चूत फाड़ता हुआ लंड अंदर चला गया


ममता मेरे घर पर आई मैंने जब घड़ी की तरफ देखा तो 10:00 बज रहे थे मैंने ममता से कहा मैं घर की साफ सफाई कर लेती हूं उसके बाद मैं तुम्हारे साथ बैठूंगी ममता कहने लगी ठीक है सुहानी तुम घर का काम खत्म कर लो। मैं अब घर का काम खत्म कर के ममता के साथ बैठ गयी ममता और मैं आपस में बात कर रहे थे तो ममता ने मुझे कहा कि वह कुछ दिनों के लिए अपने मायके जा रही है। मैंने ममता से कहा तुम वहां से वापस कब लौटोगी ममता कहने लगी कि मुझे वहां से वापस लौटने में तो थोड़ा समय लग जाएगा मैं तुमसे यही कह रही थी कि यदि बच्चों को कोई परेशानी हो तो तुम देख लेना मैंने ममता से कहा ममता तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो। ममता हमारे बिल्कुल सामने वाले घर में ही रहती है इसलिए उसे जब भी कोई मदद की जरूरत होती है तो वह मुझसे कह दिया करती है मुझे भी जब ममता की जरूरत होती है तो मैं ममता से कह देती हूं हम दोनों के बीच काफी अच्छी बातचीत है।

मैंने ममता से कहा ममता मैं तुम्हारे लिए चाय बना देती हूं ममता कहने लगी कि सुहानी रहने दो मेरा चाय पीने का मन नहीं है मैंने ममता से कहा लेकिन मेरा तो चाय पीने का मन हो रहा था और मैं सोच रही हूं कि मैं चाय बना देती हूं। ममता ने भी कहा ठीक है तुम अगर अपने लिए चाय बना रही हो तो मेरे लिए भी चाय बना ही दो। मैंने ममता के लिए भी चाय बना दी हम दोनों चाय पीते पीते एक दूसरे से बात कर रहे थे ममता के पति का प्रमोशन कुछ समय पहले ही हुआ था। मैं और ममता काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे फिर ममता ने कहा कि बच्चों के स्कूल जाने का समय हो चुका है ममता कहने लगी कि मैं अब घर चलती हूं। ममता अपने घर चली गई मैं भी बच्चों के लिए खाना तैयार करने लगी क्योंकि बच्चे थोड़ी देर बाद ही स्कूल से आने वाले थे और थोड़ी देर बाद बच्चे स्कूल से आ चुके थे। जैसे ही बच्चे स्कूल से आए तो मैंने उन्हें कहा कि तुम हाथ मुंह धो लो उसके बाद मैं तुम्हारे लिए खाना लगा देती हूं। बच्चे अपने कपड़े चेंज कर के हाथ मुंह धोने के लिए चले गए और थोड़ी ही देर बाद वह खाने की टेबल पर आये और मैंने उन लोगों के लिए खाना लगा के फिर उन्हें खाना खिला दिया था और उसके बाद वह लोग अपने स्कूल का काम करने लगे।

शाम के करीब 5:00 बज चुके थे मैंने सोचा कि क्यों ना बाहर टहल आती हूँ और मैं अपने घर के बाहर ही पार्क में चली गई वहां पर मैं टहलने लगी बच्चे घर पर ही थे। मैं जब पार्क में थी तो ममता मुझे दिखाई दी और ममता मुझे कहने लगी कि सुहानी चलो बाहर से सब्जी ले आते हैं। हम लोग अपनी कॉलोनी के बाहर चले गए और वहां से हम लोग अब सब्जी ले आए उसके बाद मैं भी घर आ चुकी थी ममता भी अगले दिन अपने मायके चली गई थी। ममता जब अपने मायके चली गई तो उसके बाद उसके बच्चे मेरे बच्चों के साथ ही घर पर आ जाया करते थे उन्हें मैं दोपहर में खाना खिला दिया करती थी और ममता के पति शेखर के लिए भी मैं रात के वक्त खाना बना दिया करती थी कभी कबार वह लोग हमारे घर पर भी आ जाया करते थे। ममता पन्द्रह बीस दिनों के लिए अपने घर पर गई थी इसलिए मुझे ही ममता के बच्चों की देखभाल करनी थी। एक दिन मैंने अपने पति से कहा कि घर में राशन खत्म हो गया है तो क्या आप आते हुए राशन ले आएंगे वह मुझे कहने लगे कि सुहानी मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं होगा क्योंकि मुझे आज ऑफिस से आने में देर हो जाएगी। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं ही राशन ले आऊंगी और मैं शाम के वक्त राशन लेने के लिए चली गई मैं जब शाम के वक्त राशन लेने के लिए अपनी कॉलोनी के बाहर दुकान में गई तो वहां से मैने राशन ले लिया उसके बाद मैं घर आ गई। मैं जब घर लौटी तो थोड़ी देर बाद ही शेखर भी घर लौट चुके थे वह मुझे कहने लगे कि भाभी जी क्या आपकी कोई मदद करनी है तो मैंने उन्हें कहा नहीं आप रहने दीजिए। मैंने उन्हें कहा बच्चे तो खेलने के लिए गए हुए हैं तो वह कहने लगे कि हां बच्चों को मैंने भी खेलने के लिए भेज दिया था और वह लोग बस थोड़ी देर बाद लौटते ही होंगे।

मैंने शिखर से पूछा कि ममता वापस कब लौट रही है तो वह कहने लगे कि ममता से आज ही मेरी बात हुई थी और वह कह रही थी कि वह कुछ दिनों में वापस लौट आएगी। ममता के पिताजी की तबीयत ठीक नहीं थी इस वजह से ममता अपने मायके गई हुई थी यह बात तो ममता ने मुझे बता ही दी थी। शेखर के साथ मैं काफी देर तक बैठी रही और फिर बच्चे भी आ चुके थे बच्चे जब घर पहुंचे तो मैंने सोचा कि वैसे भी अब खाना बनाने का समय तो हो ही चुका है मैं अब खाना बनाने के लिए रसोई में चली गई। मैं खाना बना रही थी कि तभी मेरे पति संजय का फोन आया और वह मुझे कहने लगे कि सुहानी मैं भी थोड़ी देर बाद घर लौट रहा हूं क्या कुछ लेकर आना है? मैंने उन्हें कहा नहीं संजय रहने दीजिए मैं राशन ले आई थी। वह कहने लगे ठीक है मैं बस थोड़ी देर बाद घर पहुंच रहा हूं अब संजय थोड़ी देर बाद घर आ चुके थे जब संजय घर आए तो वह मुझे कहने लगे कि आज ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था इस वजह से मुझे ऑफिस से घर आने में देर हो गई। मैंने संजय को कहा मैंने खाना बना दिया है आप खाना खा लीजिए वह कहने लगे कि क्या तुमने बच्चों को खाना खिला दिया था तो मैंने संजय से कहा कि हां बच्चों को मैंने खाना खिला दिया है।

थोड़ी देर बाद शेखर भी हमारे घर पर आ गए क्योंकि शेखर भी हमारे घर पर ही खाना खाने वाले थे वह संजय के साथ बैठकर खाना खाने लगे और आपस में वह दोनों बात कर रहे थे। ममता अपने मायके से वापस नहीं लौटी थी उससे मेरी फोन पर बात होती रहती थी। एक दिन शेखर अपने ऑफिस से घर जल्दी लौट आए थे और संजय भी 2 दिनों के लिए अपने ऑफिस के किसी काम से बाहर गए हुए थे। शेखर उस दिन जल्दी घर आ गए थे हम दोनों साथ में बैठ कर बात कर रहे थे। उस दिन ना जाने मुझे क्या हुआ और शेखर भी अपने आप पर काबू ना कर सके। हम दोनों उस दिन एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो गए जब शेखर ने मेरे बदन से कपड़े उतारे तो मैंने शेखर से कहा क्या यह सब ठीक है? शेखर मुझे कहने लगा देखो सुहानी यह तो सिर्फ हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए है। मैंने भी अब शेखर का साथ देना ही ठीक समझा मैंने अपने दोनों पैरों को खोल दिया। शेखर ने जब मेरी चूत को देखा तो उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया वह मेरी चूत को बड़े ही अच्छे से चाटने लगा। वह जिस प्रकार से मेरी चूत को चाटते उस से मेरी चूत से निकलता हुआ पानी अब कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा। शेखर ने मुझसे कहा तुम मेरे लंड को मुंह मे ले लो? मै शेखर के लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी उससे मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी। शेखर ने मुझसे कहा तुम ऐसे ही मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करती रहो काफी देर तक मैंने ऐसे ही किया। शेखर ने मुझे कहा मैं तुम्हारी चूत मे अब अपने लंड को डालना चाहता हूं। शेखर ने मेरे दोनों पैरों को खोला और मेरी चूत पर अपने लंड को सटाते हुए अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया। शेखर का लंड अंदर की तरफ चला गया मुझे अच्छा लगने लगा। वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मारने लगे। शेखर का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था तो मेरे अंदर की गर्मी बढ रही थी।

शेखर का मोटा लंड मेरी चूत की दीवार को फाडता हुआ अंदर की तरफ जा रहा था। शेखर मुझे बड़ी तेजी से धक्के देते रहे उन्होने मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदा उसके बाद जब मेरी गर्मी बढने लगी तो शेखर के लंड से भी पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था और शेखर का वीर्य जैसे ही बाहर गिरा तो शेखर ने मुझसे कहा सुहानी आज तुम्हारे साथ सेक्स कर के मजा आ गया। मैंने शेखर से कहा मैं दोबारा से तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूं? शेखर ने अपने लंड को साफ़ किया और मरी चूत से निकलते हुए वीर्य को साफ किया। मैंने आपकी चूतडो को शेखर कि तरफ कर दिया था शेखर ने मेरी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाला और मेरी गर्मी को बढ़ा दिया। मेरी चूत से निकलता हुआ पानी इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि मैं अपनी चूत के अंदर लंड को लेने के लिए तैयार थी। शेखर ने मेरी चूत पर अपने लंड को सटाया और अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया। शेखर का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर समा चुका था।

शेखर का लंड जैसे ही मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मैंने शेखर से कहा मुझे आज बहुत ही अच्छा लग रहा है जिस प्रकार से मैंने तुम्हारे साथ सेक्स किया। शेखर मुझे कहने लगे सुहानी मुझे भी आज तुम्हें धक्के देने मे बहुत मजा आ रहा है वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के दे रहे थे मेरी चूतड़ों का रंग लाल हो चुका था। मेरी चूतडो से अलग ही प्रकार की आवाज निकल रही थी मेरी चूत के अंदर बाहर शेखर ने बहुत देर तक अपने लंड को किया। मेरी चूत से निकलती हुई गर्मी ज्यादा ही बढ़ने लगी थी अब शेखर मुझे कहने लगे मेरा वीर्य बाहर की तरफ को आने वाला है। मैंने शेखर से कहा तुम अपने वीर्य को मेरी योनि के अंदर ही गिरा दो। शेखर ने मेरी चूत के अंदर ही अपने वीर्य को गिरा दिया। शेखर का वीर्य मेरी चूत के अंदर गिर चुका था मैं बहुत ही ज्यादा खुश थी। जब तक ममता वापस नहीं लौटी तब तक शेखर और मैंने सेक्स किया और उसके बाद भी हम दोनों एक-दूसरे की जरूरतों को हमेशा पूरा करते रहते हैं।
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विलायत में विलायती चूत


भैया अभी तक घर लौटे नहीं थे मैंने भैया के नंबर पर फोन किया तो उनका नंबर लग नहीं रहा था घर में सब लोग चिंतित हो गए थे और समय भी काफी हो चुका था। भैया हमेशा ही समय पर घर पहुंच जाया करते लेकिन अभी तक वह घर नहीं पहुंचे थे जिसकी वजह से सब लोग परेशान थे और अभी तक किसी ने भी खाना नहीं खाया था। मेरी मां कहने लगी कि बेटा तुम कमल के दोस्तों को फोन करना तो मैंने मां से कहा हां मैं अभी उन्हें फोन करता हूं। मेरे पास भैया के दोस्त का नंबर था तो मैंने उन्हें कॉल किया वह मुझे कहने लगे कि कमल तो ऑफिस से समय पर निकल गया था सब लोग इस बात से बहुत परेशान थे। भैया अभी तक घर नहीं पहुंचे थे ना हीं भैया का फोन लग रहा था थोड़ी देर के बाद भैया जब घर आए तो उनके माथे पर पसीना था और वह बहुत परेशान नजर आ रहे थे।

