भाई की साली ने मजा दिया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम महेश है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ. आज में आपको जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ, वो बिल्कुल सच्ची है, इसमें कुछ भी झूठ नहीं है सिर्फ़ नाम का फ़र्क़ हो सकता है. मेरी उम्र उस समय 21 साल थी और हमारे घर पर मेरे भाई की साली आई थी. हमारा सामूहिक परिवार है, हम घर में करीब 14 मेंबर एक साथ रहते है. में अपने भाइयों में सबसे छोटा हूँ. में उस समय फाइनल ईयर में पढ़ रहा था.
मैंने कॉलेज में दोस्तो के साथ रहकर सेक्स के बारे में काफ़ी सुना था, लेकिन कभी मौका नहीं मिला था. में अक्सर रास्ते में आती जाती लड़कियों को देखता और ठंडी आहें भरता था. मेरे भाई की साली का नाम सुनीता है, वो अपनी बहन के पास घूमने आई थी, वो बहुत स्मार्ट है. हम सब घरवाले एक साथ बैठकर खूब बातें करते थे. मेरे भाई के पास बिल्कुल समय नहीं था कि वो अपनी साली को घुमा सके.
फिर भाई ने मुझसे कहा कि इसे आस पास के मंदिर और गार्डन घुमा लाओ. फिर में अपनी भतीजी जो कि 9 साल की थी उसे और सुनीता को लेकर घूमने निकल गया. फिर हम सारा दिन घूमते रहे. अब दोपहर को हम गार्डन में बैठे थे कि अचानक गार्डन में एक कोने में एक कपल बैठकर एक दूसरे को किस कर रहा था. फिर मेरी नजरें उधर गयी और में छुप-छुपकर वो नज़ारा देखने लगा तो तभी अचानक से मैंने देखा कि सुनीता की नजरे भी वही है.
अब हम दोनों वही सीन देख रहे थे, लेकिन शो ऐसे कर रहे थे कि हमने कुछ भी नहीं देखा है. अब मेरी भतीजी खेल रही थी, तो तभी अचानक से उस लड़के ने अपना एक हाथ अपनी साथ वाली लड़की की शर्ट में डाल दिया. फिर मैंने उधर देखा और फिर मुड़कर सुनीता को देखा तो सुनीता भी वही देख रही थी. फिर उसने मुझे देखा कि में सुनीता को देख रहा हूँ, तो सुनीता सकपका गयी. मुझे हँसी आ गयी, तो वो भी हँसने लगी और फिर हम बिना कुछ कहे वहाँ से उठ गये और दूसरी तरफ चले गये.
अब में सुनीता के बहुत नजदीक चलने लगा था. अब सुनीता भी मेरे पास सटकर चलने लगी थी. अब मेरा गला सूखने लगा था. फिर उसके बाद वहाँ हमने सॉफ्टी खाई और गार्डन से चले गये. अब शाम को हम सब एक रूम में बैठकर टी.वी देख रहे थे, मैंने रज़ाई ओढ़ रखी थी. फिर सुनीता कमरे में आकर मेरे पास में बैठ गयी. अब उसे भी सर्दी लग रही थी, तो थोड़ी सी रज़ाई में उसने अपने पैर डाल दिए. अब में उसके पैरो को सहलाने लगा था तो तब उसने कुछ नहीं कहा. अब सब टी.वी देखने में मस्त थे. फिर में अपना एक हाथ उसकी जांघो तक ले गया. अब मुझे बहुत डर लग रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था.
फिर वो बहुत देर तक बैठी रही और में अपनी हरकते करता गया. फिर उसकी बहन उसको बुलाकर ले गयी. फिर रात को रूम में डबल बेड पर सुनीता और मेरी भतीजी सो गये और वहाँ एक छोटा पलंग और था जहाँ पर में सो गया था और मेरी आंटी बाहर वाले कमरे में सो गयी थी. अब मुझे नींद ही नहीं आ रही थी. फिर रात को करीब 1 बजे में धीरे से अपने बिस्तर पर से उठा और सुनीता के बेड के पास नीचे जमीन पर बैठ गया. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके हाथ पर रखा तो वो सो रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके गालों पर रखा और सहलाने लगा. अब मुझे डर भी बहुत लग रहा था.
सुनीता नहीं उठी तो मैंने अपना एक हाथ बिस्तर के अंदर कर लिया. अब मुझे सर्दी भी बहुत लग रही थी, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था. फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसके बूब्स पर रखा और इंतज़ार करने लगा कि उसका क्या जवाब होता है? फिर में धीरे-धीरे से उसके बूब्स को दबाने लगा, तो उसका कोई जवाब ना देखकर मेरी हिम्मत बढ़ गयी और में उसके बूब्स को थोड़ा और ज़ोर से दबाने लगा था, उसके बूब्स की साईज 32 थी. अब मुझको बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मुझे लगा कि सुनीता जाग रही है, लेकिन नाटक सोने का कर रही है. फिर मैंने अपने हाथ से उसकी कमीज के बटन खोल दिए और उसकी ब्रा पर अपना एक हाथ रख दिया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी ब्रा ऊपर कर दी. अब उसके बूब्स नंगे हो गये थे, तो में उन्हें दबाने लगा. फिर मैंने उनको चूसना शुरू कर दिया और सुनीता अब भी बिल्कुल चुपचाप लेटी थी. फिर में रज़ाई में घुस गया और बच्चे की तरह उसके निपल्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था.
अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर में अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी टाँगो पर फैरने लगा, उसने नाईट सूट पहना था और ऊपर बटन वाला और इलास्टिक वाला लोवर था. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके लोवर में डाल दिया और उसकी पेंटी के अंदर ले गया, वहाँ बहुत गर्मी थी. अब मेरा हाथ गर्म हो गया था. फिर में उसकी चूत पर अपना एक हाथ फैरने लगा और वो तब भी सोने का नाटक करती रही.
फिर में उसके होंठो को चूमने लगा. अब वो भी मेरे होंठ चूम रही थी, लेकिन आँखे नहीं खोल रही थी. अब मुझे डर भी बहुत लग रहा था. फिर अचानक से कोई आवाज सुनकर में एकदम से खड़ा हो गया और जल्दी से बाहर निकल गया, ताकि अगर कोई हो तो में कहूँ कि पानी पीने निकला था. अब मेरी आंटी अपने बेड पर नहीं थी. फिर में पानी पीने किचन में गया, तो मेरी आंटी पानी पी रही थी.
आंटी ने कहा कि आज बहुत ज़्यादा सर्दी है. तो तब मैंने कहा कि हाँ और फिर में पानी पीकर कमरे में आया. तो तब आंटी भी आ गयी और डबल बेड पर सुनीता के पास ये कहकर सो गयी कि पास वाले रूम में ज़्यादा सर्दी है. फिर में गॉड को थैंक्स कहने लगा कि अच्छा हुआ की आंटी ने नहीं देखा वरना हंगामा हो जाता. फिर में टॉयलेट जाकर अपने हाथ से अपने लंड से पानी निकाल आया. फिर कुछ दिन तक ऐसे ही चला. अब मुझे जब भी कोई मौका मिलता तो में उसके शरीर को टच करता था.
अब मुझे एक रात नींद नहीं आ रही थी, तो तब रात के करीब 2 बजे सुनीता को रूम से बाहर जाते देखा तो में भी चुपचाप उसके पीछे रूम से बाहर निकल गया. अब वो टॉयलेट करने गयी थी, टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद था और में बाहर ही खड़ा था. फिर कुछ देर के बाद उसने दरवाजा खोला और जैसे ही दरवाजे से बाहर निकलने लगी तो मैंने उसका रास्ता रोक लिया. फिर वो कुछ नहीं बोली और में उसे पुश करता हुआ टॉयलेट में ले गया और टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद करके उसे पागलों की तरह चूमने लगा था. वो कुछ नहीं बोली और सिर्फ़ किस करने लगी थी. फिर मैंने उसके होंठो को चूमा और चाटा, गालों को चूमा और अपना एक हाथ उसके शरीर पर फैरने लगा था. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसकी कमीज के बटन खोल दिए और उसकी कमीज उतार दी. अब उसकी ब्रा में क़ैद उसके बूब्स मुझसे कहने लगे थे कि जल्दी से हमें आज़ाद करो मेरी जान.
फिर मैंने उसकी ब्रा भी हटा दी और जल्दी से अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब में उसके बूब्स से खेलने लगा था और उसके निपल्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था. अब सुनीता मेरे बालों को सहला रही थी. अब हम कुछ भी नहीं कर रहे थे. फिर मैंने उसका लोवर नीचे कर लिया और नीचे बैठकर उसकी टाँगो और जांघो पर किस करने लगा था. अब मेरे हाथ बहुत तेज़ी से चल रहे थे, मुझे लगा कि थाली भरकर 36 भोग सामने है और इसे साफ़ करना है. फिर मैंने खड़े होकर अपनी पैंट उतार दी. अब हम दोनों सिर्फ़ चड्डी में थे. फिर मैंने उसे ऊपर से लेकर नीचे तक खूब चूमा, चाटा, अब मेरा लंड बिल्कुल तैयार था. फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी, यह मेरा पहला अनुभव था मैंने सेक्स के बारे में सिर्फ़ फ़िल्मो से सीखा था और यह सुनीता का भी पहला अनुभव था.
फिर में उसकी चूत पर अपना एक हाथ फैरने लगा और लंड कहाँ जाता है, वो जगह अपनी उंगली से तलाश कर रहा था. अब मुझे वो जगह मिल गयी थी. फिर मेरी उंगली जैसे ही सुनीता की चूत में गयी, तो वो सिसकियाँ लेने लगी. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, उसकी चूत गीली हो गयी थी. अब वो मुझको ज़ोर से खुद से चिपकाने लगी थी. फिर मुझे लगा कि अब हमें देर नहीं करनी चाहिए तो में अपनी चड्डी उतारकर अपना लंड उसकी चूत में डालने की नाकामयाब कोशिश करने लगा, क्योंकि वो हाईट में मुझसे छोटी थी और में टांगो को नीचे करके भी कोशिश कर रहा था, लेकिन में नहीं कर पा रहा था.
मैंने टॉयलेट के फर्श पर उसे लेटा दिया. अब उसने अपनी आँखे बंद कर दी थी. फिर में उसके ऊपर आया और उसकी दोनों टांगे ऊपर करके अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा, लेकिन मेरा लंड सही निशाने पर नहीं लग रहा था. फिर मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत में डालकर सही जगह देखी और अपना लंड उस जगह पर सेट करके थोड़ा सा पुश किया तो मेरा लंड अभी थोड़ा सा ही अंदर गया था कि वो झटपटाने लगी और मुझसे बोली कि बाहर निकालो इसे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तो में वहीं रुक गया.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने फिर से पुश किया, तो वो धीरे से चिल्लाई उईईईईईई माँ, आआअ ये तो बहुत दर्द कर रहा है. अब में उसके बूब्स को दबाने लगा था और उसके गालों को चूमने लगा था. फिर मैंने अपना लंड थोड़ा सा बाहर करके एकदम से ज़ोर लगाया. तब वो बोली कि नन्नू प्लीज इसे बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. अब में ऐसे ही लेटे-लेटे उसे प्यार करने लगा था. अब उसकी आँखों में से आँसू आने लगे थे. फिर मैंने थोड़ा सा अपना लंड बाहर निकाला और धीरे-धीरे अंदर करने लगा था. अब वो तड़प रही थी. फिर मैंने अपने लंड को और ज़्यादा अंदर कर लिया और उसके जवाब का इन्तजार करने लगा. फिर मुझे लगा कि अब वो पहले से अच्छा महसूस कर रही है. फिर में अपनी कमर को जल्दी-जल्दी अंदर बाहर करने लगा, उसकी चूत बहुत टाईट थी.
अब मुझको बहुत मज़ा आ रहा था. अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था. अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी, अब वो अपनी कमर हिलाने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद में खाली हो गया और उसके ऊपर से उठा तो तब मैंने देखा कि उसकी चूत में से खून निकल रहा है. फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और वो भी रोते हुए अपने कपड़े पहनने लगी थी. अब वो मुझसे कहती जा रही थी कि नन्नू तुमने ये ठीक नहीं किया, अब किसी को मालूम हो जाएगा तो में क्या मुँह दिखाऊँगी? फिर मैंने उसे समझाया कि चुप हो जाओ, ऐसा मुँह देखकर तो कोई भी समझ जाएगा. फिर वो 3-4 दिन तक हमारे यहाँ और रही, लेकिन उसने फिर मुझसे बात नहीं की, शायद उसका मतलब निकल गया था इसलिए. अब तो सुनीता की शादी भी हो गयी है, उसकी शादी के बाद मैंने कभी उसे नहीं देखा.
