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निकिता का शानदार ग्रुप सेक्स
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निकिता है और में गुजरात की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 20 साल है, मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच की है. में एकदम गोरी हूँ और मेरा फिगर साईज 37-29-39 का है और काले बाल है. ये बात तब की है जब मेरे पाप मम्मी 4 दिन के लिए गाँव जाने वाले थे, वो लोग सुबह ही निकल गये थे. अब घर में सिर्फ में और कामवाली बाई ही थी. फिर में बाई को बोलकर नहाने चली गई, जब करीब 10 बजे होंगे और मेरे घर के सामने 2 लड़के किराए पर रहते थे, में उन्हें सिर्फ़ नाम से जानती थी. उनका नाम था साहिल और अरुण था.
हाँ तो में नहाने गई थी और मुझे पता ही नहीं चला और बाई मुझे बताए बगैर अपना काम करके चली गई. अब कामवाली बाई भी 3-4 दिन तक नहीं आने वाली थी. फिर जब में नहाकर बाहर आई तो मैंने घर शांत पाया.
उस टाईम में सिर्फ़ टावल में थी और मैंने टावल के सिवाय कुछ नहीं पहना था. फिर में दरवाजा खुला देखकर सबसे पहले दरवाजे के पास गई और उसे बंद किया. फिर मैंने कामवाली बाई को आवाज़ लगाई और उसे ढूँढने किचन में गई तो में जैसे ही किचन से पहुँची तो में साहिल से टकराई तो में एकदम से चौंक गई और हकलाते हुए बोली कि तुम इधर कैसे? और अपना टावल संभालने लगी, तभी अरुण ने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया.
अब मुझे पता चल गया था कि अब क्या होने वाला है? अब अरुण का एक हाथ मेरे बूब्स पर था और दूसरा हाथ मेरे पेट पर था. अब वो उसके हाथ से मेरा टावल बूब्स से नीचे उतार रहा था. अब साहिल मेरे थोड़े से खुले हुए बूब्स देख रहा था और अरुण पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर सटा रहा था. फिर मैंने कहा कि तुम दोनों यहाँ से चले जाओ, नहीं तो में शौर मचाऊँगी.
फिर साहिल ने कैमरा निकालकर हँसते हुए मुझे धमकी दी कि वो मेरी नंगी वीडियो इंटरनेट पर डाल देगा और मुझे चुप रहने के लिए कहा. फिर अरुण ने मुझे उठाया और कहा कि तू अकेली ही क्यों नहाती है? हम भी तेरे साथ नहाएँगे और वो मुझे फिर से बाथरूम में ले गये. फिर अरुण और साहिल ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मेरा टावल निकालकर मुझे भी नंगा कर दिया. अब वो दो और में नंगे ही बाथरूम में थे.
फिर अरुण ने सीधे ही मेरे बूब्स को जोर से दबाया और सीधा अपने मुँह में लेकर आआहह आआहह करके चूसने लगा और बोलता रहा वाह क्या रसीले बूब्स है तेरे निकिता? फिर साहिल मेरे पीछे गया और अपने करीब 8 इंच लंबे और 4 इंच मोटे लंड को मेरी गांड से सटाकर ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा और बोल रहा था क्या मस्त सॉफ्ट-सॉफ्ट, गोरी-गोरी गांड है आआआहह?
फिर साहिल ने अरुण से बोला कि यार अब तो 3 दिन मज़ा ही मज़ा है लूटो. अब में भी उसके लंड की गर्मी महसूस कर पा रही थी, अब अरुण मेरे बूब्स को चूस रहा था और मेरी चूत पर अपना हाथ घुमा रहा था. अब वो दोनों एक दूसरे के हाथ हटाते हुए बारी-बारी से मेरी चूत पर अपना हाथ घुमा रहे थे. फिर अरुण ने शॉवर स्टार्ट किया तो वो दोनों और में पूरे गीले हो गये. अब साहिल मेरे पीछे चिपका हुआ था और अरुण मेरे सामने खड़ा होकर आगे बढ़ रहा था.
फिर जैसे ही उसका लंड मेरी चूत पर टच हुआ तो में थोड़ी पीछे हटी तो पीछे से साहिल का लंड मेरी गांड में और दब गया. अब अरुण मुझे आगे से दबाता हुआ आगे बढ़ रहा था. अब में अरुण और साहिल के बीच में दब गई थी और ऊपर से शॉवर भी चालू था. अब मुझे ठंड और गर्मी दोनों का बड़ा मजा मिल रहा था. फिर वो दोनों मिलकर मुझे साबुन से नहलाने लगे और इसी तरह से मेरी बॉडी का हर अंग मज़े से इन्जॉय करने लगे.
फिर मैंने भी साबुन लेकर उनके लंड पर लगाया और बराबर घिस-घिसकर रगड़ा. फिर उन्होंने मुझे मेरे बेड पर लेटा दिया और फिर वो लोग मुझे चाटने लगे. पहले वो दोनों मेरे बूब्स को चाटते हुए मेरे पेट से मेरी चूत तक चाटते तो कोई मेरे बूब्स को दबा रहा था तो कोई मेरी चूत को चाट रहा था. अब में भी इन्जॉय कर रही थी और आआआआआआअहह आाआईईईईईई की सिसकियां ले रही थी. अब जब भी वो दोनों मेरे बूब्स दबाते और चाटते तो मेरी सीईईई आआआआह ऊऊऊऊओह की आवाज़े निकल रही थी.
फिर साहिल बोला कि आज तो मज़ा आ गया निकिता, अब हम तेरा 3 दिन तक मजा लेंगे और ये कहते ही वो दोनों हँसने लगे. अब में भी उन दोनों को इन्जॉय करना चाहती थी. फिर साहिल मेरी जांघो पर चढ़ गया और उसका बड़ा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा जैसे कि वो अपने लंड को उकसा रहा हो.
तभी अरुण ने मेरे दोनों पैर पकड़े और उन्हें झटके से फैला दिया और साहिल ने अपना लंड मेरी चूत में डालना शुरू किया. अब वो बहुत ही धीरे-धीरे 2-2 इंच कर अपना लंड डाल रहा था, लेकिन जब वो अपना लंड 2 इंच अंदर डाल चुका था, तो वो रुक गया और फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और फिर झटका देकर अपना लंड अंदर डाला तो इस बार उसका 4 इंच लंड अंदर चला गया. अब इस दौरान अरुण मेरी छाती पर चढ़ गया और अपना लंड मेरे दो सॉफ्ट रुई जैसे गोरे-गोरे बूब्स के बीच में बुरी तरह से रगड़ने लगा.
अब अरुण मेरे दोनों बूब्स को साईड से दबाता और अपने लंड को बीच में रगड़ रहा था. तो उधर साहिल अपना लंड अंदर डालकर अपना पूरा लंड झटके से बाहर निकाल रहा था. अब वो जैसे ही झटके से अपना लंड बाहर निकालता तो मेरे अंदर सनसनी फैल जाती और में आहह आअहह की आवाज़ निकालती. फिर अरुण ने साहिल को कहा कि मुझे इसकी गांड का मजा लेना है.
फिर साहिल बोला कि लेकिन में अभी झड़ा नहीं हूँ, तो साहिल ने बेड पर लेटकर अपना लंबा लंड सीधा पकड़ा और मैंने उसके लंड को अपनी चूत में धीरे-धीरे घुसाया और सीधी साहिल पर लेट गई. अब साहिल मेरी चूत और बूब्स दोनों का मजा ले रहा था. फिर जैसे ही में साहिल पर लेट गई तो मेरी गांड ऊपर की तरफ हो गई और फिर अरुण मेरी सॉफ्ट गांड पर अपना हाथ और अपना लंड घुमाने लगा. अब में अपनी गांड ऊपर नीचे करके साहिल के लंड को अंदर बाहर कर रही थी. अब अरुण भी मजे लेने के लिए मेरी गांड के ऊपर आ गया था.
फिर जैसे ही मेरी गांड ऊपर होती तो उसका लंड मेरी गांड से टकराता और फिर वो धीरे-धीरे मेरी गांड को अपने लंड से दबाता हुआ नज़दीक आ गया. फिर में थक गई तो अरुण ने सीधा अपना लंड मेरी गांड में घुसाना स्टार्ट किया तो में जोर चिल्लाई और साहिल ने मुझे लिप्स पर चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथों से मेरे बूब्स मसलने लगा. अब में अरुण और साहिल दोनों का मजा बन गई थी और अब वो दोनों मेरा पूरा उपयोग कर रहे थे.