मैंने उन्हें पानी का गिलास दिया और वह पानी पीते हुए मुझे कहने लगे कि राजेश आज मेरे साथ बहुत बड़ी दुर्घटना हो गई मैंने कमल भैया को कहा आखिर हुआ क्या। मां भी चिंतित थी वह पूछने लगी कि कमल बेटा ऐसा क्या हुआ तो कमल भैया ने मां से कहा जब मैं ऑफिस से घर लौट रहा था तो उस वक्त कुछ लोग मेरा पीछा कर रहे थे और उन्होंने मुझे रास्ते में रोकते हुए मुझसे मेरा सामान छीन लिया और उन्होंने मेरा मोबाइल भी मुझसे छीन लिया था। मैंने भैया से कहा भैया लेकिन आपको तो उन्होंने कुछ नहीं किया ना, तो भैया कहने लगे कि नहीं उन्होंने मुझे तो कुछ नहीं किया लेकिन मेरी गाड़ी को उन्होंने तोड़ दिया जिससे कि मुझे मेरी गाड़ी को ठीक करवाना पड़ा। मैंने भैया से बोला भैया क्या आपकी किसी के साथ कोई दुश्मनी थी तो भैया कहने लगे कि राजेश तुम्हें तो मेरा स्वभाव पता है मैं किसी के साथ भी बेवजह की बातें नहीं करता। मां कहने लगी हां राजेश तुम्हारे भैया बिल्कुल ठीक कह रहे हैं कमल कहां किसी के साथ बेवजह की बातें करता है। भैया के साथ जब यह घटना हुई तो मैं बहुत परेशान हो गया था मैंने भैया से पूछा था कि भैया क्या आपने इस बारे में पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट नहीं करवाई। भैया कहने लगे कि पुलिस स्टेशन में जाने के बारे में पहले मैं भी सोच रहा था लेकिन फिर लगा कि छोड़ो जाने दो।

भैया की गाड़ी को भी उन्होंने काफी नुकसान किया था जिससे कि भैया को अपनी गाड़ी का काम करवाना पड़ा। मां इस बात से बहुत ही ज्यादा चिंतित रहती थी और हमेशा ही मां को लगता था कि कमल भैया की अब शादी करवा देनी चाहिए। कमल भैया की अभी तक शादी नहीं हुई थी और कुछ समय बाद कमल भैया के लिए लड़की देखनी शुरु कर दी थी और भैया को एक लड़की पसंद भी आ गई। जब भैया को वह लड़की पसंद आई तो भैया और रूपा भाभी की सगाई हो गई और कुछ ही समय बाद उनकी शादी हो गई। रूपा भाभी अब हमारे घर की बहू बन चुकी थी और भैया रूपा भाभी को बहुत प्यार करते हैं उन दोनों के प्यार की मिसाल हमारी पूरी कॉलोनी के लोग देते हैं। भैया और रूपा भाभी के बीच कभी भी कोई झगड़ा नहीं हुआ इसी बीच मुझे भी एक विदेशी कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव आ गया मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी वह विदेशी कंपनी ज्वाइन कर लूं और मुझे उसके लिए दुबई जाना था। मैंने जब इस बारे में भैया से पूछा तो भैया कहने लगे कि राजेश ऐसा मौका बार-बार नहीं आता तुम्हें दुबई चले जाना चाहिए भैया मेरे दुबई जाने के पक्ष में थे लेकिन मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ना चाहता था। जब भैया ने मुझसे कहा कि तुम्हें चले जाना चाहिए तो मैंने भी सोचा कि भैया ठीक ही कह रहे हैं मुझे अब दुबई चले ही जाना चाहिए और मैं दुबई जाने की तैयारी करने लगा। जब मैं दुबई गया तो वहां पर मुझे कंपनी की तरफ से रहने के लिए एक घर दे दिया गया था मैंने अब अपनी कंपनी ज्वाइन कर ली थी और मैं बड़े ही अच्छे से काम कर रहा था। मुझे काम करते हुए करीब 6 महीने हो गए 6 महीनों का कुछ पता ही नहीं चला कि 6 महीने कैसे बीत गए जब 6 महीने पूरे हो चुके थे तो मैंने सोचा कुछ समय के लिए अपने घर हो आता हूं। मैं कुछ समय के लिए अपने घर छुट्टी लेकर आ गया मैं जब अपने घर पर आया तो मां बहुत खुश थी कमल भैया और भाभी कहने लगे कि तुम्हारी नौकरी तो ठीक चल रही है।

मैंने उन्हें कहा हां मेरी नौकरी तो ठीक चल रही है कमल भैया का भी अब अपनी कंपनी में प्रमोशन हो चुका था सब लोग मुझसे बहुत खुश थे और कुछ दिनों तक उन्होंने मेरी बड़ी खातिरदारी की। मैं 15 दिनों के लिए छुट्टी पर आया था तो 15 दिनों का कुछ पता ही नहीं चला कि 15 दिन कैसे निकल गए 15 दिन अब खत्म होने आए थे और मुझे अपने काम पर लौटना था। मेरा जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था लेकिन मुझे जाना तो था ही और मैं दुबई लौट गया जब मैं दुबई लौटा तो मैंने उस वक्त भैया और भाभी को फोन कर दिया था। दुबई में मेरी दोस्ती भी अच्छी हो गई थी दुबई में सबसे पहले मेरी मुलाकात निखिल से हुई थी निखिल से जब मैं मिला तो उससे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा और निखिल से मेरी दोस्ती बहुत गहरी हो गई। निखिल बड़ा ही हंसमुख और अच्छा लड़का है निखिल के साथ मेंरी बहुत जमने लगी और हम दोनों रात को साथ में ही पार्टी पर अक्सर जाया करते थे। मैं जब भी निखिल के साथ होता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था अब समय बड़ी तेजी से निकल रहा था कुछ पता ही नहीं चला कि कब मुझे दुबई में काम करते हुए दो वर्ष हो गए।

दुबई मे 2 वर्ष हो गए कुछ पता ही नहीं चला हमारे ऑफिस में जेनेलिया काम करती है जेनेलिया ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली है। वह कुछ समय पहले ही हमारे ऑफिस में आई थी उसकी सबसे अच्छी बातचीत मेरे साथ ही थी मैं भी जेनेलिया को अक्सर देखा करता था। मैं जब भी उसकी आंखों में ध्यान से देखता तो मुझे उसकी आंखों में मेरे प्रति कुछ तो नजर आता था उसकी आंखें मेरे लिए कुछ बयां करती थी वह मेरी अच्छी दोस्त थी। एक दिन जब वह मेरे फ्लैट में आई तो मैं और जेनेलिया साथ में बैठे हुए थे मैंने जेनेलिया को कहा तुम ड्रिंक करोगी? वह कहने लगी हां, हम दोनों ड्रिंक साथ में करने लगे क्योंकि जेनेलिया काफी खुले विचारों की है इसलिए उसे इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम दोनों ने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली थी उसके बाद मेरा जेनेलिया के साथ सेक्स करने का मन होने लगा जेनेलिया के होठों को जब मैंने चूमा तो वह मुझे कहने लगी फक मी। जब उसने अपने बदन से कपड़े उतारने शुरू किए तो उसके गोरे बदन को देखकर मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था क्योंकि उसका बदन इतना ज्यादा गोरा था कि मैंने आज तक इतना गोरा बदन जिंदगी में कभी नहीं देखा था वह मेरी होने वाली थी। मैंने उसके होठों को बहुत देर तक चूसा बहुत देर तक चुम्मा चाटी के बाद जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा़ वह मेरे लंड चूसती जैसे कि मेरे लंड को खा ही लेगी उसने अपने मुंह के अंदर तक मेरे लंड को ले लिया था और बड़े अच्छे तरीके से वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। उसने मेरा लंड से पानी निकाल कर दिया था मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगा मैंने कहा मैं बिल्कुल भी रहा नहीं पा रहा हूं। जेनेलिया ने मुझसे कहा तुम मेरी गोरी चूत को चाट लो उसने अपने पैरों को खोला मैंने उसकी गोरी चूत पर जीभ लगाना शुरू किया उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। जब उसकी चूत को चाट रहा था तो उसकी चूत से पानी बाहर निकल रहा था वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी।

हम दोनों ही अपने आप को नहीं रोक पा रहे थे जेनेलिया ने मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसाना शुरू किया। मैंने भी धीरे-धीरे अपने लंड को जेनेलिया के अंदर तक डाल दिया था जैसे ही मेरा लंड जेनेलिया के अंदर घुसा तो वह चिल्ला उठी मुझे बड़ा मजा आया। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपने मुंह से वह बडी ही मादक आवाज निकाल रही थी उन आवाजों से मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो जाता। मैंने उसके दोनों पैरो को अपने कंधों पर रख लिया उसकी जांघ भी बहुत ज्यादा मोटी थी और उसकी चूत का टाइटपन मुझे महसूस हो रहा था। मैं लगातार तेजी से उसे चोद रहा था उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड होता तो वह मेरा पूरा साथ देती और उसे बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के बदन की गर्मी को ऐसे ही महसूस करते रहे हम दोनों अपने आप को रोक नहीं पा रहे थे। मैंने जब उसके सुनहरे बालों को सहलाना शुरू किया तो वह मेरे होंठो को चूमने लगी मैं लगातार उसे तेजी से धक्के मार रहा था।

मैंने उसे घोड़ी बनाया और घोड़ी बनाते ही जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी। वह कहने लगी यह हुई ना बात वह मुझसे अपनी चूतडो को मिला रही थी मैंने काफी देर तक ऐसे ही उसे धक्के दिए। जब मेरा वीर्य गिर गया तो उसने मेरा लंड को अपने मुंह में लेकर दोबारा से खड़ा कर दिया। मेरा लंड दोबारा से खड़ा हो चुका था मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मैंने जेनेलिया की गांड के अंदर लंड को घुसाया उसने मुझे अपनी गांड के बड़े अच्छे मजे दिए। उसकी बड़ी गांड जब मैं मार रहा था तो मुझे ऐसा लगता है जैसे कि मैं जन्नत में पहुंच गया हूं बहुत देर तक मैंने ऐसे ही उसकी गांड का आनंद लिया मेरा वीर्य को मैंने जेनेलिया के मुंह के अंदर उड़ेल दिया। जेनेलिया और मेरे बीच में उसके बाद भी कई बार शारीरिक संबंध बने लेकिन उसे इन सब चीजों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था वह बिंदास होकर मुझसे चुदती थी।
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दोनो के बदन की गर्मी


मैं एमबीए की पढ़ाई कर रहा था उसी दौरान मेरे नैन सुनीता से मिलने लगे सुनीता और मैं दोनों ही अच्छे परिवार से थे सुनीता और मेरे बीच अच्छी दोस्ती भी हो गई और हम दोनों एक दूसरे के साथ कॉलेज में अच्छा समय बिताया करते। थोड़े ही समय बाद हमारा कॉलेज पूरा हो चुका था और मैं अपने पापा के बिजनेस को संभालने लगा पापा के बिजनेस को संभालने के दौरान मैं इतना बिजी हो गया कि मुझे अपने लिए भी समय नहीं मिल पाता था सुनीता का ख्याल भी मेरे दिमाग से निकल चुका था। सुनीता से मेरी मुलाकात काफी वर्षों बाद हुई जब मैं सुनीता से मिला तो सुनीता की शादी हो चुकी थी सुनीता मुझसे कहने लगी कि मेरी शादी को एक वर्ष हो चुका है। मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा कॉलेज खत्म होने के बाद 5 वर्ष इतनी जल्दी निकल गए सब कुछ इतनी तेजी से निकला की मैं अपने कई दोस्तों से मिल भी नहीं पाया था। मैंने और सुनीता ने एक गेट टूगेदर पार्टी रखने का फैसला किया क्योंकि सुनीता और मैं चाहते थे कि सब लोग दोबारा मिले।

इतने वर्षों बाद जब हम सब लोग मिले तो मुझे बहुत ही खुशी हुई क्योंकि मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि सब लोग एक साथ इतने वर्षों बाद मिलेंगे मैं बहुत ही खुश था। मेरे जितने भी दोस्त मुझे मिले सब के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी थी, मैं सुनीता की तरफ़ बार-बार देखे जा रहा था मैं सोच रहा था कि क्या मैं सुनीता से अभी भी प्यार करता हूं। मैं इसी कशमकश में था लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया परंतु अब सुनीता की शादी हो चुकी थी और सुनीता ने मुझे अपने पति से भी मिलवाया तो मुझे सुनीता के पति से मिलकर अच्छा लगा। सुनीता के पति से मिलना मेरे लिए बहुत ही अच्छा था मैंने जब सुनीता को कहा कि कभी तुम मेरे घर पर डिनर के लिए अपने पति को लेकर आओ तो वह कहने लगी कि अमित मैं देखती हूं मैं तुम्हें इस बारे में कह तो नहीं सकती लेकिन मैं कोशिश करूंगी। सुनीता के पति भी एक अच्छे विचार धारा के हैं और सुनीता अपनी शादीशुदा जिंदगी से बहुत खुश है। मेरे जीवन के इतने वर्ष पता नहीं कैसे निकले कुछ मालूम ही नहीं चल पाया लेकिन अब सब कुछ ठीक चल रहा था हमारे ही ऑफिस में काम करने वाली मेघा को मैं पसंद करने लगा था।