मैंने पहली बार देखा कि यहाँ सब अपने अनुभव शेयर करते है, में नहीं जानता कि यहाँ कौन कितना सच लिखता है? लेकिन मेरी यह स्टोरी मेरी अपनी और बिल्कुल सच्ची है. फिर मैंने उसके बाद कभी गैर लड़की से कोई संबंध नहीं बनाया, मुझे लाईफ के यह पल शेयर करने में बहुत अच्छा लगा और मुझे तो पूरी जिंदगी यह सब याद रहेगा, ये मेरी यादों से जुड़ा है.
Share:

कुँवारा परिवार


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सिम्मी है और में अमृतसर की रहने वाली हूँ. हम दो बहनें और एक भाई है. मेरे भाई और दीदी की बहुत बनती है, लेकिन वो मेरा कोई कहना नहीं मानते है. हमारे घर में दो कमरे और एक किचन है. मेरे मम्मी पापा एक रूम में सोते है. में (22 साल), मेरा भाई राहुल (20 साल) और दीदी श्वेता (24 साल) एक कमरे में सोते है. इससे पहले हम जॉइंट फेमिली में रहते थे तो सब लड़कियाँ एक कमरे में और सब लड़के दूसरे में सोते थे.
हमारे कमरे में दो बिस्तर लगे थे, एक पर में और दीदी सोते थे और दूसरे पर राहुल सोता था. फिर एक रात जब में बाथरूम जाने के लिए उठी तो मेरे भाई का हाथ मेरी जांघ से टकराया, तो तब मुझे लगा कि उसका हाथ बिस्तर से बाहर आ गया है. फिर मैंने वापस आकर उसका हाथ उठाकर वापस से बेड पर कर दिया.
फिर दूसरे दिन भी ऐसा ही हुआ तो मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. फिर एक दिन ऐसा हुआ की एकदम सोते-सोते मुझे लगा कि कोई कीड़ा चल है तो में उठकर बैठ गयी. अब में नींद में इधर उधर देख रही थी कि तभी मेरा ध्यान पड़ा कि मेरे भाई ने अपना हाथ बिस्तर से बाहर निकाल दिया था. अब मुझे कुछ-कुछ समझ में आने लगा था. फिर मैंने जानबूझकर अपनी जांघ उसके हाथ से टच की और बाथरूम चली गयी.
वापस आकर भी मैंने उसका हाथ अपनी जांघो से टच करवाया और वापस नहीं रखा और फिर मैंने देखा कि मेरे लेटते ही उसने अपना हाथ ऊपर रख लिया था. अब मुझे समझ आ गया था कि वो जानबूझकर मुझे टच करने के लिए ऐसा करता है. अब यह सोचकर मुझे मज़ा भी आ रहा था और अजीब भी लग रहा था.
फिर ऐसा रोज-रोज होने लगा. अब मेरे भाई की मेरे से लड़ाई होनी खत्म हो गयी थी, मुझे आइसक्रीम चाहिए तो आइसक्रीम मिलती, कपड़े तो कपड़े, में कहूँ घूमने चलो तो घूमने चलो और हमारी बाहर की आउटिंग्स भी बढ़ गयी थी, ताकि वो रात को मुझे हाथ लगा सके. फिर एक दिन हमारी दीदी की शादी पक्की हो गयी थी. फिर मुंबई से बुआ हमारे घर रहने आई, अब दो कमरो की वजह से बुआ को सुलाने के लिए हमने एक बिस्तर बुआ को दे दिया और एक चारपाई दोनों बिस्तर के बीच डाल ली थी. अब एक तरफ बुआ सो गयी थी और बुआ के साथ में और मेरे साथ दीदी और फिर राहुल सो गया था.
जब में रात को उठने लगी तो तब मैंने ध्यान दिया कि मेरी चादर में किसी का हाथ चल रहा है, तो तब मैंने अपनी आँखें तो खोली, लेकिन उठकर नहीं बैठी थी. फिर जैसे ही मैंने साईड चेंज की तो में यह देखकर हैरान रह गयी कि भैया सो रही दीदी के बूब्स दबा रहा है. अब दीदी गहरी नींद में सो रही थी, तो यह सब देखकर मेरे नीचे पानी आने लगा था और मुझे अजीब सी फिलिंग होने लगी थी.
फिर उसने अपना एक हाथ दीदी की सलवार में भी डाला और अपना लंड हिलाकर अपना काम किया और फिर सो गया और दीदी तो कुंभकरण की तरह सोती रही. फिर अगले दिन मैंने दीदी को साईड पर ले जाकर बताया कि रात क्या हो रहा था? तो में यह सुनकर हैरान रह गयी कि दीदी को सब पता है. फिर उसने कहा कि वो जाग रही थी और ऐसा सालों से हो रहा है. फिर उसने कहा कि में आज तक अगर कुँवारी रह पाई हूँ तो उसकी यही वजह है कि वो ऊपर-ऊपर के मज़े भाई के साथ लेती रही है और दोनों में से एक सोने का नाटक करता है. फिर दीदी की शादी का दिन आ गया और दीदी अपने ससुराल चली गयी.
जाते-जाते वो मुझसे बोली कि राहुल का ख्याल रखना. तब मुझे समझ में नहीं आया कि कैसा ख्याल? अब माहौल बदल गया था. अब में और भाई दोनों एक कमरे में अलग-अलग बिस्तर पर सोते थे. फिर वैसा ही हुआ, फिर में उठकर बैठी, तो भाई ने अपना हाथ बाहर निकाल दिया. इस बार मैंने जाते-जाते उसको टच किया और वापस आकर में उसके हाथ को अपनी टाँगो में लेकर हिलने लगी.
अब मुझे मज़ा आने लगा था और यह मेरा फर्स्ट एक्सपीरियन्स था. फिर उसने अपना हाथ हिलाया और मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत को दबाया. आह अब मुझे क्या जन्नत का मजा आ रहा था? फिर ऐसा 10-15 मिनट तक चला और फिर मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया और फिर में सोने चली गयी और फिर उसने भी अपने हाथ ऊपर कर लिए. अब अगले दिन मेरी बारी थी, अब आज में पहले सोने चली गयी थी, दरअसल मैंने कभी कोई लंड नहीं पकड़ा था. फिर जब राहुल कमरे में आया तो मैंने अपना हाथ बेड से बाहर नीचे लटका दिया. अब उसको समझ आ गया था कि में क्या चाहती हूँ? फिर वो बाथरूम गया और अपना अंडरवेयर उतार आया. अब वो मेरा हाथ अपनी टांगो में लेकर हिलाने लगा था. अब तो मज़ा आ गया था, इतना गर्म सख़्त लंड और वो भी मेरे भाई का. फिर मैंने उसको पकड़ा दबाया, हिलाया और इतना हिलाया कि 5 मिनट के बाद भाई को भागकर बाथरूम जाना पड़ा. अब ऐसा रोज होने लगा था.
फिर एक दिन उसकी बारी और एक दिन मेरी आने लगी. फिर 1 महीने के बाद बात आगे बढ़ी, अब वो मेरे कपड़ो के ऊपर से मेरे बूब्स दबाता और में सोने का नाटक करती रहती. अब भाई का प्यार भी बढ़ने लगा था, यहाँ तक कि मेरे बर्थ-डे पर मोबाईल भी गिफ्ट मिला. फिर एक दिन मेरे घरवाले करवाचौथ का त्यौहार देने दीदी के घर लुधियाना गये. अब हम दोनों घर पर अकेले रह गये थे, अरे वाह यह तो कमाल था. अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि रात को क्या होगा? फिर मैंने एक काम किया और हम सबको घर में थोड़ी बियर या विस्की पीने इजाजत थी. फिर मैंने रात को भाई से बोला कि फ्रिज में थोड़ी बियर पड़ी है, थोड़ी पी लेंगे.
फिर मैंने दो गिलास में बियर डाली और खुद ने झट से पी ली और फिर एक-एक गिलास पी लिया और फिर मैंने उठते वक़्त जानबूझकर थोड़ा गिरने का नाटक किया और गिरते-गिरते अपना एक हाथ उसकी जांघो के बीच उसके लंड पर रख दिया और फिर में सोने चली गयी. अब आज हम टी.वी वाले (मम्मी पापा के) कमरे में सोने वाले थे, तो एक ही बेड पर वो और में सो गये. फिर थोड़ी देर के बाद लाईट बंद की.
थोड़ी देर के बाद उसका एक हाथ मेरे बूब्स पर आ गया और में सोने का नाटक करती रही और थोड़ी हिलती रही, जैसे में नशे में हूँ. फिर उसने आज एक लिमिट और क्रॉस की, उसने मेरी टी-शर्ट उठा दी और मेरे बूब्स दबाने लगा था. फिर उसने मेरे बूब्स अपने मुँह में भी लिए. अब में अपनी आँखें खोलना चाहती थी, लेकिन नहीं खोली. फिर आधे घंटे तक ऐसा ही चला. फिर उसने मेरी नाभि पर किस की, अब में आँखें कैसे बंद रखूं? फिर उसने मेरे पजामे में भी अपना एक हाथ डाल दिया. अब वो फिंगरिंग कर रहा था. अब मुझसे सहन नहीं हो पा रहा था. अब मैंने मौन करना शुरू कर दिया था और फिर 20 मिनट के बाद जब उसकी तीसरी उंगली मेरे अंदर गयी तो में झड़ गयी.
अब वो मेरे ऊपर आकर स्मूच करने लगा था. फिर हमने 2 मिनट की लंबी एक दूसरे के मुँह में जीभ डालकर स्मूच की तो तब मुझे लगा कि आज यह मुझे चोद देगा और मुझे डर भी लग रहा था और खुशी भी हो रही थी, लेकिन फिर वो पीछे हट गया. फिर वो शांत लेटा रहा और फिर मैंने मौके का फायदा उठाया और इतने में फिर से उसका लंड पकड़ लिया. अब नियम के मुताबिक अब वो सोने का नाटक करने लगा था और उसने ऐसा ही किया. अब मुझे भी आज कोई लिमिट क्रॉस करनी थी तो मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और 15 मिनट तक उसका लंड चूसने के बाद उसने मेरे मुँह में अपना पानी छोड़ दिया.
अब आज तो मुझे तसल्ली हो गयी थी. फिर ऐसा बहुत बार हुआ. फिर हमने ओरल सेक्स की एक्सट्रीम को टच किया, लेकिन चुदाई नहीं की. अब आज में 24 साल की हूँ और शादीशुदा हूँ. फिर शादी की पहली रात जब मेरे पति ने पूछा कि क्या मैंने पहले कभी चुदाई की है? तो तब मैंने कहा कि कभी नहीं, में सच बोल रही थी. में सभी लड़कियों और औरतों से एक बार कहना चाहती हूँ बाहर बदनाम होने से अच्छा है कि घर का कोई आदमी इस्तेमाल करो और वो आपकी इज़्जत का भी ख्याल रखेगा, अब मेरा भाई अकेला है और में उसको बहुत याद करती हूँ.
Share:

माँ की चूत का बलिदान


हैल्लो दोस्तों, आज में आपके लिए मेरी माँ की चुदाई की कहानी लेकर आई हूँ. ये एक लंबी कहानी है, लेकिन छोटे रूप में आपके सामने पेश कर रही हूँ. यह उस समय की बात है जब मेरी शादी होने वाली थी तो तब ससुराल वालों ने 50,000 रुपए दहेज में माँगे थे, जिसे मेरे घर वाले देने में असमर्थ थे. फिर एक दिन मेरे होने वाले ससुर कुछ काम से हमारे घर आए और रात को हमारे घर रुके थे.
रात को खाने के बाद उनका बिस्तर लगा दिया और वो लेट गये और मेरा बाप खेत में चला गया था. तभी मेरे ससुर ने कहा कि मेरा बदन बहुत दर्द कर रहा है. तो तब मेरी माँ तेल लेकर आई और मेरे ससुर से कहा कि अपने कपड़े उतार दीजिए, में मालिश कर देती हूँ. तो मेरे ससुर ने अपने कपड़े उतार दिए और माँ पलंग के कोने पर बैठकर उनकी मालिश करने लगी.
अब उस वक्त मेरी माँ ने ब्लाउज, पेटीकोट और साड़ी पहनी हुई थी, उनका ब्लाउज पारदर्शी था और उस वक्त माँ ने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उनके निप्पल साफ दिख रहे थे. फिर माँ मेरे ससुर की पीठ पर और छाती पर मालिश करने के बाद उनके पैरो पर तेल लगाने लगी. अब वो दोनों बातें कर रहे थे, तो तभी माँ की साड़ी का पल्लू सरक गया. अब उनके हाथ पर तेल लगे होने की वजह से उन्होंने पल्लू ऊपर तो किया, लेकिन वो बार-बार सरककर नीचे गिर रहा था. अब माँ की 38 साईज की चूचीयाँ देखकर और माँ के कोमल हाथों के स्पर्श की वजह से मेरे ससुर के अंडर का मर्द जाग चुका था. अब उनका लंड धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था.