फिर हम तीनों थक गये और अब दोपहर हो चुकी थी और मुझे भूख भी लगी थी, वो दोनों अपने साथ खाना भी लेकर आए थे. फिर हमने एक सोफे पर बैठकर खाना खाया और वापस से बिस्तर पर चले गये. फिर अरुण बोला कि में निकिता को डॉगी स्टाइल में चोदूंगा, तो अरुण ने मुझे कमर से पकड़ा और घुटनों पर बैठा दिया और में आगे की तरफ झुक गई और डॉगी स्टाइल में आ गई. अब मेरे हिप्स फैल गये थे और ये देखकर अरुण ने उतावला होकर मेरी गांड से अपना बड़ा सा लंड ऐसे सटा दिया कि पूछो मत. अब वो मेरी गांड पर बहुत ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड रगड़ रहा था और अब साहिल भी अपना लंड मेरे मुँह में घुसाकर उसे अंदर बाहर करने लगा था.
फिर अरुण ने मेरे झूलते हुए बूब्स को दबाया और अपना लंड घुसाना चालू किया. अब वो जैसे ही अपना लंड अंदर डालता और मेरे बूब्स दबाता तो मुझे बहुत मजा आने लगता. अब में आआआहह आआआईईई की आवाज़े निकालने लगी थी. अब साहिल तो मेरे मुँह में ही झड़ गया था और अरुण भी झड़ने की तैयारी में था. फिर अरुण ने भी अपना सारा पानी मेरी गांड पर ही झाड़ दिया और अपने लंड से मेरी पूरी गांड पर फैरने लगा.
अब दोपहर के 3 बज चुके थे और अब हम तीनों थककर चूर हो गये थे इसलिए हम तीनों वापस से बाथरूम में जाकर गर्म पानी के शॉवर के नीचे नहाए और फिर सीधा बेड पर जाकर नंगे ही सो गये. फिर अरुण ने अपने दोनों पैरो के बीच में मेरी एक जांघ दबाई तो साहिल ने मेरी दूसरी जांघ दबाई. अब उन दोनों के लंड मेरी साईड पर चिपक गये थे.
अब उन दोनों के सिर मैंने अपने हाथों में दबाए थे इसलिए उनका मुँह मेरे बूब्स के पास था और फिर वो दोनों मुझे जकड़कर सो गये. फिर शाम को हम उठे और सोफे पर बैठकर टी.वी देखने लगे और टी.वी देखते देखते भी में कभी उनके लंड को दबाती तो कभी वो मेरी चूत पर अपना हाथ फैरते और कभी मेरे बूब्स दबाते.
फिर हम तीनों रात का खाना ख़त्म करके वापस से बेड पर चले गये. अब हम लोग वापस से थोड़ा-थोड़ा मजा लेने लगे थे और फिर में बेड पर सीधी लेट गई और साहिल और अरुण कहीं से तेल लेकर आए. फिर साहिल ने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरी गांड पर बैठ गया. फिर उसने तेल की धार मेरी पीठ पर डाली और अपने हाथों से तेल को मेरी बॉडी पर लगाते हुए मेरी गांड पर आया. अब मेरी गांड पर तेल ऐसा लग रहा था कि पूछो मत. उसका हाथ वहाँ से छूटने का नाम ही नहीं ले रहा था. फिर मेरी गांड पर तेल लगाने के बाद उसने मेरी जांघो पर भी तेल रगड़ा.
फिर अरुण ने मुझे सीधा किया और मेरी चूत पर अपना लंड रखकर बैठ गया. फिर उसने तेल की धार मेरे बूब्स पर गिराई और फिर बहुत देर तक मेरे बूब्स पर तेल की मसाज करता रहा, आअहह क्या आराम मिल रहा था मसाज का? फिर वो धीरे-धीरे मेरी चूत के पास आया और अपने हाथ में तेल लेकर पूरा तेल मेरी चूत में डालकर अंदर बाहर तेल लगाया.
फिर साहिल बेड पर लेट गया और मैंने भी उसकी तेल मालिश की और फिर अरुण की भी तेल मालिश की. फिर में बेड पर लेट गई तो अरुण ने मुझे अपनी तरफ किया और मुझसे चिपककर चूमने लगा. अब वो अपना लंड मेरी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा था. अब में अरुण से तेल की वजह से चिपक गई थी और उधर साहिल मेरे पीछे चिपका हुआ था और अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगा था. फिर हम तीनों लाईट ऑफ करके सो गये.
फिर सुबह जब में उठी तो मैंने देखा कि साहिल नींद में मेरे सीधे बूब्स को दबा रहा था और अरुण ने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाली हुई थी और मेरे लेफ्ट बूब्स को अपने मुँह में ले रखा था और में अरुण की तरफ मुँह करके लेटी हुई थी. अब बस इसी तरह से हम तीनों 3 दिन तक थोड़ा-थोड़ा मजा लेते रहे. अब जब भी किसी को मेरे बूब्स चूसने का मन होता तो वो चूसता और में उनके लंड चूसती और कभी वो मेरी चूत पर अपना हाथ फैरते और सोफे पर बैठकर मजे करते. फिर एक दिन तो हम तीनों ने बाथ टब में ही सेक्स का भरपूर मजा लिया.
नौकरी के लिये चूत की कुर्बानी
हैल्लो दोस्तों, में अरुणा और मुझे कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है और में पिछले कुछ सालों से इसकी कहानियों को लगातार पढ़ती आ रही हूँ. मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए में भी आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ.
यह मेरे जीवन की वो घटना है, जिसको में आज तक नहीं भुला सकी, वो सब मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है कि मेरे साथ क्या हुआ और कैसे हुआ? क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था, जिसको मैंने एक गैर मर्द से किया. वैसे मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि में कभी अपने पति के अलावा भी कभी किसी के साथ सेक्स करूंगी और यह मेरी पहली चुदाई थी इसलिए मुझे बहुत अजीब सा लगा.
दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में अपनी शादी होने के कुछ दिनों बाद ही अपने पति के साथ में मुंबई रहने लगी थी और वो मेरे लिए बिल्कुल नई नई जगह थी. मेरी वहां पर किसी से कोई जान पहचान नहीं थी और इसलिए कुछ दिनों बाद घर पर अकेले बैठे बैठे में बहुत बोर हो गयी थी, तो एक दिन मैंने अपने पति से कहकर मैंने भी उनसे नौकरी करने की आज्ञा ले ली थी और वैसे वो भी चाहते थे कि में भी कोई नौकरी करूं, उससे मेरा समय भी गुजरता रहेगा और मेरा मन भी लगा रहेगा.
दोस्तों मैंने अपनी शादी से कुछ साल पहले तक एक अच्छे से कॉलेज से अपनी बी-कॉम तक की पूरी पढ़ाई की थी और मैंने नासिक में कंप्यूटर एकाउंटिंग का भी कोर्स किया था इसलिए मुझे थोड़ा सा नौकरी का अनुभव भी था, तो मेरे पति ने मुझसे कहा कि उन्होंने अपने बॉस से मेरी नौकरी के बारे में कहा है और उनके बॉस ने उनसे वादा किया है कि वो उनके एक दोस्त के वहाँ पर मुझे वो कोई भी छोटी मोटी नौकरी पर जरुर लगवा देंगे, लेकिन में अपने दम पर कुछ करना चाहती थी इसलिए मैंने निर्णय लिया कि न्यूज़ पेपर में नौकरी की कोई खबर देखी जाए. फिर मैंने न्यूज़ पेपर में खबर देखी और कुछ जगह पर इंटरव्यू के लिए सुबह ही निकल गई और में इंटरव्यू के लिए पहुँची.
दोस्तों मैंने दो से तीन जगह पर जाकर इंटरव्यू भी दिया, लेकिन मुझे वहां से कुछ खास जवाब नहीं मिला. मुझे अब ऐसा लगा कि मुझे नौकरी नहीं मिलेगी, में उस बात को लेकर बहुत उदास थी क्योंकि मेरी इतनी अच्छी पढ़ाई और मेरी इतनी मेहनत के बाद भी मुझे वैसा फल नहीं मिल रहा था जिसकी मुझे उम्मीद थी. फिर एक जगह में इंटरव्यू के लिए बैठी थी, तो उस समय शाम के 6 बज चुके थे और तभी रिशेप्शन से किसी ने मुझसे कहा कि आप अंदर जाइए, तो मैंने उस वक़्त नीले कलर की साड़ी और उसी कलर का ब्लाउज भी पहना हुआ था और अंदर जाते ही मैंने देखा कि एक आदमी कुर्सी पर बैठकर फोन पर बातें कर रहे है.
फिर में उस कुर्सी के पास में जाकर खड़ी हो गई और उसने मुझसे बैठने को भी नहीं कहा, वो फोन पर बातें कर रहे थे और कभी कभी मेरे शरीर के उभार को भी देख रहे थे. फोन पर बातें करते वक़्त वो कई बार मेरी छाती के उभार पर नज़रे मार रहे थे. अब में समझ गई कि यह आदमी मेरे शरीर को देख रहा है, लेकिन मैंने अनदेखा किया और इधर उधर देखती रही और मैंने उसे अपने शरीर को देखने का अच्छा मौका दे दिया और जब भी मेरी नज़र इधर उधर होती तो वो अपनी नज़रे मेरे शरीर के अंगो पर लगा देता और हंस हंसकर फोन पर बात करता. फिर कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और फिर उसने अपनी बात को खत्म करके फोन रखकर मुझसे बैठने को कहा.
