चाहो चोद सकते हो में तुमसे कभी भी मना नहीं करूंगी और मेरे ऊपर तुम्हारा पूरा अधिकार है, तुमने मुझे आज बहुत खुश किया है और तुम्हारे साथ मुझे मज़ा आ गया और फिर उसके बाद हम दोनों वहां से अपने अपने घर पर चले गए.
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