दोस्त की बहन की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजीव है और में जयपुर से 100 किलोमीटर दूर एक कस्बे में रहता हूँ. में सी.ए की पढाई कर रहा हूँ और में हाल ही में जयपुर ही रहता हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है, में हट्टा कट्टा नौजवान हूँ. मुझे बॉडी बनाने का शौक है इसलिए मेरी अच्छी ख़ासी बॉडी है एकदम मस्क्युलर, जिससे कोई भी लड़की मस्त हो जाए.
मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है जो कि हर किसी लड़की को संतुष्ट कर सकता है. में बचपन में काफ़ी शर्मीला टाईप का लड़का हुआ करता था, में किसी भी लड़की को आँख उठाकर भी नहीं देखता था, लेकिन इस घटना के बाद तो मानो मेरी ज़िंदगी ही बदल गई थी. अब तक मैंने बहुत सारी लड़कियों और शादीशुदा लेडीस के साथ सेक्स किया है और जो अब मुझसे काफ़ी खुश है, तो अब में आपको मेरे जीवन की पहली चुदाई बताता हूँ.
मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम था प्रिया था, वो दिखने में एकदम हीरोइन जैसी, एकदम गोरी माल थी और फिगर 32-28-34 का था, उसकी गांड मानो कोई बास्केट बाल हो, मोटी गोल थी. उसके दो भाई थे और मम्मी पापा थे, वो कुल मिलाकर फेमिली में 5 लोग थे, वो खुद अभी फाइनल ईयर में पढाई करती है.
उसका सबसे बड़ा भाई बाहर सिटी में रहकर पढाई कर रहा है, वो यहाँ नहीं रहता है और दूसरे नंबर का भाई पापा के साथ शॉप पर रहता है और उसकी मम्मी हाउसवाईफ है. हमारी फेमिली और उनकी फेमिली में अच्छे रिश्ते है. हमारा रोज एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता है. हम कहीं बाहर घूमने जाते है तो साथ में जाते है और बहुत इन्जॉय करते है.
उसका भाई मेरा दोस्त भी है तो में पढाई के सिलसिले में उनके घर आता जाता रहता हूँ. मुझे प्रिया बचपन से काफ़ी अच्छी लगती थी, क्योंकि में शर्मीला टाईप का लड़का था, लेकिन हमारे अच्छे रिलेशन होने के कारण में उससे ज़्यादा नहीं शरमाता था और अच्छे से बात कर लेता था. जब में उसके भाई के पास पढ़ने जाता था तो जब भी मुझे मौका मिलता तो में प्रिया की पेंटी उठा लाता था और उसे सूँघकर उसमें मुठ मारा करता था और सारा माल उसमें छोड़ देता था और फिर दूसरे दिन वापस जाकर रख देता था.
मैंने कभी किसी को शक नहीं होने दिया था और इसलिए में प्रिया की चुदाई के सपने देखता था. जब मुझे ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारने का बहुत शौक था. मेरे मोबाईल में हर वक़्त पांच दस ब्लू फिल्म पड़ी रहती थी. एक दिन की बात है, में उसके भाई के पास पढ़ने गया हुआ था तो प्रिया ने मुझे कोई गाना बताया था कि वो डाउनलोड करना है, में कॉलेज के प्रोग्राम में डांस करुँगी. में हमारे मौहल्ले में नेट चलाने में एक्सपर्ट था तो मैंने वो गाना डाउनलोड कर दिया. फिर उसने कहा कि तू मुझे अपना मैमोरी कार्ड दे दे, तो मैंने उसे अपना कार्ड दे दिया.
फिर घर आने के बाद मुझे याद आया कि उसमें तो ब्लू फिल्म भरी पड़ी थी. अब मुझे टेंशन हो गई थी, लेकिन प्रोग्राम होने के बाद उसने मुझे वापस कार्ड दे दिया और कहा कि तू अच्छे गाने रखता है. अब में खुश हो गया था तो मैंने सोचा कि चलो अच्छा है कि उसने बी.एफ नहीं देखी. अब में भी टेंशन फ्री हो गया और अब में बी.एफ को डिलीट नहीं मारता था. अब मेरे कार्ड में गाने से ज़्यादा बी.एफ भरी पड़ी थी.
फिर थोड़े दिन के बाद उसने मेरा कार्ड फिर से माँगा कि मुझे गाने सुनने है, तो मैंने उसे अपना कार्ड दे दिया. फिर ऐसे ही ये सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा. फिर एक दिन मैंने ट्राई करने के लिए जब गाने डिलीट मार दिए और सिर्फ़ ब्लू मूवी भर दी और फिर उसने मेरा कार्ड माँगा तो मैंने उसे कार्ड दे दिया. फिर जब उसने मेरा कार्ड वापस दिया तो कहा कि तू अच्छे गाने रखता है और नये गाने डाल पुराने वाले सब हटा दे और स्माइल पास की.
अब मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा था, अब में समझ गया था कि वो कौनसे गानों की बात कर रही है? दरअसल वो ब्लू फिल्म्स देखने लग गई थी और वो नये वीडियो डालने को बोल रही थी. अब में हमेशा मौके की तलाश में रहता था कि कब वो अकेली मिले? और कब में उसके घर जाऊं?
फिर एक दिन वो मौका आ ही गया. उसके पापा और भाई तो दुकान पर चले गये थे और उसकी माँ मंदिर चली गई थी. उस दिन सत्संग था तो उन्हें पूरा दिन लगने वाला था और मेरे घर में भी मम्मी आंटी के साथ ही सत्संग में चली गई थी, तो में अकेला था और वो भी अकेली थी. अब उनके निकलते ही में सीधा प्रिया के घर गया तो उसने मुझे अंदर बुला लिया, वो नहा रही थी, तो में टी.वी देखने लगा. फिर वो नाहकर टी-शर्ट और केफ्री पहनकर बाहर आई.
फिर मैंने कहा कि आ जा तुझे एक चीज़ दिखाता हूँ, तो फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई. फिर मैंने उससे कहा कि तेरे लिए नये वाले गाने लाया हूँ, तो वो शरमा गई और बोली कि में तेरे सामने कैसे देख सकती हूँ? फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा कि पागल हम तो दोस्त है, मेरे से क्या छुपाना? में थोड़ी ना किसी को कहने जाऊंगा.
फिर वो बोली कि ठीक है दिखाओ. अब वो मुझसे टच होकर बैठी थी. फिर मैंने कहा कि ऐसे नहीं तुम मेरा मोबाईल पकड़ो और में तेरे पीछे बैठता हूँ, तो उसने ब्लू फिल्म स्टार्ट कर दी. अब उसमें एक लड़का एक लड़की के कपड़े उतार रहा था, तो मैंने पीछे से उसके बूब्स को पकड़ दिया और सहलाने लगा. फिर उसने मेरा हाथ हटा दिया और कहा कि तुम क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं, फ्रेंड्स में तो ये आजकल सब करते है.
फिर में फिर से उसके बूब्स को उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही सहलाता गया. अब उसके निप्पल कड़क हो रहे थे और अब उसे भी मज़ा आ रहा था. फिर मैंने कहा कि कभी तुमने यह सब किया है? तो उसने कहा नहीं और तुमने किया है? तो मैंने भी कहा कि नहीं. फिर मैंने कहा कि आज घर पर भी कोई नहीं है तो आज करे क्या ट्राई? तो उसने कहा कि मन तो कर रहा है, लेकिन में तुम्हारे साथ कैसे कर सकती हूँ?
फिर मैंने उसे विश्वास दिलाया कि में किसी को कुछ नहीं बताऊंगा और हम हमेशा मज़े करेगें, तो फिर वो मान गई और मैंने कहा कि ये बंद करो और अब बेड पर लेट जाओ, तो वो बेड पर लेट गई. फिर में उसके ऊपर आ गया और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और फिर हम ऐसे ही स्मूच करते रहे. अब में उसकी जीभ और लिप्स को चूस रहा था और वो मेरी जीभ को और लिप्स को चूस रही थी. अब हमें काफ़ी मज़ा आ रहा था.
फिर हम ऐसे ही 10 मिनट तक करते रहे. फिर में नीचे आया और उसकी गर्दन पर और गले पर किस किया और उसके गले को अपनी जीभ से पूरा चाट लिया. फिर मैंने उसके कान के पीछे अपनी जीभ से चाटा और किस किया. अब वो गर्म हो रही थी. फिर में उसकी टी-शर्ट के ऊपर आ गया, वहाँ उसके निप्पल खड़े हो गये थे. फिर मैंने उन्हें अपने हाथ में पकड़ा और ज़ोर से मसल दिया, तो वो जोर से चीखी आहह धीरे करो ना, बहुत दर्द होता है. फिर में आगे भी ऐसे ही करता रहा. फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को अपने हाथ में लिया और उनको दबाने लगा. अब में उसके बूब्स को अपने मुँह में भर रहा था.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी और अपनी भी टी-शर्ट निकाल दी और में बनियान नहीं पहनता था. अब वो सिर्फ़ ब्लेक ब्रा में थी और उसके बूब्स बड़े ही शानदार थे एकदम गोल साईज़ में. फिर मैंने उनको खूब देर तक दबाया और उसकी चूचीयों को मसला. फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और उसके बूब्स अब मेरी आँखो के सामने थे.
फिर मैंने अपनी जीभ उसके निप्पल पर फैरनी शुरू की. अब वो सिसकारियां ले रही थी. फिर मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और दूसरी चूची को अपनी उंगली से मसलता रहा. अब वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना हाथ लगाया तो पता चला कि उसकी चूत से पानी बह रहा था. फिर मैंने उसे और तड़पाया और 20 मिनट तक उसके दोनों बूब्स को अच्छे से मसल-मसलकर चूस-चूसकर लाल कर दिया.
फिर में थोड़ा नीचे आया और उसके पेट पर अपनी जीभ चलानी स्टार्ट की और उसकी नाभि को चाटने लगा, उसमें से एक अजीब सी महक आ रही थी. अब मेरा लंड पूरे उफान पर था और लोहे के जैसे कड़क हो गया था. फिर मैंने अपना पजामा और अंडरवेयर दोनों एक साथ उतार दिए. अब में पूरा नंगा हो गया था, में पहली बार किसी लड़की के सामने नंगा हुआ था.
फिर उसने मेरा लंड देखकर कहा कि इतना बड़ा मेरी चूत में कैसे जाएगा? तो मैंने कहा कि सब चला जाएगा, बेबी तुम बस मज़े करो. फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, तो उसने हाथ में पकड़कर हिलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने कहा कि अपने मुँह में लेकर चूसो, तो उसने कहा कि छी-छी में नहीं चुसूंगी. फिर मैंने कहा कि चूसो बेबी मजा आएगा, तभी तो तुम्हारी अच्छी चुदाई होगी. फिर में उसके ऊपर बैठ गया और उसके बूब्स पर आ गया. अब वो तकिया लगाकर लेटी थी, फिर मैंने एक तकिया और लगाकर उसके सिर को ऊँचा कर दिया, ताकि वो अच्छे से मेरा लंड चूस सके.