फिर कहीं जाकर मुझे अच्छा महसूस होने लगा था. उनका नाम मिस्टर मेहता था और उनकी टेबल के ऊपर मिस्टर मेहता के नाम की प्लेट रखी थी जिसको पढ़कर मुझे उनका नाम पता चला और कुछ सीधे साधे सवाल पूछने के बाद मैंने मेरी फाईल उन्हे हाथ में दे दी और फिर वो मुझसे कहने लगे.
मिस्टर मेहता : मिस अरुणा आपने नौकरी तो पहले भी की हुई है, लेकिन आपको इतना भी ज़्यादा अनुभव नहीं है और इस नौकरी के लिए कुछ ज्यादा अनुभव होना बहुत ज़रूरी है.
में : प्लीज सर आप मुझे एक मौका दे दीजिए, मैं आपको बिल्कुल भी निराश नहीं करूँगी, प्लीज एक बार, मैं मन लगाकर आपके सभी काम काम करूंगी.
फिर मेरे ऐसा कहते ही उसने मुझे स्माइल दी और मेरी छाती पर अपनी नज़र फेर दी और तभी मुझे भी महसूस हो गया कि शायद मैंने कुछ ग़लत ही कह दिया या कुछ ज्यादा ही बोल दिया है. दोस्तों में तो अपनी नौकरी के बारे में उनसे कह रही थी, लेकिन उसने उन सभी बातों का कुछ और ही मतलब निकाल लिया था. इस वजह से वो मुझे लगातार गंदी नजर से घूरने लगा था, लेकिन अब में क्या करती?
मिस्टर मेहता : हाँ लेकिन तुमसे पहले भी जो लोग मेरे पास इस नौकरी के लिए इंटरव्यू के लिए आए थे और वो भी सभी लोग इस नौकरी के लिए सब कुछ करने को तैयार थे.
दोस्तों मैंने अब बहुत हैरानी से उनकी पूरी बात सुनकर उन्हें देखा और में उनकी बातों का मतलब भी कुछ कुछ समझ चुकी थी. मुझे उनकी खराब नीयत समझ में आ रही थी.
मिस्टर मेहता : मेरा मतलब है कि वो सभी बहुत अच्छा काम करने को तैयार थे, चलो ठीक है अब तुम मुझे बताओ कि तुम यह नौकरी क्यों करना चाहती हो?
में : क्योंकि सर में घर पर बिल्कुल अकेले रहकर बोर हो जाती हूँ और मुझे अपने जीवन में हमेशा कोई ना कोई काम करते रहना पसंद है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए भी नौकरी करना बहुत ज़रूरी है.
मिस्टर मेहता : हाँ तुम्हारा कहना बहुत हद तक बिल्कुल सही है, में मानता हूँ कि तुम्हारी सोच बहुत अच्छी है, लेकिन मेरा मानना तो यह है कि किसी भी औरत के लिए आगे बढ़ना बहुत आसान होता है और तुम जैसी सुंदर औरत तो बहुत आराम से अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकती है.
में : माफ़ करना, लेकिन सर में आपकी बातों का मतलब नहीं समझी.
मिस्टर मेहता : चलो ठीक है तुम अभी तुम्हारे डॉक्युमेंट रहने दो, तुम मेरा यह कार्ड रख लो और कल तुम मुझे कॉल करना, में तुम्हे सब कुछ बता दूंगा.
दोस्तों में मन ही मन बहुत खुश हो गई और मैंने उन्हे स्माइल देकर धन्यवाद कहा और उठकर जाने लगी. मुझे पूरा विश्वास था कि उसने मेरे पलटकर जाते समय मेरे पीछे का नज़ारा ज़रूर देखा होगा. दिन भर के इंटरव्यू से में बहुत थक चुकी थी, मैंने घर पर पहुंचकर अपने पति से कह दिया कि आज हम कहीं बाहर से खाना मँगवाते है, मुझमें आज इतनी हिम्मत नहीं है कि में खाना बनाकर खा लूँ या तुम्हे भी खिला दूँ. फिर वो मेरी यह पूरी बात सुनकर बाहर से ही हमारे लिए खाना ले आए और फिर हमने साथ बैठकर खाना खाया और फिर कुछ देर बेड पर मस्ती की और उसके बाद हम सो गए, अगले दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने अपने सभी काम खत्म करने के बाद मिस्टर मेहता को कॉल किया.
में : हैल्लो सर में अरुणा बोल रही हूँ. क्या पहचाना आपने कल मेरी आपसे आपके ऑफिस में मुलाकात हुई थी और तब आपने मुझसे कहा था कि में आपको फोन करूं.
मिस्टर मेहता : हाँ में पहचान गया, लेकिन में अभी मीटिंग में हूँ और में तुमसे बाद में बात करता हूँ.
फिर उन्होंने मुझसे इतना कहकर फोन कट कर दिया और में अपने घर के कामों में लग गई. में फोन का इंतजार करने लगी और कुछ देर के बाद उनके नंबर से मुझे कॉल आ गया.
मिस्टर मेहता : हैल्लो अरुणा.
में : हाँ सर कहिए, आपने क्या निर्णय लिया?
मिस्टर मेहता : में तुम्हे सच सच बताना चाहता हूँ कि मेरे एक दोस्त के कहने से एक औरत को मुझे उसी जगह पर नौकरी पर रखना है और इसलिए तुम मुझे माफ़ करना क्योंकि में तुम्हे वो नौकरी नहीं दे सकता हूँ.
में : सर प्लीज़, आप मुझे एक बार मौका देकर देखिए, में बहुत मन लगा कर नौकरी करूँगी.
मिस्टर मेहता : देखो मुझे बिल्कुल भी घुमा फिराकर बात करना पसंद नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से बहुत समय खराब होता है और अब अगर तुम चाहो तो में खुलकर तुमसे बात करूं?
में : हाँ सर, कहिए ना?
मिस्टर मेहता : देखो मेरे दोस्त के कहने से जो औरत नौकरी पर आ रही है उसे नौकरी पर रखना मेरी मजबूरी है, वैसे अगर तुम चाहती हो कि में उसके बदले तुम्हे उस नौकरी पर रख लूँ तो मुझे उसके बदले में क्या मिलेगा?
में : हाँ सर बताइए ना कि आपको क्या चाहिए?
मिस्टर मेहता : अगर तुम तुम्हारी दे सकती हो तो?
दोस्तों मुझे समझने में बिल्कुल भी देर नहीं लगी कि वो मुझसे क्या चाहते है? तो मैंने तुरंत उस बात का मतलब समझते हुए उन्हें ना कह दिया और फिर फोन रख दिया. दोस्तों मुझे उस बात को सुनकर बहुत टेंशन हो गई थी, इसलिए में अपने पति को यह बात बताकर अपनी टेंशन को और नहीं बढ़ाना चाहती थी, इसलिए मैंने अपने पति को कुछ भी नहीं बताया.
अब उसी शाम को मेरे पति ने मुझसे कहा कि उसके बॉस ने उसको कहा है कि उसके एक दोस्त के वहाँ पर एक नौकरी है और तुम्हे कल वहाँ पर जाकर अपना इंटरव्यू देना है और वैसे इंटरव्यू तो देना बस एक काम है तुम्हारी वहाँ पर नौकरी बिल्कुल पक्की है, में यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गई कि आखिरकार मुझे नौकरी तो मिल ही गई और अब उस एकदम घटिया आदमी से मेरा पाला भी नहीं पड़ेगा. फिर मेरे पति ने मुझसे कहा कि कल मेरे बॉस खुद हमारे घर पर आने वाले है, इसलिए तुम अच्छी तरह से तैयार रहना. दोस्तों में मेरे पति के बॉस को पहले से ही बहुत अच्छी तरह से जानती थी, हमारी पहले भी दो से तीन बार मुलाक़ात हो चुकी थी और में अच्छी तरह से जानती हूँ कि वो एक बहुत अच्छे इंसान है.
फिर अगले दिन में उनका इंतजार करने लगी और शाम को करीब 6 बजे मेरे पास मेरे पति का फोन आ गया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो बॉस के साथ घर आ रहे है और मैंने यह बात सुनकर तुरंत फ्रेश होकर नारंगी कलर की साड़ी पहन ली और मैंने पहले से ही उनके लिए नाश्ता भी बनवा लिया था. घर पर मैंने बॉस का स्वागत किया और फिर मेरे पति और उनके बॉस के बीच में बातें होती रही और में उन्हे चाय नाश्ता देने में व्यस्त रही.