फिर तभी माँ ने उनसे कहा कि समधी जी दहेज की रकम बहुत ज़्यादा है, कुछ कम नहीं हो सकती क्या? तो तब ससुर ने कहा कि कम तो हो सकती है, लेकिन और वो अटक गये, अब वो माँ की चूचीयों को घूर रहे थे. तब माँ ने उनसे पूछा कि लेकिन क्या?
उन्होंने बैठकर माँ के दोनों हाथों को पकड़कर पलंग पर डाल दिया और माँ के ऊपर चढ़कर कहा कि तुम्हें मेरे साथ सोना पड़ेगा. अब माँ उनकी इस हरकत से घबरा गयी थी और अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन छुड़ा नहीं पाई और मेरे ससुर को कहने लगी कि वो उन्हें छोड़ दे, लेकिन मेरे ससुर ने माँ को और कसकर पकड़ लिया और कहा कि देखो वैसे भी तेरा पति खेत गया है और तुम्हारी बेटी सो रही है, मान जाओ और मेरी रात को रंगीन बना दो, में दहेज में सिर्फ़ 20000 रुपए लूँगा.
फिर भी माँ नहीं मानी और अपने आपको छुड़ाने की नाकाम कोशिश करती रही. तभी मेरे ससुर ने उनकी बाई चूची को अपने एक हाथ में ले लिया और कहा कि देखो मान जाओ, नहीं तो में तुम्हारी बेटी की जिंदगी हराम कर दूँगा और उसे कहीं भी रिश्ता नहीं मिलेगा. तब माँ थोड़ी शांत हुई और मेरे ससुर से कहने लगी कि अगर इसके बारे में किसी को पता चल गया तो मेरा क्या होगा? तो तब मेरे ससुर ने कहा कि वैसे भी यहाँ तुम्हारी बेटी के अलावा और कोई तो है नहीं और तुम्हारी बेटी सो रही है तो किसी को पता चलने का सवाल ही नहीं है और फिर मेरे ससुर ने साड़ी के पल्लू को माँ की चूचीयों पर से हटा दिया और ब्लाउज खोलकर माँ की चूचीयाँ दबाने लगे थे. अब माँ चुपचाप पड़ी हुई अपनी इज़्जत मेरे ससुर को सोंप रही थी.
फिर मेरा ससुर माँ की एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और वैसे भी मेरे ससुर ने सिर्फ़ छोटी सी धोती पहनी थी. अब माँ की बड़ी-बड़ी चूचीयाँ तनकर और बड़ी हो गयी थी. अब माँ भी उनकी हरकतों का मज़ा लेने लगी थी और उनके सिर को अपनी चूचीयों पर दबाने लगी थी.
थोड़ी देर के बाद मेरे ससुर ने माँ को अपने लंड के ऊपर बैठा दिया और माँ की दोनों चूचीयों को दबाने लगे थे और फिर थोड़ी देर तक माँ की चूचीयों से खेलने और चूसने के बाद माँ की ब्लाउज उतार दी. अब माँ ऊपर से पूरी नंगी थी.
मेरे ससुर ने माँ के पैरो पर अपना एक हाथ रखा और उनकी जाँघो को सहलाने लगे थे. अब माँ बहुत गर्म हो गयी थी और अब वो मेरे ससुर की छाती को चूमने लगी थी.
फिर मेरे ससुर ने माँ को अपने बगल में लेटा दिया और उनका पैर अपने पैरो पर खींच लिया और उनके पेटीकोट के अंदर अपना एक हाथ डालकर माँ के पैरो को सहलाने लगे थे. अब उनके ऊपर नीचे होने की वजह से साड़ी तो पहले ही खींचकर माँ से अलग हो गयी थी और उनका पेटीकोट भी कमर के पास इक्कठा हो गया था. अब मेरा ससुर और दबा-दबाकर माँ के पैरो को सहला रहा था और माँ पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और खुद ही अपनी दोनों चूचीयों को अपने हाथों से दबाने लगी थी. फिर मेरे ससुर ने माँ की पेंटी को खींचकर उतार दिया और माँ को सीधा लेटाकर उनकी चूत में उंगलियाँ डालने लगे थे.
अब माँ पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और अपने मुँह से सिसकारियाँ भरने लगी थी और फिर जैसे ही मेरा ससुर उनकी चूत में अपनी उंगली घुसाता, तो वो अपनी चूत को ऊपर उठा-कर उन्हें अंदर ले लेती. फिर मेरे ससुर ने माँ के पेटीकोट को खोलकर उतार दिया और माँ को पूरा नंगा कर दिया और अपनी धोती खोलकर वो भी नंगे हो गये थे.
अब उनका 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड पूरा तनकर माँ को चोदने को उतावला हो रहा था. तभी मेरा ससुर माँ की चूत के पास झुका और उनकी चूत को चौड़ी करके चाटने लगा. तो तभी माँ ने उन्हें रोकते हुए कहा कि ये आप क्या कर रहे है? तो तब मेरे ससुर ने माँ को धकेलते हुए कहा कि चुपचाप बिस्तर पर लेट जा और मुझे तेरे हुस्न का मज़ा लेने दे और फिर वो फिर से चूत चाटने लगे. तो थोड़ी देर में माँ ने अपना पानी छोड़ दिया.
फिर मेरे ससुर ने अपना लम्बा लंड माँ की चूत पर रखा और एक ही झटके में पूरा अंदर उतार दिया. तो माँ भी इस अचानक हुए हमले को सहन नहीं कर पाई और उठकर ससुर से लिपट गयी और फिर मेरे ससुर ने माँ को चोदना शुरू कर दिया. फिर माँ चुपचाप उनसे चुदवाती रही. फिर मेरे ससुर ने माँ को आधे घंटे तक चोदा और फिर माँ के ऊपर लेट गये. फिर उस दिन उन्होंने माँ को तीन बार चोदा और आज भी मौका मिलने पर मेरी माँ मतलब उनकी समधन को खूब चोदते है.
Share:

सगी बहनों की रसीली चूत का मजा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और मुझे भी आप सभी की तरह सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है. मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े लिए और आज में अपनी भी एक सच्ची चुदाई की घटना आप सभी को सुनाने आया हूँ. अब में अपना अपने घरवालों का परिचय करवाते हुए इस कहानी को शुरू करता हूँ. दोस्तों में 21 साल का हूँ और मेरे घर में मेरी दो बहन है जिनका नाम श्रेया और सोनल है वो दोनों ही उम्र में मुझसे तीन साल बड़ी है में बचपन से ही अपनी दोनों दीदी के साथ बड़ा ही घुल मिलकर रहता था.
हम सभी घर वाले बड़े ही खुले विचारों हंसमुख स्वभाव के लोग है और हम तीनो भाई बहनों के बीच बातें हंसी मजाक हमेशा ही चलता था, लेकिन कभी भी मेरे मन में अपनी गोरी सुंदर जवान बहनों के लिए कोई भी गंदे विचार नहीं आए थे. दोस्तों मेरी सुंदर जवान बहनों को हमारे आसपास रहने वाले लड़के हमेशा अपनी गंदी नजरो से देखा करते थे. वो उनके बड़े आकार के उभरे हुए बूब्स गांड को देखकर अपनी आखें सेका करते थे.
उनको यह सब करने में बड़ा मज़ा आता था. यह बात मेरी बहन भी बड़ी अच्छी तरह से जानती समझती थी, क्योंकि उनको अच्छी तरह से पता था कि इस उम्र में उनके साथ यह सब होना स्वभाविक है, इसलिए उनके कोई भी फर्क नहीं पढ़ता. फिर भी वो एकदम कसे हुए कपड़े पहना करती थी, जिसकी वजह से उनके जिस्म का हर एक अंग देखने वाले को अपनी तरफ बड़ा ही आकर्षित करता. एक बार तो में भी उनको देखकर कुछ सोचने पर मजबूर हो जाता, लेकिन फिर अपने रिश्ते के बारे में सोचकर तुरंत पीछे हट जाता.
दोस्तों में एक स्टूडेंट हूँ और एक होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था. में अपनी छुट्टियों के समय ही घर आ जाता और कुछ दिन समय बिताकर में वापस चला जाता. यह घटना तब की है जब में कुछ दिनों के लिए अपने घर आया था. मेरी दोनों दीदी हमेशा घर में ही रहती थी और वो भी अपनी पढ़ाई कर रही थी. अपने कॉलेज के समय या किसी काम की वजह से उनका घर से बाहर निकलना होता था. दोस्तों सेक्स मेरी बचपन से ही बहुत बड़ी कमज़ोरी रही है और इसलिए में कोई भी सुंदर लड़की को देखता तब मन ही मन में उसके बारे में बहुत कुछ सोच लेता था.
मेरी दोनों बहने बहुत ही सुंदर होने के साथ साथ बड़ी ही हॉट सेक्सी भी थी, इसलिए हर कोई उनका दीवाना हो चुका था, घर में वो ज़्यादातर स्कर्ट और टॉप्स ही पहनती थी. एक दिन शाम को में अपने दोस्त के पास से एक सेक्सी कहानियों की किताब अपने साथ ले आया और दूसरे दिन में उसको अपने कोर्स की किताब के अंदर रखकर चोरीछिपे पढ़ रहा था, जिसकी वजह से कुछ देर में ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और इतने में अचानक से मेरी बड़ी बहन सोनल उस रूम में सफाई करने आ गयी और वो अब नीचे झुककर अपना सफाई का काम करने लगी थी.
उसी समय मैंने तुरंत ही किताब को पढ़ना बंद कर दिया और उसी समय ग़लती से मेरी नज़र अपनी बहन के गोरे बड़े आकार के झूलते लटकते हुए बूब्स पर चली गयी. मुझे उसके बूब्स थी थोड़ी सी झलक नजर आ रही थी, जिसको में अपनी चकित नजरों से कुछ देर देखता रहा. वो बड़ा ही मस्त मजेदार द्रश्य था, क्योंकि ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ था, लेकिन कुछ देर के बाद मैंने उस तरफ से अपनी नजर को हटाकर मन ही मन में सोचा कि यह बिल्कुल गलत है, सामने वाली लड़की मेरी बहन है और मुझे उसके बदन के ऊपर अपनी इस गतल नजर को नहीं डालना चाहिए, यह बात सोचकर मैंने अपने आपको शांत किया और फिर में वहाँ से उठकर बाहर चला गया, लेकिन अब मुझे उस पूरी रात को नींद नहीं आ रही थी.
अब में ना चाहकर भी बार बार वो द्रश्य अपनी आखों के सामने देखने उसके बारे में सोचने लगा था. में उसके गोरे कामुक जिस्म को देखकर बिल्कुल पागल हो चुका था. में सेक्स की वजह से अपने सभी रिश्ते भूल चुका और उस दिन से में सोनल से सेक्स करने का विचार अपने मन में बनाने लगा था. एक दिन जब में बाथरूम में नहा रहा था तो मैंने देखा कि सोनल की स्कर्ट वहाँ पर पहले से ही रखी हुई थी. मैंने उसको उठा लिया मेरे ऐसा करने की वजह से उसी समय कुछ सेकिंड में मैंने देखा कि सोनल की काले रंग की पेंटी नीचे गिर गयी जिसको देखकर में ख़ुशी से बिल्कुल पागल हो गया, इसलिए मैंने बिना कुछ सोचे समझे सोनल की पेंटी को अपने हाथों में लेकर चूमना शुरू किया.
फिर में कुछ देर लगातार उसको सूंघने में लगा रहा. पेंटी के अंदर से आ रही हल्की चूत की खुशबू की वजह से में धीरे मदहोश होता चला गया और तभी मुझे महसूस हुआ कि उसकी पेंटी थोड़ी सी गरम भी थी, क्योंकि मुझसे पहले सोनल ही नहा रही थी. दोस्तों मुझे तब पहली बार ऐसा करने पर महसूस हुआ कि उसकी पेंटी का स्वाद हल्का सा नमकीन था और फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने लंड से रगड़ना शुरू किया और कुछ देर बाद जोश में अपने होश खोकर मैंने उस पेंटी पर अपना वीर्य निकाल दिया और जब मुझे होश आता तो में एकदम से घबरा गया और मन ही मन सोचने लगा कि अब क्या होगा?