फिर उसने मेरे लंड का टोपा अपने मुँह में लिया और चूसने लगी. अब में उसके मुँह में ही धक्के लगाने लगा था और उसके मुँह को चोदने लगा था. अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, में पहली बार अपना लंड चुसवा रहा था. अब उसकी जीभ टोपे पर लगती तो मुझे जन्नत सा ही मज़ा आ जाता. फिर वो 10 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही.
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया और फिर मैंने उसकी केफ्री को निकाल दिया, वो अब सिर्फ़ ब्लेक पेंटी में मेरे सामने लेटी थी. फिर में उसके पैरो के बीच में आ गया और उसके मुलायम चिकने पैरो को चाटने लगा. अब उसकी चूत से तो मानो कोई नदी ही बह रही हो, उसकी चूत से इतना पानी निकल रहा था. अब उससे रहा नहीं जा रहा था. फिर उसने कहा कि राज अब डाल दो अपना लंड मुझसे और नहीं रहा जाता. फिर मैंने कहा कि बेबी थोड़ी देर और बस. फिर में उसकी गोरी जांघो को चाटने लगा. फिर मैंने उसकी चूत के पास वाले हिस्से को अपनी जीभ से खूब चाटा. अब वो मेरे थूक से गीली हो चुकी थी.
फिर मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी और अब पहली बार मेरे सामने कोई चूत थी, क्या चूत थी प्रिया की? उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था जैसे उसने आज ही शेव की हो और उसमें से निकलता हुआ पानी जो गांड के छेद तक जा रहा था, पाव जैसी फूली हुई गोरी चूत में रियल में पहली बार देख रहा था. फिर मैंने उसकी चूत के दोनों लिप्स को अपने हाथ से खोला तो अंदर का गुलाबी हिस्सा तो लाजवाब था. उस छेद में से पानी निकल रहा था और अंदर से चूत एकदम गीली थी.
फिर मैंने प्रिया की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और कुत्ते के जैसे चाटने लगा. अब उससे तो मानो रहा ही नहीं जा रहा था और अब उसने अपने पैर टाईट कर लिए थे, लेकिन मैंने उसकी चूत पर से अपना मुँह नहीं हटाया और उसने पहली बार अपना इतना वीर्य निकाला कि पूछो ही मत. अब उसकी चूत से फव्वारा ही निकल गया था, इतना माल निकला था. फिर में उसका पूरा वीर्य चाट गया. उसकी चूत का रस पीने में बड़ा ही मज़ा आ रहा था, खट्टा-खट्टा पानी अहाहहहह, में पहली बार लड़की की चूत का रस चाट रहा था.
फिर मैंने उसकी चूत के दाने को रगड़ना स्टार्ट किया तो उसकी चूत फिर से तैयार हो गई. अब उसकी चूत का बुरा हाल था. अगर इस समय में उसे बीच में छोड़ देता हूँ, तो वो किसी कुत्ते से भी चुदवा लेती उसकी ऐसी हालत हो गई थी. फिर मैंने अच्छे से 20 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद उससे क्रीम माँगी तो उसने मुझे पास में पड़ा नारियल का तेल दे दिया.
फिर मैंने उसकी चूत पर नारियल का तेल लगाया और मेरे लंड पर भी अच्छे से तेल लगाया. फिर मैंने उसके दोनों पैरो को फैलाकर अपने कंधो पर रख लिए. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा, ताकि तेल सही से लग जाए. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर टिकाया और एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा टोपा उसकी चूत में अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गई. अब उसकी आँखो में आँसू झलक गये थे.
फिर उसने कहा कि मुझे नहीं चुदवाना प्लीज निकाल लो अपना लंड, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब मुझे तो आज चुदाई करनी ही थी, फिर मैंने 5 मिनट तक कुछ नहीं किया और उसके लिप्स पर किस करता रहा, उसके बूब्स को चूसा, निप्पल को मसला जिससे उसका थोड़ा दर्द कम हुआ. फिर मैंने एक झटका और मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो फिर से चीख पड़ी अयाया हह हहह हहहह हहहह प्लीज निकालो अपना लंड, मुझे नहीं चुदवाना, लेकिन मैंने फिर से उसे किस करके शांत किया और उसके बूब्स चूसे.
अब मुझे पहली बार चुदाई में मेरे लंड को इतना दर्द हुआ था कि पूछो मत. अब मेरे लंड में सुन्न पड़ गई थी, लेकिन चूत मिलने की ख़ुशी भी थी. फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू किया और उसका दर्द कम होता गया, लेकिन अब उसकी सील टूट चुकी थी और अब उसका खून मेरे लंड पर लगा हुआ था और कुछ बूंदे पेंटी पर भी गिर गई थी.
अब मैंने नीचे पेंटी लगा दी थी, लेकिन जैसे-जैसे मैंने अपनी स्पीड बढाई तो उसका दर्द कम होता चला गया और 20 मिनिट की चुदाई के बाद वो नॉर्मल हो गई. अब में स्पीड से उसकी चूत का मज़ा ले रहा था और अब उसे भी मज़ा आने लगा था. अब वो भी मेरी कमर को पकड़कर अपनी गांड को उठा रही थी.
फिर मैंने अगले 20 मिनट तक अपनी फुल स्पीड में चुदाई चालू रखी, इस बीच में उसका दो बार वीर्य निकल चुका था, लेकिन अब मेरा निकलने वाला था. फिर मैंने फुल स्पीड में चुदाई करते हुए अपना सारा माल उसकी चूत में ही भर दिया और मेरे साथ ही वो भी ढेर हो गई और फिर हम ऐसे ही लेटे रहे. फिर मैंने अपना खून लगा हुआ लंड प्रिया की चूत से बाहर निकाला और अब वो काफ़ी खुश दिख रही थी. फिर मैंने अपना लंड उसकी पेंटी से पोछा और फिर उसने अपनी चूत पर लगे माल को साफ किया.
उस दिन हमने 3 बार सेक्स किया था. हमें फुल मौका था और आखरी राउंड में मैंने उसकी गांड भी मार दी थी, गांड मरवाने में उसे बहुत दर्द हुआ था, लेकिन वो मेरे लिए सब सहन कर गई थी. अब मुझे भी उसकी गांड मारने में बहुत मज़ा आया था.
उस दिन वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसे टेबलेट लाकर दी और फिर मैंने मेरे दोस्त से प्रेग्नेसी से बचने के लिए आई-पिल मँगवाई. अब हमें जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई करते है, लेकिन उसने पिछले 2 साल में मेरे अलावा किसी से चुदाई नहीं करवाई है और ये बात किसी को भी पता नहीं है. अब में उसके घर पर पढाई के बहाने से जाता हूँ और उसकी चूत और गांड दोनों का मज़ा लेता हूँ. अब मुझे किसी से भी शर्म नहीं आती है. अब में हर टाईप की औरत को चोद चुका है. अब मुझसे हमारे आसपास की ऐसी-ऐसी लेडीस चुदवा चुकी है, जिन पर कोई विश्वास भी नहीं कर सकता है, लेकिन अब वो मेरे लंड के नीचे अपनी पेंटी उतारकर चुदवाती है और गांड भी मरवाती है, बहुत सी लेडीस की गांड तो मेरे मारने से पहले तक कुंवारी थी और मैंने उनकी गांड का बहुत मज़ा लिया है.
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नीरू चाची पूरी नंगी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ जो मेरे साथ घटित हुई, जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि कभी मेरे साथ ऐसा भी हो सकता है.
यह चुदाई की कहानी मेरी चाची के ऊपर आधारित है, जिसमें मैंने अपनी चाची को अपनी बातों से अपनी तरफ आकर्षित करके चोदा और उनके सेक्सी बदन के मज़े लिए. यह सब पहले पहले एक घटना थी, लेकिन उसके बाद यह सब हमारी एक जरूरत बन गई और हमने वो सब किया, जो हमे शांत कर सके और अब में उस घटना को पूरी विस्तार से बताता हूँ और वैसे में बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, इसलिए में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी भी आप सभी लोगों को जरुर अच्छी लगेगी, क्योंकि यह मेरी खुद की घटना है.
दोस्तों यह बात दो ढाई साल पहले की है जब में अपने चाचा के घर पर गया हुआ था, वहां पर किसी करीबी रिश्तेदार की एक शादी थी. फिर मेरे घर वाले और चाचा और मेरे कजिन सब लोग शादी का काम और तैयारी करने के लिए बाहर गए हुए थे और में उस दिन घर पर अपनी चाची के साथ अकेला था.
दोस्तों में हमेशा सुबह देरी से उठता हूँ, इसलिए किसी ने मुझे नहीं उठाया और फिर में हर सुबह की तरह आज उठकर नहाया नहीं था, क्योंकि में थोड़ा देरी से नहाता हूँ, नीरू चाची भी शायद काम में लगे होने की वजह से शायद नहाई नहीं होगी, उनकी उम्र करीब 37 साल होगी और वो पतली दुबली है, लेकिन वो बहुत फुर्तीली है, दोस्तों मेरी नीरू चाची के स्तन ज्यादा बड़े नहीं है और ना ही उनकी गांड ज्यादा बड़ी है, लेकिन वो दिखने में बहुत सेक्सी माल है बिल्कुल दूध जैसी गोरी है और लगती तो वो हॉट माल है.
फिर में उठा और मैंने देखा कि इधर उधर कोई भी नहीं था, तो में बाथरूम गया हल्का हुआ और उनके टॉयलेट के पास ही बाथरूम भी है और उस बाथरूम के दरवाज़े के ऊपर हवा के आने जाने के लिए एक छोटी जाली सी है, उसमें से अंदर बहुत आराम से उछलकर देखा भी जा सकता है. मैंने ऐसे ही देखा कि कौन है? उस समय बाथरूम की लाइट जल रही थी, लेकिन मुझे कोई दिख भी नहीं रहा था और फिर जब मैंने ध्यान से देखा तो उस समय अंदर नीरू चाची पूरी नंगी गिरी पड़ी थी.
दोस्तों पहले तो में उन्हें इस अवस्था में देखकर बहुत खुश भी हुआ और फिर थोड़ा चकित भी हुआ कि अचानक से यह क्या? मुझे नीरू चाची पीछे से पूरी नंगी दिख रही थी और में उस समय थोड़ा जोश में तो आ गया था, लेकिन फिर टेन्शन में मेरा पूरा जोश खत्म हो गया. फिर उस समय नीरू चाची के बाल थोड़े से पीठ पर बिखरे हुए थे और उनकी पीठ पूरी नंगी थी.