बॉस : प्रकाश में मेरे दोस्त के ऑफिस ही जा रहा हूँ, अगर तुम कहो तो में अरुणा को भी अपने साथ ले जाता हूँ, वहां पर इनका इंटरव्यू भी हो जाएगा और में खुद ही अरुणा का उनसे परिचय करवा दूँगा.
प्रकाश : हाँ ठीक है सर आपका यह विचार बहुत अच्छा है. अरुणा तुम जल्दी से तैयार हो जाओ और बॉस के साथ अपनी नौकरी के लिए इंटरव्यू पर चली जाओ.
दोस्तों मुझे थोड़ा सा अजीब महसूस हो रहा था कि में मेरे पति के बॉस के साथ उनकी कार में अपनी नौकरी के इंटरव्यू देने जाऊँ और वो भी शाम के टाईम, यह सब कुछ अजीब सा था, लेकिन में मन ही मन बहुत खुश थी खासकर अपनी नौकरी को लेकर, क्योंकि में मुंबई जैसे बड़े शहर में एकदम नयी थी, इसलिए मुझे वहां पर नौकरी मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और फिर वो वैसे भी मेरे पति के बॉस थे, इसलिए मुझे उनकी बात को मानना भी अब बहुत ज़रूरी हो गया था.
बॉस : हाँ ठीक है प्रकाश अब हम जाते है और मेरा ड्राईवर हमारा काम खत्म होने के बाद आते समय अरुणा को घर पर वापस छोड़ देगा.
में : लेकिन प्रकाश अगर आप भी मेरे साथ में आ जाते तो?
प्रकाश : ऐसी कोई बात नहीं है अरुणा, तुम इनके साथ चली जाओ और अब वैसे भी में हर जगह पर तुम्हारे साथ में नहीं आ सकता हूँ और फिर नौकरी भी तो तुम्हे अकेले ही करनी है और वैसे भी में आज बहुत थक गया हूँ.
फिर बॉस और मेरे पति प्रकाश दोनों ही अब हंसने लगे थे और मैंने भी उनकी बात को मान लिया और अब में बॉस के साथ जाने के लिए तैयार हो गई थी. मैंने अपने डॉक्युमेंट की कॉपी फाईल लेकर बॉस के साथ उनकी कार में उनके साथ पीछे की सीट पर बैठ गई.
मैंने देखा कि उनका ड्राईवर एक 20-22 साल का लड़का था, वो काली कलर की एक स्कोडा गाड़ी थी. उस समय शाम के करीब 7 बजे होंगे जब हम घर से निकले. फिर चलते समय रास्ते में बॉस और में इधर उधर की बातें कर रहे थे. तभी कुछ देर बाद धीरे से बॉस मेरी तरफ सरक गये जिसकी वजह से उनकी जांघ अब मेरी जांघ को छूने लगी थी.
में थोड़ा सा साईड में हो गई थी, लेकिन फिर से वो बात करते करते मुझसे दोबारा चिपक गये थे और बातों ही बातों में बॉस ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर छूकर उठा दिया, लेकिन मैंने उनकी इस बात का कोई विरोध नहीं किया. यह देखकर उन्होंने मुझसे बातें की और दोबारा मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और थोड़ी देर के बाद वो धीरे धीरे सहलाने लगे वो अब मुझसे बातें भी कर रहे थे. दोस्तों में अब बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि बॉस की मुझमे रूचि है, लेकिन मैंने भी उन्हें कोई खास भाव नहीं दिया, बस में उनकी बातें सुन सुनकर थोड़ी सी स्माइल देती रही.
दोस्तों प्रकाश के बॉस एक बहुत अमीर इन्सान थे और उनके हाथ में प्रकाश की नौकरी और अब मेरी नौकरी भी थी, इसलिए मेंने उनकी इन हरकतों को अनदेखा कर दिया. मैंने भी सोचा के बॉस को खुश रखेंगे तो हमारे परिवार को भी सहारा मिल जाएगा, लेकिन उनकी वो हरकते अब बढ़ चुकी थी. उन्होंने एक हाथ अब मेरे कंधे पर रख दिया था.
मैंने उनकी आखों में देखा और उनको स्माइल दे दी और फिर क्या था? उन्हे तो मानो इसी मौके का इंतज़ार था वो फिर कार में ही मुझे सहलाने लगे और आगे की सीट पर बैठा हुआ ड्राइवर कांच में से वो सब कुछ देख रहा था, लेकिन मुझे कुछ खास फरक नहीं पड़ा, क्योंकि मेरे हाथों में अब एक मजबूत पैसे वाले इन्सान का हाथ था. कुछ ही देर में हम अपनी मंजिल तक पहुँच गये और फिर जैसे ही में कार से नीचे उतरी मुझे याद आया कि इससे पहले भी में इस जगह पर आई हुई हूँ. फिर हम दोनों लिफ्ट से ऊपर गये और सबसे ऊपर वाली मंजिल पर पहुंचे, वहीं पर एक साइड में वो ऑफिस था जहाँ पर हमें जाना था.
फिर जैसे ही हम अंदर गये तो में अंदर जाते ही वो सब देखकर एकदम से बिल्कुल हैरान हो गई, क्योंकि वहाँ पर कुर्सी पर मिस्टर मेहता बैठे हुए थे और हमारे अंदर आते ही उन्होंने ज़ोर से हंसकर बॉस से अपना हाथ आगे करके हाथ मिलाया और जब उन्होंने मेरी तरफ देखा तो वो मुझे स्माइल देकर कहने लगे कि आप प्लीज़ बैठिए, उन्होंने मुझसे ऐसा कहा और दोस्तों वो मुझे देखकर शायद बहुत आश्चर्यचकित थे और उनके साथ साथ में भी.
बॉस : मेहता यह है अरुणा मैंने तुम्हे इसी के लिए कहा था.
मिस्टर मेहता : जी में इन्हे पहले से ही जानता हूँ क्योंकि यह दो दिन पहले ही अपना इंटरव्यू देने यहीं पर आई थी और किस्मत की बात देखो मैंने ही मना किया और वो भी इन्हें और फिर दोनों हंसने लगे हहाहहहह
बॉस : ठीक है बहुत अच्छा है कि आप लोग एक दूसरे को पहले से ही जानते हो.
दोस्तों मुझे बहुत टेंशन होने लगी थी और में मन ही मन सोचने लगी थी कि में अब यह नौकरी करूं या नहीं? तभी बॉस को किसी का कॉल आ गया और वो तुरंत कुछ देर के लिए उठकर केबिन से बाहर चले गये. में और अब मिस्टर मेहता ही केबिन में थे.
मिस्टर मेहता : अरुणा तुम मुझे माफ़ करना, मैंने कल तुम्हे फोन पर कुछ ज्यादा ही बोल दिया था. मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था, सही बात तो यह है कि तुम इतनी सुंदर हो कि मेरी मर्ज़ी ना होते हुए भी फोन पर ऐसे ही मेरे मुहं से वो सब निकल गया, प्लीज मुझे माफ़ कर दो.
दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर मुझे थोड़ा ठीक लगा और इसलिए मैंने भी अपना उन्हें जवाब दे दिया. मैंने उनसे कहा कि ठीक है सर ऐसी कोई बात नहीं है और अब मुझे आपके साथ काम करने में बहुत खुशी होगी, में मन लगाकर अपना काम करूंगी.
मिस्टर मेहता : ठीक हे तो कल से तुम अपनी नौकरी पर आ जाओ, मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और एक बार फिर से में तुमसे मुझे माफ़ करने के लिए कहूँगा प्लीज.
में : हाँ ठीक है, सर में आपके सभी काम बहुत मेहनत से करूंगी, मेरी तरफ से आपको कोई भी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. आप बस एक बार मेरा काम देख लीजिए.
फिर इतने में बॉस ने मिस्टर मेहता को आवाज़ दी और वो चले गये. में उसी जगह पर ही बैठी थी और वो बाहर खड़े हुए थे. मुझे उनकी कुछ कुछ आवाज़ें मुझे अंदर भी सुनाई दे रही थी. वैसे मुझे मेरे पति उनके बॉस और मिस्टर मेहता के बीच क्या सब कुछ बातें हुई थी, वो सब बिल्कुल भी पता नहीं थी.
बॉस : मेहता यह औरत मेरी कम्पनी में काम करने वाले एक नौकर की पत्नी है, मैंने इसको कार में ही पटा लिया है, तुम थोड़ा इसका ध्यान रखना.
मिस्टर मेहता : ठीक है, बहुत अच्छा है यार, चलो हम दोनों मिलकर खाते है हहहहह.
बॉस : हाँ क्यों नहीं तुम भी जरुर खाना, लेकिन पहले में.
मिस्टर मेहता : ठीक है और तुम सुनाओ काम कैसा चल रहा है?
बॉस : सब ठीक चल रहा है, लेकिन मुझे एक केबिन तो दो.
मिस्टर मेहता : हाँ हाँ क्यों नहीं आप मेरा केबिन ही काम में ले लो में अभी बाहर ही जा रहा हूँ, ठीक है बाय.