मैंने अपनी ग़लती को छुपाने के लिए उसकी पेंटी को तुरंत ही धोकर चुपचाप बाहर लाकर धूप में डालकर सूखने दिया और मैंने सोनल से ऐसे ही कह दिया कि जब में नहा रहा था तो वो गलती से नीचे गिर गयी थी, लेकिन उस दिन के बाद जब भी घर में कोई ना होता में सही मौका देखकर सोनल और श्रेया दोनों की पेंटी निकालकर चूमता, सूंघता और कुछ देर बाद मन में उनका विचार करके में मुठ मारने लगता. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था. एक दिन रात को मुझसे नहीं रहा गया मुझे बहुत देर तक उनके विचारों की वजह से नींद भी नहीं आ रही थी और इसलिए उस वजह से में हिम्मत करके उसी समय अपने बिस्तर से उठकर सोनल और श्रेया के रूम में चला गया.
फिर मैंने देखा कि वो दोनों लेटी हुई थी और फिर में धीरे से आगे बढ़ते हुए गहरी नींद में सोती हुई सोनल के पास जाकर पहले कुछ देर गोरी भरी हुई जांघो को अपनी चकित नजरों से देखता रहा. उसके बाद में उसकी स्कर्ट को धीरे धीरे उठाने की कोशिश करने लगा. अभी मैंने यह काम करना ही शुरू किया था कि इतने में श्रेया अपनी नींद से जाग गयी और उसने मुझे देख लिया. मेरा एक हाथ उस समय सोनल की स्कर्ट में अंदर घुसा हुआ था और वो यह सब अपनी आखों से देखकर बिल्कुल हैरान हो गयी और उसने मेरी इस हरकत की वजह से बिल्कुल चकित होते हुए अब गुस्से से उसने मुझसे डांटकर वहाँ से उसी समय बाहर निकल जाने के लिए कहा और में अपने मुहं को नीचे लटकाकर तुरंत ही बाहर आ गया.
मेरा सारा जोश एक ही बार में ठंडा हो गया और में अपनी गलती के बारे में मन ही मन सोचने लगा था. फिर दूसरे दिन में अपनी बहनों से शरम की वजह से इधर उधर छुपता रहा और उनसे नजर मिलाने की मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी और करीब दस बजे श्रेया ने मुझे अपने पास बुला लिया. उस समय कमरे में बस हम दोनों ही थे. अब उसने मुझसे कहा कि वो यह सभी बातें मेरे पापा, मम्मी को बता देगी और वो गुस्से से बोली कि तुम रात को क्या कर रहे थे और तुम अपनी बहन को अपनी बीवी बनाने की बात सोच भी कैसे सकते हो, क्यों तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है या नहीं? अब मैंने मौके की नजाकत को समझकर तुरंत ही उसके सामने उसके हाथ पैर जोड़कर अपनी दीदी से माफी माँगी कि दोबारा ऐसी गलती कभी नहीं होगी और उससे यह बात किसी को भी बताने से मना किया. उसके बाद में अपने कमरे में चला गया.
दोस्तों उस दिन के बाद से मेरी बहन सोनल ने भी मुझसे बात करने बिल्कुल छोड़ ही दिया था, जिसकी वजह से बड़ा चिंतित डरा हुआ रहने लगा था. मेरा किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता था और फिर ऐसे ही दो तीन दिन निकल गये. मुझे पता ही नहीं चला और उस घटना की वजह से में बिल्कुल भूल ही गया था कि मैंने अपनी एक सेक्सी कहानियों की किताब अपने सेल्फ़ पर रखी हुई थी. एक दिन कुछ सामान ढूढ़ते समय उस किताब को गलती से श्रेया ने देख लिया और वो उस किताब को अपने साथ लेकर चली गई. उसको कहीं उसने उचित जगह पर छुपाकर रख दिया. फिर उसके दूसरी रात को में अपने कमरे से उठकर बाथरूम की तरफ जा रहा था तो देर रात का समय था और घर के सभी लोग मेरे हिसाब से सो चुके थे.
फिर मेरे मन में उसी समय एक दोबारा गंदा विचार आया और मैंने सोचा कि एक बार में उनको सोते हुए देख तो सकता हूँ जिसकी वजह से में अपनी बहनों के कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखने लगा, लेकिन उसके बाद तो मेरे होश बिल्कुल उड़ गए क्योंकि मैंने देखा कि मेरी वही सती सावित्री बनी बहनें सोनल और श्रेया दोनों ही मेरी उस किताब को बड़े मज़े से पढ़ रही थी.
में अब थोड़ी सी हिम्मत करके अचानक उनके रूम में चला गया और उसके बाद मैंने देखा कि श्रेया उस समय अपनी उंगली को अपनी चूत पर रगड़ रही थी और मेरी दूसरी बहन अपने बूब्स को धीरे से सहला रही थी, जिसका मतलब साफ था कि वो दोनों जोश में आ चुकी थी, लेकिन उन दोनों को यह भी पता नहीं चला कि मैंने उनको यह सब करते हुए अपनी आखों से देख लिया है और में कुछ देर देखकर वहाँ से वापस दबे पैर बाहर आकर बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारकर अपने कमरे में वापस आ गया.
दोस्तों अब में पलंग पर लेटे हुए पूरी रात उन दोनों के बारे में सोचकर ना जाने कैसे कैसे विचार बनाता रहा, लेकिन अब मैंने सोच ही लिया था कि कैसे भी करके मुझे उनके साथ अब कुछ करना ही पड़ेगा. अब मेरे पास भी उनको दबाने के लिए कुछ सबूत सच्ची बातें उनकी हरकतों के बारे में मुझे पता चल चुका था. फिर दूसरे दिन मेरे पास अपने मन की उस बात को आगे बढ़ाने का एक अच्छा मौका था क्योंकि घर उस समय पूरा दिन मेरी मम्मी कहीं बाहर थी और वो शाम से पहले वापस नहीं आने वाली थी, लेकिन मेरा मन तो पूरी तरह से सोनल की चूत के नशे में पागल हो चुका था.
मैंने श्रेया से रात को उसके कमरे में हो रहे उस काम के बारे में पूछा वो शरमा गयी और तभी मैंने उससे कहा कि तुमने उस दिन मुझे मेरी छोटी सी बात के लिए इतना सब कहा और मुझे डराया और तुम दोनों के बीच रात में यह सब चलता है. फिर वो कहने लगी कि तुमने एकदम गलत काम किया था, क्योंकि हम लोग भाई बहन है और हम आपस में यह सब नहीं कर सकते है, यह बात अगर किसी को पता चले तो हमारे घर के साथ हमारी भी बड़ी बेज्जती होगी. फिर मैंने अपनी बात रखने के लिए उससे कहा, लेकिन उससे पहले हम एक जवान लड़का और लड़की है और वैसे भी उम्र के साथ साथ हम सभी में बदलाव आने लगता है और उसी वजह से मैंने अपने होश खोकर वो काम किया में पागल हो चुका था और तुमने मुझे प्यार से समझाने की जगह मेरे साथ ऐसा गंदा व्यहवार करना शुरू किया और फिर वो मेरी बातें सुनकर चुपचाप वहाँ से चली गयी.
फिर उसी रात को मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके सोनल से जाकर कह दिया कि मुझे तुम्हारी पेंटी चाहिए, तब उसने मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि में अपनी पेंटी कहाँ रखती हूँ और तुम मेरी पेंटी के साथ क्या करते हो, वो भी मुझे अब पता है, तुम्हे उसकी क्यों जरूरत है में सब कुछ समझती हूँ? अब मैंने उसका वो जवाब सुनकर मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि रखी हुई पेंटी मुझे नहीं चाहिए मुझे तो जो तुमने अभी पहनी हुई है वो वाली चाहिए, तुम मुझे अभी उतारकर दो.
फिर उसने चकित होकर मुझसे कहा कि यह कभी नहीं हो सकता, में अभी यह सब कुछ पापा, मम्मी को फोन करके बताने जा रही हूँ. मैंने उसको डराते हुए कहा कि अगर तुमने ऐसा कुछ भी किया तो में तुम्हारी वो रात वाली हरकते भी उनको बता दूंगा और उन किताबो को भी उनके सामने लाकर कह दूंगा कि यह सब देखकर तुम वो सब काम करती हो, उनको यह सभी सबूत देखकर मेरे ऊपर पूरा पूरा विश्वास हो जाएगा.
अब वो मेरे मुहं से यह सभी बातें सुनकर डर गयी और उसी समय उसने तुरंत ही खड़े होकर अपनी स्कर्ट के अंदर अपने दोनों हाथों को डालकर अपनी पेंटी को नीचे कर दिया. फिर उसके बाद वो पेंटी अब मेरे हाथ में थी और में उसकी उतरी हुई गरम पेंटी को अपने साथ लेकर अपने कमरे में सोने चला गया मैंने तुरंत ही दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और उसको बड़े मज़े से चूमते हुए जोश में आकर मैंने उसको अपने लंड के ऊपर रखकर मुठ मारना शुरू किया कुछ देर बाद अपना पूरा वीर्य पेंटी के अंदर निकालकर अपने लंड को शांत करके में ना जाने कब वैसे ही सो गया और दूसरे दिन सुबह उठा और अब तो ऐसे सभी काम में बिना किसी डर के करने लगा. मुझे अपनी बहनों की तरफ से कोई भी चिंता नहीं थी.
में हर कभी उनकी पेंटी को उतरवाकर उसमे अपना वीर्य निकालकर उनको देकर अपने दूसरे काम को करने लगता. दोस्तों, लेकिन इतने दिनों तक यह काम करने के बाद अब मेरा मन कुछ अलग हटकर करना चाहता था, इसलिए में किसी अच्छे मौके की तलाश में हमेशा रहने लगा था और एक दिन मुझे मेरी अच्छी किस्मत से एक मौका मिल ही गया, क्योंकि उस दिन मेरे पापा और मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने दो दिन के लिए हमारे गाँव चले गये.
फिर उस रात को में बिना डर ना किसी संकोच के में सीधा सोनल के रूम में चला गया और मैंने आज उनके साथ सब कुछ करने की बात अपने मन में सोच रखी थी. मैंने जल्दी से अपना पांच इंच का लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और उसके बाद में एकदम नंगा होकर उन दोनों के सामने बैठ गया. तो मेरी इस हरकत की वजह से शरमाकर श्रेया वहाँ से उठकर तुरंत ही बाहर चली गई, लेकिन मेरी नजरे तो बस सोनल पर ही अटकी हुई थी और अब मैंने सोनल से कहा कि मैंने आज तक कोई जवान लड़की को नंगी नहीं देखा, मैंने केवल इंटरनेट और किताबों में ही यह सब देखा है, आज शायद मुझे यह मौका मिल जाए?
मैंने देखा कि सोनल बार बार मेरे मोटे लंबे लंड को ही अपनी चकित नजरों से देख रही थी. मेरा इतना दमदार अच्छे आकार का लंड भी शायद उसने पहली बार देखा था, इसलिए उसके साथ ऐसा हो रहा था. अब मैंने सही मौका देखकर पास आकर धीरे धीरे उसके टॉप को उतार दिया. तब मुझे पता चला कि उसने सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसके वो बूब्स आकार में 34 इंच के होंगे.
अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को छूकर महसूस करने लगा. फिर कुछ देर बाद उसके मुहं से आह्ह्ह उह्ह्ह आउच की आवाज़ निकलने लगी. वो बड़ी मादक लग रही थी, जिसकी वजह से मेरा जोश अब पहले से ज्यादा बढ़ गया. अब मैंने बिना देर किए मौके का फायदा उठाकर उसकी ब्रा को उतारकर देखा बूब्स झट से मेरे सामने आकर खुली हवा में साँस लेने लगे, एकदम गोरे गोलमटोल बूब्स के ऊपर उसकी उठी हुई निप्पल को देखकर में अपने होश खो बैठा.
तुंरत ही मैंने उसके गुलाबी रंग के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसना सहलना शुरू किया और ऐसा करने से हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, करीब दस मिनट तक उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से में दबाता और चूसता भी रहा जिसकी वजह से उसके बूब्स पूरे लाल हो गये थे और वो जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए अपनी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी. अब मैंने उस समय की नज़ाकत को देखते हुए तुरंत ही उसकी स्कर्ट को खोल दिया, जिसकी वजह से मुझे उसकी गुलाबी रंग की सिल्क वाली पेंटी साफ साफ नज़र आने लगी थी और उसके अंदर उसकी वो उभरी हुई कुंवारी चूत भी मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी.