मेघा को जब मैंने पहली बार अपने साथ डिनर के लिए इनवाइट किया तो मेघा अनकंफरटेबल हो रही थी परंतु जब मेघा मुझसे मिली और मुझसे उसकी बात हुई तो वह मुझसे खुलकर बात करने लगी थी। मेघा को मेरे साथ अच्छा लगता था इसीलिए तो मेघा मुझसे खुलकर बात कर रही थी मेघा का साथ मुझे अच्छा लगता था और हम दोनों अक्सर एक-दूसरे से मिला करते थे। मैंने मेघा को कहा कि क्या हम लोग कहीं घूमने का प्लान बनाएं तो मेघा कहने लगी कि हां अमित मैं काफी समय से सोच रही थी कि हम लोगों को कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए। मेघा और मेरे बीच में अब रिलेशन हो चुका था मैंने जब यह बात सुनीता को बताई तो सुनीता मुझे कहने लगी कि अच्छा तो तुमने अपने दिल की बात मेघा से कह दी। मैंने सुनीता को कहा मैंने अपने दिल की बात मेघा को बता दी और मेघा भी मुझे पसंद करती है सुनीता मुझसे कहने लगी कि आगे तुम दोनों ने क्या सोचा है। मैंने सुनीता को कहा आगे तो मैंने ऐसा कुछ नहीं सोचा है लेकिन फिलहाल तो हम लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं सुनीता मुझे कहने लगी कि तुम लोग घूमने के लिए कहां जा रहे हो। मैंने सुनीता को कहा कि हम लोग घूमने के लिए शिलांग जा रहे हैं जब मैंने सुनीता को कहा कि हम लोग शिलांग जा रहे हैं तो सुनीता मुझे कहने लगी कि मैं आज ही अपने पति से बात करती हूं मैं भी तुम लोगों के साथ आना चाहती हूं। मैंने सुनीता से कहा यदि तुम भी हमारे साथ चलोगी तो हमें भी अच्छा लगेगा हम लोग अब शिलांग जाने की तैयारी करने लगे लेकिन मुझे मालूम नहीं था कि सुनीता और उसके पति भी हमारे साथ आने के लिए राजी हो जाएंगे वह दोनों ही हम लोगों के साथ आने के लिए तैयार हो गए। हम लोग जब शिलांग पहुंचे तो वहां का दिलकश नजारा देखकर सब लोग खुश हो गए सुनीता मुझे कहने लगी कि अमित यदि तुम मुझे नहीं बताते की तुम शिलांग जा रहे हो तो मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करती।

मैंने सुनीता को कहा तुम ऐसा क्यों कह रही हो सुनीता मुझे कहने लगी कि तुम्हें मालूम है शिलांग मुझे कितना पसंद है मैं बचपन से ही सोचा करती थी कि मैं शिलांग घूमने के लिए जाऊं लेकिन कभी भी मैं शिलांग घूमने जा नहीं पाई लेकिन तुम्हारी बदौलत कम से कम मुझे शिलांग आने का मौका तो मिला। मैंने सुनीता को कहा तो फिर तुम पर मेरा अब यह एहसान रहा है इस एहसान को तुम्हें उतारना पड़ेगा सुनीता मुझे कहने लगी कि हां जरूर जब भी तुम कहोगे तो मैं तुम्हारे एहसान को जरूर उतार दूंगी। हम चारों ही होटल के लॉन में बैठे हुए थे और हम इस बात पर हंसने लगे सुनीता के पति भी बहुत अच्छे हैं और उनके साथ मेरी अच्छी बनने लगी थी वह मुझे कहने लगे कि सुनीता तुम्हारी बहुत तारीफ करती है। मैंने उनसे कहा सुनीता भी तो बहुत अच्छी है आप बहुत खुशनसीब हैं जो आपको सुनीता जैसी अच्छी पत्नी मिली वह कहने लगे कि हां यह बात तो तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो सुनीता जैसी पत्नी मिलने से मेरा जीवन और भी ज्यादा संवर चुका है।

मेघा के साथ मैं शिलांग जा कर खुश था और उसके साथ मुझे समय बिताना अच्छा लग रहा था काफी समय बाद मैं अपने काम से समय निकालकर कहीं घूमने के लिए जा पाया था इस बात से मैं बहुत खुश था। जब मैं सुनीता के साथ मजाक करता तो यह बात मेघा को अच्छी नहीं लगती। मेघा मुझे कहने लगी तुम कुछ ज्यादा ही सुनीता के करीब जा रहे हो। मैंने मेघा को समझाया और कहा ऐसा कुछ भी नहीं है तुम गलत मतलब निकाल रही हो। मेघा कहने लगी मैं कुछ गलत मतलब नहीं निकाल रही हूं तुम दोनों के बीच कुछ गलत चल रहा है इसीलिए तो मैंने तुम्हें कहा तुम उससे कुछ ज्यादा ही मुस्करा कर बात कर रहे हो। मुझे नहीं मालूम था कि सुनीता के नंगे बदन को जब मैं देख लूंगा तो मैं अपने आप को रोक नहीं पाऊंगा। उसका गदराया हुआ बदन देखकर मैं अपने आप को रोक ना सका मैंने सुनीता को किस कर लिया। मैंने जब सुनीता को किस किया तो वह उत्तेजित हो गई वह मेरे लंड को दबाने लगी मैं भी उसके स्तनों को दबा रहा था मुझे उसके स्तनों को दबाने में मजा आ रहा था। वह जिस प्रकार से मेरे लंड को अपने हाथों से दबा रही थी उस से मै बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगा था और काफी देर तक मैंने उसके स्तनों को दबाया। उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया वह मेरे लंड को मुंह के अंदर ले रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसने काफी मिनटो तक मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा कर रखा। जब वह ऐसा कर रही थी तो मेघा ने हम दोनों को देख लिया मैंने मेघा के होंठों को चूमना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगने लगा। मैंने मेघा के बदन से कपड़े उतारकर उसे भी नंगा कर दिया मेरे दोनों हाथों में लडडू थे। मैंने मेघा की चूत को कुछ देर तक चाटा तो सुनीता ने भी मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। सुनीता के अंदर की गर्मी को मैंने पूरा बढ़ा दिया था उसका टेंपरेचर अब हाई हो चुका था। मेघा भी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी और ना ही सुनीता अपने आप को रोक पा रही थी। मैंने जैसे ही मेघा की चूत के अंदर लंड को घुसाया तो मेघा चिल्लाने लगी। मेघा के मुंह से चीख निकाल पडी मुझे मालूम नहीं था कि वह एकदम सील पैक माल है।

मेघा को मुझे चोदने में मजा आ रहा था मैने मेघा के दोनों पैरों को खोल लिया था मैं उसे जिस प्रकार से धक्के मारता उसने अपने दोनों पैरों के बीच में मुझे जकड कर रख लिया था। मैं उसे लगातार तेज धक्के मार रहा था उसकी चूत से पानी कुछ ज्यादा ही बाहर निकलने लगा था और खून भी निकल रहा था वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। मेघा अपने आप को रोक नही पा रही थी और ना ही मैं अपने आप को रोक पा रहा था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। ऐसे ही में धक्के मारता रहा जैसे ही मेरा वीर्य गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा। सुनीता ने मेरे आगे अपनी चूतड़ों को कर दिया सुनीता की चूतडो को मैने कस कर पकड़ लिया मेघा एक तरफ लेटी हुई थी उसकी चूत से वीर्य निकल रहा था। जैसे ही मैंने सुनीता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी उसकी चूत से पानी निकल रहा था मैंने कस कर उसकी चूतड़ों को पकड़ा हुआ था और मैं लगातार तेजी से उसे धक्के मार रहा था।

मुझे उसे धक्के मारने में मजा आता सुनीता को भी मुझसे अपनी चूतडो को मिलाने मे मजा आता वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी। उसकी सिसकियो से मुझे बहुत आनंद आ रहा था सुनीता की चूत से कुछ ज्यादा ही पानी निकलने लगा। मैंने सुनीता को कहा मेरा वीर्य निकलने वाला है तो वह कहने लगी कोई बात नहीं तुम अंदर ही गिरा देना। मैं लगातार तेजी से उसे धक्के मार रहा था मुझे उसे धक्के मारने में मजा आता मेरे अंदर की गर्मी को उसने बढा कर रख दिया था। मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि मे गिराया तो मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गिर चुका था। मैं मेघा के साथ लेटा हुआ था सुनीता के पति का भी कुछ पता नहीं था ना जाने वह कहां थे। मैंने सुनीता को कहा तुम्हारे पति कहां है? वह कहने लगी पता नहीं वह कहां चले गए कुछ देर बाद आते ही होंगे। हम तीनों साथ में लेटे हुए हैं मुझे मेघा और सुनीता दोनों के साथ ही शारीरिक संबंध बनाने का मौका मिल पाया मैं बहुत खुश था। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उन दोनों को मै अपना बना लूंगा लेकिन उन दोनों ने मुझे अपने बदन की गर्मी से नहला दिया था।
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चूत मरवाना पसंद है मुझे


मेरी जॉब कुछ दिनों पहले ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में लगी थी मैं काफी समय से इस कंपनी में इंटरव्यू देने के बारे में सोच रही थी और अब जाकर मेरा सिलेक्शन इस कंपनी में हो पाया। मैं बहुत ही खुश थी और मेरे पापा मम्मी भी इस बात से खुश थे कि मैं एक अच्छी कंपनी में लग चुकी हूं पापा भी कुछ सालों बाद अपनी जॉब से रिटायर होने वाले हैं। पापा मुझे कहने लगे कि सुरभि बेटा मैं चाहता हूं कि मेरी रिटायरमेंट से पहले हम तुम्हारे हाथ पीले कर देते है। जब यह बात पापा ने कही तो मैंने पापा को कहा पापा अभी तो मैंने जॉब शुरू की है इतने समय से मैं किसी अच्छी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई कर रही थी लेकिन अभी तक मेरा कहीं पर भी नहीं हो पाया था परंतु अब इतने सालों बाद जब मेरा एक अच्छी कंपनी में जॉब के लिए हुआ है तो आप मुझे कह रहे हैं कि मैं शादी कर लूं, मैं फिलहाल तो शादी करना नहीं चाहती और आप भी मुझे कम से कम दो साल तक तो बिल्कुल भी इस बारे में मत कहिएगा। मां मुझे कहने लगी कि सुरभि बेटा अब तुम्हारी उम्र हो चुकी है और तुम्हें भी शादी के बारे में सोच लेना चाहिए मैंने मां को कहा मां मुझे मालूम है लेकिन मुझे भी तो थोड़ा समय दीजिए, आप लोग तो शादी के लिए मेरे पीछे ही पड़ गए।

मेरे भैया उसी वक्त आए और कहने लगे कि मां सुरभि बिल्कुल ठीक कह रही है आप लोगों को सुरभि को थोड़ा समय तो देना चाहिए तभी तो वह अपने जीवन में कुछ कर पाएगी। भैया के कहने पर मम्मी पापा कहने लगे कि हम सुरभि को थोड़ा समय दे देते हैं उन्होंने मुझे कम से कम दो वर्ष का समय तो दे ही दिया था और मैं खुश थी क्योंकि मैं चाहती थी कि मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दूँ। अब मैं अपने काम पर पूरा मन लगा पा रही थी और मैं खुश थी कि कम से कम मैं अपने काम पर मन लगा पा रही हूं थोड़े ही समय बाद मेरा प्रमोशन हो गया। जब मेरा प्रमोशन हुआ तो पापा मम्मी इस बात से खुश थे और भैया कहने लगे कि देखा ना मैं नहीं कहता था आपको कि आपको सुरभि को थोड़ा समय देना चाहिए सुरभि ने अपने आप को साबित कर के दिखाया है। पापा और मम्मी कहने लगे कि हमें सुरभि की काबिलियत पर पूरा भरोसा है लेकिन बेटा अच्छा लड़का ढूंढने में भी तो समय लगता है आजकल का समय कुछ ठीक नहीं है तुम्हें मालूम है ना कि तुम्हारी मौसी की बेटी रचना की शादी पिछले वर्ष एक एन आर आई लड़के से हुई थी लेकिन उनका डिवोर्स हो चुका है अब तुम ही बताओ कि क्या आजकल जमाना कुछ ठीक है।