फिर मिस्टर मेहता उनसे इतना कहकर चले गये और मेरे पति प्रकाश के बॉस अंदर आए. उन्होंने केबिन को अंदर से बंद कर दिया में तुरंत खड़ी हो गयी वो सीधे आकर मेरे गले लग गये और मेरी गर्दन को किस करने लगे. उनके हाथ मेरी गांड को मेरी साड़ी के ऊपर से सहलाने लगे.
में : प्लीज़ सर, यह सब अभी नहीं, किसी और दिन.
बॉस : आओ ना अरुणा तुम्हे जीवन में आगे जाना है तो यह सब जल्दी होना ज़रूरी है, में तुम्हारे पति को भी अच्छी कुर्सी दे दूँगा उसके पैसे भी बढ़ जाएगे.
दोस्तों में अपने पति के आगे बढ़ने की बात सुनकर मेरा इनकार अब अचानक से इकरार में बदल गया. वो मुझे केबिन से जुड़े हुए बाथरूम में ले गये तभी उन्हे एक फोन आ गया वो कोई जरूरी कॉल था और उसकी वजह से उन्हे अचानक से कहीं बाहर जाना था.
अब फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो बस 30 मिनट में आ ही रहे है, वो कुछ जरूरी काम में लगे हुए है और फिर उनकी यह बात सुनकर मुझे अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश होकर सोचने लगी कि चलो आज तो में बच गई, लेकिन दोस्तों मेरा यह सब सोचना, खुश होना बिल्कुल ग़लत था. अब बाथरूम में वो मेरे पीछे आकर खड़े हो गये और उन्होंने तुरंत मेरे सर पर अपना एक हाथ रखकर मुझे नीचे झुका दिया.
में उनके सामने थोड़ा सा झुक गई और अब वो अपनी पेंट को खोलने लगे तो में तुरंत समझ गई कि जल्दी में ही सही, लेकिन अब यह एक बार जरुर मेरी चुदाई करने ही वाले है और मेरे झुकते ही उन्होंने तुरंत मेरी साड़ी को पूरा ऊपर उठा दिया, जिसकी वजह से उन्हें मेरी पेंटी नजर आने लगी और फिर उन्होंने बिना देर किए तुरंत मेरी पेंटी को भी एक झटके से खींचकर नीचे कर दिया, जिसकी वजह से मेरी पेंटी नीचे सरक गई और मेरी सुंदर गोरी मध्यम आकार की गांड अब पूरी तरह से नंगी होकर उनके सामने थी.
अब उन्हें पीछे से मेरी गुलाबी चूत का नज़ारा भी दिख रहा था. उन्होंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और उस पर थोड़ा सा थूक लगाकर पीछे से मेरी चूत में डाल दिया.
दोस्तों उनका धक्का इतना जोरदार था कि उसकी वजह से उनका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ, क्योंकि एक तो में खड़ी हुई थी और जिसकी वजह से मेरी चूत का छेद कम खुला हुआ था और ऊपर से उनके मोटे लंड ने मेरी चूत को बहुत जबरदस्त धक्का दिया. मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरी कोमल मासूम चूत में जानबूझ कर कोई मोटा डंडा डाल दिया हो.
उस दर्द से मेरे मुहं से चीख निकल गई और कुछ देर धक्के लगने के बाद में थोड़ा सा शांत हो गई और उनके साथ उनके धक्कों का मज़ा लेने लगी. दोस्तों वो लगातार मेरी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहे थे और में चीखना चाहती थी, लेकिन चीख ना सकी और वो बहुत जल्दी में थे और 5 से 7 मिनट के जबरदस्त धक्कों के बाद उन्होंने अपना लंड झट से बाहर निकाला लिया और फिर उन्होंने हाथ से अपना लंड हिलाकर ही बाहर अपना वीर्य निकाल दिया और फिर वो बाथरूम से बाहर चले गये.
फिर उनके चले जाने के बाद मैंने अपने आपको साफ किया और फिर पेंटी पहनकर बाहर केबिन में आ गई तब तक मिस्टर मेहता भी आ गये थे, तो उन्होंने बॉस से कहा कि में अरुणा को इसके घर तक छोड़ देता हूँ, आप चाहे तो चले जाए और फिर बॉस उनके ज़रूरी काम से बाहर चले गये. अब में और मिस्टर मेहता उनकी कार में घर के लिए निकल गये, वो मुझे स्माइल दे रहे थे और मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में उनसे कैसे बात करूँ?
मिस्टर मेहता : अरुणा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो यह सब होता रहता है और मुंबई जैसे शहर में यह सब बातें होती रहती है, मैंने तुमसे पहले भी कहा था कि एक औरत के लिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए यही अच्छा है कि वो साथ दे और जो आज तुमने किया है, तुम्हारा यह निर्णय एकदम सही है कि तुम अब और भी ज्यादा अनुभवी और एक नौकरी वाली हो गई हो.
दोस्तों मुझे मिस्टर मेहता के सहज बात करने के तरीके ने उनकी तरफ बहुत आकर्षित किया और में वैसे अपने मन की सही बात बताऊँ तो में मन ही मन आज बहुत खुश थी अपने नए अनुभव और मेरी नई नौकरी के लिए भी.
में : आपको बहुत बहुत धन्यवाद मिस्टर मेहता जी, क्योंकि आप हमेशा बहुत सुलझी हुई बात करते है. मैंने ही आपको बहुत गलत समझ लिया था, उसके लिए आप मुझे एक बार माफ़ जरुर करना.
मिस्टर मेहता : हाँ यह सब ठीक है और अरुणा वैसे मुझे भी तुम बहुत पसंद हो, लेकिन जब तक तुम हाँ नहीं करोगी में तुम्हे हाथ भी नहीं लगाऊंगा, तुम बिल्कुल बेफिक्र होकर अपनी नौकरी कर सकती हो और तुम्हे मुझसे डरने की ज़रूरत नहीं है. जब तुम्हारा दिल करे प्रमोशन लेने का तब तुम मुझसे कह देना, में तुम्हे प्रमोशन दे दूँगा हाहहहहहा.
में : हाहहह वैसे आप बहुत अच्छा मजाक करते हो.
अब मैंने भी उन्हें स्माइल दे दी और फिर मेरा घर आ गया था. मैंने उन्हें अपने घर में आने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मुझसे यह बात कहकर टाल दिया कि में अगली बार जब भी तुम मुझे बुलाओगी में जरुर आ जाऊंगा और फिर वो चले गए और मैंने घर के अंदर आकर बहुत खुश होकर अपने पति को अपनी नौकरी पक्की होने की बात बता दी. फिर प्रकाश ने मुझसे कहा कि में तो बहुत अच्छी तरह से जानता था कि तुम्हे यह नौकरी तो मिलनी ही थी.
मैंने जो मेरे बॉस को तुम्हारी सिफारिश करने को कहा था, तो मैंने मन ही मन में सोचा कि यह नौकरी तो मुझे मेरे 10 मिनट के उस काम की वजह से मिली है और मैं मन ही मन मुस्कुराने लगी और मेरी शादी के पहले भी दो बॉयफ्रेंड थे, तो मुझे अपने पति को यह सभी बातें ना बताने में कभी भी ऐसा कुछ महसूस ही नहीं हुआ.
अगले दिन से मैंने अपनी नौकरी शुरू की और मुझे बहुत अच्छा काम दिया गया अकाउंट्स का. मेरी मिस्टर विनय के कामों में उनकी मदद करने की नौकरी थी, जिसकी वजह से अकाउंटिंग की बहुत सारी जानकारी में मेरी ट्रैनिंग भी हो गई थी, वो नौकरी मैंने करीब एक साल तक की होगी, लेकिन फिर मैंने अपनी मर्जी से उस नौकरी को छोड़ दिया था और अब में कहीं और किसी फर्म में नौकरी करने लगी थी, लेकिन एक साल में कई बार मैंने और मिस्टर मेहता ने होटल्स में अपना दिन बिताया और हमने ऑफिस में भी बहुत मज़े किए.
फिर मेरे पति ने भी कुछ दिनों के बाद अपनी मर्जी से नौकरी को छोड़कर हमारा खुद का किराना शॉप खोल लिया था, लेकिन दोस्तों उसके बाद भी मेरे पति के बॉस से मेरा वो रिश्ता बहुत दिनों तक रहा और जब भी उनका दिल करता वो मुझे कॉल करते और में तुरंत उनके पास चली जाती थी. फिर मेरे पति के नौकरी छोड़ने के बाद उनके बॉस से मेरा रिश्ता भी खत्म हो गया.