नीरू चाची के गोरे गोरे बूब्स भी पूरे नंगे थे और गोरे गोरे पैर भी नंगे थे, क्योंकि उस समय चाची पूरी नंगी जो थी. फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि में अब क्या करूँ? बाथरूम और टॉयलेट के बीच में एक दीवार है जो पूरी ऊपर छत तक नहीं है, यानी थोड़ा ऊपर चढ़कर बाथरूम से टॉयलेट और टॉयलेट से बाथरूम में बहुत आसानी से जाया जा सकता है, तो में टॉयलेट में गया और एक मोटे से पाईप की मदद से में ऊपर चढ़ गया और उस दीवार पर लटक गया. फिर मैंने अपने दोनों हाथ छोड़े और बाथरूम के अंदर आ गया. मैंने तुरंत चाची को कंधे से पकड़कर थोड़ा सा सीधा किया.
दोस्तों इतने पास से नीरू चाची बिना कपड़ो के मुझे बहुत अच्छी लग रही थी. नीरू चाची के बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे और उनकी वो उभरी हुई चूत जिसके ऊपर घने बाल थे. दोस्तों उस दिन चाची को पूरी नंगी देखकर सही में मुझे बहुत मज़ा आ गया और फिर मैंने देखा कि चाची के माथे पर एक निशान सा था और उनका माथा सूज गया था.
मैंने मन ही मन यह अंदाज़ा लगाया कि चाची शायद फिसलकर नीचे गिर गयी है और उस समय चाची बेहोश थी और में अब जानबूझ कर चाची को बिना कपड़े पहनाए पूरी नंगी ही उठाकर बाथरूम से बाहर ले आया. अब में उनको अपनी गोद में उठाकर उनके बेडरूम में ले गया. उस समय मैंने अपनी चाची को पूरी नंगी उठाकर अपने हाथों में लिया था और उन्हें ऊपर से नीचे तक नंगी देखकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरी बंदूक पूरी ऊपर उठ चुकी थी. इतने पास से मुझे वो सेक्सी नज़ारा देखने को मिला. उस दिन चाची का हर एक अंग मैंने इतने पास से देखा कि मुझे मज़ा ही आ गया. में आपको वो सब कुछ शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर मैंने चाची को नंगी ही अंदर लाकर उनके बेड पर लेटा दिया. अब में अब थोड़ा डर भी रहा था कि कोई आ ना जाए, लेकिन अब मेरे पास एक बहुत अच्छा बहाना भी था कि चाची बाथरूम में गिरी पड़ी थी, इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी.
फिर में फ्रिज से पानी लाया और मैंने चाची के पूरे शरीर को ध्यान से देखा कि उनको सर के अलावा कहीं और चोट तो नहीं है, वैसे मुझे दिखी तो कहीं नहीं. फिर मैंने चाची के ऊपर एकदम ठंडा पानी डाला और मैंने जानबूझ कर ज्यादा पानी डाला, जिसकी वजह से बेड पूरा गीला हो गया था, लेकिन वो वैसे भी चाची से गीला हो ही गया था, क्योंकि नीरू चाची भी पहले से बहुत गीली थी. फिर पानी डालते ही चाची आह्ह्ह्ह आईईईईई करते हुए दर्द से करहा रही थी और वो बिल्कुल चकित हो गई जब उन्होंने मेरे सामने अपने आपको पूरी नंगी देखा.
फिर चाची ने झट से बेड शीट को खींचा, लेकिन हम दोनों के बैठे होने की वजह से वो कैसे खींचती? तो मैंने उनसे पूछा कि चाची जी आपको ज्यादा तो नहीं लगी? अब चाची ने नहीं बोला और उन्होंने शरम से अपने दोनों हाथ अपने मुँह पर रख लिए, वो मुझसे बोली कि मेरे कपड़े कहाँ है? में यहाँ पर कैसे पहुंची और तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो?
फिर मैंने कहा कि आप बाथरूम में नीचे गिरी पड़ी थी. मैंने आपको बाहर निकाला और आपके बेडरूम में ले आया और रही बात अपने कपड़ो की तो वो पहले से ही उतरे हुए थे, वो में अभी ले आता हूँ. प्लीज आप थोड़ा आराम करो आपको चोट लगी है.
फिर में उनसे इतना कहकर तुरंत उठकर बाथरूम में चला गया और फिर में चाची की पेंटी, ब्रा, सलवार कमीज़ जो वहाँ पर टंगी हुई थी सब कुछ ले आया और जब तक में उनके पास पहुंचा तब तक चाची ने उस बेड शीट को अपने गोरे बदन पर लपेट लिया था.
फिर मैंने उनके पास जाकर उनसे कहा कि मुझे कुछ आवाज़ सी आई थी और जब मैंने देखा तो आप बाथरूम में गिरी हुई थी इसलिए ना चाहते हुए भी मुझे उस दीवार से कूदकर आपको अपनी गोद में उठाकर यहाँ तक लाना पड़ा. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि हाँ में फिसलकर नीचे गिर गई थी और अब में इस हालत में तेरे सामने यहाँ हूँ.
मैंने कहा कि कोई बात नहीं है, सब ठीक है और कोई बात नहीं, कभी कभी ऐसा हो जाता है, लेकिन अब आप मुझे यह बात बताओ कि आपको सर के अलावा कहीं और चोट तो नहीं लगी? तो चाची ने अपना सर हिलाते हुए कहा कि नहीं और फिर चाची ने दोबारा शरम से अपने मुँह पर दोनों हाथ रख लिए और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तू यह बात किसी को बताएगा तो नहीं कि कुछ देर पहले घर में क्या हुआ था? तो मैंने उनसे कहा कि अगर आप मुझसे कह रही हो तो में किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा, फिर चाची ने मुझसे कहा कि मुझे बहुत शरम आ रही है.
फिर मैंने पूछा कि ऐसा क्यों? चाची ने कहा कि वो सब कुछ तुझे पहले से ही पता है, तो मैंने कहा कि क्यों क्या मैंने आपको देख लिया इसलिए? अब वो मुझसे कुछ नहीं बोली और फिर मैंने कहा तो आप भी मुझे देख लो. अब में नीरू चाची के पास गया और मैंने उनके सर पर किस कर दिया, वो मुझे देखने लगी, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और मैंने अब चाची के गालों पर अपना हाथ सहलाया और सहलाते सहलाते उनकी छाती पर मेरा हाथ छूने लगा और फिर में चाची के कंधे पर और छाती पर और गर्दन वगेरा पर किस करने लगा और करते करते मैंने चाची के होंठो पर भी हल्के से किस किया मुझे मज़ा आ गया.
फिर मैंने चाची के बदन के ऊपर से वो बेडशीट हटाई और अब में किस करते करते उनके बूब्स के बीच तक पहुंच गया. फिर में उन्हे धीरे धीरे दबा भी रहा था और फिर में चाची की निप्पल पर अपनी जीभ को फेरने लगा, जिसकी वजह से निप्पल धीरे धीरे खड़ी होने लगी थी और साथ साथ में बूब्स को सहलाता भी रहा और दबाता भी रहा.
फिर मैंने चाची को किस किया और स्मूच करने लगा. फिर मैंने महसूस किया कि चाची की दिल की धड़कन अब बहुत तेज़ हो चुकी थी और वो हल्की हल्की सिसकियाँ लेने लगी थी. दोस्तों चाची की आँखें नशीली और मदहोशी में आधी बंद सी होने लगी थी, वो सब देखकर में तुरंत समझ गया था कि चाची अब पूरी तरह जोश में आ चुकी है.
फिर मैंने चाची के बूब्स को दबाते हुए उनके लम्बे लम्बे दो तीन स्मूच लिए, जिसकी वजह से अब मेरी जीभ और चाची की जीभ आपस में मिलने लगी थी. मुझे भी अब बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था और में तुरंत उठकर बाहर गया और मैंने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया. उसके बाद मैंने अपनी शर्ट को उतार दिया और मैंने चाची के ऊपर से बेड शीट को उतारकर उन्हे एक बार फिर से पूरी नंगी कर दिया था और में तुरंत अपनी पूरी नंगी चाची से बिना टी-शर्ट के चिपक गया और में उनकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा और में कसकर उनसे चिपक गया और जोश में आकर में उन्हें लगातार स्मूच लेता रहा.
तभी चाची ने मुझसे कहा कि यह सब बहुत ग़लत है, वो मुझसे दूर हटने की कोशिश करने लगी और चाची मुझसे बोली कि प्लीज दूर हट जाओ, कोई आ जाएगा और हमें देख लेगा, लेकिन दोस्तों में अब कहाँ दूर हटने वाला था. मैंने उनकी एक ना सुनी और में बस उन्हें लगातार स्मूच करता रहा और अब चाची मेरे ऊपर पूरी नंगी लेटी हुई थी और अब मेरे दोनों हाथ चाची के बूब्स के ऊपर थे मैंने मन ही मन सोचा कि अब क्या में चाची बोलूं?
मैंने उनसे उनका नाम लेते हुए कहा कि नीरू मेरा लोवर भी उतार दे और अंडरवियर भी. फिर नीरू ने मेरी तरफ मुस्कुरा दिया और मैंने फिर उससे चिपककर उसका स्मूच लिया तो नीरू ने मेरा लोवर उतारा और अंडरवियर भी. अब में अपनी जान नीरू चाची के साथ बिना कपड़ो के था और हमारे नंगे जिस्म बहुत कसकर एक दूसरे से लिपटे हुए थे. फिर मैंने उसे बेड पर सीधा किया और उसके हर अंग को में छूने लगा और चूमने लगा. मैंने अपनी नीरू चाची के बूब्स बहुत सक किए और उन्हें पूरे लाल कर दिए, नीचे आते आते मैंने अपनी चाची के पेट जांघो को भी चूमा, जिसकी वजह से नीरू चाची की साँसें पूरी तरह से अटकी हुई थी.
दोस्तों अब नीरू चाची मेरे हथियार को अपने हाथ में लेने लगी थी और वो उसे धीरे धीरे सहलाते हुए ऊपर नीचे करने लगी थी. फिर वो मुझसे बोली कि तुम्हारा यह तो बहुत बड़ा है. फिर मैंने पूछा कि क्यों आपको पसंद आ गया क्या? जहाँ तक मेरा ख्याल है मेरा यह लंड खड़ा होकर करीब 7 इंच तो हो ही जाता है. फिर मैंने नीरू चाची को सीधा लेटा दिया और फिर लंड को चूत के अंदर डालने के हिसाब से में थोड़ा सा आगे बढ़ने लगा, लेकिन तभी वो मुझसे बोली कि बिना कंडोम के कुछ भी मत कर.