मैंने अपनी मां से कहा कि मां आप हर वक्त शादी की बात ही करती रहती हैं क्या कुछ और बात नहीं है पापा मुझे कहने लगे कि बेटा जल्दी मैं रिटायर होने वाला हूं मैं सोच रहा हूं कि जब मैं रिटायर हो जाऊंगा तो क्या उसके बाद भी हम लोग ऐसे ही एक दूसरे के साथ समय बिता पाएंगे। मैंने पापा से कहा क्यों नहीं जब आप रिटायर हो जाएंगे तो उसके बाद भी तो हम लोग एक दूसरे के साथ समय बिता पाएंगे लेकिन पापा कहने लगे कि बेटा आप सब लोगों के पास समय नहीं होगा मैंने पापा से कहा पापा ऐसा नहीं है। पापा ने अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा संघर्ष किया है और वह अपने संघर्ष के बदौलत ही हम लोगों को एक अच्छी जिंदगी दे पाए और हमेशा से ही वह मेहनती रहे हैं। मैं चाहती थी कि हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं लेकिन ऐसा काफी समय से संभव नहीं हो पाया था लेकिन जब मैंने यह बात पापा से कहीं तो पापा कहने लगे कि ठीक है बेटा मैं कहीं घूमने का प्लान बनाता हूं। हम लोग घूमने के लिए केरल जाने के लिए तैयार हो चुके थे और मैं बहुत ज्यादा खुश थी मैं पहली बार ही केरल घूमने के लिए जा रही थी। जब हम केरल घूमने के लिए गए तो हम लोगों ने काफी एंजॉय किया और घर वापस लौटने के बाद मैं अपने काम पर जाने लगी थी। मुझे अपने लिए बहुत कम समय मिल पाता था क्योंकि मुझे अपने काम से बिलकुल फुर्सत नहीं मिलती थी मैंने पापा से कहा कि पापा आजकल मैं कुछ ज्यादा ही बिजी होने लगी हूं। पापा कहने लगे की देखा ना बेटा मैंने तुम्हें कहा नहीं था कि तुम लोग बिजी हो जाओगे भैया कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से कहीं गए हुए थे और घर पर मम्मी अकेली रहती थी पापा भी अपने ऑफिस चले जाया करते थे और शाम को लौटते थे।

एक दिन मम्मी की तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई तो मम्मी ने मुझे फोन किया और कहा कि सुरभि बेटा तुम आज घर जल्दी आ जाओगी। मैंने मां से कहा हां मैं घर आ जाऊंगी मैं जब घर आई तो मैंने देखा मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है मुझे उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। हमारे पुराने फैमिली डॉक्टर है मैं जब उनके पास गई तो उन्होंने मुझे कहा कि बेटा तुम्हारी मम्मी को बुखार है मैं बुखार की दवाई दे देता देता हूं। उन्होंने मां को बुखार की दवाई दे दी और मैं मां को घर ले आई जब मैं मां को घर लेकर आई तो मां मुझे कहने लगी कि बेटा तुम मेरे पास ही बैठी रहो। मैं मम्मी के पास ही बैठी हुई थी मैंने उन्हें कहा कि मैं आपके लिए कुछ बनाकर लेकर आती हूं आप थोड़ा सा कुछ खा लीजिए उसके बाद आप दवाई ले लीजिएगा। मम्मी कहने लगी कि ठीक है बेटा तुम मेरे लिए कुछ बना कर ले आओ मैंने मम्मी के लिए थोड़ी सी खिचड़ी बना दी और जब उन्होंने खिचड़ी खाई तो उसके थोड़ी देर बाद उन्होंने दवाई भी खा ली। दवाई खा कर उन्हें बड़ी गहरी नींद आ गई थी और वह सो चुकी थी मैं भी अपने कमरे में आकर लेट गई।

मैं अपने रूम में लेटी हुई थी तभी मेरे फोन पर मेरी सहेली का फोन आया। जब उसका फोन आया तो वह मुझसे पूछने लगी सुरभि तुम क्या कर रही हो? मैंने उसे बताया मैं तो घर पर ही हूं वह कहने लगी तुम मुझसे मिलने आ जाओ काफी समय हो गया है हम लोग मिले भी नहीं है। मैंने अपनी सहेली को कहा ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आती हूं जब मैं अपनी सहेली से मिलने के लिए गई तो मुझे बहुत अच्छा लगा उससे मिलकर मैं बहुत ज्यादा खुश थी। काफी समय बाद हम लोग एक दूसरे को मिले थे इतने लंबे अरसे बाद एक दूसरे को मिलना बहुत ही अच्छा था मैंने उसे कहा तुम आजकल क्या कर रही हो? वह मुझे कहने लगी कुछ नहीं बस अपना बुटीक संभाल रही हूं। मैंने उसे कहा यह अच्छा है तुम अपना बुटीक संभाल रही हो। वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लिए कुछ लेकर आती हूं। जब वह अपने किचन में गई तो मैंने उसका फोन को देखा उसके फोन में मैंने उसकी अंतरंग तस्वीरें एक लडके के साथ देखी मैं यह सब देख कर हैरान रह गई। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इतनी सेक्स की भूखी होगी लेकिन उस तस्वीर ने मेरे अंदर भी एक आग पैदा कर दी थी। मैंने सोच लिया था मैं भी शारीरिक संबंध बनाकर रहूंगी उसी के चलते मैंने अपने ऑफिस में काम करने वाले मोहित को अपने घर पर बुलाया मोहित बडा खुश था। मोहित मुझे दिल ही दिल चाहता था लेकिन मैं उसे प्यार नहीं करती थी मैं सिर्फ उससे अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करना चाहती थी मैंने यह बात उससे पहले ही कह दी थी। मोहित ने मेरे बदन को सहलाना शुरू किया और उसने मेरे होठों को चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा काफ़ी देर तक वह मेरे होठों को एक चूसता रहा। जब उसने मेरे स्तनों पर अपने होठों को लगाया तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी उसने काफी देर तक मेरे बड़े स्तनों का रसपान किया। वह मेरे स्तनों को बड़े अच्छे से चूस रहा था उसने मेरे स्तनों से पानी बाहर निकाल कर रख दिया था मैंने जैसे ही अपनी सलवार को उतारा तो उसने मेरी पैंटी को नीचे उतारते हुए मुझे कहा कि तुम्हारी चूत बड़ी टाइट है।

उसने मेरी चूत पर जीभ लगाना शुरू किया तो वह मेरी चूत को चाटता तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह काफी देर तक मेरी चूत को ऐसे ही चाटता रहा मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी मेरी चूत से पानी बाहर निकल रहा था मैं बहुत ही ज्यादा गर्म होने लगी थी। मैंने उसे कहा मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी तो उसने कहा कि मैं तुम्हें अभी खुश कर देता हूं उसने अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर डालना शुरु किया उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसने लगा। जब उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा तो वह मुझे कहने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन मेरी चूत से खून बाहर निकलने लगा था। मैंने किसी से भी अपनी चूत नही मरवाई थी मोहित ने मेरी चूत मारी उस से मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।

मेरी चूत से खून बाहर निकल रहा था लेकिन उसके बावजूद भी मैं पूरे मजे में थी मैंने अपने दोनों पैरों के बीच में मोहित को जकड़ लिया। मोहित को जब मैंने अपने पैरों के बीच में जकड़ा तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह लगातार तेजी से मुझे चोद रहा था उसने मुझे बहुत देर तक ऐसे ही धक्के मारे़ मैंने मोहित को कहा मैं अब रह नहीं पाऊंगी, वह मुझे कहने लगा तुम्हारी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकालने लगा है। मोहित भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा था मोहित मुझे कहने लगा मैं अपने आप को बिल्कुल रोक नहीं पा रहा हूं जब उसका वीर्य अंदर से बाहर निकलने लगा था तो उसने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। मैंने उसे कहा तुमने आज मेरी इच्छा को पूरा किया उसके लिए मैं तुम्हें थैंक्यू कहना चाहती हूं। मोहित कहने लगा कोई बात नहीं उस दिन के बाद जब भी मेरी इच्छा होती तो मैं मोहित को बुला लेती मैं प्यार में बिल्कुल भी भरोसा नहीं करती थी इसलिए मोहित को अपने पास बुला लिया करती थी और मोहित मुझे खुश कर दिया करता था।
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पत्नी बोली चोदते रहो


सुबह के वक्त मैं अखबार पढ़ रहा था तभी मेरी बहन का फोन आया और जब मेरी बहन का फोन आया तो वह मुझे कहने लगी कि भैया आप अभी घर पर आ जाइए। उसने मुझे और कुछ तो नहीं बताया लेकिन मैं जल्दी से तैयार हुआ और अपनी बहन के घर चला गया मैं जब अपनी बहन के घर पहुंचा तो मैंने देखा उसके पति की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी और उन्हें मुझे अस्पताल लेकर जाना पड़ा। जब मैं उनको अस्पताल लेकर गया तो मैंने उनको वही एडमिट करवा दिया था अस्पताल में एडमिट करवाने के बाद मैंने अपनी बहन से पूछा तो उसने मुझे बताया कि आज सुबह से ही इनकी काफी ज्यादा तबीयत खराब थी पहले तो मुझे लगा कि ठीक हो जाएगी लेकिन जब इनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो मैं बहुत ज्यादा घबरा गई थी। मैंने अपनी बहन को कहा कि तुम्हें मुझे पहले ही यह सब बता देना चाहिए था वह मुझे कहने लगी भैया मुझे लगा था कि उनकी तबीयत ठीक हो जाएगी लेकिन इनकी तबीयत तो ठीक ही नहीं हुई। मैं और मेरी बहन साथ में बैठे हुए थे डॉक्टर ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है पेट में कुछ गलत खाने की वजह से तकलीफ हो गई थी।

डॉक्टर ने उन्हें दवाई भी दी थी और हम लोग अब उन्हें घर लेकर आ गए थे मैंने अपनी बहन को कहा कि यदि कोई परेशानी होगी तो तुम मुझे फोन कर देना वह कहने लगे ठीक है भैया। मैं अब घर वापस लौट चुका था मैं जब घर वापस आया तो मेरी पत्नी ने पूछा कि अब आनंद कैसे हैं तो मैंने अपनी पत्नी को कहां वह पहले से ठीक है। मैं और मेरी पत्नी साथ में बैठे हुए थे और बात कर रहे थे वह मुझे कहने लगी कि आज मैं सोच रही हूं कि अपनी सहेली को घर बुला लूं। मैंने उसे कहा कि हां तुम अपनी सहेली को घर पर बुला लो वैसे भी मैं अपने किसी काम से अभी जा रहा हूं। मुझे अपने काम के सिलसिले में अपने एक दोस्त से मिलना था और मैं उससे मिलने के लिए जाने वाला था मैं तैयार होने के लिए चला गया। मैं नहा कर जब निकला तो मैं तैयार हो चुका था उसके बाद मैं अपने दोस्त को मिलने के लिए चला गया मैंने अपनी पत्नी से कहा कि यदि कोई जरूरी काम होगा तो तुम मुझे फोन कर देना। मैं अब अपने दोस्त के घर पहुंच गया जब मैं उसके घर पर पहुंचा तो उससे उस दिन बिजनेस को लेकर मेरी काफी देर तक बात हुई।

शाम के वक्त मैं घर लौटा तो मेरी पत्नी घर पर नहीं थी मैंने घर का दरवाजा खोला और मैंने उसे फोन किया तो वह मुझे कहने लगी कि मैं अपनी सहेली के साथ शॉपिंग करने के लिए आ गई थी। मैंने अपनी पत्नी से कहा लेकिन तुम्हें मुझे बताना तो चाहिए था वह कहने लगी कि मैं आपको बताना चाहती थी लेकिन हम लोग बहुत जल्दी में थे और मैं आपको बता ना सकी मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैं तुम्हारा घर पर इंतजार कर रहा हूं। मैं घर पर बैठा हुआ था थोड़ी देर बाद मेरी पत्नी भी आ चुकी थी और जब वह आई तो मैंने उससे पूछा कि आज तो तुमने काफी शॉपिंग कर ली है। वह मुझे कहने लगी कि मेरी सहेली ने मुझसे जिद की और कहा कि तुम मेरे साथ चलो इसलिए मुझे उसके साथ जाना पड़ा और मैंने भी सोचा कि मैं भी अपने लिए शॉपिंग कर लेती हूं। हम दोनों की शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं और मेरे माता पिता के देहांत के बाद सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही आ गई थी इसलिए मैंने काफी देर से शादी की। मैंने अपनी बहन की शादी भी करवा दी थी उसके बाद ही मैंने अपनी शादी कि। अगले दिन मुझे अपने ऑफिस जाना था मैं जल्दी तैयार हुआ और अपने ऑफिस चला गया मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो दोपहर के वक्त मैं अपने केबिन में बैठा हुआ था। हमारे ऑफिस में काम करने वाले राजेश ने मुझसे कहा कि सर मुझे कुछ दिनों के लिए छुट्टी चाहिए मैंने उससे पूछा लेकिन तुम्हें छुट्टी किस लिए चाहिए तो वह मुझे कहने लगा कि सर मेरी शादी है और अपनी शादी के लिए मुझे छुट्टी चाहिए थी। मैंने उसे कहा ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले लेना और उसके बाद वह मेरे केबिन से चला गया मैं अपने केबिन में ही बैठा हुआ था। मेरे ऑफिस में काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट जब मेरे पास आई और कहने लगी कि सर आपसे मिलने के लिए कोई आए हुए हैं तो मैंने उसे कहा तुम उन्हें अंदर भेज दो और उसने उन्हें अंदर भेज दिया। मैंने देखा कि वह मेरे पुराने मित्र हैं और उनसे मिल कर मैं बहुत खुश हुआ उनसे काफी वर्षों बाद मेरी मुलाकात हो रही थी मैंने उनसे कहा कि आज आप ऑफिस में कैसे आ गए।