मिस्टर मेहता के पास भी मैंने पूरे एक साल ही नौकरी की थी और फिर काम का अच्छा अनुभव मिलने पर दूसरी एक ट्रेडिंग फर्म में मुझे अच्छी पोस्ट पर ऑफर मिल गया और मैंने वहाँ पर नौकरी की. वहाँ का बॉस 50 की उम्र का था और वो मुझे अपनी बेटी की तरह ही रखता था. वहाँ पर मेरा कोई अफेयर नहीं हुआ, लेकिन पिछले सप्ताह मैंने उस नौकरी को भी छोड़ दिया है.
गर्लफ्रेंड की चूत की प्यास बुझाई
हैल्लो दोस्तों , मेरा नाम इमरान है और में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ. में इस साईट कि सारी कहानियां पढ़ता हूँ और मुझे बहुत पसंद आती है तो मैंने सोचा कि क्यों ना में भी अपना एक अनुभव आपके साथ शेयर करूँ. ये बात तब की है जब में क्लास 12वीं की परीक्षा दे रहा था.
अब में आपको अपने बारे में बता दूँ. मेरी बॉडी सामान्य है और में शर्माता बहुत हूँ, लोग बोलते है कि मेरी बॉडी सेक्सी है तो अब में आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ.
जब सर्दी का मौसम था और मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी और मुझे गर्लफ्रेंड बनाने में कोई रूचि भी नहीं थी. मुझे लड़कियों के ऑफर तो बहुत आते थे, लेकिन में मना कर देता था, क्योंकि में इन सब में थोड़ा शर्माता था. मेरी पड़ोस में मेरी एक कजिन सिस्टर रहती थी, में उनके घर रोज जाता था तो उनके घर में एक लड़की आती थी जो मुझसे 3 या 4 साल बड़ी थी, उसका नाम एलीना था. में उसे रोज देखता था लेकिन छुपकर, क्या माल थी यार वो? उसका फिगर लगभग 32-26-34 होगा और एकदम सुंदर थी, लेकिन मेरी शरमीली हरकत की वजह से में उससे बात नहीं कर पाता था, लेकिन बोलते है ना कि सब्र का फल मीठा होता है.
फिर एक दिन उसने खुद आ कर मुझसे बात की और बोली कि तुम इतने चुप-चुप क्यों रहते हो? तो में बोला कि बस ऐसे ही और हमारी बात शुरू हो गई और कुछ दिनों में नम्बर भी एक्सचेंज हो गये. अब में स्पोर्ट्स की वजह से ज़्यादातर बाहर रहता था तो एक बार में बाहर था तो उसका कॉल आया और वो बोली कि तुम मुझे कभी टाईम नहीं देते हो.
में बोला कि सॉरी क्या करूँ? तुम्हें पता है ना में स्पोर्ट्स में हूँ तो क्या करूँ? तो वो नाराज़ हो गई और फोन काट दिया. फिर मैंने उसे फोन किया और बोला कि सॉरी बाबा आई लव यू, तो वो बोली आई हेट यू. फिर में बोला कि ऐसा मत बोलो वरना अभी बेड पर आकर उल्टा सीधा कर डालूँगा, तो वो बोली कि तुम में हिम्मत नहीं है, तो में बोला कि कर सकता हूँ.
वो बोली कि तो करो ना, मैंने रोका क्या? तो में समझ गया कि ये क्या चाहती है? तो में बाथरूम में गया, क्योंकि रूम में बाकी के स्पोर्ट्स वाले फ्रेंड्स थे. फिर मैंने वहाँ जाकर बोला कि सोचो कि में तुम्हारे पास ही हूँ, तो वो बोली कि ठीक है, फिर में बोला कि में तुम्हें किस कर रहा हूँ, तो वो बोली कि ठीक है, फिर में बोला कि में तुम्हारा बूब्स दबा रहा हूँ, तो वो बोली कि ह्म्म्मम्म.
फिर में बोला कि ठीक है अब में तुम्हारे ऊपर आ रहा हूँ, तो अचानक से उसकी सिसकारियां निकलने लगी उूउउम्म्म्म आआअहह ईइसस्स्स्स्स् तो में समझ गया की ये फिंगरिंग कर रही है. फिर में भी अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा.
कुछ देर के बाद ये सब ख़त्म हो गया. फिर कुछ दिन बाद में घर पहुँचा तो वो बोली कि अब तो मुझसे मिलो, तो में बोला कि ठीक है, लेकिन कहाँ? तो वो बोली कि रात को जब सब सो जाए तो तुम छुपके से मेरे घर आना. में डोर ओपन कर दूँगी वैसे हमारा घर ज़्यादा दूर नहीं था. फिर में रात को उसके घर पहुँचा तो जाते ही उसने मुझे हग कर दिया, अब मैंने उसे गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया तो उसने अपनी आँखे बंद कर ली. अब में उसे स्मूच करने लगा और उसकी जीभ चूसने लगा.
फिर में धीरे-धीरे अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया और दबाया, वाऊ क्या बूब्स थे यार? मैंने पहली बार किसी लड़की के बूब्स दबाये थे तो उसके मुँह से आवाज़ निकली आईईइसस्स्स्सस्स. फिर मैंने नीचे से उसका नाड़ा खोल दिया और उसने मेरी जीन्स उतार दी और मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी, ववववाअहह अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर कुछ देर के बाद में झड़ गया और फिर में उसका टॉप उतार कर उसके बूब्स पागलों की तरह सक करने लगा और दबाने लगा. फिर वो बोली कि आआहह उूउऊहह धीरे बाबू ये तुम्हारे ही तो है, लेकिन अब में कहाँ सुनने वाला था. अब मुझ पर तो जुनून सवार हो चुका था.
फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और में उसकी चूत में उंगली करने लगा तो उसके मुँह से सेक्सी आवाज़े आने लगी आआआहह ईईईइइ मार डाला सट्अअप्प्प्प्पप आआआहह. अब में तो समझ गया था कि ये वर्जिन है प्यार से करना होगा और हम उसके घर में थे. फिर में उसके ऊपर आया और उसके पैरो को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा तो वो तड़पने लगी और बोली कि करो ना जल्दी. फिर पहले मैंने अपने लिप उसके लिप पर रखे और थोड़ा धक्का मारा तो उसने मेरे लिप पर काट दिया और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभा दिए और फिर मेरे लिप्स हटाकर बोली कि निकालो इसे बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी.
फिर में बोला कि कुछ नहीं होगा पहली बार थोड़ा दर्द होगा. फिर में उसके बूब्स सक करने लगा. फिर कुछ देर के बाद वो शांत हो गई तो मैंने एक और धक्का लगा दिया तो उसकी थोड़ी सी चीख निकल गई, लेकिन मैंने उसका मुँह दबा दिया और फिर झटके मारने शुरू कर दिए. फिर कुछ देर के बाद वो भी मज़े लेने लगी और आवाज़े निकालने लगी आआआआअहह उूउउम्म्म्मम मज़्ज़्ज़्ज़ज़ा आ रहा है, आहाईई करते रहो आआहह और नीचे से वो भी धक्के लगाने लगी, क्या बताऊँ यारो? अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अब में तो मानो सातवें आसमान पर था.
अब में बिना कंडोम के ही चुदाई कर रहा था. में एक मेडिकल का स्टूडेंट हूँ तो मुझे सब पता था. फिर उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और तेज़-तेज आवाज़े निकालने लगी आआआआआहह जल्दी करो मुझे कुछ हो रहा है, लेकिन उसकी आवाज़े धीरे थी, क्योंकि हम उसके घर में जो थे.
फिर में समझ गया कि अब ये झड़ने वाली है और फिर कुछ देर के बाद में भी झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके ऊपर ही झड़ गया. फिर कुछ देर तक उसी के ऊपर लेटा रहा, फिर वो खुद बोली कि बाबू एक बार और करो ना तो मैंने फिर से अपना लंड साफ किया और करने लगा और इस बार और भी जोरदार किया. अब उसकी तो आवाज़े ही नहीं रुक रही थी आआआहह उूउउम्म्म्म आआईईईई लव यू बहुत मजा आ रहा है और फिर हमने खूब इन्जॉय किया.
खुशबू के जिस्म को गुलाम बनाया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमन है और में राँची (झारखंड) से हूँ. में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है. मैंने अब तक बहुत सारी कहानियाँ पढ़कर बहुत मज़े किए और आज में आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई, जिसमे मैंने मेरी एक दोस्त जो कि सिर्फ मेरी एक अच्छी दोस्त थी कैसे मैंने उसको अपनी तरफ करके चोदा में वो सब कुछ आप लोगों को आज पूरा विस्तार से बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी.
दोस्तों में उस समय सिर्फ 21 साल का था और दोस्तों मेरा अपना घर राँची में ही है और में वहीं पर एक अच्छे से कॉलेज में अपनी पढ़ाई करता था मेरे कुछ दोस्त हॉस्टल में रहते थे. तो बाद में उन लोगों ने एक तीन बेडरूम वाला फ्लेट किराए पर ले लिया था जिसमें मैंने भी उस फ्लेट का किराया देने में उनकी बहुत बार मदद की थी. मेरे दो दोस्त एक एक रूम में और एक रूम मैंने अपने लिए रखा हुआ था, अपने मज़े मस्ती करने के लिए मतलब अपनी गर्लफ्रेंड को वहां पर ले जाकर मज़े करने के लिए.