फिर मैंने उनसे कहा कि आप इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो. ऐसा कुछ नहीं होगा और हम दोनों को सेक्स का असली मज़ा ऐसे ही आएगा और फिर मैंने उनसे इतना कहकर नीरू चाची के पैरों को थोड़ा सा खोल लिया, जिसकी वजह से अब चाची की प्यारी मासूम चूत मेरे सामने पूरी खुली हुई थी, जिस पर थोड़े बाल भी थे. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि यह बहुत मज़ा बढ़ाएँगी. फिर मैंने अपना तना हुआ लंड नीरू चाची की गीली योनि में डाला दिया और उसने मुझे पकड़कर अपनी तरफ खींचकर लंड को अपनी चूत में पूरा अंदर कर लिया. दोस्तों नीरू और में अब पूरी तरह से पसीने में भीगे हुए थे और गीले होकर पूरी नंगी चाची से चिपकने में क्या मज़ा आ रहा था?
फिर में चाची की योनि में घुसे हुए अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और में उसके ऊपर लेटे हुए ही उसको स्मूच करने लगा, लेकिन करीब एक मिनट ही हुआ होगा और ज्यादा जोश में आने और उत्तेजित होने की वजह से मेरा वीर्य निकल गया और फिर में पूरा वीर्य अंदर डालकर लंड को बाहर निकालकर दूर हट गया और उन्हें किस करने लगा.
अब चाची भी अपनी जगह से उठने लगी, तो मैंने कहा कि अभी थोड़ी देर तो रुको, उसने मुझसे कहा कि यह सब मुझे साफ करना पड़ेगा, कपड़े भी पहनने है अगर कोई आ गया तो देख लेगा. फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा और वैसे भी एकदम से अंदर तो कोई आ भी नहीं सकता, क्योंकि दरवाजा अंदर से बंद है और इतना कहकर मैंने नीरू को दोबारा अपने ऊपर लेटा लिया और उसकी स्मूच लेता ही रहा.
में करीब 10-15 मिनट तक चाची के गुलाबी होठों को चूसता रहा और उनकी जीभ को भी चूसता रहा. अब मुझे थोड़ी प्यास लगी थी जो पानी बोतल में बचा हुआ था वो थोड़ा मैंने खुद पी लिया और बैठाकर नीरू को भी दे दिया. फिर स्मूच लेते हुए मेरे हाथ उसकी हर एक जगह पर गये और मैंने महसूस किया कि उसके कूल्हे बहुत मुलायम थे और पसीने से बिल्कुल गीले भी थे और उसकी साँसें भी गरम थी. अब में उसकी आँखों में ही देखे जा रहा था और फिर में पानी पीकर दोबारा चाची के हर एक अंग को चूमने लगा और चूसने लगा.
फिर मैंने दोबारा चाची के बूब्स चूसे और उन्हें बिल्कुल लाल कर दिए, जिसकी वजह से वो जोश में आकर मोन करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी थी. फिर मैंने सही मौका देखकर चाची के दोनों पैर फैलाए और दोबारा चाची की योनि के मुहं पर में अपना लंड रखकर एक ज़ोर से धक्का देकर लंड को चूत में डाल दिया और मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा और अब में पांच मिनट तक लंड को लगातार आगे पीछे करता ही रहा. चाची के गीले बूब्स अब मेरी छाती से रगड़े रहे थे और में उनके बूब्स पर हाथ फेरता रहा. फिर कुछ देर बाद मैंने चाची को अब उल्टा कर दिया और चाची के बूब्स पर हाथ रखे और पीछे से योनि में लंड डाल दिया फिर में ऊपर नीचे होता रहा और तेज़ तेज़ उनकी चुदाई करने लगा जिसकी वजह से चाची की हल्की हल्की आवाज़ें निकल रही थी और 5-7 मिनट ऐसा करने के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था.
फिर जैसे ही में झड़ा तो में पीछे हट गया और मेरा पूरा वीर्य चाची के कूल्हों के ऊपर और पीठ के ऊपर गिर गया.
फिर मैंने चाची की पेंटी से उसे साफ किया और फिर नीरू मुझसे बोली कि तुमने ऐसा क्यों किया. फिर तभी मैंने अपने वीर्य को उसके मुँह से मज़ाक में चिपका दिया, जिसकी वजह से वो मुँह सा बनाने लगी, लेकिन दोस्तों मुझे मज़ा आ गया. फिर उसके बाद 3-4 मिनट में और मेरी नीरू चाची नंगे ही एक दूसरे से चिपके रहे और वो बोली कि तुम बहुत अच्छे हो में तुमसे प्यार करती हूँ और मैंने उसे हल्के से किस किया और हग किए रखा.
फिर चाची मुझसे बोली कि अब तुम नहा लो तुम्हे जाना है तो मैंने कहा कि क्या तुम नहा लिए? तो उसने कहा कि हाँ लेकिन अब तो मुझे दोबारा नहाना पड़ेगा. फिर मैंने पूछा कि क्यों अब तुम्हे दर्द है? तो उसने कहा कि नहीं, मैंने कहा कि चल हम साथ में नहाते है.
फिर में नीरू चाची को पूरी नंगी ही अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया और वहां पर मैंने पानी के नीचे चाची के हर एक अंग को छुआ और चूमा. अब हम दोबारा एक दूसरे से चिपके और अब की बार फिर से बहुत लंबे लंबे स्मूच किए, जिसकी वजह से हम दोनों जोश में आकर गरम हो चुके थे और फिर मैंने चाची को दीवार की मदद से थोड़ी झुका दिया और फिर मैंने दोबारा चाची की योनि में अपना लंड डाल दिया और एक बार फिर से मैंने उनके साथ वो सब किया.
मुझे अब थोड़ी दिक्कत हो रही थी इसलिए चाची स्टूल पर खड़ी हो गई और उस पर थोड़ी फिसलन थी, तो मैंने अपना एक हाथ दरवाज़े के हेंडल पर रख लिया और दूसरा हाथ दीवार पर. फिर नीरू चाची ने अपने हाथ मेरी छाती पर रखे और अपनी ज़ोर की पकड़ के साथ वो लंड को अंदर की तरफ धकेलने लगी और कुछ मिनट बाद झड़ गया.
फिर नहाने के बाद कपड़े पहनने लगा, लेकिन वो बेड पर ही थी. फिर दोबारा में गीली और पूरी नंगी नीरू को उठाकर बेडरूम में ले गया और दोबारा किस किया और चाची को बेड के किनारे बैठा किया और एक बार फिर से मैंने चाची की योनि में अपना लंड डाल दिया, वैसे तो हम गीले थे, लेकिन फिर भी मुझे चूत में थोड़ा सूखापन महसूस हुआ और में चाची से संभोग करता रहा. चाची को थोड़ा दर्द होने लगा था और में समझ गया कि यह दर्द उन्हें सूखेपन की वजह से है.
फिर मैंने लंड को बाहर निकाला और चाची की गीली पीठ पर लंड को थोड़ा घुमाया, लेकिन फिर सोचा कि इससे भी कुछ नहीं होगा. फिर में झुका और मैंने चाची की योनि पर थोड़ा सा थूका, लेकिन वो योनि तक नहीं गया. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पर थूका और चाची की योनि पर लगा दिया और ऐसा मैंने कई बार किया. नीरू चाची को उसमे भी बहुत मज़ा सा आ रहा था. अब मैंने अपनी ऊँगली को थोड़ा सा अंदर डाला और देखा कि वो बहुत गीली हो गई थी.
मैंने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर भी डाला और दोबारा लंड को अंदर डाल दिया और में एक बार फिर से चुदाई करने लगा. में कई देर तक करता रहा, लेकिन अब मेरा वीर्य निकल नहीं रहा था, लेकिन हाँ मुझे मज़ा बहुत आ रहा था.
फिर नीरू ने मुझसे कहा कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो और मैंने बहुत ज़ोर ज़ोर से झटके लगाए. अब हम दोनों बहुत अच्छी तरह से पसीने में गीले हो गए थे और अब चाची भी चुदाई करते करते मुझसे बोली कि तुम्हारे साथ नहाना बेकार है. फिर मैंने कहा कि दोबारा नहा लेना मेरी जान और अब में बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देता रहा. फिर कुछ देर बाद अब मेरा वीर्य निकलने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड तुरंत खींचकर बाहर निकाल दिया और दोबारा मैंने चाची के बूब्स पर अपना वीर्य गिरा दिया, वो अब मुझे बहुत पतला लग रहा था.
फिर कुछ देर बाद चाची ने उठकर अलमारी से एक टावल निकाला और वो जल्दी की वजह से खुद को साफ लगी. फिर मैंने उनसे टावल ले लिया और मैंने उनको कहा कि लाओ में साफ कर देता हूँ, वो मुझसे बोली कि तुम रहने ही दो, तो मैंने मीठे स्वर में कहा कि नीरू दे ना यार और फिर मैंने ही उसे साफ किया और उसके बाद मैंने ही चाची को पेंटी पहनाई और बाकी कपड़े उसने खुद पहन लिए.
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भाई के साथ प्यार और धोखा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिचा है और आज में आप सभी लोगों को अपनी पहली सच्ची घटना बताने जा रही हूँ, जिसने मुझे पूरा बदल कर रख दिया और मेरी सोच एकदम से बदल गई और अब में सबसे पहले अपना परिचय आपको दे देती हूँ.
दोस्तों में अहमदाबाद की रहने वाली हूँ और मेरी उम्र 24 साल और दिखने में बहुत सुंदर, गोरा रंग, पतली कमर, एकदम तने हुए बूब्स हल्की सी उभरी हुई गांड जिसको देखकर हर कोई मेरी गांड को पाना चाहता है, मेरे फिगर का आकार 26-32-36 है.
दोस्तों मेरे परिवार में मेरी माँ, पापा और मेरी छोटी बहन जिसकी उम्र साल है और मेरी मौसी के दो बेटे है और जिनका नाम चिराग और कबीर है. दोस्तों मेरे बड़े भाई चिराग की शादी तक तो में कबीर जो कि मुझसे तीन महीने बड़ा है और में उससे ज़्यादा बात नहीं करती थी, वैसे कबीर दिखने में ठीक ठाक है, उसकी हाईट 6 फीट और वो मुझे दिखने में रणबीर कपूर जैसा लगता है, लेकिन मेरे बड़े भाई की शादी के बाद से कुछ चीज़े चेंज हो गई. दोस्तों भाई की शादी के समय में, कबीर और उसके कुछ दोस्त साथ में बातें कर रहे थे, कबीर बार बार मेरे बालों को खुले कर देता और मुझे हर कभी छूने लगा.
दोस्तों यह कहानी 2011 से शुरू हुई, जब में अपने भाई की शादी के कुछ महीने बाद अपनी मौसी के यहाँ पर रहने चली गई. गर्मियो के दिनों की वजह से रात को हम सब एक साथ में बड़े हॉल में सोते थे.