वह मुझे कहने लगे कि हम आपसे मिलने के लिए तो हमे समय निकालना पड़ा मैंने उन्हें कहा कि आप मुझे शर्मिंदा मत कीजिए मैं और वह दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने उनसे पूछा कि आपका काम कैसा चल रहा है। वह मुझे कहने लगे कि मेरा काम भी अच्छा चल रहा है उनका नाम मोहन है मोहन पहले हमारी कॉलोनी में ही रहते थे लेकिन अब उन्होंने दूसरी जगह घर बना लिया है इसलिए वह वहां शिफ्ट हो चुके हैं और हमारी कॉलोनी वाला घर उन्होंने बेच दिया है। मोहन के पिताजी और मेरे पिताजी के बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी और वह लोग पहले अक्सर हमारे घर पर आया जाया करते थे। मोहन मुझे कहने लगे कि सुरेश कभी आप हमारे घर पर भी आइए तो मैंने उन्हें कहा जरूर जब मुझे समय मिलेगा तो मैं जरूर आपके घर पर आऊंगा उन्होंने मुझसे कहा कि अब मुझे इजाजत दीजिए मैं चलता हूं और वह अब चले गए। मैं भी उस दिन जल्दी घर चला गया मैं जब घर पहुंचा तो मेरी पत्नी अनामिका मेरा इंतजार कर रही थी और अनामिका ने मुझसे कहा कि आज आप जल्दी आ गए।

मैंने उसे कहा आज मेरा काम करने का मन नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि घर जाकर कुछ देर आराम कर लेता हूं तो अनामिका मुझसे पूछने लगी कि सुरेश क्या आपकी तबीयत तो ठीक है। मैंने अनामिका को कहा हां मेरी तबीयत तो ठीक है ना मेरी तबीयत को क्या होगा मैंने अनामिका को कहा लेकिन मैं कुछ देर आराम करना चाहता हूं और मैं अपने बेडरूम में चला गया। मैं कुछ आराम करना चाहता था मुझे काफी थकान महसूस हो रही थी मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी आंख लग गई और मैं बहुत गहरी नींद में सो चुका था। मैं काफी गहरी नींद में सो रहा था लेकिन जब मुझे एहसास हुआ कि कोई मेरे पैरों को दबा रहा है तो मैंने अपनी आंखों को खोली मैंने जब देखा अनामिका मेरे पैरों को दबा रही थी। मैंने अनामिका से कहा तुम रहने दो, वह कहने लगी सुरेश मुझे लगा कि तुम बहुत ज्यादा थक चुके हो। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैं अभी लेटा हुआ हूं लेकिन अनामिका मेरे पैरों को दबा रही थी। वह मेरे पैरो को दबाती तो उसके स्तन बाहर की तरफ दिख रहे थे। मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा वह मेरे पास आकर बैठी जब वह मेरे पास आकर बैठी तो मैंने उसके ब्लाउज को उतारते हुए उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाया। वह कहने लगी लगता है आपका मन आज सेक्स करने का होने लगा है? मैंने उसे कहा हम लोगों को काफी दिन हो चुके हैं जबसे हम लोगों ने सेक्स नहीं किया है। अनामिका ने भी अपनी साड़ी उतार दी और मेरे सामने वह नंगी लेटी हुई थी। मै उसकी चूत के अंदर उंगली डाल रहा था वह मेरे लंड को हिलाने लगी। उसने मुझे कहा हम लोग 69 पोज मे एक दूसरे को मजे देते हैं। हम दोनों एक दूसरे के साथ 69 मे पूरी तरीके से मजे करने लगे मैंने उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल दी। उसकी चूत को मै अच्छे तरीके से चाटने लगा मैंने उसकी चूत से पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल दिया था। अनामिका इस बात से बहुत ज्यादा खुश हो गई थी वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको नहीं रोक पा रही हूं। मैंने उसे कहा रोक तो मैं भी अपने आपको नहीं पा रहा हूं।

मैंने उसकी चूत के अंदर लंड घुसाना शुरू किया वह बड़ी तेजी से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी कितने समय बाद आज आप मुझे चोद रहे हैं। मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है मैंने उसके दोनों पैरों को खोल दिया और अपनी पूरी ताकत के साथ मे उसे धक्के देने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और मैंने उसे तेजी से धक्के दिए वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने पैरों को खोलने लगी जब वह अपने पैरों को खोल रही थी तो मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था जिससे कि वह बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही थी। जब मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा तो मेरा मन उसकी गांड मारने का होने लगा। मैने अनामिका से पूछा तो वह बोली तुम्हें मुझसे पूछने की क्या जरूरत है।

मैंने उसे कहा मैं अपने लंड को तेल की मालिश कर रहा हूं मैंने तेल की मालिश की जब मैने अनामिका की गांड के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मेरा मोटा लंड उसकी गांड के अंदर चला गया। जिससे कि वह बहुत तेजी से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मै अपने आपको बिल्कुल मैं रोक नहीं पाऊगी। उसने मुझे कहा तुम मुझे अब ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए थे और जिस तेज गति से मै उसे धक्के दे रहा था उससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मैं उसे लगातार तेजी से धक्के देता रहा वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसे कहा आज कितने दिनों बाद मै तुम्हारी गांड के मजे ले रहा हूं। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी उसने मेरा साथ बडे अच्छे से दिया उसके बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ को निकलने वाला था। मैंने उसे कहा मुझे लगता है मेरा वीर्य गिरने वाला है। अनामिका कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरी गांड के अंदर गिरा दो। मैंने भी अनामिका की गांड के अंदर ही अपने वीर्य को गिरा दिया। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे की बाहों मे थे। अनामिका ने मेरा साथ दिया उससे मेरी सारी थकान दूर हो गई और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मैने उसे कहा आज तुम्हारी गांड इतने समय बाद मारी तो मजा आ गया।
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बदन मे आग लगी थी लंड लेने की


पापा कहने लगे कि रोहित बेटा जल्दी से तैयार हो जाओ मैं भी जल्दी से तैयार हो गया मैं तैयार हो चुका था और हम लोग पापा के दोस्त के घर जाने वाले थे। मैं पहली बार ही उनके घर पर गया था उनके घर पर उनकी पत्नी और उनका एक बेटा है जिसकी उम्र मुझसे करीब दो वर्ष कम थी हम लोगों ने उस दिन उनके घर पर ही डिनर किया और फिर हम लोग अपने घर वापस लौट आए। जब हम लोग अपने घर वापस लौटे तो उस वक्त रात के करीब 11:00 बज रहे थे मुझे भी नींद आ रही थी इसलिए मैं अपने रूम में जाकर सो गया लेकिन रात को कुछ ज्यादा ही शोर हो रहा था। मैंने जब उठकर अपनी घड़ी में देखा तो उस वक्त करीब 1:30 बज रहे थे मैं बाहर गया तो पापा मम्मी भी बाहर खड़े थे हम लोगों ने देखा की बाहर हमारे पड़ोस में रहने वाली आंटी काफि ज्यादा शोर कर रही थी। जब हम लोग वहां गए तो वहां पर काफी ज्यादा भीड़ लगी हुई थी और उन्होंने बताया कि उनके घर पर चोरी हुई थी इस बात से कॉलोनी के सब लोग बहुत घबरा गए थे और उसके कुछ देर बाद ही पुलिस वहां पर आ गई।

जब पुलिस आई तो पुलिस घर की जांच करने लगी उनके घर से काफी सामान चोरी हो चुका था जिससे की कॉलोनी के लोग घबरा चुके थे और वह रात को अच्छे से सो भी नहीं पाये थे मैं भी अपने कमरे में लेटा हुआ था लेकिन मुझे उसके बाद नींद नहीं आई। अगले दिन रविवार का दिन था पापा मुझे कहने लगे कि रोहित बेटा क्या तुम आज कहीं जा रहे हो तो मैंने उन्हें कहा नहीं पापा आज तो मैं घर पर ही हूं। वह मुझे कहने लगे कि यदि तुम घर पर हो तो क्यों ना हम लोग आज शॉपिंग करने के लिए चलें तुम्हारी मम्मी भी काफी दिनों से मुझे कह रही थी मैंने पापा से कहां की ठीक है पापा हम लोग शॉपिंग करने के लिए चलते हैं। उस दिन हम लोग मॉल में शॉपिंग करने के लिए चले गए जब उस दिन हम लोग शॉपिंग करने के लिए गए तो उस दिन मुझे मेरा दोस्त राहुल भी मॉल में मिला। राहुल मुझे काफी समय बाद मिल रहा था राहुल का नंबर मेरे पास नहीं था तो मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें काफी समय से फोन करने की कोशिश कर रहा था लेकिन तुम्हारा जो पुराना नंबर था वह स्विच ऑफ आ रहा था जिस वजह से मेरी तुमसे कोई बात नहीं हो पाई। राहुल ने मुझे कहा कि मेरा फोन चोरी हो गया था और मुझे नया फोन खरीदना पड़ा जिसमें कि मैंने अपना सिम भी बदल दिया था राहुल ने मुझे अब अपना नया नंबर दे दिया था। पापा और मम्मी शॉपिंग कर रहे थे मैं और राहुल फूड कोर्ट में बैठे हुए थे हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो मैंने राहुल को कहा कि क्या तुम यहां पर अकेले आए थे तो उसने मुझे बताया कि नहीं वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ यहां आया था लेकिन अब वह जा चुकी है।

मैंने राहुल को कहा लेकिन तुम्हारी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी उसने मुझे सारी बात बताई और कहने लगा कि मैं जिस ऑफिस में काम करता हूं उसी ऑफिस में सुहानी भी काम करती है और हम दोनों की बातचीत काफी अच्छी होने लगी जिसके बाद हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए और हम दोनों अभी रिलेशन में हैं। मैंने राहुल को पूछा क्या तुम सुहानी के साथ शादी करने वाले हो तो राहुल ने मुझे बताया कि नहीं उसने अभी इस बारे में कुछ सोचा नहीं है। मैंने राहुल से कहा कि अभी मैं चलता हूं क्योंकि पापा मेरा इंतजार कर रहे होंगे पापा और मम्मी ने भी शॉपिंग कर ली थी उसके बाद मैं वहां से घर चला आया। अगले दिन जब मैं सुबह जल्दी तैयार होकर अपने ऑफिस के लिए निकला तो रास्ते में मेरी मोटरसाइकिल का टायर पंचर हो गया जिस वजह से मुझे ऑफिस पहुंचने में थोड़ा देर हो गई थी। जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो मैं अपना काम कर रहा था मैं अपने कंप्यूटर का काम कर ही रहा था कि मेरे सीनियर ने मुझे अपने कैबिन में बुला लिया। जब उन्होंने मुझे अपने कैबिन में बुलाया तो उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा और कहा कि तुम काफी अच्छे से काम करते हो मैं तुम्हारे काम से काफी खुश भी हूं। वह कहने लगे कि तुम हमारे ही ऑफिस की दूसरी ब्रांच में चले जाओ क्योंकि वहां पर काफी समय से कुछ परेशानी चल रही थी। जब उन्होंने मुझे यह बात कही तो मैं कुछ समझा नहीं था लेकिन जब उन्होंने मुझे बताया कि हमारे बॉस चाहते हैं कि वह मेरा प्रमोशन करें और उसके बाद मैं उस ब्रांच में चला जाऊं तो मैं इस बात से बड़ा खुश हुआ। मैंने उन्हें कहा कि लेकिन सर मुझे वहां कब जाना है तो वह कहने लगे कि तुम अगले हफ्ते से उस ऑफिस को ज्वाइन कर लेना।


मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और अब मैं अपना काम कर रहा था मैं जब अपना काम कर रहा था तो मुझे पता ही नहीं चला कि कब शाम हो चुकी है मैंने जब अपने रिस्ट वॉच में देखा तो उस वक्त करीब 6:30 बज रहे थे और मैं अपने घर जाने की तैयारी करने लगा। मैं घर पहुंचा तो मैंने अपनी मां को यह बात बताई वह भी बहुत खुश हुई और उन्होंने मेरा मुंह मीठा करवाया। थोड़े ही दिनों बाद मैंने नया ऑफिस जॉइन कर लिया था जब मैंने नया ऑफिस ज्वाइन किया तो मेरी मुलाकात ऑफिस में रचना के साथ हुई। जब मै रचना से मिलता तो मुझे उसका साथ बहुत ही अच्छा लगता और रचना भी मेरे साथ काफी खुश रहती थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ डेट करने लगे थे मुझे रचना के साथ बातचीत करना बहुत अच्छा लगता और हम लोग जब भी एक दूसरे के साथ होते तो मैं रचना के साथ हमेशा ही रोमांटिक मूड में होता। एक दिन मैंने उससे फोन पर बात कि उस दिन हम दोनों की फोन पर बड़ी ही गर्म बाते होने लगी जिससे कि वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और अगले दिन शायद वह अपनी गर्मी को मिटाना चाहती थी। जब वह ऑफिस में आई तो मुझे कहने लगी रोहित कल आपने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था और मैंने अपनी चूत के अंदर उंगली डाली।