फिर मैंने झट से उसकी पेंटी को भी खोल दिया और तब मेरी आखों के सामने बड़ा ही मस्त चकित कर देने वाला द्रश्य था, जिसको देखकर मेरे माथे से पसीना आने लगा, क्योंकि पहली बार में किसी की चूत, बूब्स गोरा जिस्म वो भी बिना कपड़ो के देख रहा था और उसकी वजह से मेरे शरीर का पारा चड़ चुका था. मुझे अब गरमी भी लगने लगी थी. दोस्तों मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और उसके ऊपर एक भी बाल नहीं था. में पागल होकर जानवरों की तरह उसकी चूत को चूमने लगा और कुछ देर बाद अपनी जीभ से चाटने भी लगा था, जिसकी वजह से वो आहह ऊफ्फ्फ उम्मह बस करो बार बार कहने लगी, लेकिन में तो अब किसी के भी कहने से रुकने वाला नहीं था और मैंने उसको बेड के साइड में बैठाकर दोनों हाथों से उसकी जांघो को पूरा फैलाकर चूत के होंठो पर अपने मुहं को उसकी चूत के होंठो पर लगाकर चूत का रस पीने लगा.
में उसको किसी रसीले आम की तरह चूसता रहा, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और बोली अब देर मत करो, जल्दी से अंदर डाल दो मुझसे अब रुका नहीं जाता. फिर मैंने जल्द से अपनी पेंट से कंडोम निकालकर लंड पर लगा लिया और उसके बाद में उसके ऊपर चड़ गया. मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रखकर धक्का देते हुए अंदर डालने लगा. फिर वो आह्ह्ह आईईईइ ऊऊउउहह आआहह करने लगी और मेरे तीन जोरदार धक्को में लंड पूरा उसकी चूत के अंदर चला गया.
फिर में तेज तेज धक्के लगाने और उसके बाद करीब पांच मिनट तक उसको वैसे ही धक्के देकर मैंने चोदा और अब वो भी जोश में आकर अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी. फिर में झड़ गया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसके बूब्स के मज़े लेने के बाद जब मेरा लंड छोटा हुआ उसको बाहर निकाल लिया. उसके बाद उस कमरे से सीधा में कपड़े पहनकर बाथरूम में चला गया और उसके बाद नहाकर अपने कपड़े पहनकर में कुछ घंटो के लिए घर से बाहर चला गया.
दोस्तों सच कहूँ तो में उस दिन अपनी पहली चुदाई के मज़े लेकर बड़ा खुश था. फिर कुछ दिन अपने घर वालों के साथ रहने बाद में वापस अपने होस्टल चला गया, लेकिन उसके बाद से जब भी हम तीनों घर में अकेले रहते तो में सही मौका देखकर उनके साथ चुदाई का खेल खेलकर मज़े लेता. उन्होंने मेरे साथ उनकी चुदाई का अब बिल्कुल भी विरोध करना एकदम बंद कर दिया था और में हमेशा उनको कंडोम लगाकर ही चुदाई का मज़ा देता, जिसकी वजह से ना उनको कोई दुःख और ना मेरे सामने कोई परेशानी थी. दोस्तों यह थी मेरी एक सच्ची चुदाई की कहानी जिसमे मैंने अपनी बहनों के साथ मज़े लिए में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी.
Share:

पड़ोसन के पति से जमकर चुदी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रीमा है. यह घटना तब की है जब में पूरी तरह से जवान होकर अपनी चूत की चुदाई करवाने के लिए तड़पने लगी थी. मुझे किसी दमदार लंड की तलाश थी जो मेरी भूख को शांत करे मेरी जमकर चुदाई करे और आप ही पढ़कर देखे मेरे साथ क्या और कैसे हुआ?
दोस्तों मेरी उम्र 24, में दिखने में बहुत सुंदर, मेरा रंग गोरा उभरे हुए बड़े आकार के बूब्स, गोल सुंदर चेहरा, बड़ी बड़ी आंखे, लंबे काले बाल या यह यह कहे कि मेरे इस बदन में कहीं भी कोई कमी नहीं है इसलिए मुझे देखकर हर कोई लड़का मुझे लाइन मारता है क्योंकि में दिखने में बड़ा ही मस्त हॉट सेक्सी माल लगती हूँ और हर किसी की नजर मेरी उभरी हुई छाती पर ही टिकी रहती है और में भी उनको अपना बदन दिखाकर अपनी तरफ आकर्षित करती हूँ हर एक लड़का मेरे जिस्म का दीवाना है और दोस्तों मुझे देर रात को फिल्म देखने और कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़ने की आदत है, क्योंकि देर रात को टीवी में सेक्सी फिल्मे आती है और यह सभी काम करने की वजह से मेरा मन भी अब सेक्स करने के लिए बड़ा ही बैचेन होने लगा है इसलिए में जोश में आकर अपनी ऊँगली से ही अपनी चूत को ठंडा करके अपना काम चला लेती हूँ ऐसा करके मेरी चूत ठंडी और मेरा जोश भी कम हो जाता है.
दोस्तों फिर जब मुझे अपनी चूत में ऊँगली करते करते बहुत दिन हो गये तो अब मेरा मन भी करने लगा था कि मुझे किसी का लंड मिल जाए. मुझे मन ही मन अपनी चूत की किसी लंड से जमकर चुदाई करवाने की इच्छा होने लगी थी और में अपनी चूत को शांत करने के लिए बहुत तरस रही थी, लेकिन मुझे कोई ऐसा मिल ही नहीं रहा था जिसका लंड में अपनी चूत में लेकर वो मज़े ले लूँ जो इस दुनिया में समय से पहले या उसके बाद में सभी लोग कभी ना कभी जरुर लेते है. मुझे उम्मीद थी कि मेरे जीवन में भी वो दिन एक दिन जरुर आएगा जब भगवान मेरे मन की बात सुनकर मेरी इस इच्छा को पूरा करेगा.
एक दिन यह सभी बाते सोचते हुए मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा विचार आ गया और में अपनी चुदाई का जुगाड़ लगाने लगी. हमारे पास वाले घर में एक परिवार रहता है जिसमे एक भैया, भाभी और उनके दो बच्चे है भैया की लम्बाई 5.11 दिखने में ठीकठाक उनका वो गोरा बदन गठीला है, इसलिए वो बहुत ही आकर्षक लगते है और उनका हमारे घर बहुत बार आना जाना लगा रहता है. यह बात पिछले साल गर्मियों की छुट्टियों की है उन दिनों मेरी वो भाभी अपने बच्चो के साथ उनके मायके गई हुई थी, इसलिए अब घर में भैया ही अकेले थे और इस वजह से वो भैया खाना हमारे घर ही खाते थे में अपने उन्ही भैया को अपने जाल में फंसाकर उनसे अपनी चुदाई के सपने देख रही थी.
में मन ही मन ठान चुकी थी कि मुझे उनसे अपनी चुदाई के मज़े लेने है और फिर धीरे धीरे बच्चों के स्कूल की छुट्टियाँ खत्म होने को थी, लेकिन में अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं कर सकी जिससे मेरी चूत की आग शांत हो सके और वैसे मैंने इतना तो कर ही दिया था कि अब वो मुझसे बहुत खुलकर हंसी मजाक करने लगे थे और हर कभी बातों ही बातों में वो मुझसे दो मतलब की बातें भी कर देते, जिनको में तुरंत समझकर उनकी तरफ हंस दिया करती थी. मैंने उनकी किसी भी बात का कभी बुरा नहीं माना और इस वजह से हम दोनों के बीच की वो दूरी अब कहीं हद तक कम हो चुकी थी और अब केवल दो दिन ही बाकि बचे थे, जिनके बाद मेरी पड़ोस वाली भाभी वापस आने वाली थी. उस दिन मेरी अच्छी किस्मत से मम्मी, पापा और भाई को एक शादी में जाना था इसलिए वो मुझे मेरी पढ़ाई और भैया के खाने के बारे में सोचकर मुझे अकेला ही घर में छोड़कर चले गये थे.
अब मैंने उस इतने अच्छे मौके को पाकर मन ही मन खुश होकर अपने आप से कहा कि अगर तू आज भी कुछ नहीं कर सकी तो शायद फिर कभी तू कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि ऐसा कभी नहीं आएगा और में अपने मन में विचार उनको अपनी तरफ आकर्षित करने और उनके साथ चुदाई करवाने के लिए बनाने लगी थी. आज मैंने सोच लिया था कि कैसे भी करके मुझे आज यह अपना सपना पूरा करना है, में उस दिन बहुत उत्साहित थी.
फिर रात को करीब आठ बजे मेरे भैया खाना खाने आ गए तभी मैंने उनसे कहा कि भैया आप आज थोड़ा देरी से चले जाना, क्योंकि में आज घर में बिल्कुल अकेली हूँ और मेरे सभी घर वाले किसी शादी में मुझे अकेला छोड़कर चले गए और वो देर रात तक वापस आने की बात मुझसे बोलकर गए है इसलिए रात को अकेले रहने में मुझे बहुत डर लगता है आपके रहने से मेरा मन भी लगा रहेगा. फिर वो बोले कि हाँ ठीक है तुम जब तक कहोगी में यहीं रुक जाऊंगा और वैसे भी तो रात को मुझे अपने घर जाकर बस सोना ही है, में कुछ देर तुम्हारे साथ बातें करके ही अपना समय बिता लूँगा जिसकी वजह से तुम्हारा भी मन लग जाएगा और मुझे भी तुम्हारे साथ अकेले रहने का मौका मिल जाएगा और फिर हम दोनों साथ में बैठकर खाना खाने के बाद टीवी देखने लगे थे.
उसी समय मैंने चुपके से घर का मुख्य दरवाजा ठीक तरह से बंद कर दिया और अंदर आकर बिना कुछ सोचे समझे मैंने भैया को पीछे से पकड़कर उनकी गर्दन पर किस कर दिया. अब भैया एकदम से उठ खड़े हुए और गुस्से में वो मुझसे बोले कि तुम यह सब क्या कर रही हो? में अपने घर जा रहा हूँ और मुझे नहीं पता था कि तुमने मुझे इसलिए यहाँ पर रोका है और वो मुझसे यह बात कहकर उठकर जाने लगे. तो एक बार तो में डर ही गई, लेकिन फिर भी मैंने उनको कह दिया कि भैया जब तक मेरी इच्छा पूरी नहीं हो जाती में आपको यहाँ से जाने नहीं दूँगी और अब तक उन्हे नहीं पता था कि मैंने दरवाजा बंद करके ताले की चाबी को कहीं छुपा दिया है.
फिर मैंने एकदम से उनके गाल पर किस कर दिया और मेरे ऐसा करते ही वो गुस्से की वजह से उस कमरे के बाहर चले गये, लेकिन उन्हे फिर वापस आना पड़ा क्योंकि बाहर जाने का दरवाजा बंद था और वो अंदर आकर एक बार फिर से मेरे सामने आकर कुर्सी पर बैठ गये और अब वो मुझे समझाने लगे और वो मुझसे बोले रीमा यह बहुत ग़लत बात है, तुम्हे अपने मन में भी हम दोनों के लिए ऐसी कोई बातें नहीं लानी चाहिए यह करना तो बहुत दूर की बात है उन्होंने मुझे बहुत देर तक बड़े प्यार से समझाया, लेकिन में अब कहाँ उनकी वो बातें मानने वाली थी. मैंने उनको साफ साफ कह दिया कि कुछ भी हो मुझे आपके साथ एक बार सेक्स करना है और इसके अलावा में कुछ भी नहीं जानती.
बहुत देर के बाद वो मेरी यह बात मान गये और वो मुझसे बोले कि तुम नहाकर गाउन पहनकर बेडरूम में चलो और फिर में खुश होती हुई बस दो मिनट में नहाकर गाउन पहनकर बेड पर जाकर लेट गई, भैया अंदर आए और वो मेरे पास बेड पर आकर लेट गये और फिर में उनसे लिपट गई. अब वो मुझसे बोले कि तुम सीधी बेड पर लेट जाओ और में उनके कहते ही सीधी लेट गई और उसके बाद उन्होंने सबसे पहले मेरे पैर की सबसे छोटी ऊँगली को सक किया और उसके बाद एक एक करके उन्होंने मेरी सभी उँगलियों को सक किया. फिर में इतना होने पर ही पागल हुई जा रही थी, जिसकी वजह से मेरी दोनों आंखे बंद हो चुकी थी और वो बड़ा ही हटकर मस्त अहसास था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती.
अब उन्होंने मेरे पैरो को चूमना शुरू किया. वो पैरों को चूमते हुए आगे बढ़ने लगे थे और अब उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे गाउन को थोड़ा सा ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से उनके सामने मेरी गोरी चिकनी जांघे थी, वो अब मेरी जांघो को भी चूमने लगे थे और ऐसा करते हुए उन्होंने मेरे गाउन को और थोड़ा ऊपर कर दिया था, जिसकी वजह से अब उनको मेरी चूत साफ साफ नजर आ रही थी, क्योंकि मैंने गाउन के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी और अब वो मेरी चूत के एकदम पास पहुंच चुके थे. उन्होंने मेरी चूत के दोनों तरफ किस किया और चूत पर चूमते ही मेरे बदन में एक अजीब सा करंट दौड़ने लगा.