दूसरे दिन सुबह हमे हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ पर किसी समारोह में जाना था, इसलिए सब लोग जल्दी सो गये थे, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी, इसलिए में कुछ देर छत पर घूमने के बाद सीधा बाथरूम में नहाने चली गई तो मुझे थोड़ी देरी हो गई और उस दिन मेरी मौसी और भाभी ज्यादा गरमी होने की वजह से छत पर सोने चले गये. अब में और मेरी छोटी बहन नीचे के हॉल में टी.वी. देखते देखते सो गये और रात को करीब एक बजे कबीर घर आया और वो फ्रेश होकर मेरे पास में सो गया. उस दिन में और कबीर पहली बार पास में सोए हुए थे.
में घर में अधिकतर समय शॉर्ट्स पहनती हूँ और उस दिन भी मैंने वही पहना हुआ था और सोते समय कबीर मेरे बालों में हाथ घुमा रहा था और यह सब वो पहले भी मेरे साथ करता था. दोस्तों में उस समय गहरी नींद में थी तो मुझे ऐसा कोई विचार नहीं आया.
कबीर ने सिर्फ़ शॉर्ट्स पहना हुआ था और थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे कोई मेरे पैर के साथ अपने पैर रगड़ रहा है, लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि घर में सबको पता है कि कबीर नींद में अपने हाथ पैर चलाता है. अब कबीर मेरे और भी करीब आकर सो गया. उसका एक हाथ अब मेरे पेट पर था और मुझे उसका शरीर बहुत गरम लग रहा था, इसलिए में नींद में बोल रही थी कि कबीर थोड़ा सा दूर सो जा, मुझे तेरा बदन बहुत गरम लग रहा है, रात को एक दो बार उसने मेरे साथ ऐसे किया.
मुझे लगा कि शायद उसे बुखार होगा तो मैंने नींद में ही उससे पूछा कि कबीर तुम्हें बुखार है क्या? तो उसने मना करते हुए मुझे और ज़ोर से हग करके लेट गया. फिर मैंने इन सारी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि वो हमेशा मेरे साथ कुछ ऐसा ही करता था.
दूसरे दिन सुबह हम सब तैयार होकर समारोह में चले गये और रात को आते समय भी हम बहुत लेट हो गए थे. दोस्तों कबीर कभी किसी परिवार के समारोह में नहीं जाता था, इसलिए वो उस दिन घर में ही रहा और रात को आकर सब लोग सो गये. फिर भाभी नहाकर ऊपर के कमरे में चली गई और में नहाकर हॉल में जाकर लेट गई, वहां पर मेरी माँ, मौसी और मेरी छोटी बहन सो रही थी. कबीर रोज रात को घर पर देरी से आता था और वो अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमता और फिर घर पर आता.
उस दिन रात को भी वो मेरे पास में आकर सो गया. हम दोनों हॉल के एक कोने में सोते थे, वहां पर उजाला कम आता था और मुझे रात को उजाले में नींद नहीं आती, इसलिए में वहीं पर ही सोती थी, देर रात को वो मेरे बहुत करीब आ गया और उसके पैर मेरे पैर के ऊपर थे और मेरी कमर पर उसकी सांसो की गरमी महसूस हो रही थी, वो मुझे पीछे से हग करके सोया हुआ था, उसके शरीर की गरमी मुझे महसूस हो रही थी और उस दिन मुझे उसकी हरकते कुछ ठीक नहीं लगी.
मैंने उसे दूर करने के लिए हल्का सा धक्का दे दिया, लेकिन उसने मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था और वहां पर कुछ दूरी पर मेरी मम्मी और मौसी सो रही थी, इसलिए मैंने कुछ नहीं किया, वो धीरे धीरे मेरी कमर पर अपने हाथ सहला रहा था और में उसके हाथ को लगातार रोक रही थी.
फिर उसने अचानक मेरे बूब्स को छुआ और उनके आकार को नापने लगा, तब भी मैंने उसे रोका, लेकिन वो मेरे शरीर के गुप्त अंगो को छू रहा था और में उसे रोक रही थी और उसी समय उसने मुझे पहली बार किस किया.
दोस्तों मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, लेकिन में सच कहूँ तो यह मेरा पहला किस था, इसलिए यह मेरा पहला बहुत अच्छा अहसास था, उसको बाद में सोचकर मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर में उससे अलग जाकर रोने लगी, लेकिन उसे इस बार से कोई फ़र्क ही नहीं पड़ा, उसने यह सारी हरकते मेरे साथ तीन चार दिन तक लगातार की.
तब से मैंने उससे बात करना और भी कम कर दिया और मुझे अब उसकी आँखो में देखने की बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी और मेरे कुछ दिनों बाद वहां से चले आने के बाद भी हम दोनों के बीच कभी कोई बात नहीं हुई, लेकिन एक दिन देर रात हम दोनों फ़ेसबुक पर ऑनलाइन थे, तब उसने मुझे उस रात के बारे में बातचीत करना शुरू कर दिया और वैसे पहले मुझे सेक्स के बारे में कोई भी इतनी जानकारी नहीं थी और फिर मैंने उससे कहा कि में तेरी बहन हूँ, हम दोनों के बीच ऐसा नहीं हो सकता.
तब उसने मुझसे कहा कि वो मुझे अपनी बहन मानता ही नहीं है, तो उसने मुझसे पूछा कि क्या में वर्जिन हूँ? तो में उससे झगड़ा करके चली गयी और हम दोनों ने बहुत समय तक कभी कोई भी बातचीत नहीं की, लेकिन दोस्तों मेरे दिल और दिमाग़ में कबीर के ही विचार चल रहे थे और रात को मेरे सपनो में भी वो मेरे साथ होता, मुझे किस करता और मेरे बूब्स को छूता और मुझे धीरे धीरे वो बहुत अच्छा लगने लगा था, लेकिन मैंने उसे अपने मन की बात कभी बताई ही नहीं.
अचानक मेरे बड़े भाई चिराग की मौत हो गई, इसलिए हम 15-20 दिन के लिए मौसी के यहाँ पर चले गये, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे से दूर ही रहते थे और जिस दिन में और मेरी मम्मी अपने घर पर वापस आ रहे थे, तब कबीर अपने चाचा जी के लड़को के साथ ऊपर वाले कमरे में सो रहा था.
फिर में वासू को उठाने गई, ताकि वो हमे बस स्टेंड तक छोड़ दे, लेकिन मज़ाक मज़ाक में कबीर ने मुझे अपने बेड पर लेटा दिया और मस्ती मस्ती में उसने मुझे कई बार छुआ, लेकिन ना जाने क्यों उस दिन मुझे उसकी किसी भी बात का बुरा नहीं लगा और कुछ दिन के बाद हम दोनों की मैसेज चेटिंग शुरू हो गई और तब हम दोनों को पता चला कि हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत तड़प रहे है और फिर मैंने उसे अपने मन की सारी बातें बताई कि कैसे में उसे पसंद करने लगी हूँ.
फिर उसने मुझे अपने घर पर दो दिन रहने के लिए बुलाया, लेकिन तब मेरी पढ़ाई चल रही थी, इसलिए मेरे पास ज्यादा दिन की छुट्टियाँ नहीं थी, लेकिन फिर भी शनिवार रविवार को में वहां पर चली गई, वो खुद मुझे बस स्टेंड लेने आया, वो जनवरी का महिना था तो इसलिए उस समय ठंड बहुत थी और मुझे तो और ठंड लग रही थी.
फिर घर पर पहुंचकर मैंने घर के कामों में मौसी की मदद की और फिर रात को सोने का समय हो गया और कबीर जानबूझ कर मेरे पास सो गया, हम दोनों के बीच में थोड़ी दूरी थी और हम दोनों का मुहं अलग अलग दिशा में था और कुछ देर आखें बंद करके लेटे रहने के बाद मुझे धीरे धीरे नींद आने लगी, लेकिन उस समय भी मुझे बहुत शरम आ रही थी.
कुछ देर बाद कबीर ने मौका देखकर मेरी तरफ घूमकर मुझे पीछे से पकड़कर अपने पास किया, जिसकी वजह से अब मेरी कमर उसकी गरम गरम साँसे महसूस कर रही थी. फिर उसने मेरी गर्दन पर किस किया, लेकिन मैंने उसका कोई भी विरोध नहीं किया, जिसकी वजह से उसकी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई.
तभी उसने मुझे एकदम से सीधा करके मुझे लीप किस किया और फिर तुरंत मेरे बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और धीरे से मेरी ब्रा को हटाकर उसने मेरे बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगा. दोस्तों यह सब काम मेरे साथ आज पहली बार हो रहा था और अब मुझे कबीर बहुत अच्छा लगने लगा था. दो दिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ ऐसे ही मस्ती करके बिताए और अब मैंने भी जोश में आकर उसका पूरा पूरा साथ दिया.
में तीसरे दिन अपने घर के लिए निकल पड़ी, कबीर मुझे बस स्टेंड तक छोड़ने आया, लेकिन उसने मुझसे ऐसा कुछ नहीं भी कहा और में अपने घर पर पहुंच गई. अब में हमेशा कबीर के बारे में सोचने लगी और तीन दिन के बाद एक दिन उसका मेरे पास एक मैसेज आया तो वो मुझसे पूछने लगा कि मेरा अनुभव कैसा था?तब मैंने उस दिन उसे अपने मन की सारी बातें उसे बताई.
मैंने उससे कुछ भी नहीं छुपाया और सब कुछ सच सच उसे बता दिया और एक दो महीने के बाद में एक बार फिर से अपनी मौसी के घर पर गई, लेकिन कबीर को इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था कि में आ रही हूँ. में अपने मामा जी के साथ रात को गई थी और हम करीब 12 बजे मौसी के घर पर पहुंचे थे और उस समय कबीर घर पर नहीं था.
फिर में और मेरी मौसी बहुत देर तक बातें कर रहे थे तो कुछ देर बाद बातें करते समय मौसी ने मुझे कबीर को कॉल करने को कहा. मैंने कबीर को कॉल किया और उससे बोला कि में तेरे घर पर आई हूँ तो मेरी यह बात सुनकर वो बहुत खुश हुआ और वो थोड़ी ही देर बाद घर पर आ गया और सीधा मेरे पास आकर बैठ गया. फिर थोड़ी देर हमने बातें की और फिर सोने के लिए चले गये. में और कबीर उसके रूम में जाकर सो गये.
दोस्तों उस समय भी मुझे कबीर से बहुत शरम आ रही थी और डर लग रहा था, मेरे दिल की धड़कने तेज़ थी और हल्का हल्का पसीना आ रहा था. फिर मैंने उसे अपने से दूर सोने के लिए कहा, लेकिन वो मेरे और भी पास आकर सो गया.
दोस्तों वो मेरे साथ ऐसा व्यहार कर रहा था जैसे कि में उसकी पत्नी हूँ और वो मेरा पति. फिर मैंने भी उसका साथ देना शुरू किया और हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया. उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और वो मुझसे लिपट गया और मुझे किस्सिंग करते करते मेरे पूरे शरीर को चूमने लगा और में उस अहसास को महसूस करने लगी और धीरे धीरे गरम होने लगी.