उसकी बात सुनकर मुझे लगा वह बिल्कुल नहीं रह पाएगी इसलिए मैं उसे उस वक्त अपने ऑफिस के बाथरूम में ले गया क्योंकि उस वक्त लंच टाइम था इसलिए सब लोग ऑफिस के पास लांच करने के लिए गए हुए थे ऑफिस के पास ही एक कैंटीन है वहां पर सब लोग लंच करने के लिए गए हुए थे। मेरे लिए बहुत ही अच्छा मौका था और हम दोनों बाथरूम में चले गए जब हम लोग बाथरूम मे गए और मैने लंड को बाहर निकाला तो रचना ने मेरे लंड को अपने हाथों मे लेकर हिलाना शुरु किया मेरा लंड बहुत ही ज्यादा मोटा है मैंने उसे कहा तुम इसे अपने मुंह के अंदर ले लो। उसने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को समा लिया जब उसने ऐसा किया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह बडे ही अच्छे से मुझे गर्म करती जा रही थी और मेरे लंड को उसने बहुत देर ऐसे ही चूसा। मेरी गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं मैंने उसके शर्ट को खोला उसने टाइट शर्ट पहनी हुई थी उस मे उसके स्तन बाहर की तरफ को झाक रहे थे। जब मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उसके बूब्स को अपने मुंह में लेकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैंने उसके निप्पलो को बहुत देर तक चूसा जिससे कि उसकी गर्मी पूरी तरीके से बढ़ती चली गई। जब मैंने उसकी पैंटी को उतार कर उसकी पैंटी को नीचे किया तो उसकी चूत गीली हो चुकी थी उसने हाई हील वाले सैंडल पहने हुए थे जिसमें कि उसकी चूतडे बाहर की तरफ ऊठी हुई थी। मैंने उसे घोड़ी बना दिया जब उसे घोड़ी बनाया तो मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया और उसकी चूत के अंदर मैंने अपने लंड को डालने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी।

मैंने उसकी चूत को पूरी तरीके से गिला कर दिया था और उसके बाद जब मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और कहने लगी सर मेरी चूत फट चुकी है और आपका लंड अंदर जा चुका है। मेरा लंड उसकी चूत मे घुस चुका था, मै उसे धक्के मार रहा था मेरा ऐसा करने से वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित रही थी। वह अपनी चूतडो को मुझसे मिला रही थी लेकिन उसकी बडी चूतडे मेरे लंड से टकराती तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक करते रहे। वह मुझे कहने लगी कल रात को आपने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था मै अपनी चूत मे आपके लंड को लेने के लिए पागल थी। रचना कई दिनों से मुझे सेक्स को लेकर गर्म करने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उसकी चूत मारकर उसकी गर्मी को तुरंत ही मिटा दिया था वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी।

मैंने उसे कहा आज तो तुम बहुत ही ज्यादा खुश हो गई होगी। वह कहने लगी सर मैं बहुत ज्यादा खुश हूं और जिस प्रकार आप मेरी चूत का मजा ले रहे हैं उससे मेरी चूत से निकलता हुआ पानी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। रचना ने मेरा साथ बखूबी निभाया उस से मेरे अंदर की गर्मी भी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। मैंने उसे कहा मेरा वीर्य बाहर गिरने वाला है। वह कहने लगी कोई बात नहीं आप अंदर ही गिरा दीजिए मैंने उसकी बड़ी चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया था जिसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया जिससे कि मेरी गर्मी बढ़ती चली गई और उसकी चूत से पानी बाहर को निकालने लगा था और थोड़ी ही देर बाद मैंने उसकी चूत के अंदर अपने वीर्य को डाल दिया। वह बहुत ज्यादा खुशी उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए हालांकि उसकी चूत से अभी तक मेरा माल गिर रहा था लेकिन उसने अपनी पैंटी से उसे साफ कर लिया था। मेरा जब भी मन होता था मैं रचना के साथ सेक्स कर लिया करता।
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भाभी का गजब अंदाज


मेरे दोस्त ने मुझे घर तक छोड़ा और उसके बाद मैं जब घर के अंदर आया तो मैंने देखा मां काफी ज्यादा परेशान थी। मैंने मां से परेशानी का कारण पूछा तो मां ने मुझे कुछ भी नहीं बताया लेकिन मुझे भी एहसास होने लगा था कि मां शायद मेरी वजह से ही परेशान रहती हैं क्योंकि पिताजी के बिजनेस के नुकसान के चलते घर की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी और घर में कोई कमाने वाला भी नहीं था इसलिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा और मैं नौकरी की तलाश में भटकने लगा। जब मुझे नौकरी मिली तो मैं काफी खुश हुआ और मैं अब अपनी पूरी मेहनत के साथ काम करने लगा मुझे जो भी पैसे मिलते उसमें से मैं आधे पैसे घर में मां को दे दिया करता मां ही घर का सारा खर्चा देखा करती। अब सब कुछ ठीक होने लगा था घर में मां और पापा के बीच में भी इस बात को लेकर बहुत झगड़े होते थे कि पापा कुछ करते नहीं है क्योंकि पापा अपने बिजनेस के नुकसान के बाद से काफी टूट चुके थे और वह घर पर ही रहते थे मां को इस बात की चिंता बहुत ज्यादा रहती थी परंतु मां कभी किसी से कुछ नहीं कहती।

एक दिन मां ने मुझे कहा बेटा क्या तुम कुछ दिनों के लिए अपनी भाभी के घर चले जाओगे मैंने मां से कहा लेकिन मां भाभी के घर मुझे क्यों जाना है। मां कहने लगी कि बेटा तुम्हारी भाभी के पड़ोस में कुछ दिनों से बहुत चोरियां हो रही हैं और तुम्हारे भाभी के पति भी घर पर नहीं है जिस वजह से भाभी चाहती थी कि तुम उनके घर कुछ दिनों के लिए चले जाओ। मैं अपनी भाभी के घर चला गया मैं जब उनके घर पर गया तो भाभी ने मुझसे मेरी मां के बारे में पूछा मैंने उन्हें बताया मां तो ठीक है। मैंने जब भाभी को पूछा कि क्या यहां पर आजकल चोरियां हो रही है तो वह मुझे कहने लगे कि हां यहां पर कुछ दिनों से बहुत चोरियां हो रही हैं जिस वजह से मैंने कहा था कि तुम्हें कुछ दिनों के लिए मेरे घर पर भेज दे। मैंने भाभी को कहा भाभी भैया जी वापस कब लौटेंगे तो वह मुझे कहने लगी उन्हें लौटने में तो थोड़ा समय लगेगा।

मैं कुछ दिन भाभी के घर पर ही था वहां जब मेरी मुलाकात सोहन से हुई तो सोहन से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती होने लगी कुछ समय बाद मैं अपने घर वापस चला आया लेकिन सोहन से अभी भी मेरी बात होती रहती थी। एक दिन सोहन ने मुझे अपने घर पर बुलाया और कहा कि  आज घर पर कोई भी नहीं है हम दोनों को बहुत अच्छा मौका मिल गया था और हम लोगों ने उस दिन घर में जमकर पार्टी की और उसके बाद मैं अगले दिन अपने घर चला आया। सोहन और मेरी बात अक्सर फोन पर होती रहती थी लेकिन काफी समय से सोहन से मेरी मुलाकात नहीं हुई थी क्योंकि मैं कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में बेंगलुरु गया हुआ था। मुझे करीब एक महीने तक बेंगलुरु में ही रहना था इस एक महीने में मैं काफी अकेला महसूस कर रहा था मैं बेंगलुरु में किसी को भी तो नहीं जानता था। जिस होटल में मैं रुका था वहां पर मेरी बातचीत होटल के कर्मचारियों से अच्छी होने लगी थी होटल के कर्मचारियों से मेरी अच्छी बातचीत होने लगी थी और मैनेजर के साथ भी मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। एक दिन मैनेजर ने मुझे कहा कि क्या आप ड्रिंक करते हैं तो मैंने उन्हें कहा कि हां क्यों नहीं और उस दिन हम दोनों ने साथ में ड्रिंक की मैनेजर के साथ मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। एक महीने का मुझे पता ही नहीं चला कब एक महीना बीत गया और मैं अब घर वापस लौट चुका था मैं जब घर आया तो मैं काफी ज्यादा थका हुआ था मैंने अपनी मां से कहा कि मैं काफी थका हुआ हूं इसलिए आज मुझे आराम करने दो। मैं आराम करने लगा जब शाम के वक्त मैं उठा तो मां ने मुझे कहा कि सोहन बेटा घर में सामान खत्म हो चुका है तो क्या तुम मेरे साथ राशन ले आओगे। मैंने मां को कहा हां क्यों नहीं मैं अब मां के साथ राशन लेने के लिए चला गया शाम के वक्त मैं जब राशन लेने के लिए गया तो मैं और मां राशन ले आए थे।

पापा घर पर ही थे पापा की कुछ दिनों से तबीयत ठीक नहीं थी तो पापा को भी मुझे अस्पताल लेकर जाना था मैंने पापा से कहा कि क्या आप की तबीयत ठीक नहीं है तो वह कहने लगे कि बेटा कुछ दिनों से मुझे काफी बुखार आ रहा है मैंने डॉक्टर को दिखाया था लेकिन फिर भी मुझे आराम नहीं मिला। मैंने पापा से कहा कि कोई बात नहीं कल मैं आपको डॉक्टर के पास ले चलूंगा अगले दिन भी मेरी ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैं उन्हें डॉक्टर के पास ले गया। जब मैं उन्हें वापस लेकर आया तो वह मुझे कहने लगे कि बेटा जब से तुमने काम संभाला है तबसे घर में काफी खुशियां आ चुकी हैं मैंने पापा से कहा देखिए पापा आपने भी काफी वर्षों तक बहुत मेहनत की लेकिन अब आपके बिज़नेस में नुकसान हो गया तो उसमें आपकी भी कोई गलती नहीं है। पापा कहने लगे कि बेटा लेकिन कई बार मुझे लगता है कि मुझे भी तुम्हारे लिए कुछ करना चाहिए था मैंने पापा से कहा पापा आपने दीदी की भी तो शादी करवाई थी दीदी की शादी में भी आपने काफी खर्चा किया था और दीदी की शादी बहुत धूमधाम से हुई थी। पापा इस बात के लिए बहुत दुखी थे कि वह मेरे लिए कुछ कर नहीं पाए परंतु मैंने कहा कि पापा अब आप इस बात को भूल जाइए और आप अपनी तबीयत पर ध्यान दीजिए।

मैं अब हर रोज की तरह सुबह ऑफिस जाता और शाम को घर वापस लौट आता एक दिन सोहन का मुझे फोन आया सोहन मुझे कहने लगा कि प्रदीप तुम काफी दिनों से मुझे मिले नहीं हो। मैंने सोहन को कहा मैं तुमसे मिलने के लिए अगले हफ्ते आऊंगा सोहन कहने लगा ठीक है अगले हफ्ते वैसे भी पापा और मम्मी घर पर नहीं है तो तुम अगले हफ्ते घर पर आ जाना। सोहन के पापा मम्मी किसी शादी में जाने वाले थे इसलिए मैं जब अगले हफ्ते सोहन के घर पर गया तो वह लोग घर पर नहीं थे सोहन और मैं उस दिन बैठ कर बात कर रहे थे। मैंने सोहन को कहा तुमसे मैं काफी दिनों बाद मिल रहा हूं तो सोहन मुझे कहने लगा हां प्रदीप तुम से मेरी काफी दिनों बाद मुलाकात हो रही है। हम दोनों एक दूसरे से हाल-चाल पूछ रहे थे तो सोहन ने मुझे बताया कि उसके परिवार वालों ने उसके लिए लड़की देखी है और जल्द ही वह सगाई करने वाला है। मैंने सोहन को कहा यह तो बहुत ही खुशी की बात है कि तुम्हारी सगाई होने वाली है सोहन मुझे कहने लगा लेकिन मैं अभी सगाई करना नहीं चाहता हूं। सोहन और मैं साथ में बैठ कर बात कर रहे थे उस वक्त रात के 9:00 बज रहे थे। मैंने देखा कि भाभी किसी के साथ आ रही है जब हम लोगों ने देखा कि उन्हें छोड़ने के लिए कोई लडका आया हैं। सोहन मुझे कहने लगा आजकल मैं तुम्हारी भाभी को उस लडक के साथ बहुत बार देख चुका हूं। मुझे तो भाभी पर पहले से ही शक था क्योंकि मुझे उनका चाल चलन कुछ ठीक नहीं लगता था। मैंने सोहन से कहा मैं अभी आता हूं। सोहन कहने लगा तुम कहां जा रहे हो? मैंने उसे कहा मैं भाभी से मिलकर आता हूं। वह कहने लगा ठीक है तुम आ जाओ मैं घर मे ही हूं और तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं। मैं भाभी से मिलने के लिए चला गया मैं जब उनसे मिलने के लिए गया तो वह घर के अंदर ही थी। उन्होंने दरवाजा खोला उन्होने नाइटी पहनी हुई थी। उन्होंने मुझे देखा तो एकदम से वह घबरा गई और मुझे कहने लगी प्रदीप तुम इस वक्त कहां से आ रहे हो?