फिर उसके बाद अब वो मेरी नाभि में अपनी जीभ को चला रहे थे और अपनी गरम गरम साँसे मेरे पेट पर छोड़ रहे थे और अब उन्होंने गाउन को थोड़ा और ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से अब मेरे एकदम गोल नींबू भी पूरे नंगे हो गये, उन्होंने मेरे एक बूब्स को हल्का सा सहलाकर निप्पल को दबा दिया. उनके हाथों का वो पहला स्पर्श मेरे पूरे बदन में आग लगाने का काम कर गया.
फिर उसके बाद दूसरे को दबा दिया. अब वो मेरे पूरे बदन को चूम बूब्स को चूस रहे थे और उन्होंने मेरी नाक, गालों को भी चूमा और इतना सब करने के बाद उन्होंने मेरे गाउन को पूरा उतारकर वो मुझसे बोले कि अब तुम उल्टी होकर लेट जाओ. फिर में तुरंत वैसे ही लेट गई और अब वो पीछे से ही मेरी गर्दन को कंधो को पीठ को जांघो को पैरों को किस करते हुए पैरो पर पहुंच गये और एकदम से मुझे सीधी करके मेरे पैरों को पूरा फैलाकर अपनी पूरी जीभ को उन्होंने मेरी चूत में डाल दिया और वो चूसने चाटने लगे, अपनी जीभ को पूरा अंदर डालकर मेरी चूत की चुदाई अपनी जीभ से करने लगे. उनके ऐसा करने की वजह से मुझे तो उस समय ऐसा लगा जैसे में स्वर्ग में पहुंच गई हूँ और में उसी समय उनके मुहं पर ही झड़ गई. मेरी चूत ने अपनी पूरी गरमी को बाहर निकाल दिया, जिसकी वजह से में बिल्कुल निढाल होकर बेड पर पड़ी रही. अब भैया भी मेरे पास में आकर लेट गये और वो मुझसे बोले रीमा अब तुम मेरे कपड़े उतारो और तब मैंने उनकी टी-शर्ट उतारी और उसकी मस्त छाती पर किस किया.
फिर उसके बाद मैंने उनकी पेंट और अंडरवियर को भी उतार दिया. उनका मोटा लंबा लंड देखकर मेरे बदन में जोश की वजह से करंट सा दौड़ गया. फिर उसी समय लपककर उनके लंड को मैंने अपने एक हाथ में पकड़कर मैंने अपने हाथ को लंड के ऊपर नीचे करना शुरू किया. में लंड को सहलाते हुए मुठ मारने लगी. फिर कुछ देर बाद भैया मुझसे बोले कि जानू अब तुम इसको अपने मुहं में ले लो तब देखना तुम्हे मज़ा कुछ ज्यादा ही आएगा.
दोस्तों पहले तो मेरा दिल यह गंदा काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ, लेकिन फिर भी मैंने जोश में आकर सभी बातों को भुलाकर उनके तनकर खड़े लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर में उसको चूसने लगी. कुछ देर चूसते चूसते मुझे इतना मज़ा आने लगा कि में एक बार फिर से झड़ गई. मेरी चूत से पानी बाहर निकलकर बहने लगा था और अब तक भैया भी पूरी तरह से हॉट हो चुके थे और वो मुझसे बोले साली मादारचोद कुतिया तू इसको पूरा अपने गले के अंदर तक ले क्या बाहर निकालकर टाइम पास कर रही है?
दोस्तों उनके मुहं से वो गाली सुनकर मुझे भी बहुत जोश आ गया और में पूरी तरह जोश में आकर ज़ोर से जल्दी जल्दी उनके लंड को अंदर बाहर करने लगी. वो अब मुझसे कहने लगे कि तेरी चूत में बहुत आग है आज में इसको चोद चोदकर बिल्कुल ठंडी कर दूँगा में तेरी सारी गरमी बाहर निकाल दूंगा. तुझे बड़ा चुदाई का शौक है ना आज में वो सब अपनी इस एक ही चुदाई में तेरी सभी इच्छाए पूरी कर दूंगा. में तेरी इतनी जमकर चुदाई करूंगा कि रंडी तू दोबारा चुदवाने का नाम नहीं लेगी. देख तेरा यह चुदाई का भूत आज में कैसे उतारता हूँ? में उनकी यह सभी बातें सुनकर और भी जोश में आ गई और मुझे तो कैसे भी अपनी चूत की आग को शांत करना था, चाहे उसके लिए आज मेरी चूत ही क्यों ना फटकर भोसड़ा बन जाए. मुझे तो बस चुदाई के मज़े चाहिए थे.
फिर वो एकदम से उठे और उन्होंने मुझे नीचे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को पूरा फैलाकर वो मेरी चूत को आईसक्रीम की तरह चूसने लगे. उस समय तो मुझे मन ही मन लग रहा था कि बस अब मेरी चूत में यह लंड घुस ही जाना चाहिए, क्योंकि मुझसे ज्यादा देर नहीं रुका जा रहा था, वैसे अब भैया भी मेरी चुदाई के लिए तैयार थे, इसलिए वो मुझसे बोले कि तुम अब अपने दोनों पैरों को पूरी फैला दो, क्योंकि में अब तुम्हारी चूत में अपने लंड को डालने का काम करने जा रहा हूँ और इसकी वजह से तुम्हे थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसको तुम्हे बर्दाश्त करना होगा.
दोस्तों में उस समय बिल्कुल गरम और बड़ी जोश में थी, इसलिए मैंने उनको कहा कि चाहे आज मेरी चूत ही क्यों ना फट जाए, मुझे कितना ही दर्द हो में तड़प जाऊ, लेकिन जानू तुम बिल्कुल भी रुकना मत, मेरी आज तुम मस्त मज़ेदार चुदाई करना, मेरी चूत की खुजली को हमेशा के लिए मिटा देना, तुम मेरी जमकर चुदाई करना. फिर मेरे मुहं से यह जवाब सुनकर बहुत खुश होकर भैया ने अपना लंड मेरी चूत पर रखकर हल्का सा धक्का देकर अपने लंड को अंदर किया, जिसकी वजह से मेरी तो जैसे जान ही निकल गई और में चीख पड़ी. फिर उसी समय भैया ने थोड़ा सा धक्का और मार दिया, जिसकी वजह से अब उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया और दर्द की वजह से मेरी आखों में आंसू आ गये, लेकिन फिर भी मैंने उनको कहा कि आप पूरा लंड मेरी चूत में जबरदस्ती डाल दो, मेरे दर्द की परवाह मत करो.
फिर भैया ने मेरा जोश वो बात सुनकर तेज धक्का देकर अपने लंड को मेरी चूत में पूरा का पूरा डाल दिया और उसके बाद वो थोड़ी देर के लिए ऐसे ही लेट गये. उसके बाद धीरे धीरे उन्होंने अब लंड को अंदर बाहर शुरू किया, जिसकी वजह से अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. फिर मैंने उनको कहा कि जानू थोड़ा तेज करो, जाने दो पूरा अंदर मुझे कब से इस दिन का इंतजार था, आज मुझे यह मज़ा मिला है, पता क्या दोबारा कब मिले, जाने दो पूरा अंदर. अब भैया ने मेरी यह बातें सुनकर अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में भी उनका पूरा पूरा साथ देने लगी थी और भैया भी बड़े जोश में थे, वो धक्के देते हुए मुझसे बोले कि साली भोसड़ी रंडी छिनाल देख तेरी चूत तो आज पूरी फट जाएगी.में बिना फाड़े इसको नहीं छोड़ सकता, तू मेरी यह चुदाई पूरी जिंदगी नहीं भुला सकती.
फिर में भी सिसकियाँ लेते हुए उनसे बोली हाँ फाड़ दो आप इस साली को इस मुझे बहुत परेशान करती है इसने मुझे बड़ा दुख दिया. आज आप इसको ऐसे मत छोड़ना, इसका पूरा जोश निकाल देना जिसकी वजह से यह दोबारा लंड लेना ही भूल जाए, ऐसे चोदना इसको यह चूत से भोसड़ा बन जाए और अब मेरा झड़ने का समय होने ही वाला था, इसलिए मैंने उनसे कहा कि भैया अब मेरा होने वाला है. तो वो बोले कि हाँ आराम से कर लो, वैसे भी मेरा भी काम अब पूरा हो गया, लेकिन अब भी भैया मुझे लगातार धक्के देकर चोदे जा रहे थे. उनके मोटे जोश भरे लंड से मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. वो एक बड़ी ही अजीब सी जलन थी, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती, लेकिन अब भी भैया रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.
दोस्तों पहले ही बार में उन्होंने मुझे अपने सामने नीचे लेटाकर उसके बाद घोड़ी बनाकर, अपने ऊपर लेटाकर सामने वाली दीवार से सटाकर, अपनी गोद में लेकर, टेबल पर लेटाकर और पता नहीं कैसे कैसे उन्होंने चोदा, जब वो झड़े तब तक में चार बार झड़ चुकी थी, जिसकी वजह से मेरी चूत बिल्कुल ठंडी हो चुकी थी, लेकिन अभी तो भैया एक ही बार झड़े थे, इसलिए अब वो कहाँ मानने वाले थे इसलिए वो थोड़ी देर के बाद दोबारा से शुरू हो गये और उन्होंने रात भर में मुझे केवल दो बार ही चोदा, लेकिन में पांच बार झड़ चुकी थी. उसके बाद हम दोनों थककर सो गए और में उनकी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी थी. मुझे उनके साथ अपनी चुदाई करवाकर बड़ा मस्त मज़ा आया और वो सुबह जल्दी उठकर अपने घर चले गए.
Share:

पापा मम्मी की चुदाई देखी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शीना है. में 24 साल की हूँ, में अपना कॉलेज पूरा कर चुकी हूँ. यह बात आज से करीब 5 साल पहले की है. तब में 10वीं क्लास में पढ़ती थी, तब मेरी उम्र 18 साल की थी, इस उम्र में सेक्स का क्रेज़ नया-नया होता है और मुझे भी सेक्स के बारे में जानने की उत्सुकता होने लगी थी.
मेरे मम्मी पापा का बेडरूम अलग था और वो हर रोज रात को अपना रूम लॉक कर लेते थे. तो पहले मैंने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब में सोचने लगी थी कि वो दोनों ऐसा क्या करते है कि दरवाजा बंद करना पड़े? उन दिनों मेरे पापा पर काम कुछ ज़्याद ही चल रहा था और वो अक्सर ऑफिस के काम से बाहर रहते थे.
फिर एक दिन जब पापा 10 दिन के बाद घर आए तो मैंने मम्मी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान देखी. पापा सुबह ही आए थे और उन दिनों मेरी छुट्टियाँ चल रही थी. फिर लंच करने के बाद में अपने रूम में सोने चली गई.
कुछ देर के बाद मेरी आँख खुली तो मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी तो में चुपचाप दबे पैर उनके रूम में झाँकने लगी. अब मेरे पापा सोफे पर बैठे थे और मेरी मम्मी उनकी गोदी में बैठी थी.
अब पापा मम्मी के बूब्स पकड़कर दबा रहे थे, तो तब मुझे लगा कि वो ऐसे ही उन्हें छेड़ रहे है. फिर जब मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि मम्मी ने अपनी सलवार खोल रखी है और पापा की गोदी में ऊपर नीचे हो रही है और पापा भी नीचे से उछल रहे है. अब मुझे उस वक़्त कुछ पता नहीं था कि यह क्या हो रहा है? इसलिए में उसी वक़्त उनके पास चली गई.
मुझे देखते ही वो दोनों हड़बड़ा गये, लेकिन मेरी मम्मी पापा की गोदी में से नहीं उठी, उन्हें पता था कि अगर वो उठी, तो पापा का लंड मुझे दिख जाएगा और मुझे पता चल जाएगा कि क्या हो रहा था?
फिर मैंने मम्मी से पूछा कि आप लोग क्या कर रहे हो? तो तब उन्होंने कहा कि कुछ नहीं, हम खेल रहे है. तो तब मैंने कहा कि क्या खेल रहे है? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं, तुम अपने रूम में जाओ, लेकिन में वहीं खड़ी रही. फिर तभी इतने में एक चूहा सोफे के पास आ गया, तो मम्मी उछल पड़ी और सोफे पर बैठ गई. तो मुझे पापा का लंड साफ-साफ दिखने लगा. अब में तो बस देखती ही रह गई थी, मैंने ऐसी चीज पहली बार देखी थी.