कुछ देर चूमने चाटने के बाद उसने जब मुझसे से मेरी शॉर्ट्स को उतारने को पूछा तो मैंने उससे साफ साफ मना कर दिया, लेकिन वो बार बार वही बात दोहराता रहा और में हर बार मना करती रही. दोस्तों उस दिन उसी बात को लेकर हम दोनों का झगड़ा हो गया, क्योंकि दोस्तों में उसके साथ चुदाई करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और वो मुझे डांट रहा था, क्योंकि मैंने उसे आगे कुछ नहीं करने दिया और हम सो गए.
फिर दूसरे दिन रात को जब वो दोबारा मेरे पास आया तो फिर मैंने उसे मना कर दिया और हम दोनों का उस रात को भी दोबारा झगड़ा हो गया और कुछ ज्यादा ही बढ़ गया.
फिर में अपने घर पर आ गई और उस दिन के बाद से हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे थे और हम दोनों एक दूसरे से करीब एक साल तक नहीं बोले और में उसके घर पर भी नहीं गई.
एक साल के बाद हमारे बहुत करीब में किसी रिश्तेदार के यहाँ पर शादी थी, में वहां पर नहीं जाने वाली थी, लेकिन मेरी मामी और उनकी बेटियों ने मुझे जाने के लिए बहुत बार कहा तो में उनके कहने पर चली गई. दोस्तों में कबीर से दूर रह सकूँ, इसलिए में वहां पर नहीं जाती थी और उस दिन भी में बहुत देरी से मामा के साथ वहां पर पहुंची, करीब 9 बज गये थे. सब लोग मुझे देखकर बहुत खुश हो गये थे, क्योंकि में बहुत समय बाद वहां पर गई थी.
मैंने सबसे बातें की, लेकिन कबीर और मैंने कोई भी बात नहीं की, हमारे घर वालों को भी इस बात का पूरा अंदाजा था कि हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं करते है और दो दिन तक हम दोनों ने एक दूसरे से कोई बात नहीं की, लेकिन फिर मेरे पापा ने हम दोनों को इस बात के लिए बहुत डांटा तो हमने उस दिन रात को बात की और रात को सब साथ में हॉल में ही सो गये थे.
दोस्तों कबीर को साउथ की फिल्मे देखने का बहुत ज्यादा शौक था तो उसके फोन में हम फिल्म देख रहे थे और ज्यादा थकान की वजह से में कब सो गयी मुझे पता ही नहीं चला. रात के 1-2 बजे मुझे अचानक ऐसा लगा जैसे कोई मुझे छू रहा था और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो कबीर था. उसने मुझे हर बार की तरह पीछे से हग किया और कबीर ने मुझे उसकी तरफ किया और किस करने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भी उसके किस का जवाब दे दिया. दोस्तों उस रात हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत देर तक जमकर किस किये और हग किया फिर हम सो गए.
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर कबीर मेरे पापा को बस स्टेंड छोड़ने चला गया और वो फिर से आकर दोबारा सो गया. फिर 9 बजे के आसपास कबीर उठा और उसने देखा कि घर पर सिर्फ हम दोनों और मेरी छोटी बहन है जो कि उस समय सो रही थी. फिर उस बात का फायदा उठाकर हम दोनों ने एक बार फिर से एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया और वो मेरे बूब्स को भी दबा रहा था, जिसकी वजह से में बहुत जोश में थी और उस दिन शाम को हम अपने घर पर आ गये.
अब हम दोनों की बातचीत शुरू हो गई और कबीर पहले की तरह मुझे मैसेज और कॉल करने लगा. एक दिन उसने मुझसे कहा कि मेरे पास कुछ दिन रहने के लिए आ जाओ. दोस्तों वैसे मुझे उसके यहाँ पर रहना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, लेकिन में उसके कहने पर वहां रह लेती थी और फिर में अपने कॉलेज की छुट्टियाँ होते ही वहां पर चली गई.
दोस्तों उस दिन में और कबीर रूम में अकेले सोए थे और कबीर ही वो पहला लड़का था जिसने मुझे हर जगह छुआ था और मेरा पहला किस सब कुछ मैंने उसी को ही दिया था. दोस्तों उस रात को भी हमने किस करना शुरू किया और फिर वो धीरे धीरे मेरे और साथ साथ अपने भी सारे कपड़े उतारने लगा और अब मेरे बूब्स को चूसने लगा और मेरी चूत को सहलाने लगा.
फिर तभी अचानक से उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और अपने लंड के टोपे से मेरी चूत के दाने को घिसने रगड़ने लगा उसके ऐसा करने की वजह से में अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और मेरे ना मना करने की वजह से उसका भी जोश और हिम्मत अब बढ़ती जा रही थी और अब वो अपना लंड चूत के मुहं पर रखकर ज़ोर से धक्का मारने लगा, लेकिन हर बार उसका मोटा लंड मेरी गीली वर्जिन चूत से हर बार फिसल रहा था, लेकिन अब मुझे बहुत डर लगा कि कहीं मेरी चीख ना निकल जाए, इसलिए मैंने उससे यह सब करने के लिए मना किया और उससे कहा कि मुझे नहीं करना.
फिर उसे मेरी यह बात सुनकर थोड़ा गुस्सा आ गया, लेकिन फिर उसने मुझे उसका लंड चूसने के लिए कहा तो मुझे यह सब करना बहुत गंदा लग रहा था.
फिर भी उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया. दोस्तों मैंने कभी ऐसे कुछ किया ही नहीं था और फिर भी मैंने उसका लंड चूसा जब तक उसका वीर्य मेरे मुहं में निकल गया और जिसको में बाथरूम में जाकर थूककर दोबारा आकर लेट गई और हम सो गये. फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा और फिर में अपने घर आ गई और हमने निर्णय किया कि इससे पहले कि किसी को पता चले हम इस गलत रिश्ते को खत्म कर देंगे और तब तक सब कुछ एकदम सही चल रहा था.
तभी कबीर की शादी की बात मेरी बुआ की लड़की काजल से होने लगी और अब में वैसे कबीर को किसी और के साथ सोचकर ही जल उठती थी, लेकिन फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अगर उसकी जिन्दगी में काजल आ जाएगी तो मुझे कबीर के साथ यह सब नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि मुझे तो बस कबीर का सच्चा प्यार चाहिए था और वो मुझसे अच्छे से बात करे, मेरी थोड़ी परवाह करे और इसलिए में उसे वो सब कुछ मेरे साथ करने देती थी जो वो करना चाहता था.
फिर नवरात्रि के तीसरे दिन वो काजल को देखने आया और हम सब भी उसके साथ में गये थे. में और उसका एक दोस्त हम बाहर बैठे हुए थे. कबीर और काजल अंदर के रूम में बैठे हुए थे, लेकिन बैठे बैठे मुझे पता नहीं कुछ कबीर के बारे में सोचते हुए कुछ अजीब सी जलन होने लगी और जब कबीर बाहर आया और उसने मुझसे कह दिया कि उसे वो लड़की बिल्कुल भी पसंद नहीं है, लेकिन फिर भी मैंने उसे थोड़ा सा समझाते हुए बोला कि यह लड़की हमारे घर में एकदम सेट हो जाएगी और फिर हम वहां से चले आए.
कुछ दिन बाद कबीर और मेरी मौसी का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया तो कबीर मेरे यहाँ पर आ गया और हम दोनों हमेशा एक साथ ही सोते थे. दोस्तों कबीर और काजल ने अपने अपने फोन नंबर एक दूसरे को दे दिए थे और वो दोनों हमेशा हर कभी बातें किया करते थे और यहाँ मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त ने मुझसे मेरी दोस्ती में आगे बढ़ने के लिए मुझसे प्यार करने के लिए कहा था, इसलिए मैंने भी मन ही मन सोचा कि अगर में नीरज को अपनी तरफ से हाँ कर दूँगी तो शायद कबीर को में जल्दी भूल जाउंगी और इसलिए मैंने नीरज के साथ अपना रिश्ता आगे बढ़ाना शुरू किया. दोस्तों मेरे घर में सभी लोगो को पता था कि नीरज मुझे बहुत पसन्द करता है और वो मुझसे शादी भी करना चाहता है.
कबीर और में रोज रात को एक दूसरे के बहुत पास आते थे और मेरे मना करने पर भी वो मुझे किस करता था मुझे अपनी और करता था और में हमेशा उसकी बातों में आ जाती थी. हमने एक दूसरे को चुदाई करके शांत करने के बारे में बहुत बार सोचा, लेकिन मेरी चूत बहुत टाइट थी, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द होता था और में उसके साथ सेक्स नहीं कर सकती थी और इसलिए में कबीर का लंड चूसकर उसे शांत कर दिया करती थी.
एक दिन उसने मेरे दोनों बूब्स के बीच में अपना लंड रखकर धक्के देकर सेक्स किया. एक दिन में घर पर एकदम अकेली थी तो मैंने और मेरे दोस्तों ने एक रात बाहर गुजारने का विचार किया, लेकिन बाद में सबने एक एक करके मना कर दिया, लेकिन नीरज तो आने ही वाला था. अब में, नीरज और मेरी एक दोस्त फाल्गुनी मेरे घर पर थे, तो रात को फाल्गुनी अपने घर चली गई और रात को जब में और नीरज घर पर एकदम अकेले थे तो नीरज ने मुझे किस करना चाहा, लेकिन मैंने उसको साफ मना कर दिया और मैंने मन ही मन सोचा कि कबीर तो मेरा बीता हुआ कल था. अगर मुझे उससे दूर जाना है तो मुझे अब नीरज के करीब जाना पड़ेगा.
मैंने नीरज के दूसरे किस के लिए मना नहीं किया. नीरज और मैंने आज तक किस से कभी आगे कुछ किया ही नहीं, लेकिन मैंने कबीर को जलाने के लिए उससे बोला कि नीरज और में एक दूसरे को लिप किस करते है, लेकिन इससे कबीर को कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता था. फिर एक बार कबीर मेरे घर आया तो उस दिन रात को सब जल्दी सो गये थे और रात को में और कबीर साथ में सोए हुए थे.
इस बार में उससे नाराज़ थी तो उसने मुझे मनाया भी और हम दोनों बहुत रोये भी. दोस्तों उन दिनों बहुत ठंड थी, तो हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थे और वो मेरे बूब्स के साथ खेल रहा था और दूसरे बूब्स को चूस रहा था. मुझे बहुत अच्छा लगा जब कबीर जोश में आकर मेरे पेट पर किस कर रहा था.