मैंने उन्हें कहा भाभी बस ऐसे ही यहां से गुजर रहा था तो सोचा आप से मिलता हुआ चलू। उन्होने मुझे अंदर आने के लिए कहा जब उन्होंने मुझे अंदर आने के लिए कहा तो मैं उनके साथ बैठ गया उसके बाद मैंने उनसे बात की मैं जानना चाहता था कि वह लडक कौन था। उन्होंने मुझे उस दिन सब कुछ सच बता दिया मैं यह सुनकर उनकी चूत मारने के लिए बेताब हो चुका था। मैंने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया उनके ना जाने कितने लोगों के साथ नाजायज संबंध थे मेरे लिए तो बड़ा ही अच्छा मौका था। मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया जब मैंने उनके स्तनों को अपने मुंह के अंदर ले लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। उन्होंने भी मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर लेकर बहुत देर तक सकिंग किया जिससे कि उनके अंदर कि गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी कि वह मुझे कहने लगी मै अब रह नहीं पाऊंगी। मैंने भी उनके बदन से उनके कपड़े उतार दिए उनकी चूत के अंदर लंड घुसा दिया। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मेरा लंड जब उनकी चूत के अंदर बाहर होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया उन्होने अपने पैरों को खोल लिया। जब वह सिसकियां ले रही थी उससे मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया था।

मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदना शुरु किया जिससे कि वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी  मुझे भी उन्हें धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा था। जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी और अपनी चूतड़ों को मुझसे मिला रही थी उससे मेरे अंदर की गर्मी और भी अधिक हो रही थी। मैं उन्हें काफी देर तक ऐसे ही धक्के मारता रहा। भाभी कहने लगी प्रदीप तुम तो बड़े अच्छे से मेरी चूत मार रहे हो मुझे पता होता तो मैं तुमसे कब की अपनी चूत मरवा लेती। मैंने उन्हें कहा भाभी आपके साथ मुझे आज सेक्स करने मे मजा आ रहा है। वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही हैं मैंने उनकी चूत बड़े अच्छे से मारी फिर उनकी गांड देखकर मैं उनकी गांड मारने के लिए उत्सुक हो गया। मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनकी गांड मे लंड डाला तो वह बड़ी जोर से चिल्लाई मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मैंने उनका साथ बड़े अच्छे से दिया मैंने उनका साथ इतने अच्छे से दिया कि उन्होंने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया और उनकी गांड पूरी तरीके से छिल चुकी थी लेकिन मुझे उनकी गांड मारने में बहुत मजा आया। उसके बाद मै सोहन के घर लौट आया लेकिन अभी भी भाभी के साथ मेरे संबंध है और मैं उनके साथ सेक्स के मज़े लिया करता हूं।
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पहली चुदाई चाय के बाद


मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली चला गया दिल्ली के एक नामी कॉलेज में मैंने दाखिला लिया और वहीं हॉस्टल में में रहने लगा। मैं रोहतक का रहने वाला हूं और दिल्ली से ही मैं पढ़ना चाहता था मेरे पापा चाहते थे कि मैं किसी अच्छे कॉलेज से पढ़ाई करूं इसलिए उन्होंने मुझे दिल्ली के एक नामी कॉलेज में भेज दिया। वहां पर मेरा दाखिला हो चुका था और अब मैं अपनी पढ़ाई करने लगा तो समय का कुछ पता चला ही नहीं और मेरे कॉलेज की पढ़ाई जल्दी से पूरी हो गई उसके बाद मैं रोहतक लौट गया। कुछ समय रोहतक में रहने के बाद मैं दिल्ली अपने प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी करने के लिए वापस लौट आया उसी दौरान मैंने एक किराए का कमरा भी लिया। कमरा लेने के बाद मैंने अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना शुरू किया और अपनी पढ़ाई पर मैं पूरा ध्यान देने लगा मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था मैं अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहा था और मेरे पापा का भी मुझे काफी सपोर्ट था। मैं हर महीने अपने घर रोहतक चला जाया करता था कुछ समय घर पर रहने के बाद मैं वापस दिल्ली लौट आता।

दिल्ली में ही मेरी मुलाकात मनीषा से हुई मनीषा से मेरी मुलाकात मेरे कोचिंग सेंटर में हुई वहां पर जब मैं पहली बार मनीषा को मिला तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगा और हम दोनों की बातचीत भी होने लगी थी। मनीषा के साथ समय बिताकर मुझे अच्छा लगता मैं शायद मनीषा को पसंद करने लगा था लेकिन मनीषा को मैंने अपनी दिल की बात कभी जाहिर होने ही नहीं दी। मेरे पापा अब अपनी नौकरी से रिटायर हो चुके थे तो उन्होंने घर पर ही छोटा सा फंक्शन रखने के बारे में सोचा उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि रोहन बेटा मैं रिटायर हो चुका हूं तो तुम कुछ दिनों के लिए घर पर आ जाओ। मैंने पापा को कहा ठीक है पापा मैं कल ही घर आ जाऊंगा मैं अब घर के लिए निकल चुका था मैं जब घर के लिए निकला तो मैं बस से ही रोहतक गया।

जब मैं रोहतक पहुंचकर जैसे ही मैं बस से नीचे उतरा तो सामने ही मेरा दोस्त निखिल खड़ा था निखिल मुझे देखते ही मेरे पास आया और कहने लगा कि तुम काफी समय बाद मिल रहे हो। मैंने निखिल को कहा कि तुम्हे यह बात तो पता ही है कि मैं दिल्ली में रहता हूं निखिल मुझे कहने लगा कि हां रोहन मुझे यह बात पता है कि तुम दिल्ली में ही रहते हो लेकिन तुम यह बताओ कि तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है। मैंने उसे कहा अभी तो मैं अपनी तैयारियों में ही लगा हूं मैंने निखिल को पूछा कि तुम क्या कर रहे हो तो निखिल ने मुझे बताया कि उसने अपने पापा का कारोबार संभाल लिया है। निखिल और मैं एक दूसरे से करीब 15 मिनट तक बात करते रहे उसके बाद निखिल ने मुझसे पूछा कि तुम अभी कहां जा रहे हो तो मैंने उसे बताया कि मैं अपने घर जा रहा हूं पापा रिटायर हो चुके हैं इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए घर आया था। निखिल ने मुझे कहा कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है और निखिल ने हीं उस दिन मुझे अपनी कार से घर तक छोड़ दिया था उसके बाद वह चला गया। मैं जब घर पहुंचा तो मैं कुछ देर अपने पापा के साथ बैठा रहा पापा ने मुझे कहा कि रोहन बेटा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है तो मैंने उन्हें कहा पापा पढ़ाई तो अच्छी चल रही है। मैं कुछ दिनों के लिए घर पर ही रहना चाहता था, मैंने पापा से पूछा आपने अचानक से ही पार्टी देने के बारे में निर्णय ले लिया वह मुझे कहने लगे कि रोहन बेटा मैंने काफी समय पहले ही सोच लिया था लेकिन मुझे लगा कि जब तुम घर आ जाओगे उसके बाद ही मैं यह फैसला लूंगा अब तुम घर आ चुके हो तो मैं सारी तैयारियां कर देता हूं, मैं चाहता हूं कि हमारे सारे रिश्तेदार आये इस बहाने उन लोगों से मुलाकात भी हो जाएगी। तभी मम्मी भी आ गई और मम्मी कहने लगी कि रोहन बेटा तुम कब आए मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी मैं तो बस थोड़ी देर पहले ही आया हूं। मम्मी पड़ोस की आंटी के पास गई हुई थी और वह कहने लगे कि बेटा तुमने पानी पी लिया था मैंने अपनी मां से कहा हां मां मैंने पानी फ्रिज से निकाल कर पी लिया था।

मम्मी भी हमारे साथ बैठ गई और पापा मम्मी के साथ इस बात को लेकर चर्चा करने लगे कि हम लोग किस प्रकार से पार्टी करेंगे आखिर में पापा ने निर्णय लिया कि हम लोग किसी होटल में ही हॉल बुक करवा देते हैं। हम लोगों ने एक होटल में हॉल बुक करवाने के बारे में सोच लिया था और हम लोगों ने जब होटल में हॉल बुक करवाया तो उसके बाद पापा ने हमारे जितने भी रिश्तेदार हैं उन सब को इनविटेशन भेज दिया था। मैंने भी अपने कुछ दोस्तों को बुला लिया था मैंने निखिल को भी उस पार्टी में बुला लिया था और जब पार्टी हुई तो उस दिन मैं अपने रिश्तेदारों से भी मिला और पापा भी काफी खुश थे। उसके बाद मैं वापस दिल्ली लौटना चाहता था तो मैंने पापा से कहा कि पापा मैं कल दिल्ली चला जाऊंगा पापा ने कहा कि बेटा दो दिन तुम और घर पर रुक जाते तो हमें भी अच्छा लगता। मुझे भी लगा कि मुझे एक-दो दिन और घर पर रुकना चाहिए इसलिए मैं घर पर रुक गया मैं दो दिन घर पर ही रुका उसके बाद मैं दिल्ली वापस लौट आया। मैं जब दिल्ली वापस लौटा तो मैंने अपनी क्लास शुरू कर दी मैं अपनी कोचिंग क्लास जाने लगा था और मनीषा से भी मैं काफी दिनों बाद मिल रहा था मनीषा ने मुझसे पूछा कि रोहन तुम काफी दिनों बाद दिखाई दे रहे हो।

मैंने मनीषा को बताया कि पापा रिटायर हो चुके हैं इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए रोहतक चला गया था मनीषा कहने लगी कि चलो यह तो अच्छी बात है कि तुम कुछ दिनों के लिए अपने घर चले गए थे। मैंने मनीषा को कहा की कुछ दिनों के लिए मैं घर चला गया था तो उतने दिनों की मेरी पढ़ाई छूट गई थी इसलिए मैंने मनीषा से नोट्स लिए। एक दिन मनीषा ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे घर पर आना चाहती हूं। मनीषा की बात को मैं मान गया और उसे अपने साथ अपने रूम मैं ले आया। मेरा रूम इतना बड़ा नहीं था लेकिन मनीषा और मैं साथ में बैठे हुए थे मैंने उसे चाय के लिए पूछा उसने कहा हां मेरे लिए तुम चाय बना दो  मैंने मनीषा के लिए चाय बना दी हम दोनों साथ में बैठकर चाय पीने लगे मैं मनीषा के कुछ ज्यादा ही नजदीक आने लगा मनीषा को भी यह सब अच्छा लग रहा था। हम दोनों एक दूसरे से खुलकर बात कर रहे थे कि तभी मैंने उसकी जांघों पर हाथ रखा और उसकी जांघों को सहलाने लगा जिससे कि वह मेरी तरफ देखने लगी और कहने लगी रोहन यह सब ठीक नहीं है लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसकी जांघों को बहुत देर तक सहलाया और मनीषा ने मेरे सामने अपने तन बदन को समर्पित कर दिया मेरे लिए तो यह बहुत ही अच्छा था मै उसके गोरे बदन को देखकर उत्तेजित होने लगा। मैं उसकी चूत के अंदर लंड को घुसाना चाहता था मेरे लिए तो यह बहुत ही अच्छा मौका था और वह भी खश थी। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसके होंठो को चूमा, मैंने जब उसके सामने अपने लंड को किया तो उसने मेरे लंड को देखा और उसे हिलाना शुरू कर दिया। जब वह मेरे लंड को हिला रही थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था, मेरे अंदर का ज्वालामुंखी बाहर आ रहा था। मैंने मनीषा से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लो, उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया। उसने जब अपने मुंह से मेरे लंड को चूसना शुरु किया तो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लो।

उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया था उसकी चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। मनीषा मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक हो रही थी। मैंने उसके कपड़े उतारकर उसके बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि वह मुझे कहने लगी मैं रह नही पा रही हूं। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो उसकी पिंक चूत को चाटने मे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैं उसकी चूत को बहुत अच्छे से चाट रहा था उसकी गर्मी पूरी तरीके से बढ गई थी। मनीषा की चूत से इतना ज्यादा पानी निकलने लगा था कि वह अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही थी उसने अपने पैरों को खोला और मुझसे कहा तुम मेरी चूत के अंदर लंड को डाल दो? मैंने अपने लंड पर तेल लगाकर उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी चूत को फडता हुआ अंदर तक चला गया।