दोस्तों उस समय मेरी 3-4 गर्लफ्रेंड थी तो में उनको जब भी मौका मिलता वहां पर ले जाकर चोदता था. मेरे एक दोस्त की मोबाइल की दुकान थी और में अक्सर वहाँ जाता था. एक दिन में वहां पर बैठा हुआ था तो एक लड़की मोबाइल रीचार्ज करवाने आई, वो लड़की दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं थी, लेकिन ठीक ठाक थी और उसके बड़े बड़े बूब्स मोटी गांड भरा हुआ शरीर बस उसको देखकर ही मेरा मन किया कि में उसके बूब्स को पकड़कर पी जाऊँ और उनको निचोड़ दूँ. फिर उस लड़की ने मेरे दोस्त को अपना मोबाईल नंबर दे दिया और उससे वो नंबर रीचार्ज करने के लिए बोला और मेरे दोस्त ने उसका मोबाईल नंबर रीचार्ज कर दिया.
दोस्तों उसका मोबाईल नंबर थोड़ा सा आसान था तो मैंने उसके बताते ही तुरंत उस नंबर को याद कर लिया और जब वो अपना काम खत्म करके वहां से गयी तो मैंने अपने मोबाईल में उसका नंबर लिखकर रख लिया और उसके दो दिन बाद मैंने उसको एक मैसेज किया तो कुछ देर बाद मुझे उसकी तरफ से भी एक मैसेज आ गया जिसमे लिखा हुआ था कि तुम कौन हो? दोस्तों मैंने जानबूझ कर अपनी तरफ से उसको एक और मैसेज करके कहा कि मेरा नाम अमन है और आप मुझे माफ़ करे यह मैसेज मुझसे हुई गलती की वजह से आपके पास चला गया था, प्लीज आप इस पर ज्यादा ध्यान ना दें.
फिर थोड़ी देर में मेरे पास उसकी तरफ से एक और मैसेज आ गया जिसमें लिखा हुआ था कि वो सब तो ठीक है, लेकिन अब आप मुझे यह तो बताओ कि आप कहाँ के रहने वाले हो? तो मैंने भी उसको अपनी तरफ से दोबारा एक मैसेज लिखकर भेज दिया कि में राँची का रहने वाला हूँ. फिर उसने मुझसे पूछा कि आप क्या करते हो? और फिर हमारी ऐसे ही मैसेज से बातें होने लगी थी और तब मुझे पता चला कि वो राँची के एक कॉलेज में पढ़ती है और वो इस समय लड़कियों के एक हॉस्टल में रहती है और उसका नाम खुशबू है.
फिर ऐसे ही कुछ दिन तक हमारी मैसेज से बात होती रही और फिर मैंने एक दिन उससे पूछा कि क्या में तुम्हे कॉल कर सकता हूँ? तो उसने मुझसे बोला कि हाँ ठीक है और मैंने उसको कॉल किया तो मुझे उसकी आवाज़ सुनने में बहुत अच्छी लगी थी. मुझे उसको सुनकर ऐसा लगा कि वो एक बहुत शरीफ लड़की है और थोड़ी शांत भी है. हमारी ऐसे ही कुछ दिन तक लगातार बात होती रही और वो अब मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी.
मुझे भी अब उससे बात करना बहुत अच्छा लगने लगा था और हम दोनों रात रात भर फोन पर बातें किया करते थे और कुछ दिन गुजर जाने के बाद मैंने एक दिन उसको मिलने के लिए पूछा तो वो मान गई. फिर हम दोनों उसकी बताई हुई जगह पर मिले और मैंने उससे बहुत अच्छी तरह से बात की हम कुछ देर साथ में घूमे और फिर मैंने अपनी बाईक से उसको उसके हॉस्टल तक ले जाकर छोड़ दिया, वो मेरे साथ बाहर घूमकर बहुत खुश नजर आ रही थी.
एक दिन अचानक मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा क्या कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने मुझसे बोला कि हाँ कुछ समय पहले था, लेकिन अब नहीं और अब वो कोई बॉयफ्रेंड बनाना भी नहीं चाहती है. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम ऐसा क्यों करना चाहती हो? तो उसने मुझसे बोला कि बस ऐसे ही, लड़के जब तक एक दोस्त होते है तब तक वो बहुत अच्छे होते है, लेकिन जैसे ही वो बॉयफ्रेंड बनते है तो उसके बाद उनको सिर्फ एक ही चीज़ से मतलब होता है और वो बस उसी पर ज्यादा ध्यान देते है. दोस्तों में उसकी दो मतलब वाली बात को बहुत अच्छी तरह से समझ गया था कि इसके बॉयफ्रेंड ने इसको चोदकर अब अकेला छोड़ दिया है, इसलिए यह एसी बातें कर रही है.
फिर मैंने भी मन ही मन सोचा कि में भी अपनी तरफ से कोशिश करता हूँ शायद मुझे भी इसको एक बार चोदने का मौका मिल जाए. फिर मैंने भी धीरे धीरे दो मतलब की बातें करना शुरू कर दिया था और वो मेरी सभी बातों का मतलब समझती थी, लेकिन उसने अपनी तरफ से मेरी बातों में कोई खास रूचि नहीं दिखाई.
एक दिन मैंने उसको सच सच अपने मन की बात कही तो उसने मुझे जवाब दिया कि में बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि तुम मुझे क्यों अपने मन की बात बता रहे हो? लेकिन में तुम्हे एक बात बता दूँ कि में तुमसे दोस्ती के अलावा और कोई भी रिश्ते को आगे बढ़ाने नहीं दूंगी इसके अलावा तुम्हे मुझसे जो कुछ चाहिए में वो सब दूंगी.
दोस्तों में अब बहुत अच्छी तरह से समझ गया था कि वो जान गई है कि में उससे अब क्या चाहता हूँ? तो मैंने तुरंत उसको बोल दिया कि जो मुझे चाहिए क्या वो तुम दोगी? तो उसने बोला कि हाँ, लेकिन एक हद तक. फिर हमारे बीच सेक्सी बातें शुरू हुई और धीरे धीरे मुझे पता चला कि वो तो एकदम चुदक्कड़ लड़की है और वो खुलकर अपनी बातों में मुझसे लंड, चूत, भोसड़ा जैसे शब्द काम में लेने लगी थी और फिर मैंने उससे पूछा कि तुम क्या मेरे साथ रूम पर चलोगी? पहले तो उसने थोड़ा सा नाटक किया, लेकिन फिर मेरे कहने पर मान गई और वो मुझसे कहने लगी कि मेरी एक शर्त है, में चुदाई नहीं करूँगी और उसके अलावा तुम जो चाहो कर लो.
फिर मैंने उसको बोला कि यह क्या बात हुई? उसने कहा कि अगर तुम मेरे अच्छे दोस्त हो तो प्लीज़ मेरी बात मान लो. फिर में तुम्हे हमेशा ओरल सेक्स का मज़ा दूँगी. फिर मैंने बोला कि चलो ठीक है और उसके अगले दिन मैंने उसको उसके हॉस्टल से अपने साथ ले लिया और फिर में उसे अपने दोस्त के रूम पर ले गया जहाँ पर एक रूम मेरा भी था.
हम उस रूम में चले गये और हमने बैठकर पहले थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और फिर अचानक मैंने उसको अपने ऊपर खींच लिया, जिसकी वजह से उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती से टकरा गए और मुझे अहसास हुआ कि उसके बहुत बड़े आकर के एकदम मुलायम है और फिर मैंने उसके कान में उससे पूछा कि तेरे बूब्स का आकार क्या है? तो वो बोली कि 36 और उसके मुहं से इतना सुनते ही मैंने झट से बूब्स को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी. फिर मैंने जल्दी से उसका कुर्ता उतार दिया और अब वो मेरे सामने ब्रा में थी और उसको मुझसे थोड़ी सी शरम भी आ रही थी, इसलिए उसने अपनी दोनों आखें बंद कर ली थी, लेकिन फिर भी मैंने उसको अपने ऊपर खींचा और उसकी ब्रा को खोल दिया.
अब उसके बड़े आकार के बूब्स झूलते हुए ठीक मेरे सामने थे, वो बहुत मस्त गोल गोल और उस पर हल्के भूरे रंग के छोटे से निप्पल थे. मैंने जैसे ही उसके निप्पल को अपने मुहं में लिया तो वो तड़प गई और अब वो मुझसे बोली कि प्लीज़ चूसो इन्हें तुम जितना चाहो दबा लो, क्योंकि इनको चूसने से मुझे बहुत गुदगुदी होती है प्लीज और उस वजह से में अपना कंट्रोल खो देती हूँ. तुमने मुझसे पहले ही वादा किया था कि तुम चोदोगे नहीं, इसलिए सिर्फ़ दबाओ तुम्हारा जितना मन करे उतना दबाओ.