फिर मैंने कबीर के लंड को चूसकर टाईट किया. दोस्तों कबीर ने कभी भी लंड मेरी चूत में सही से रखा ही नहीं जाता था और हर बार में ही उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखती थी. फिर जैसे ही कबीर ने ज़ोर से धक्का मारा तो उसका थोड़ा सा ही लंड मेरी चूत में गया, जिसकी वजह से मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मेरी चूत से खून नहीं निकला और थोड़ी देर के बाद कबीर ने फिर से धक्का मारा, जिसकी वजह से लंड थोड़ा और अंदर चला गया.
थोड़ी देर के बाद मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं रहा और कबीर मुझे धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और उसने मुझे एक स्माइल दी. दोस्तों मुझे आज भी उसका वो स्माइल देकर मुझे चोदना बहुत अच्छी तरह से याद है, वो लगातार धक्के देकर मुझे चोदता रहा और में उसके हर एक धक्के के मज़े लेती रही और करीब करीब 15 मिनट में हम दोनों एक एक करके झड़ गए थे. मुझे उसकी पहली चुदाई ने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था और उसके मन की इच्छा जो मुझे चोदकर उसने उस दिन पूरी की थी, इसलिए हम दोनों बहुत खुश थे.
अब कबीर की शादी होने वाली थी और वो बार बार मेरी बुआ के यहाँ पर रहने जाता था और मेरे यहाँ नहीं आता था. अब मुझे उससे असुरक्षा महसूस होने लगी थी और उस समय कबीर की शादी को 15 दिन शेष रह गये थे.
एक दिन शाम को कबीर ऐसे ही मेरे घर पर आ गया और में उस दिन घर पर अकेली बिल्कुल थी, लेकिन कबीर ने मुझसे कोई बात नहीं की, जब उसकी शादी थी तब भी उसने मुझसे कोई बात नहीं की और शादी होने के बाद भी उसने मुझसे बात नहीं की. अब में उसके लिए एक अंजान इन्सान हूँ, ना वो मुझे देखता है और ना ही वो मुझसे कभी बात करता है.
मैंने बहुत बार आगे बढ़कर उससे बात करना चाहा, लेकिन वो हर बार मुझे अनदेखा करने लगा था और अब मुझे समझ में आ गया था कि में तो बस उसके लिए सिर्फ़ एक टाइम पास थी और उसे मेरे साथ सेक्स का अनुभव चाहिए था, तो बस उसने मुझे वैसे ही काम में लिया और उसने मेरे साथ वो सब कुछ किया जो मैंने ना चाहते हुए भी अपने साथ वो सब कुछ करने दिया, क्योंकि में उसको हमेशा खुश देखना चाहती थी, लेकिन अब वो मुझे बिल्कुल भूल गया है और में पागल की तरह प्यार समझकर उसके बारे में हमेशा सोचती रही और जब से मुझे कबीर का मेरे साथ बदला हुआ व्यहवार दिखा, तब से में नीरज के साथ और अच्छे से रहती हूँ, क्योंकि में अब कबीर को अपने मन, अपने सपनों, अपने दिमाग और अपने सभी आने वाले विचारों से पूरी तरह से बाहर निकाल देना चाहती हूँ.
में बिल्कुल भी नहीं चाहती कि में उसके बारे में कुछ भी बात सोचूं और दोस्तों आज में कबीर से इतनी नफरत करती हूँ कि में उसे कभी अपने सामने देखना तक भी नहीं चाहती और ना ही में उसके बारे में किसी से कुछ भी सुनना चाहती हूँ, क्योंकि उसने मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा किया है. दोस्तों इस कहानी को पढ़कर किसी को कुछ समझ आ जाए और कोई मेरे जैसे ग़लत कदम ना उठा ले, इसलिए मैंने इसको आप सभी को सुनाने का फैसला किया.
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पूजा भाभी के आम चूसे

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है. मेरा नाम राहुल है और में 22 साल का हूँ और अब में अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई खत्म करके किसी अच्छी सी नौकरी की तलाश में लगा हुआ हूँ. दोस्तों आज में अपनी एक ऐसी सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी भाभी जिसका नाम पूजा है, उनके आम मतलब बूब्स चूसे और उनके साथ बहुत मज़े किए.
आज में आप सभी को वही सारी घटना बताने जा रहा हूँ और यह अभी कुछ ही दिन पहले की बात है, जब में अपने घर पर वापस आ गया था, तब में घर के सभी लोगों से मिला, भैया, भाभी उनके बच्चे और सभी से मैंने बहुत हंसी मजाक किया. दोस्तों एक दिन मुझे बैठे बैठे मेरा वो सबसे हसीन पल याद आ गया, जिसके बारे में मैंने सोचा कि क्यों ना में अपने उस पल को करीब चार साल बाद आप सभी को बता दूँ, जिसको में आज तक भी नहीं भुला सका.
दोस्तों यह बात तब की है जब में 12th में अपनी पढ़ाई कर रहा था, उसके एक साल पहले ही मेरे बड़े भाई की शादी हुई थी. मेरी भाभी का नाम पूजा है, वो मुझसे करीब तीन साल ही बड़ी है. भाभी और मेरी बहुत जमती है और जमती भी क्यों ना हो, में हूँ ही इतना खुले विचारों का और मेरा व्यहवार सभी के साथ बहुत अच्छा है. में बहुत ज्यादा हंसी मजाक से सभी को खुश करता था, इसलिए मुझसे सभी लोग बहुत खुश थे और मेरा साथ उनको अच्छा लगता था.
दोस्तों मेरा बड़े भाई की नौकरी बाहर है, इसलिए वो तो हमारे घर पर कम ही रह पाता है और हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता है. अरे हाँ दोस्तों पहले आप लोग मेरी भाभी के बारे में भी तो सुन लो, वो चेहरे से बिल्कुल मस्त दिखती है, उनके फिगर का आकार 34-24-36 है और कोई भी अगर उनका जो एक बार देख ले तो उसका हार्ट फैल हो जाए और उसके ऊपर उनकी वो मीठी बोली और उनकी वो कातिल मुस्कान उन पर अच्छे अच्छे फिदा हो जाए.
यह घटना कुछ ऐसे हुई कि वो जून के दिन थे और उस समय कुछ ज्यादा ही गर्मियां थी और हमारे घर में सिर्फ एक ही ऐसी है और उसी समय सभी जगह पर शादियों का भी दौर चालू हो गया था और अब मेरे भी आखरी पेपर आने वाले थे तो एक दिन हमारे यहाँ पर सभी लोगों को शादी में जाना पड़ा, लेकिन मेरे पेपर अब बहुत करीब होने की वजह से में नहीं जा पा रहा था, तो इसलिए मुझसे मेरे पापा मम्मी ने एक दूसरे से बात करने के बाद कहा कि अब तुम अगर यहाँ पर अकेले रहोगे तो तुम्हारे खाने का इंतज़ाम कैसे होगा, हम उसके लिए अब क्या करे तुम ही हमे बताओ? तभी पूजा भाभी बीच में बोली कि में भी राहुल के साथ यहीं पर रुक जाती हूँ और आप लोग चले जाइए हम दोनों साथ में रह सकते है, मेरे यहाँ पर रहने से राहुल के खाने की समस्या भी खत्म हो जाएगी और आप लोगों को भी इसके अकेले रहने की बात भी दिमाग में नहीं आएगी, आप लोग बिना टेंशन के चले जाईए में हूँ ना इसके साथ.
अब मेरे पापा मम्मी भाभी की यह बात सुनकर बिना किसी चिंता के बहुत खुश होकर शादी में चले गये. उनके चले जाने के बाद भाभी और में अब घर पर एकदम अकेले रह गये थे और फिर में कुछ देर बाद अंदर जाकर भाभी के रूम में ए.सी. चालू करके बैठ गया, क्योंकि उस दिन गरमी बहुत हो रही थी और भाभी भी मेरे पीछे पीछे उसी कमरे में आकर बैठ गई. दोस्तों भाभी ने उस दिन लाल कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उन्होंने लाल कलर की लिपस्टिक भी लगा रखी थी, सच कहूँ तो दोस्तों वो उस दिन किसी हिरोईन से कम नहीं लग रही थी और इसलिए मुझे उनको देखकर और भी ज्यादा गर्मी लगने लगी थी, में उनको लगातार घूर घूरकर देखने लगा था.
भाभी : राहुल तुम यहाँ पर बैठकर आराम से पढ़ो और ए.सी. की स्पीड को और भी ज्यादा बढ़ा लो, तब तक में हम दोनों के लिए खाना बनाती हूँ, शायद अब तुम्हें भूख लगने लगी होगी.
में : हाँ ठीक है भाभी, आप आपका काम कर लो तब तक में अपनी पढ़ाई में थोड़ा सा मन लगा लेता हूँ.
दोस्तों उसके बाद भाभी मुझसे बात करके तुरंत उठकर खाना बनाने चली गई, उनके चले जाने के बाद में अपनी तैयारी करने लगा, वैसे भी वो जब तक मेरे सामने थी, मेरी नजर बार बार घूम फिरकर उनके सेक्सी गदराए बदन पर ही जा रही थी और थोड़ी देर बाद भाभी दोबारा वापस आ गई.
भाभी : चलो राहुल आ जाओ खाना बन गया है, चलो मेरे साथ गरम गरम खा लो वरना ठंडा हो गया तो तुम्हें खाने में इतना मज़ा भी नहीं आएगा.
दोस्तों में भाभी के कहने पर उठा और फिर में उनके साथ खाना खाने चला गया और अब हम दोनों एक साथ में बैठकर खाना खा रहे थे. मैंने देखा कि उनका वो सेक्सी जिस्म उस लाल कलर की साड़ी में और भी ज्यादा चमक रहा था और उनकी कुछ पसीने की बूँद उनके दोनों बूब्स के बीच की दरार से गिरकर फिसलकर अंदर जा रही थी, यह मस्त नजारा देखकर मेरा मन और भी ज्यादा उछलने लगा और में मन ही मन बहुत खुश था और में अपनी चोर नजर से बस उनको ही देखे जा रहा था.
तभी कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे पूछा कि क्या हुआ राहुल? क्या तुम्हें मेरा खाना अच्छा नहीं लगा? तो मैंने कहा कि नहीं भाभी आपका खाना तो बहुत अच्छा स्वादिष्ट बना है तभी तो देखो में कितने आराम से मज़े ले लेकर इसको खा रहा हूँ, शायद इस बात का आपको बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है? इसलिए अपने मुझसे ऐसा सवाल पूछ लिया? अब उन्होंने मुझसे कहा कि तो तुम खाने में अपना मन लगाओ, मुझे ऐसा लगता है कि शायद तुम्हारा ध्यान अब कहीं और भटक गया है. दोस्तों यह बात उन्होंने मुझसे एक शरारती स्माईल के साथ कहा, जिसकी वजह से मुझे तो दिल का दौरा पड़ गया.