जब मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो वह बड़ी जोर से चिल्लाई और उसकी चूत से खून निकल गया उसकी सील टूट गई। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर तेजी से लंड को धक्के देना शुरू कर दिया मैं उसकी चूत के अंदर धक्के दे रहा था तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं उसकी चूत मारता ही रहूं। मुझे उसकी चूत बड़ी ही टाइट महसूस हो रही थी। मुझे उसे धक्के देने मे बहुत मजा आ रहा मैंने उसके दोनों पैरों को चौडा किया तो वह मुझसे कहने लगी आज तो मजा ही आ रहा है। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर तेजी से हो रहा था वह बहुत ही ज्यादा गरम हो रही थी। उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ना कि कोशिश कि मै समझ गया था वह झड चुकी है। मैने लंड को बाहर निकाला और और उसके मुंह मे माल को गिरा दिया। मैने पहली बार मनीषा की चूत मारी तो मै खुश था।
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भाभी मुझ पर मर मिटी


मैंने गगन को उसकी शादी तय होने के लिए बधाई दी मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया था गगन मुझे कहने लगा कि राजेश तुम घर पर आए तो मुझे काफी अच्छा लगा। काफी समय बाद मैं गगन से मिल रहा था गगन से मिलकर मुझे भी काफी अच्छा लगा और हम दोनों उस दिन साथ में काफी देर तक बैठे रहे मेरी गगन से काफी बातचीत हुई और उसके बाद मैं अपने घर लौट आया। मेरी पत्नी संजना ने मुझे सुबह के वक्त उठाया मैंने जब घड़ी में देखा तो उस वक्त 6:00 बज रहे थे मैं हर सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए जाया करता हूं इसलिए मैं उस दिन भी सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकल पड़ा। करीब एक घंटे बाद मैं वापस लौटा तो संजना ने मेरे लिए चाय बनाई और कहने लगी कि राजेश आप चाय पी लीजिए मैंने चाय पी और उसके बाद मैं फ्रेश होने के लिए चला गया। मैं फ्रेश हुआ और अपने ऑफिस जाने के लिए मैं तैयारी करने लगा संजना मुझे कहने लगी कि राजेश आज रमेश आ रहा है, रमेश संजना का भाई है मैंने संजना से कहा कि मैं भी शाम के वक्त लौट आऊंगा और वैसे भी रमेश यहां पर कुछ दिनों तक तो रुकेगा ही।

संजना मुझे कहने लगी कि हां रमेश अपने किसी काम से आ रहा है और वह कुछ दिनों के लिए यहां रुकने वाला है मैंने संजना से कहा ठीक है मैं शाम को जब ऑफिस से लौट आऊंगा तो मैं रमेश से मिल लूंगा फिर मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं जब अपने ऑफिस से शाम के वक्त लौटा तो उस वक्त करीब 7:00 बज रहे थे मैं जब घर लौटा तो रमेश और संजना साथ में बैठे हुए थे और वह दोनों बात कर रहे थे मैं भी अपने हॉल में उन लोगों के साथ बैठ गया। मैं रमेश से उसके बारे में पूछने लगा तो रमेश ने मुझे बताया कि उसकी नौकरी कुछ समय पहले ही छूट गई थी और वह अपनी नौकरी की तलाश में दिल्ली आया हुआ है। मैंने रमेश को कहा की तुमने किसी कंपनी में इंटरव्यू दिया था वह मुझे कहने लगा नहीं जीजा जी मैंने तो अभी किसी भी कंपनी में इंटरव्यू नहीं दिया है। मैंने रमेश को कहा कि कल तुम अपना रिज्यूम मुझे दे देना मैं भी अपने कुछ दोस्तों से बात कर लूंगा तो रमेश मुझे कहने लगा कि ठीक है जीजा जी आप भी बात कर लीजिएगा वैसे कल मेरा इंटरव्यू है और मैं कल इंटरव्यू देने के लिए जाने वाला हूं।

मैं उसी शाम अपनी मां के साथ बैठा हुआ था मां काफी ज्यादा बीमार लग रही थी तो मैंने मां से पूछा कि मां आपकी तबीयत तो ठीक है ना तो वह कहने लगी कि हां बेटा मैं ठीक हूं बस थोड़ा सा सर में दर्द हो रहा था। मैंने उन्हें कहा मां आप आराम कर लीजिए वह अब आराम करने लगी और अगले दिन सुबह मैं अपने मॉर्निंग वॉक पर चला गया हमेशा ही मैं सुबह के 6:00 बजे मॉर्निंग वॉक पर जाया करता और हर रोज की तरह मैं एक घंटे बाद घर लौट आया करता। अगले दिन मैंने रमेश के रिज्यूम को अपने दोस्तों को भेज दिया था लेकिन रमेश का सिलेक्शन एक कंपनी में हो गया जिस कंपनी में वह इंटरव्यू देने के लिए गया था उसी कंपनी में उसका सिलेक्शन हो चुका था। रमेश का सिलेक्शन हो चुका था और कुछ समय के लिए वह हमारे साथ ही रहने लगा लेकिन कुछ समय बाद रमेश ने कहा कि मैं अपने लिए अलग घर लेना चाहता हूं पहले तो मैंने मना कर दिया था लेकिन फिर रमेश ने जिद की और कहा कि नहीं जीजा जी मैं अलग रहना चाहता हूं। संजना ने भी उसे कहा कि तुम हमारे साथ रह लो लेकिन वह हमारे साथ रहने के लिए तैयार नहीं हुआ और संजना ने उसके लिए एक नया घर तलाशना शुरू किया। हमारे घर के पास में ही उसने एक घर ले लिया अब रमेश वहीं रहने लगा था रमेश बीच-बीच में हमसे मिलने के लिए आ जाया करता था उसकी जब भी छुट्टी होती तो वह हमारे घर पर आ जाया करता था। मुझे भी कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस की मीटिंग से बाहर जाना था इसलिए मैंने रमेश को कहा कि तुम कुछ दिनों के लिए घर पर ही रहना रमेश ने कहा कि जीजा जी ठीक है। मां की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी और संजना को भी रमेश का साथ मिल जाता इसलिए मैंने रमेश को कहा कि तुम घर पर आ जाना। रमेश घर पर आ गया और मैं अपने ऑफिस की मीटिंग से कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ चला गया करीब एक हफ्ते तक वहां रहने के बाद मैं वहां से वापस लौटा। मुझे एक दिन गगन का फोन आया और गगन ने मुझे कहा की तुम्हे मेरी शादी में आना है मैंने गगन से कहा कि हां क्यों नहीं गगन मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगा।
मैं गगन की शादी में जाने को तैयार हो गया था मैंने उस दिन संजना को कहा कि तुम आज तैयार हो जाना आज गगन की शादी है तो संजना कहने लगी कि ठीक है, क्या रमेश को भी अपने साथ आने के लिए कह दूं तो मैंने संजना को कहा कि हां तुम रमेश को भी आने के लिए कह दो। उस दिन हम लोग गगन की शादी में चले गए जब मैं गगन की शादी में गया तो गगन काफी खुश नजर आ रहा था। हम लोग रिसेप्शन में पहुंचे तो वहां पर गगन से जब मैं मिला तो मैंने गगन को उसकी शादी की बधाई दी और कहा कि चलो तुम्हारी अब शादी होने वाली है तो गगन मुझे कहने लगा कि हां राजेश आखिरकार पापा और मम्मी मेरी शादी के लिए मान ही गए। मैंने गगन से कहा उन्हें तो मानना ही था अगर वह तुम्हारी बात नहीं मानेंगे तो भला किसकी बात मानेंगे इस बात पर गगन हंसने लगा और कहने लगा हां राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। गगन मुझे कहने लगा कि राजेश क्या भाभी भी आई हैं तो मैंने गगन से कहा हां भाभी भी आई हैं लेकिन वह अपने छोटे भाई के साथ हैं। मैंने भी संजना को गगन से मिलवा दिया था और उसके बाद हम लोग अपने घर लौट आए थे।

हर रोज की तरह सुबह में मॉर्निंग वॉक पर गया। जब उस दिन मैं मॉर्निंग वॉक पर गया तो मुझे एक सुंदर सी भाभी दिखाई दी वह बडा ही मेकअप कर के आई हुई थी उनके चेहरे पर देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वह किसी फैशन शो में जा रही हो उनके होठों पर गुलाबी लिपस्टिक लगी हुई थी, उनकी लिपस्टिक देख मैंने उन्हें कहा भाभी जी आप बहुत अच्छी लग रही हैं। वह मुस्कुराने लगी अगले दिन से वह मुझे सुबह दिखने लगी तो मुझे उनका नाम पता चल चुका था। वह हमारे पड़ोस में ही रहने के लिए कुछ समय पहले आई थी उनके पति एक डॉक्टर हैं और मुझे नहीं पता था कि उनकी इच्छा को वह पूरा नहीं कर पाते हैं इसलिए उन्होंने एक दिन मुझे अपने घर पर बुला लिया। मैं जब उनके घर पर गया तो मुझे नहीं मालूम था कि वह अपनी चूत मरवाने के लिए इतनी उतावली है कि जब मैं उनके घर पर जाऊंगा तो मुझे वह अपने स्तनों को दिखाने लगेंगी। मैं उनके स्तनो को देखने लगा मेरा लंड खड़ा होने लगा और वह मेरे पास आई और उन्होंने जब मेरे लंड को कसकर दबाया तो मैंने उन्हें कहा भाभी लगता है आपकी चूत की गर्मी बढ़ चुकी है। वह मुस्कुराने लगी और मुझे कहने लगी तुम इस गर्मी को शांत कर दो। हम दोनों अब उनके बेडरूम में चले गए जब हम लोग उनके बेडरूम मे गए तो उन्होंने तुरंत ही अपने कपड़े उतार दिए और मुझसे कहा तुम भी अपना कपड़ा उतार दो। मैंने भी अपने कपड़े उतारे मैं उनके गोरे बदन को देख रहा था उनके बदन को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वह हर रोज दूध से नहाती हो। वह इतनी ज्यादा गोरी थी कि मैं उनकी चूत जल्दी से मारना चाहता था। उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों मे लिया तो वह उसे हिलाने लगी और मेरे मोटे लंड को वह अपने हाथों से हिला रही थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। काफी देर तक उन्होंने ऐसा ही किया अब मेरे अंदर की गर्मी को उन्होंने इतना अधिक बढ़ा दिया था कि मै उनकी चूत मारे बिना रह ही नहीं सकता था।

मैंने उनकी चूत के अंदर उंगली घुसाई और अपनी उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया तो वह बहुत जोर से सिसकियां लेने लगी और कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं मेरी उंगली उनकी योनि के अंदर तक जाती तो वह बहुत तेज आवाज मे सिसकिया लेती। मैंने अपने मोटे लंड को उनकी चूत के अंदर डालने का फैसला कर लिया मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनके दोनों पैरों को खोला और अपने लंड को अंदर डालना शुरू किया मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया। जब मेरा लंड पूरी तरीके से उनकी योनि के अंदर प्रवेश हो चुका था तो उनके मुंह से हल्की सी चीख निकली वह मुझे बोली आज तुम मेरी चूत फाड़ कर रख दो। मैंने अपनी पूरी ताकत के साथ उनको धक्के देना शुरू कर दिया लेकिन मैं उनकी योनि से निकलती हुई गर्मी को बिल्कुल भी झेल ना सका और उनकी चूत के अंदर ही मैंने अपने वीर्य को गिरा दिया। मेरा वीर्य उनकी योनि के अंदर गिर चुका था अब वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं तुम दोबारा से मुझे चोदो।

मैंने उनसे कहा पहले आप अपनी चूत को तो साफ कर लो उन्होंने अपनी योनि को साफ़ किया और मेरे सामने अपनी चूतड़ों को किया। मैं उनकी बड़ी गांड देखकर बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा था मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया और वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे ही तुम मुझे धक्के मारते रहो। मैं उनकी चूत के अंदर अपने लंड को कर रहा था मेरा लंड बड़ी आसानी से उनकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं बस उनको धक्के ही मारता रहूं। उन्होने मेरी इच्छा को पूरी तरीके से बड़ा कर रख दिया था मेरी गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी कि मेरा वीर्य जल्द ही बहार निकलने वाला था। जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने उनसे कहा आप मेरे वीर्य को अपने मुंह मे ले लीजिए, भाभी ने अपने मुंह के अंदर मेरे सारे वीर्य को निगल लिया। मेरा जब भी मन होता तो मैं भाभी के साथ संभोग करने के लिए उनके घर पर चला जाता।

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