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और बूब्स को लगातार चूसता रहा, जिससे वो सिसकियाँ लेते हुई तड़पने लगी. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड पर लगाया और दबाने लगा, जिसकी वजह से वो अब धीरे धीरे ढीली पड़ने गयी थी. फिर मैंने उसको लेटा दिया और उसका पजामा खोलने लगा. पजामा खुलते ही मुझे उसकी काली कलर की पेंटी दिखी, जिसमे वो बहुत मस्त दिख रही थी और बड़े बड़े एकदम आज़ाद बूब्स गोरा गदराया हुआ बदन और वो काली कलर की पेंटी.
मैंने जैसे ही उसकी वो पेंटी नीचे उतारी तो उसकी बिना बालों वाली चूत मुझे दिखी. उसने अपनी चूत के बालों को पहले ही साफ किया था, एकदम गोरी उभरी हुई चिकनी और गीली चूत को देखकर में तो अपना कंट्रोल ही खो बैठा और वैसे भी मुझे ऐसी ही सेक्सी लड़कियाँ ज्यादा पसंद है. मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और फिर मैंने उसकी चूत को चूमा.
उसने मुझसे कहा कि तुम सिर्फ़ इसको चाटना मत बल्कि ज़ोर ज़ोर से खींचकर चूसना, क्योंकि मुझे बहुत मज़ा आता है जब कोई भी मेरी चूत को खींच खींचकर चूसता है. अब मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना और होंठो से चूसना शुरू किया और फिर वो अचानक से बोली कि भोसड़ी के मैंने तुझे पहले ही बोला ना चूसना, चाटना मत फिर भी तू क्यों मेरी चूत को चूस रहा है? दोस्तों में तो बस उसको तड़पाना चाहता था, इसलिए में जानबूझ कर यह सब उसके साथ कर रहा था और अब में उसकी चूत को फैलाकर उसके दाने को जीभ से कुरेदने लगा था, जिसकी वजह से वो अब और भी ज्यादा तपड़ने लगी थी और वो मेरा सर पकड़कर ज़ोर से अपनी चूत पर दबाने लगी थी.
मैंने उसकी चूत को ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से बहुत अच्छी तरह से चाटा और एक बार फिर से चूसना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी थी और अपने हाथ से खुद ही अपने बूब्स को दबाने लगी थी, वो अब तक बहुत गरम हो गई थी.
मैंने सही मौका देखकर तुरंत अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और फिर धीरे धीरे ऊँगली को चूत के अंदर बाहर करने लगा और उसके साथ साथ में उसकी चूत को भी चूस रहा था और जोश में आकर वो अपनी कमर को हिला हिलाकर उंगली को और भी अंदर लेने लगी थी. अब में अपनी पूरी जीभ को अंदर तक घुसाकर चूत को चाटने चूसने लगा था, वो अब और भी जोश में आकर मुझसे बोलने लगी कि हाँ चूसो अमन और ज़ोर से चूसो आह्ह्ह्हह्ह्हह मेरी चूत का आज तुम पूरा पानी निकल दो उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्ईईईईईई हाँ पी जाओ तुम आज मेरी चूत को आईईईईई.
दोस्तों करीब 15 मिनट मेरे चूसने के बाद वो झड़ गई और उसकी चूत से निकला वो गरम नमकीन पानी में चाट गया, वो मुझे चेहरे से बहुत संतुष्ट लग रही थी, लेकिन फिर मेरे कुछ बोलने से पहले उसने मेरी पेंट को खोल दिया और फिर उसने मेरे लंड को बाहर निकालकर देखा और अब वो बहुत खुश होकर मुझसे बोली कि तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मस्त है, यह करीब 7 इंच का है.
तुरंत मैंने उससे बोला कि हाँ अब तुम इसको भी शांत कर दो, तो उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर झट से मेरा लंड अपने मुहं में लिया और चूसने लगी. दोस्तों उसने वाह क्या मस्त लंड चूसा. करीब 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको लेटा दिया और लंड को चूत के मुहं पर घिसने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी और वो मुझसे बोली कि उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह तुम यह क्या कर रहे हो? प्लीज़ तुम इसे मेरी चूत के अंदर मत डालना, तुमने मुझसे यह सब ना करने का वादा किया था.
फिर मैंने उससे कह दिया कि हाँ ठीक है, जब तक तुम मुझसे नहीं कहोगी में अपना लंड तुम्हारी चूत के अंदर नहीं डालूँगा, लेकिन बस मुझे ऊपर ऊपर ही घिसने दो. फिर वो मेरी यह बात मान गयी और वो खुद मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत के मुहं के ऊपर घिसने लगी उसकी चूत अब तक बहुत गरम हो गयी थी और वो पानी से पूरी गीली भी थी, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत पर बड़ी आसानी से फिसल रहा था और अब वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ रही थी और ऊपर नीचे करते करते लंड कई बार उसके छेद में अटक भी जाता.
फिर वो उसको अपनी चूत के दाने पर भी रगड़ती रही, लेकिन कुछ देर यह सब करने के बाद अचानक से उसने मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर रख दिया और थोड़ा सा धक्का देते हुए लंड का टोपा अंदर दबाया और फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज अमन चोदो मुझे. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा जल्दी करो आह्ह्ह्ह.
दोस्तों में तो कब से इस काम को करने के इंतज़ार में था फिर मैंने अब उसकी तरफ से हाँ का जवाब सुनते ही पूरी तरह से जोश में आकर एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी प्यासी चूत के अंदर डाल दिया, वो हल्का सा चीखी, लेकिन उसने अपनी आवाज़ पर कंट्रोल कर लिया था और फिर मैंने धनाधन अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था. में उस समय बहुत जोश में था क्योंकि मैंने बहुत देर तक इंतजार किया था और अब वो मुझसे चुदते हुई बोली कि वाह अमन मज़ा आ गया उफ्फ्फ्फ़ तुमने मेरी चूत को बहुत अच्छा चूसा आह्ह और अब शायद तुम मेरी चुदाई भी बहुत अच्छी करोगे.
मैंने आज करीब 7 महीने बाद किसी का लंड अपनी चूत के अंदर लिया है आह्ह्ह्हह्ह मेरे बॉयफ्रेंड का लंड तुम्हारे लंड से बहुत छोटा था. तुम ने तो आज मुझे वो मज़ा दिला दिया है जिसके लिए में अब तक तरस रही थी उफ्फ् हाँ चोदो मुझे आहह्ह्ह्ह और ज़ोर से चोदो. दोस्तों अब चुदाई के दौरान उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी, जिसकी वजह से मेरा लंड बहुत आराम से अंदर बाहर फिसलता हुआ जा रहा था. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी चूत हल्की सी टाईट थी, लेकिन चूसने से वो पानी पानी हो गई थी, जिसकी वजह से लंड अब बहुत आसानी से अंदर बाहर हो रहा था.
फिर करीब दस मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गयी और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था. मैंने उससे पूछा कि में अब अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो उसने मुझसे कहा कि तुम मुझे पीछे से डॉगी स्टाईल में अपना लंड डालकर मुझे चोदो और मेरी गांड पर अपना पानी निकाल दो.
फिर मैंने उसके कहने पर तुरंत उसको पलटकर घोड़ी बना दिया और फिर में उसको पीछे से लंड डालकर चोदने लगा. करीब तीन चार मिनट के बाद मेरा वीर्य निकल गया तो मैंने तुरंत अपना लंड बाहर खींचकर उसकी गांड के ऊपर वीर्य को निकाल दिया और फिर गांड पर लंड को रगड़ने लगा.
वो मुझसे बोली कि वाह मज़ा आ गया, तुमने तो मुझे आज बहुत सालों बाद पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है. तुमने मुझे आज चोदकर बहुत खुश कर दिया है, में मानती हूँ कि तुम्हे चुदाई करने का बहुत अच्छा अनुभव है, तुमने जो सुख आज मुझे दिया है में उसके लिए बहुत समय से तरस रही थी. तुम्हारे साथ चुदाई करके मुझे आज मज़ा आ गया वाहहह तुम बहुत अच्छे हो और आज के बाद से तुम मुझे जैसे चाहो जब चाहो चोद सकते हो. आज से मेरा यह जिस्म तुम्हारे लंड का गुलाम बनकर रह गया है. दोस्त उस दिन के बाद लगभग मैंने तीन महीने में उसको करीब 8 बार अलग अलग तरह से हर एक स्टाइल में चोदा और हर बार वो भी मुझे कुछ ज्यादा ही मज़ा देती थी और अब हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत जमकर चुदाई करते है और बहुत मज़े करते है.
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