फिर में खाना ख़ाकर वापस दूसरे कमरे में जाकर अपनी पढ़ाई करने बैठ गया. तभी कुछ देर बड़ी भाभी आई और अब वो मेरे लिए आम काटकर ले आई और भाभी मेरे पास में बैठ गई और फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्या कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड है?
में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से घबरा गया, मुझे उसके कहे उन शब्दों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो मुझे यह सब क्या पूछ रही है. मैंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था कि कभी वो मुझसे यह सब बातें भी पूछ सकती है? तो मैंने उनसे बोला कि नहीं भाभी अब तो ऐसा कुछ भी नहीं है. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तभी तुम खाना खाते समय कहीं और देख रहे थे, तुम्हारा ध्यान खाने पर कम उस तरफ कुछ ज्यादा था और फिर वो मुझसे यह बात कह कर हंसने लगी. दोस्तों में पहले तो बहुत डर गया था, लेकिन अब उनकी पूरी बात को सुनकर थोड़ा सा शरमाकर बोला कि वो तो मुझसे बस ग़लती से हो गया था.
भाभी ने फिर और ज़ोर से हंसकर मुझसे कहा कि नहीं पगले कोई बात नहीं है मुझे तुम्हारी उस हरकत का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा और मुझसे यह बात कहकर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर मारा और अब मेरे शरीर में उस हाथ के छूने की वजह से एक करंट दौड़ गया, में उनके नशे में अब बिल्कुल चूर चूर हो गया था. फिर वो मुझे दिखा दिखाकर बहुत आराम से चूस चूसकर आम खाने लगी थी और आम खाते खाते वो मुझसे बोली कि क्यों बस वो ही देख रहे थे या कुछ और भी खाना है? तो में उनकी इस बात को सुनकर बहुत शरमाकर उनसे बोला कि नहीं भाभी आप गलत सोच रही हो मेरा कोई भी इरादा नहीं था, जैसा आपने मेरे बारे में गलत सोच लिया है, में तो बस ऐसे कहीं दूसरी तरफ देख रहा था, लेकिन मेरी नजर अचानक से कहीं और पड़ गई.
अब वो मुझसे कहने लगी कि देखो तुम अब मुझसे ज्यादा झूठ तो मत बोलो जो तुम्हारे मन में हो वो तुम मुझसे कह दो, मुझसे अब तुम क्या छुपाते हो? में किसी से कुछ भी नहीं कहूंगी. दोस्तों मैंने उनकी बात को सुनकर उनके ऊपर बहुत विश्वास और साथ में बड़ी हिम्मत जुटाकर बोल दिया कि भाभी आप मुझे बहुत पसंद हो और में आपको यह बात बहुत दिनों से कहना चाहता था, लेकिन तब तक मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी, इसलिए में अब तक बस आपको अपनी चोर नजर से देखकर अपने मन हो बहलाता रहा, मुझमें आगे बढ़ने की बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी.
अब भाभी मुझसे बोली वाह धन्यवाद राहुल और क्या क्या पसंद है तुम्हें? तो मैंने कहा कि भाभी मुझे आपका सब कुछ, आपका बोलना, हंसना, चलना, आपकी अदाए, आपके नखरे सब कुछ और आपका फिगर के बारे में तो क्या बोलना वो तो सोने पे सुहागा है. दोस्तों मेरे मुहं से यह सब कुछ सुनकर भाभी के चहरे पर अब एक अजीब सी स्माईल आ गई थी और फिर वो मुझसे कहने लगी कि यह आखरी आम भी तुम्हें खाना है. फिर मैंने बोला कि हाँ और वो मुझसे बोली कि लेकिन मुझे भी खाना है, यह बात वो मुझसे बोली उम्म्म्म चलो हम दोनों खाते है और फिर उन्होंने उस आम को अपने होंठो से मुहं में डाल दिया और फिर मुझसे कहा कि तुम उधर से चूसो और में इधर से.
दोस्तों उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर में बहुत ज्यादा गरम हो गया और हम दोनों उस आम को चूसने लगे और देखते ही देखते हमारे होंठ एक दूसरे के सामने आ गए. तभी हम दोनों ने चूसना रोक दिया और फिर 5 सेकिंड के बाद भाभी ने चूसते हुए मेरे होंठो को छुआ और फिर मैंने भी चूसना शुरू कर दिया, वाह क्या गरम मुलायम होंठ थे उनके बहुत मस्त रसभरे हमने एक दूसरे को ऐसे ही जोश में दस मिनट तक किस किया.
फिर उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि आज तुम मेरे साथ जो कुछ भी करना चाहते हो कर लो राहुल. फिर वो मुझे वापस किस करने लगी, उम्म्म एम्म आह इसस्शह की आवाज़ से कमरा भर गया और हम दोनों मदहोश होते चले गये थे, में उनकी गर्दन पर किस करने लगा था. फिर मैंने उनकी साड़ी को उतारी जिसको उतारते ही मुझे उनका ब्लाउज खोलते ही उनके आम जैसे बूब्स उचककर मेरे मुहं पर जा टकराए, में और भी पागल हो गया और अब में ब्रा के ऊपर से ही उन्हें चाटने लगा और वो पागल हुई जा रही थी.
फिर मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके बूब्स को कसकर करीब दस मिनट तक लगातार पागलों जैसे चूसा और तब तक वो बिल्कुल मदहोश हो गई थी, जिसकी वजह से वो बार बार कह रही थी, उम्म एम्म्म आह्ह्हह्ह मज़ा आ गया.
फिर में उनके पेट को चाटते हुए उनकी गोरी गहरी नाभि पर टूट पड़ा और करीब मैंने पांच मिनट तक उसे चाटा, तब तो वो आअहहहह आईईईईई और ज़ोर से हाँ थोड़ा और ज़ोर से चूसो कहने लगी थी और अब वो मेरा सर पकड़कर उसे अपनी नाभि पर दबाने लगी थी.
फिर मैंने कुछ देर बाद उनका पेटीकोट खोल दिया और अब मैंने उनकी गोरी भरी हुई जांघो को किस किया. फिर पेंटी के ऊपर से उनकी चूत को प्यार किया और वो पागलों की तरह आअहह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आईईईइ करने लगी और अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी से चूस राहुल मुझसे अब और नहीं रुका जाता, में मेरी तू आज मेरी इस बैचेनी को मिटा दे, बना ले मुझे अपना मेरी इस प्यास को बुझा दे उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा जल्दी कर.
दोस्तों उनके मुहं से में यह बात सुनकर अब उनकी चूत पर भूखे की तरह टूट पड़ा और अब में उनकी चूत को पागलों की तरह चूसने चाटने लगा था और वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाकर मुझसे अपनी चूत को और भी ज़ोर से चुसवाने लगी. फिर करीब पांच मिनट के बाद वो मुझसे बोली कि अब तुम नीचे लेट जाओ अब मेरी बारी. तभी उन्होंने मुझे एक ज़ोर का धक्का मारकर पीछे गिरा दिया और फिर उन्होंने मेरी शर्ट को उतार दिया और उसके बाद वो मेरे निप्पल को सहलाने चूसने लगी, जिसकी वजह से कुछ ही देर बाद में बिल्कुल पागल हो गया था.
फिर दो मिनट के बाद उन्होंने मेरे लंड को पेंट से बाहर निकालकर उसे पहले अपनी जीभ से छुआ और चाटने लगी और फिर उन्होंने मेरी जांघो को भी सहलाया, जिसकी वजह से में तब तक बिल्कुल पागल हो गया था.
फिर उन्होंने मेरे लंड को करीब दस मिनट तक लगातार ऐसा चूसा जैसा आज तक कभी किसी ने नहीं चूसा और अब जैसे ही में झड़ने वाला था तो उन्होंने लंड को बाहर निकालकर चूसना रोक दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब में आगे का काम शुरू कर दूँ और फिर मैंने उनको नीचे लेटाकर अपना लंड उनकी कोमल चूत के मुहं पर रखा दिया और एकदम सही मौका देखकर मैंने एक जोरदार धक्का देकर अपना पूरा लंड चूत की गहराईयों में डाल दिया, मेरा लंड उनकी चूत में रगड़ खाता हुआ अंदर जा पहुंचा, जिसकी वजह से वो उछल पड़ी और उनके मुहं से आअहह आईईईईई उफ्फ्फफ्फ्फ़ की आवाजे आने लगी थी.
दोस्तों वो मेरा सबसे पहला सेक्स अनुभव था, इसलिए मैंने जोश में आकर बिना सोचे समझे ज़ोर का धक्का दे दिया, बहुत दिनों से बिना चुदे रहने की वजह से मैंने महसूस किया कि उनकी चूत बहुत टाईट थी और फिर उस वजह से वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी, आह्ह्हह्ह मर गई.
फिर मैंने तुरंत उनके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया, में अब वैसे ही रुका रहा और उनके जिस्म से खेलने उनके एकदम गोल गोल बूब्स को सहलाने निचोड़ने लगा था और कुछ देर बाद जब वो मुझे थोड़ा सा शांत लगने लगी तो में उनको हल्के हल्के धक्के देने लगा और वो हाँ उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा और तेज कर जल्दी से उईईईईइ हाँ डाल दे पूरा का पूरा अंदर वाह मज़ा आ गया.
दोस्तों मैंने उनकी बात को सुनकर अपने धक्के देने की स्पीड को बढ़ा दिया और अब हम दोनों बहुत मस्त होकर चुदाई के मज़े लेने लगे थे, वो मुझे बोल बोलकर जोश दिला रही थी और में जोश में आकर लगातार धक्के पे धक्के दिए जा रहा था. फिर करीब 15 मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद अब हम दोनों झड़ने वाले थे. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रूको और में उनके कहने पर तुरंत रुक गया.
फिर उन्होंने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और सीधे अपने मुहं में लेकर अब वो मुझे चूसने के मज़े देने लगी अहहहह आईईईइ और फिर में भी हल्के हल्के धक्के देता रहा और कुछ धक्कों के बाद में उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने मेरा पूरा माल पी लिया.
उसके कुछ देर बाद तक भी उन्होंने मेरे लंड का पीछा नहीं छोड़ा, वो अब भी लगातार चूसती रही और कुछ देर बाद मैंने भी जोश में आकर उनकी चूत चाटी जब तक वो झड़ नहीं गई. उनके झड़ने के बाद मैंने भी उनका चूत रस पी लिया और फिर हम दोनों थककर लेट गये और एक दूसरे को किस करने लगे. दोस्तों ऐसा हमने उस दिन दो बार और किया, हमने पहले बहुत जमकर एक दूसरे का लंड चूत को चाटकर गरम किया. उसके बाद हमने चुदाई करना शुरू किया.
दोस्तों इसलिए वो मेरी लाईफ का सबसे अच्छा दिन रहा, क्योंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उस दिन में अपनी भाभी की चुदाई करूंगा और उस दिन अपनी भाभी के पूरे मज़े लिए और उन्होंने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया.
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