मेरे पापा ने जल्दी से उसे अपनी पेंट में डाल लिया और अपनी चैन बंद करने लगे, लेकिन जल्दबाज़ी में उनका लंड चैन में फंस गया था और वो चीख पड़े थे. फिर में पापा के पास गई और पापा से कहा कि क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं, में अपने पापा से बहुत प्यार करती हूँ इसलिए मैंने पापा का लंड पकड़ लिया और उस पर फूँक मारने लगी थी और पापा से पूछा कि ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या? अब मम्मी पापा मेरी इस हरकत पर हँसने लगे थे और कहा कि तुम अपने रूम में जाओ तो में अपने रूम में चली गई.
फिर उस दिन रात को में पापा के लंड के बारे में ही सोचती रही और सपने में भी पापा का लंड ही दिखा. फिर सुबह उठकर में अपने स्कूल चली गई और अपनी फ्रेंड नेहा से सब बात कही. नेहा मुझसे 1 साल बड़ी थी और 1 साल फैल भी हो चुकी थी. अब वो मुझसे उम्र में बड़ी होने के कारण मुझसे ज़्यादा सेक्स के बारे में जानती थी और वो थोड़ी बिगड़ी हुई लड़की भी थी और काफ़ी लड़को को अपने चक्कर में फंसाए हुई थी.
जब मैंने उसको अपने पापा के लंड के बारे में बताया. तो वो बहुत उत्तेजित हो गई और मुझसे पूछने लगी कि कितना लंबा था? कितना मोटा था? किस रंग का था? तो तब मैंने कहा कि तुझे इससे क्या करना है? तू मुझे बताना कि मम्मी पापा क्या कर रहे थे?
फिर उसने मुझको बताया कि वो सेक्स कर रहे थे और तेरे पापा ने अपना लंड तेरी मम्मी की चूत में डाल रखा था. तो तब मुझे यह सब सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन साथ-साथ एक अजीब सा मज़ा भी आया था. फिर उसने बताया कि कैसे चूत में लंड डालकर चोदते है? और इन सबमें कितना मज़ा आता है?
उसने बताया कि उसने तो बहुत लंड लिए है तभी तो वो फैल हो गई थी, वो कोचिंग पढ़ने के लिए जाती थी, लेकिन उसके सर उसको खूब चोदते थे और कहते थे वो उसे पास करवा देंगे, लेकिन उन्होंने उसको धोखा दे दिया और फिर नेहा को चुदवाने की आदत पड़ गई, तो वो लड़कों से और अपने चाचा से चुदवाने लगी थी. अब यह सब सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा था और अब में अपने मम्मी पापा को नंगे चुदाई करते हुए देखना चाहती थी इसलिए अब में बस रात का इंतजार करने लगी थी.
फिर में घर जाकर सो गई, क्योंकि मुझे रात को जागना था. फिर रात को खाना खाने के बाद मैंने मम्मी पापा को गुड नाईट बोला और अपने रूम में चली गई और सोचने लगी कि ऐसा क्या करूँ कि में मम्मी पापा को सेक्स करते देख सकूँ? मेरे मम्मी पापा डिनर के बाद टहलने पर जाते है. फिर जब वो वॉक पर गये, तो मैंने उनके रूम की कुण्डी तोड़ डाली और अपने रूम में जाकर बैठ गई थी.
जब मेरे मम्मी पापा वापस आए और अपने रूम का लॉक लगाने लगे तो उन्होंने लॉक टूटा हुआ पाया. फिर तब मम्मी ने कहा कि अब क्या करें? तो तब पापा ने कहा कि कोई बात नहीं दरवाजा बिना लॉक लगाए बंद कर दो, शीना तो सो गई है. अब उन्हें लगा था कि में सो गई हूँ, लेकिन में तो उनकी चुदाई के सपने देख रही थी. फिर थोड़ी देर इंतजार करने के बाद में उनके रूम में झाँकने लगी तो मैंने देखा कि पापा बिल्कुल नंगे थे और मम्मी ने चड्डी पहन रखी थी. अब पापा मम्मी के बूब्स चूस रहे थे और मम्मी पापा के बालों में अपना हाथ फैर रही थी. फिर पापा ने मम्मी से कहा कि मेरा लंड तेरा इंतजार कर रहा है मेरी बिपाशा.
फिर तब मेरी मम्मी ने कहा कि में तो कब से तरस रही हूँ मेरे जॉन? और फिर पापा ने अपना लंड मेरी मम्मी के मुँह में डाल दिया और मेरी मम्मी पापा का लंड को चूसने लगी, जैसे आइसक्रीम खाते है. दोस्तों फिर मेरे पापा ने मेरी मम्मी को चोदा और मैंने पूरे मजे लेकर उनकी चुदाई को अपनी आखों में कैद किया.
Share:

सुहागन गर्लफ्रेंड ने चूत का दरवाजा दिखाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बबलू है और में आगरा का रहने वाला हूँ. आज में अपना भी एक सच्चा सेक्स अनुभव आप सभी को बताने आया हूँ जिसके बाद मेरा पूरा जीवन बिल्कुल बदल गया. यह घटना मेरी गर्लफ्रेंड के साथ हुई उसकी चुदाई के ऊपर आधारित है और अब में अपनी उस कहानी को शुरू करता हूँ.
दोस्तों यह बात आज से कुछ साल पहले की है जब में मार्केट में कुछ खरीद रहा था, तभी किसी ने मुझे पीछे से आवाज दी, जिसको सुनकर अचानक से में वहीं रुक गया और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वहाँ नेहा खड़ी हुई थी. वो बहुत सुंदर लग रही थी और उसने अपने हाथों में बहुत सारी चूड़ियाँ पहनी हुई थी, गले में उसके मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भी उसके लगाया हुआ था, जिसको देखकर साफ पता चलता था कि वो एक शादीशुदा है.
दोस्तों में अपनी आज की इस कहानी को शुरू करने से पहले नेहा के बारे में बता दूँ, नेहा मेरी गर्लफ्रेंड थी और अभी करीब 6 महीने पहले ही हमारा ब्रेकअप हुआ था. ब्रेकअप क्या? उसने कहीं और शादी कर ली थी, जिसके बारे में मुझे भी बाद में पता चला और यह काम इतना जल्दी हुआ कि मुझे कुछ भी सोचने समझने का मौका ही नहीं मिला, इसलिए में अपनी गर्लफ्रेंड के इस बिना बताए कदम की वजह से बहुत दुखी था और में करता भी क्या? उसको अपना नया घर मिल चुका था, लेकिन में अब अकेला रह गया था.
दोस्तों नेहा एक सुंदर और बोल्ड 24 साल की सेक्सी लड़की थी और उसके साथ मेरा करीब एक साल तक अफेयर चला और इस बीच किस करना तो एक आम सी बात हो गयी थी और हम दोनों घंटो पास वाले पार्क में बैठे एक दूसरे को चूमते रहते और में उसकी शर्ट में हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाता रहता और वो मेरी पेंट की चेन को खोलकर मेरे लंड से खेलती रहती और हम लोग कभी पिक्चर भी देखने जाते तो हमारे बीच बस यही सब होता था और एकदम आखरी की सीट पर वो मुझसे बिल्कुल सटकर बैठ जाती और में उसके गले से हाथ डालता हुआ उसकी शर्ट के अंदर डालकर पूरे तीन घंटे उसके बूब्स को मसलता रहता और वो मेरी जेकेट को मेरी गोद में रखकर उसके नीचे से हाथ डालकर मेरी पेंट की चेन को खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लेती और पूरे तीन घंटे वो उससे खेलती रहती.
दोस्तों फिल्म तो हम नहीं देख पाते थे, लेकिन इस ओरल सेक्स का हम बहुत मस्त मज़ा लेते थे और में उसके बूब्स को सहलाता और मसलता, जिसकी वजह से उसको बहुत मज़ा आता था और में तो कई बार उसके हाथ में ही झड़ जाया करता था. फिर हमारे ब्रेकअप तक हम दोनों ने सिर्फ़ ओरल सेक्स ही किया था, चुदाई नहीं, क्योंकि हमें चुदाई करने का कोई अच्छा मौका नहीं मिला और अचानक मुझे एक दिन पता चला कि उसने कहीं और शादी कर ली है और उसकी शादी हो जाने की वजह से वो मुझे अकेला छोड़कर चली गई. बस वो उसके बाद मुझे कभी दोबारा नहीं मिली. तो यह थी दोस्तों हमारी एक छोटी सी कहानी जो सरकारी मकान में शुरू हुई थी. हम लोग नीचे की मंजिल पर और वो पहली मंजिल पर अपनी बुआ के यहाँ रहती थी.
दोस्तों उस दिन नेहा को अपने सामने देखकर एक बार को तो मुझे बड़ा गुस्सा आया और मेरा मन किया कि में उसके साथ बहुत जमकर लड़ाई करूं और उससे पूछूँ कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, लेकिन फिर मैंने अपने पर कंट्रोल रखते हुए उससे उसका हाल चाल पूछा और उसने मेरा हाल पूछना शुरू किया. फिर बातों ही बातों में मुझे पता चला कि शादी के बाद वो यहीं पास में कहीं नौकरी कर रही है और उसने मुझे अपना फोन नंबर भी दे दिया और मेरा नंबर भी ले लिया. फिर कुछ देर बातें करने के बाद हम दोनों वापस अपने अपने रास्ते पर चल पड़े.
फिर दो दिन के बाद सोमवार के दिन मुझे नेहा की तरफ से एक मैसेज आया, जिसमें लिखा हुआ था कि बबलू क्या तुम मुझे आज मिल सकते हो? तो मैंने भी तुरंत अपनी तरफ से एक मैसेज लिखकर उसको हाँ कह दिया और फिर 11 बजे हम लोग एक रेस्टोरेंट में जाकर मिले. फिर उसने मुझे बताया कि वैसे तो उसकी सोमवार के दिन छुट्टी होती है, लेकिन आज वो अपने घर पर झूठ बोलकर सिर्फ़ मुझसे मिलने यहाँ पर आई है. अब मैंने उससे पूछा क्यों ऐसी क्या ज़रूरी बात है? तो उसने कहा कि यहाँ बहुत शोर है में तुमसे कहीं अकेले में आराम से बैठकर बात करना चाहती हूँ, तो मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है हम उसी पार्क में अपनी पुरानी जगह पर चलकर बैठते है.
फिर वो बोली कि नहीं, वहाँ कोई भी मुझे देखकर पहचान सकता है, तुम मुझे अपने घर ले चलो और फिर वहाँ से हम दोनों मेरे घर आ गए और घर का ताला खोलकर हम अंदर आए और उसके बाद मैंने दरवाजा वापस बंद कर लिया. फिर वो सर्दियों के दिन थे, इसलिए मैंने रूम हीटर चला दिया और हम मोटरसाइकिल पर घर आए थे, इसलिए अब उसको ठंड लग रही थी और उस रूम हीटर से उसको कुछ गरमाहट सी आ गई और अब वो अपनी शॉल को उतारकर बिल्कुल आराम से बैठ गयी, बहुत देर तक हम दोनों के बीच खामोशी रही और में तो सिर्फ़ उसको देखे ही जा रहा था.
वो उस पंजाबी सूट में बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने ही खामोशी तोड़ी और में उससे पूछने लगा हाँ बोलो क्या बात करनी है तुम्हे मुझसे? वो अचानक से उठी और मेरे गले से लगकर रोने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि बबलू तुम मुझे माफ़ कर दो, मैंने हम दोनों का जीवन खराब कर दिया, पता नहीं मुझे उस समय क्या हो गया था. मुझे ऐसा नहीं करना था, यह सब मेरी गलती है? दोस्तों करीब 15 मिनट तक बहुत रोने के बाद मैंने उसको पानी पिलाया तब जाकर वो थोड़ा सा शांत सी हुई, लेकिन इस बीच वो मुझसे लिपटी रही और बहुत दिनों के बाद उसका स्पर्श पाकर मुझे भी अच्छा लग रहा था. फिर वो मुझसे बोली कि बबलू मेरे एक ग़लत निर्णय की वजह से तुमने बहुत कुछ सहा होगा, में आज उसका हर्जाना भरना चाहती हूँ और में तुम्हे कुछ देना चाहती हूँ.
अब मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए और उसी समय वो अपना शॉल उठाकर वॉशरूम में चली गयी और जब वो बाहर आई तो मैंने देखा कि उसने शॉल को अपने शरीर पर लपेटा हुआ था. उसने रूम में आकर लाइट को बंद कर दिया. वैसे तो वो दिन का समय था, इसलिए मुझे थोड़ा थोड़ा सा नज़र तो आ ही रहा था, मैंने उससे पूछा क्या हुआ? तो उसने मेरे पास आकर अपने उस शॉल को हटा दिया और में यह देखकर बिल्कुल दंग रह गया कि उसने पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और वो अपने बदन पर सिर्फ़ शॉल को लपेटकर आई थी.
उस शॉल को पूरी तरह से अपने शरीर से हटाकर वो एक बार फिर से मुझसे लिपल गयी. दोस्तों आप सभी लोग उस समय मेरी क्या हालत होगी, उसका अंदाज़ा लगा सकते होंगे कि एक पूरी नंगी लड़की मेरी बाहों में है, तब मेरी क्या हालत रही होगी? उस वक़्त मेरे कुछ भी दिमाग़ में नहीं आ रहा था कि सही या ग़लत क्या होता है? क्योंकि इस तरह से तो वो उन दिनों में भी मुझसे नहीं लिपटी थी, जब हमारे बीच प्यार चल रहा था. अब वो पूरी नंगी होकर मुझसे लिपटी हुई थी. फिर कुछ देर बाद उसने अपना चेहरा थोड़ा सा ऊपर उठाया और मेरे चेहरे के पास आकर धीमी आवाज में बोली बबलू में आज पूरी तरह होश में होकर तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती हूँ जो कभी हमारे बीच अभी तक नहीं हुआ था, में तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ और में चाहती हूँ कि तुम मुझे चोदकर गर्भवती कर दो और में तुम्हारे बच्चे को इस दुनियां में जन्म दूँ बस यही मेरा हर्जाना होगा और तभी मुझे भी शांति मिल पाएगी बाकी सब कुछ में संभाल लूँगी, बस तुम मुझे आज चोद दो.
दोस्तों वो पूरी तरह से मुझसे लिपटी हुई थी और उस समय मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था कि में क्या करूं? और फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया तो मैंने महसूस किया कि अभी भी उसके होंठ पहले की तरह एकदम वैसे ही मुलायम थे और उसका वो अंदाज़ तो मेरे लिए वैसा ही पुराना ही था. मुझे अच्छी तरह से पता था कि उसको क्या पसंद है? मैंने भी अपना मन बना लिया कि जब उसको कोई आपत्ति नहीं है तो मुझे क्यों हो? में उसका साथ देने लगा और किस करते करते उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से अब हम दोनों पूरे नंगे हो गये थे और पहली बार हम एक दूसरे को इस हालत में पूरा नंगा देख रहे थे.
अब वो मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेड की तरफ ले गयी और उसके बाद वो बेड पर लेट गयी और मुझे उसने अपने ऊपर लेटा लिया. फिर करीब दस मिनट तक हम किस करते रहे और में साथ में उसके बूब्स को भी दबाता रहा, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से गरम हो गयी थी.
फिर उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और बेड के साथ पीठ लगाकर बैठने को कहा, जब मैंने पूछा तो उसने मुझसे कहा कि यह सब तो हम पहले भी कर चुके है, में आज तुम्हारे साथ वो करना चाहती हूँ जो पहले कभी हमने नहीं किया.
फिर में बैठ गया और वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आकर पेट के बल उल्टी लेट गयी और अब वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरा लंड उसके सहलाने की वजह से तनकर तंबू की तरह हो चुका था और फिर थोड़ी देर लंड को सहलाने के बाद उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया, वाह कसम से क्या मस्त मज़ा मुझे आ रहा था, क्योंकि आज पहली बार किसी ने मेरे लंड को अपने मुहं में लिया था, इसलिए में तो ज़न्नत के मज़े ले रहा था और में मन ही मन बहुत खुश था. दोस्तों पहले तो उसने मेरा लंड बहुत देर तक चूसा लोलीपोप की तरह अपने मुहं से अंदर बाहर करने लगी, जिसकी वजह से जोश में आकर मेरे मुहं से सेक्सी आवाज़े निकल रही थी आह्ह्हह् ऊफफ्फ्फ्फ़ नेहा मज़ा दिला दिया तुमने तो आज कसम से, यह सब तुमने कहाँ से सीखा हाँ और करो ऊउह्ह्ह्ह मज़ा आ गया और कुछ देर बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया.
अब उसने अपनी जीभ से ही चाटकर चूसकर मेरा पूरा लंड साफ किया और उसके बाद वो मुझसे बोली कि सेक्स तो मेरा पति भी रोज़ ही करता है, लेकिन वो यह सब काम नहीं करता जो में चाहती हूँ क्योंकि मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है और आज पहली बार मुझे तुम्हारा मोटा लंड चूसकर बड़ी शांति मिली है, तुम मुझसे वादा करो कि जब जब मेरा मन करेगा तुम मुझे अपना लंड चूसने दोगे प्लीज.
फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, वो मेरे मुहं से हाँ सुनकर हंसती हुई बोली कि मुझे एक और चीज़ पसंद है और वो इतना कहकर बेड पर अपनी पीठ के बल लेट गयी और मुझे उसने अपने दोनों पैरों के बीच आने को कहा. मेरे वहाँ आते ही उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को थोड़ा सा फैला दिया और वो यह करने के बाद मुझसे बोली कि बबलू अगर तुम्हे सेक्स का असली मज़ा लेने है तो तुम इसको चाटो. अब में भी उसके कहने पर शुरू हो गया और मैंने अपनी जीभ से बहुत अच्छी तरह उसकी चूत की चटाई करना शुरू किया. कुछ ही देर में वो तो सातवें आसमान में उड़ रही थी और अपने मुहं से सिसकियों की आवाज़े निकाल रही थी आहह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ बबलू मुझे तुम अब चोद दो फाड़ डालो तुम मेरी चूत को प्लीज मुझे गर्भवती बना दो, में तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ प्लीज ऊह्ह्ह्ह चोदो मुझे, करीब बीस मिनट अच्छी तरह उसकी चूत को चाटने के बाद मैंने महसूस किया कि वो झड़ चुकी थी.
फिर उसके बाद हम दोनों ने करीब पांच मिनट का आराम किया और उसके बाद उसने मुझे अपने नीचे लेटा दिया और अब वो चुदने के लिए मेरे ऊपर आ गयी. मैंने उससे कहा कि नेहा तुम नीचे आओ में तुम्हे अच्छी तरह से चोदूंगा. फिर वो बोली कि नहीं नीचे से तो में रोज़ ही चुदाई करवाती हूँ आज में ऊपर से चोदना चाहती हूँ, प्लीज तुम मुझे तुम्हारे ऊपर सवारी करने दो, प्लीज यार यह सपना भी तुम मुझे आज पूरा करने दो. दोस्तों उसकी वो सभी बातें सुनकर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है जो आज तुम्हारा मन करे तुम वैसा ही करो और अब वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी. फिर जब मेरा लंड एक बार फिर से सरिये की तरह तन गया तो उसने अपने ही हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत का दरवाजा दिखा दिया और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के दरवाजे से टकराया तो वो झटके से पूरी लंड के ऊपर बैठ गई और मैंने भी नीचे से एक धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से एक ही झटके से मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में जा घुसा.
वो थोड़ी देर शांति से बैठ गयी. अब मैंने उससे पूछा तो वो कहने लगी कि हर दिन मेरा पति मुझे बस एक ही तरीके से चोदता है, तो इसलिए अब मुझे उतना मज़ा नहीं आता, लेकिन आज मुझे पहली बार तुम्हारे साथ असली मज़ा आया है. फिर जब कुछ देर बाद उसका दर्द थोड़ा सा कम हुआ तो उसने मेरे ऊपर घुड़सवारी करना शुरू किया, वाह कसम से क्या मस्त द्रश्य था, मुझे ज़न्नत का मज़ा आ रहा था और वो मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होकर सवारी कर रही थी और में उसके हिलते हुए दोनों बूब्स को पकड़े हुए था. फिर वो अपनी दोनों आखों को बंद किए मस्ती से चुदवा रही थी, करीब बीस मिनट चोदने के बाद उसकी स्पीड अचानक ही पहले से तेज हो गई और वो मुझसे कह रही थी आह्ह्ह्ह ऊउफ़्फ़्फ़ बबलू में अब झड़ने वाली हूँ उईईई माँ. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ में भी अब झड़ने वाला हूँ, तभी उसने मुझसे कहा कि बबलू तुम मेरे अंदर ही झड़ना लंड को बाहर मत निकलना प्लीज में तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ.
दोस्तों जोश की वजह से हम दोनों की रफ़्तार शताब्दी एक्सप्रेस की तरह बढ़ती ही जा रही थी. फिर हम दोनों ने कुछ देर बाद एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया और दोनों एक साथ ही झड़ गये, कसम से वाह क्या आनंद था? मेरा यह अहसास हर कोई चोदने वाला और चुदवाने वाली बहुत आराम से समझ सकती है, क्योंकि उस अहसास में एक अज़ीब सी मस्ती होती है. फिर में उसके अंदर ही झड़ गया और अपने लंड को उसकी चूत में ही डाले करीब 15 मिनट तक हम दोनों लंबी लंबी साँसे लेते रहे, कहने को तो वो सर्दियों का दिन था, लेकिन हम दोनों ही उस काम को करने की वजह से पसीने पसीने हो गये थे और जब नेहा मुझे पहली बार बाजार में मिली थी, तब वो मुझे कुछ परेशान नजर आ रही थी, लेकिन अब उसका चेहरा एकदम खिला हुआ शांत था. उसके चेहरे पर एक तरह की संतुष्टि थी और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी.
फिर कुछ देर मेरे ऊपर लेटे रहने के बाद वो मुझसे बोली कि बबलू मैंने तुम्हारे साथ वो किया है जो में अपने पति के साथ नहीं कर सकती, बस तुम आज मुझे एक यह वादा करो कि तुम हमेशा ऐसे ही मेरी ज़रूरत को पूरी करते रहोगे. फिर मैंने उससे हाँ करते हुए वादा किया और उसके बाद वो मुझसे कहने लगी कि बबलू में तुम्हारे साथ आज बिल्कुल नंगी होकर नहाना भी चाहती हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे इस काम में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि तुम मेरी जान हो तुम्हारे लिए में कुछ भी कर सकता हूँ और तुमने भी तो मेरे लिए आज इतना सब किया है और फिर हम दोनों खुश होते हुए बेड से उठकर सीधा बाथरूम में चले गए और हम नहाने लगे और कुछ देर नहाने के बाद मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर वापस कमरे में लाने के बाद उसको दो बार और चोदा.
एक बार मैंने उनको कुतिया वाली स्टाइल में और एक बार उसको अपने सामने सीधा खड़ा करके ही अपने लंड को उसकी चूत में डालकर तेज धक्के देकर चुदाई का असली मज़ा लिया, जिसकी वजह से वो बड़ी खुश थी, क्योंकि हर बार मैंने उसको जमकर चोदा और अपने वीर्य को मैंने उसकी चूत की गहराईयों में डाला, जिसको अपने अंदर महसूस करके उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा. दोस्तों वो दिन क्या मस्त निकला था मेरे जीवन का मुझे मस्त मज़ा आ गया, मैंने उसको जमकर चोदा जिसमें हर बार उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और उसको खुश देखकर में भी बहुत प्रसन्न था क्योंकि शुरू से ही में उसकी ख़ुशी में अपनी ख़ुशी को ढूंढता था. फिर वो कुछ देर बाद मुझसे सभी तरह की बहुत सारी बातें हंसी मजाक करके अपने घर चली गयी मुझे उसके जाने का जितना दुःख था, उतनी ही उसकी पहली बार चुदाई की ख़ुशी भी थी, क्योंकि मुझे आज पता चल चुका था कि वो मुझसे सच्चा प्यार करती है और आज वो मेरी हो चुकी थी. मैंने उसको पा लिया था और एक महीने बाद उसने मुझे यह खबर देने के लिए एक मैसेज किया कि वो अब गर्भवती हो चुकी है और यह बच्चा मेरी ही है जो हमारी पहली चुदाई के बाद ही इस दुनिया में आने वाला है और उसका असली बाप में था. तब उसने मुझे उस चुदाई के लिए धन्यवाद कहा और कहा कि वो बहुत ही जल्दी एक बार फिर से चुदाई का एक नया जोश लेकर मिलेगी.
दोस्तों यही थी मेरी सच्ची चुदाई की वो घटना. आज हमारा वो बच्चा 2 साल का है और उसके पति को इस बारे में कुछ भी पता नहीं है उसको लगता है कि वो उसी का बच्चा है और नेहा आज भी कई बार मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए मुझसे आकर मिलती है, क्योंकि उसको अपने पति से ज़्यादा मेरे साथ सेक्स करने में मज़ा आता है और मुझे भी उसकी चुदाई करके सुख मिलता है.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया