कस्टमर को दुकान में चोदा


हैल्लो दोस्तों, कैसे हो आप सब? आज में आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने एक लड़की को चोदा था? में 20 साल का लड़का हूँ और मेरी एक साड़ी की दुकान है, भगवान की दुआ से दुकान अच्छी चल रही है. में वो दुकान अकेले संभालता हूँ, में अपनी शॉप में सिर्फ़ साड़ी नहीं बल्कि उसका रेडीमेड ब्लाउज, पेटिकोट और ब्रा और पेंटी भी रखता हूँ, वो भी फैन्सी रंग.
यह एक दिन की बात है जब मैंने दुकान खोली तो एक लेडी आई, वो दिखने में बहुत सुंदर थी, उसके बूब्स का साईज़ भी अच्छा था, उसने एकदम फैशनेबल ड्रेस पहन रखी थी. अब मेरे तो उसे देखकर होश उड़ गये थे. फिर उसने आते ही मुझे साड़ी बताने को बोला एकदम नई डिजाईन. तब में बोला कि में अपनी दुकान में नई ही रखता हूँ और कहा कि मेम साड़ी आप पहनोगी क्या? तो तब उसने हाँ बोला.
फिर बहुत सारी साड़ी दिखाने के बाद उसने एक साड़ी पसंद की और उसके ब्लाउज के बारे में पूछा तो तब में बोला कि मेम हमारे पास ऑलरेडी रेडीमेड ब्लाउज, पेटिकोट मौजूद है. फिर मैंने उससे ब्लाउज का साईज पूछा तो उसने कहा कि 40D. तब मैंने कहा कि मेम हमारे पास इस साईज का ब्लाउज स्टिच किया हुआ है. फिर मैंने पूछा कि मेम अगर ब्लाउज लेटेस्ट फैशन स्टाइल में हो तो आपको प्रोब्लम थोड़ी होगी. तब उसने कहा कि चलेगा कोई बात नहीं.
मैंने उसे ब्लाउज और पेटिकोट दिया और कहा कि मेम एक बार प्लीज आप अगर ट्राई कर लेते तो अच्छा होता. तो तब उसने इनकार नहीं किया. फिर मैंने उसे ट्रायल रूम दिखाया और कहा कि मेम एक बार ट्राई करके मुझे बताना, प्लीज मेम. तो तब उसने कि ठीक है. फिर वो थोड़ी देर के बाद एकदम सिंपल सी साड़ी पहनकर बाहर आई. तो तब मैंने पूछा कि मेम आप ये साड़ी डेली यूज़ के लिए ले रही है या फिर पार्टी के लिए. तो तब उसने पार्टी कहा.
तब मैंने कहा कि मेम जिस हिसाब से आपने यह साड़ी पहनी है, बिल्कुल पार्टी के लायक नहीं लग रही है और साड़ी का शो भी नहीं आ रहा है, मेम आपका ब्लाउज एकदम फैशनेबल स्टाइल है और आपकी साड़ी एकदम सिंपल स्टाइल है अगर आप चाहे तो में आपको पार्टी के लिए साड़ी अच्छी स्टाइल में पहनना सिखाऊँ. तब उसने थोड़ी देर तक सोचा और फिर कहा कि ठीक है.
तब मैंने उसे साड़ी निकालने को कहा. अब वो धीरे-धीरे अपनी साड़ी निकाल रही थी. फिर जैसे ही उसने अपना पल्लू हटाया तो में उसके बूब्स देखने लगा और बोला कि मेम आपको तो ब्लाउज पहनना भी नहीं आता. तो तब उसने कहा कि क्यों तुम ऐसा बोल रहे हो? तो तब में बोला कि मेम अपने तो मेरे ब्लाउज का पूरा शो खराब कर दिया. तब वो बोली कि कैसे?
मैंने अपनी उंगली से उसे साईड में पड़ने वाले सल के बारे में बताया और फिर में उसके पीछे आ गया और कहा कि मेम आपको ब्लाउज को फिर से पहनना पड़ेगा और इस बार में आपको पहनाऊँगा. तो तब उसने कुछ नहीं कहा. फिर में बोला कि आप पहले अपनी साड़ी निकालिए. तब उसने बोला कि निकाल तो दी. तब में बोला कि पल्लू को हटाने से साड़ी नहीं निकलती, पूरी साड़ी अलग करनी पड़ती है. तब उसने अपनी पूरी साड़ी हटा दी. अब वो मेरे सामने ब्लाउज, पेटिकोट में खड़ी थी.
मैंने मेम से कहा कि मेम में शॉप लॉक कर देता हूँ अगर कोई आ गया तो देख लेगा तो अच्छा नहीं लगेगा. तो तब मेम ने कहा कि ठीक है लॉक कर दो. फिर में शॉप लॉक करके मेम के पास गया और कहा कि मेम आपको तो साड़ी पहनने में पूरा ट्रेंड करना पड़ेगा, आपने तो पेटिकोट भी बराबर नहीं बांधा है. तब मेम ने कहा कि ठीक तो है. तब में बोला कि मेम इसे नाभि के नीचे बांधते है, मेम प्लीज आप अपना ब्लाउज और पेटिकोट निकालो, में आपको सिखाता हूँ.
फिर तब मैंने पूछा कि मेम आप साड़ी पहली बार पहन रही है क्या? तो तब मेम ने बोला कि हाँ थोड़ा चेंज के लिए पहन रही हूँ, में ड्रेस पहन-पहनकर बोर हो गयी हूँ. तो तब मैंने मेम से कहा कि अपना ब्लाउज और पेटिकोट निकालो.
मेम बोली कि में तुम्हारे सामने कैसे निकालूं? तुम मेरे पति थोड़ी हो. तब मैंने कहा कि मेम इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, में आपको सिखा रहा हूँ कैसे पहनते है? और बहुत लड़कियाँ तो एक बार बोलने से अपने सारे कपड़े उतार देती है, क्योंकि में उनको साड़ी पहनने का नया तरीक बताता हूँ. फिर मेरे यह बोलने से उसने अपने कपड़े निकाल दिए. अब वो ब्रा और पेंटी में खड़ी थी.
में बोला कि मेम आपकी अभी उम्र नहीं हुई है, जो आप इतनी सिंपल ब्रा और पेंटी पहनती हो, मेरे पास लेटेस्ट फैशन के अंडरगारमेंट है, वो में लाता हूँ और फिर में 3 सेट ब्रा और पेंटी के ले आया और मेडम को खोलकर दिखाने लगा.
तब उसने कहा कि आपको तो बिल्कुल शर्म नहीं आती. तब मैंने मेम से कहा कि मेरा यह रोज का काम है अगर में शरमाने लगा तो फिर मैंने यह बेच लिया, मेम प्लीज आप अपनी ब्रा और पेंटी निकालो और यह पहनो और फिर मैंने उसके पीछे जाकर उसकी ब्रा का हुक खोला.
फिर मेम ने अपनी ब्रा निकाल दी. फिर मैंने पीछे से ही उनकी पेंटी को नीचे किया और कहा कि मेम अपना पैर ऊपर करके अपनी पेंटी निकालो. तो तब उसने वो भी किया. अब वो अपने दोनों हाथों से बूब्स और चूत को छुपाने लगी थी. फिर में सामने आया और बोला कि मेम आप तो बहुत शर्मीली हो, अपने हाथ हाटाओ मेम.
मेम ने अपने दोनों हाथ हटाए. अब मेम मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी. फिर मैंने मेम से कहा कि यह हुई ना बात, इसको बोलते है गट्स, मेम मेरी आपसे एक रिक्वेस्ट है, प्लीज आप अपने पुराने कलेक्शन को यूज़ मत करो और नये खरीद लो.
फिर में बोला कि मेम में दुकानदार होकर सब उम्र के हिसाब से लेटेस्ट यूज़ करता हूँ, आपने मेरे कपड़े देखे है और में अंडरवेयर भी लेटेस्ट स्टाइल के पहनता हूँ. अब में पेंटी उठाकर मेम को पहना रहा था की तभी अचानक से मेरी नजर उनकी चूत पर पड़ी, तो उस पर बहुत बाल थे.
मैंने कहा कि मेम आप अपनी चूत शेव नहीं करती क्या? तो मेम यह सुनकर शर्मा गयी. तो तब मेम ने मना कर दिया और फिर मैंने कहा कि लाओं मेम में आपकी चूत शेव करता हूँ और यह कहकर मैंने मेम को टेबल पर लेटने के लिए कह दिया तो मेम मना करने लगी.
मैंने थोड़ी जिद की तो मेम लेट गयी और फिर भी कहने लगी इसकी जरूरत नहीं है, में बाद में कर लूँगी. तब मैंने मेम से कहा कि में इसका कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लूँगा मेम. तब मेम बोली कि मुझे एक्सट्रा चार्ज की टेन्शन नहीं है, मुझे शर्म आती है.
में बोला कि आप जब मेरे सामने नंगी हो गयी तो इसमें शरमाने की क्या बात है? में खुद अपने लंड को शेव करके रखता हूँ और यह कहते ही मैंने अपनी पेंट उतार दी और उससे कहा कि देखो में खुद कितनी फैन्सी अंडरवेयर पहनता हूँ? फिर वो देखने लग गयी.
फिर मैंने मेरी अंडरवेयर भी उतार दी और उसका एक हाथ पकड़कर मेरे लंड पर रख दिया और उससे कहा कि मेरे खुद के लंड पर एक बाल नहीं है, देखो. अब मेरे लंड को पकड़ने से वो गर्म हो गयी थी. फिर मैंने अपना टी-शर्ट भी निकाल दिया और उसके सामने पूरा नंगा खड़ा हो गया था.
अब उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर था. फिर मैंने उसके दोनों पेरों को फैला दिया और उसकी चूत को शेव कर दिया. फिर शेव करने के बाद मैंने उसकी चूत पर अपना एक हाथ फैरा और कहा कि कितना अच्छा लग रहा है? फिर मैंने कहा कि मेम में तुम्हारी पूरी बॉडी के बाल निकाल देता हूँ और फिर मैंने अपना काम चालू किया. फिर उसके बाद मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली तो उसके मुँह से आहह, आहह की आवाज आने लगी थी.
अब वो मुझको मना कर रही थी. अब में बिल्कुल गर्मा गया था. अब में जानता था कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन झूठी मना कर रही है. फिर मैंने उसकी चूत में से अपनी एक उंगली बाहर निकाली और अपना लंड डाल दिया तो वो और ज़ोर से चिल्लाने लगी.
थोड़ी देर के बाद उसे भी मजा आने लगा. फिर मैंने 1 घंटे तक उसको चोदा. फिर उसके बाद उसने बोला कि तुम मुझे साड़ी पहनाने जा रहे थे और मुझे चोद दिया. फिर मैंने उसको खूब चूमा और फिर उसकी गांड भी मारी. फिर उसके बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और वो अपनी पसंद की हुई साड़ी, ब्लाउज, ब्रा और पेंटी सब ले गयी और मैंने उससे कुछ पेमेंट भी नहीं लिया और फिर मैंने वापस अपनी दुकान खोली और वो चली गयी.
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निशी की प्यासी चूत में लंड डाला


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज यश है. में 36 साल का सुंदर और स्मार्ट लड़का हूँ, कोई भी औरत मुझे एक बार जरूर देखती है. मैंने बहुत औरतों के साथ चुदाई की है, मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मेरा लंड 7 इंच लंबा है. मेरी आदत है कि में किसी औरत की सुंदरता उसके बूब्स के आधार पर ही करता हूँ, अगर स्त्री के बूब्स बड़े और गोल है तो वो मुझे बहुत सेक्सी दिखती है और में उसे चोदने की कोशिश करता हूँ. यह एक दिन की बात है, मुझे किसी खास काम के लिए मुंबई जाना पड़ा था.
अब मेरा काम जल्दी समाप्त हो गया था, इसलिए मैंने सोचा कि मेरा एक दोस्त जो पूना में रहता है उससे मिल लूँ. फिर में रात में 8 बजे पूना अपने दोस्त के घर पूना पहुँच गया. फिर डोरबेल बजाने पर एक सुंदर सी स्त्री ने दरवाज़ा खोला और मुस्कुराते हुए मुझे अंदर आने को कहा. वो एक लंबी सी सुंदर औरत थी, उसने हल्के गुलाबी रंग की नाइटी पहन रखी थी और ब्रा नहीं पहनी थी. उसकी निप्पल मुझे साफ दिख रही थी, मेरी भाभी निशी 5 फुट 3 इंच लंबी है, वो 25 साल की है और फिगर 36D-32-36 है, वो बहुत गोरी और मस्त है, भाभी की भारी बाहरी गांड और बूब्स है.
अब मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी थी और मेरा लंड तनकर खड़ा होने लगा था. अब में बार-बार अपने लंड को अपने एक हाथ से ठीक करने लगा था. अब वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी थी. अब में उसकी बड़ी-बड़ी चूची (बूब्स) देखकर पागल होने लगा था.
मैंने पूछा कि सुनील ऑफिस से कब आएँगे? तो तब उसने कहा कि वो तो 1 महीने से विदेश गये है. फिर चाय पीने के बाद मैंने निशी भाभी से चलने को कहा तो तब वो बोली कि रात में आप कहाँ जाएँगे? तो तब मैंने कहा कि होटल में रुक जाऊंगा. तो तब निशी बोली कि यहाँ आपको कोई प्रोब्लम नहीं होगी, फिर में भी तो अकेली हूँ. अब में तो रात में निशी के साथ सोना चाहता था. अब में चुप हो गया था और अपने कपड़े बदलकर कमरे में आराम करने चला गया. अब मुझे निशी भाभी के बूब्स नजर आ रहे थे. अब में उसे चोदने का प्लान बनाने लगा था. फिर मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी? फिर जब रात में में उठा तो मैंने देखा कि मेरी लुंगी खुली थी.
अब में पूरी तरह से नंगा था और मेरे कमरे की लाईट जल रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद में फिर से सो गया. फिर मुझे कुछ देर के बाद लगा कि कोई मेरे पास लेटा है और मेरे लंड को सहला रहा है. तो तब में जाग गया और देखा तो निशी मेरे पास बैठी थी और मेरे लंड को पकड़ लिया और मुस्कुराकर बोली कि आपका लंड बड़ा मोटा और बड़ा है, में जब लाईट बुझाने आई तो मैंने देखा कि आपका मोटा लंड खड़ा होकर मुझे बुला रहा है. तब मैंने कहा कि निशी आपका दूध का बर्तन भी बहुत बड़ा है, क्या आप मुझे अपना दूध पिलाएँगी?
तब निशि भाभी बोली कि क्यों नहीं? ये आपके लिए ही तो है. फिर में पहले उनके करीब जाकर लेट गय और फिर आहिस्ता से उनके बूब्स पर अपना एक फैरा और आहिस्ता-आहिस्ता से दबाने लगा था. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि वो भी मूड में आ रही है. फिर मैंने उनकी नाइटी में हल्के से अपना एक हाथ डाला. फिर जब मेरा हाथ उनके सॉफ्ट बूब्स पर गया तो तब उसने अपनी आँखें मूंद ली और आ आ करने लगी थी. अब इस दौरान मेरी धड़कने तेज हो रही थी.
में अपनी उंगलियों से उनके निप्पल को मसलने लगा. अब मेरे ऐसा करने से वो थोड़ी सी हिलने लगी थी और मैंने फ़ौरन अपना हाथ हटा लिया था. अब में उसकी निप्पल को बड़ी तेज़ी से चूसने लगा था और वो आह, आ, आ करने लगी थी, लेकिन कुछ देर के बाद में खुद ही हैरान हो गया, क्योंकि अब मेरे लंड पर निशी का हाथ था और देखते ही देखते उन्होंने हल्के से मेरे लंड को मसलना शुरू किया था.
अब मुझे तो यकीन ही नहीं आ रहा था. अब उनके ऐसा करने से मुझे भी जोश आ गया था. फिर मैंने उन्हें एड्वान्स में अपनी चैन खोलकर अपना लंड उनके हाथ में दे दिया और बोला कि लो मसलो मेरे लंड को. फिर उन्होंने सच में मसलना शुरू किया. अब में तो अपने आपे में नहीं रहा था. फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े निकाले. अब में भाभी को नंगी देखकर बहुत खुश हो गया था और उनकी चूत देखी तो भाभी ने सुबह ही अपनी चूत साफ की थी.
मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ फैरा तो मेरे हाथ में चिकना जूस आया. तब मैंने भाभी से पूछा कि आप चुदासी महसूस कर रही हो. तो तब वो बोली कि बहुत, आज तो प्यारे मेरी जी भरकर चुदाई कर दो. बस फिर मैंने भाभी को अपने दोनों हाथों से उठाया और बेड पर सुला दिया और भाभी के होंठो पर चुंबन करने लगा था और फिर उनके दोनों बूब्स अपने दोनों हाथों से पकड़कर बहुत प्यार से मसलने लगा था और फिर उनके निपल अपने मुँह में लेकर खूब चूसा.
अब तो भाभी बहुत चुदासी हो गयी थी और बोली कि राज भाई अब मेरी चूत चाटो. फिर मैंने भाभी की दोनों टाँगे फैलाई और बीच में मेरा मुँह लगाया और उनकी चूत का लिप्स चूसने लगा था और फिर अपनी जीभ से उनका सारा जूस पीने लगा और अपनी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी और उनके चूत के दाने को अपने दोनों होंठो में लेकर चूसने लगा था. अब तो भाभी जन्नत में थी और बोली कि राज भाई तुम्हें औरत की चुदाई करना बहुत अच्छी तरह से आता है.
मैंने 10 मिनट तक भाभी की चूत चाटी और उनके दाने को अपने मुँह में लेकर खूब चूसा. तब भाभी एक बार झड़ गयी. अब वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाकर और जोर से झड़ने लगी थी और में उनकी चूत चाटता रहा. फिर 1 मिनट तक उनका झड़ना चला. फिर भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और प्यार से चूसने लगी थी और चारों तरफ अपना हाथ मेरे लंड पर फैरने लगी थी और मेरा आधा लंड 4 इंच लंड अपने मुँह में ले लिया था.
फिर उसने अपनी जीभ से मेरा सारा लंड चाटा और बोली कि अब मेरी चुदाई करो, में बहुत तड़पी हूँ. फिर मैंने भाभी की गांड के नीचे एक तकिया रखा और उनकी दोनों टाँगे फैला दी. फिर मैंने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और फिर जब में अपना लंड नीचे लाया तो भाभी ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत के छेद पर रखा. तब मैंने धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डालने के लिए प्रेशर दिया.
तब मेरा लंड उनकी चूत में अंदर घुस गया और भाभी की आँखें बड़ी हो गयी. फिर तब मैंने पूछा कि कोई तकलीफ तो नहीं हो रही है? तो वो भाभी बोली कि नहीं सिर्फ़ चूत स्ट्रेच हुई ऐसा महसूस हुआ. फिर मैंने और थोड़ा प्रेशर दिया और मेरा आधा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
अब में भाभी के होंठो पर चुंबन करने लगा था और फिर धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करके चोदना शुरू किया और चार और धक्के मारे और मेरा पूरा 7 इंच का लंड उनकी चूत में घुसा दिया. फिर भाभी ने मेरे कूल्हें पकड़कर मेरे लंड को अपनी चूत में जारी रखा और बोली कि रुको, ऐसे ही चूत में थोड़ी देर रखो, बहुत मज़ा आ रहा है. तब मैंने अपने लंड को उनकी चूत में डाले रखा और उनके बूब्स को मसलने लगा था.
फिर 2 मिनट के बाद भाभी बोली कि बस अब जी भरकर मेरी चुदाई करो और फिर में अपना लंड आधा से ज़्यादा अंदर बाहर करके उनकी चुदाई करने लगा और पूरी 10 मिनट तक उनकी चुदाई की. अब भाभी दूसरी बार झड़ने लगी थी. अब वो मुझे टाईट पकड़कर झड़ने लगी थी और मैंने धीरे-धीरे उनकी चुदाई चालू रखी.
2 मिनट तक भाभी का झड़ना चला. फिर वो अपने दोनों हाथ बेड पर फैलाकर बोली कि आओ माई गॉड, राज भाई आप तो अजीब के फुकर है, ऐसे कभी तुम्हारे भाई ने मुझे कभी नहीं चोदा. तब मैंने कहा कि भाभी अभी चुदाई ख़त्म नहीं हुई है, मेरा पानी निकले तब खत्म होगी तो तब भाभी बोली कि हाँ मुझे मालूम है, बस अपनी भाभी को जी भरकर चोदो, बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर मैंने मेरा लंड पूरा बाहर निकाल दिया और बहुत सारा तेल अपने लंड पर लगया और फिर से उनकी चूत में डाला. अब तो में लंबे-लंबे धक्के मारने लगा था और भाभी भी बहुत गर्म हो गयी थी और बोलने लगी कि फाड़ो मेरी चूत को, मेरी चूत में अपना पूरा लंड अंदर डाल दो. अब मुझे पसीना आने लगा था, तो भाभी ने अपना लहंगा लेकर मेरा माथा पोछ लिया और चुंबन देने लगी थी. फिर मैंने पूरे 10 मिनट तक उनकी खूब चुदाई की और उसके बाद में बोला कि आह भाभी में आ रहा हूँ.
भाभी बोली कि हाँ मेरे अंदर ही आ जाओ और फिर में अपने लंड की पिचकारियाँ उनकी चूत में छोड़ने लगा और गर्म- गर्म पिचकारियाँ मारी. अब भाभी तो बेहोश हो गयी थी. अब वो भी साथ में आआययए आह करने लगी थी और उसका पूरा बदन झटके खाने लगा था. फिर 2 मिनट तक हम दोनों झड़ते रहे और फिर आख़िर में में भाभी के ऊपर ही लेट गया. फिर 2 मिनट के बाद मेरा लंड नर्म होने लगा और मैंने उठकर अपना लंड उनकी चूत में से बाहर निकाला.
अब मेरा पूरा लंड हम दोनों के जूस से भरा चमक मार रहा था. फिर हम दोनों बाथरूम में गये और फिर भाभी टॉयलेट करने बैठी तो उनकी चूत में से मेरा पानी निकलने लगा. तब भाभी बोली कि राज भाई तुम्हारा पानी तो देखो दूध की तरह आधा कप निकल रहा है और तुम्हारा दोस्त तो एक चम्मच निकालता है.
मैंने अपना लंड साबुन से धोया और फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए. फिर मैंने भाभी को अपनी बाँहों में लेकर बहुत चुंबन किया और निशी ने भी प्यार से मुझे चुंबन दिया और बोली कि मेरी चुदाई करने के लिए थैंक्स. अब तो में तुम्हारे पास ही अच्छी तरह से चुदवाऊँगी और फिर हम दोनों एक ही बिस्तर पर नंगे सो गये.
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कॉलेज टूर पर चुदाई का अनोखा खेल


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम कुसुम है और यह मेरी आज दूसरी कहानी है. दोस्तों अब में जो लोग आप मेरी इस कहानी को पहली बार पढ़ रहे है उनको में अपनी आज की कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय दे देती हूँ.
मेरी उम्र 18 साल है और मेरे फिगर का आकार 34-28-34 है मेरे हॉट सेक्सी बदन का रंग गोरा है और में एक कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रही हूँ, मैंने आप सभी को अपनी पिछली कहानी में बताया था कि हम सभी लोग हमारे कॉलेज की तरफ से एक टूर पर गए हुए थे, जहाँ पर मेरी और मेरी एक बहुत पक्की सहेली जिसका नाम हेमा है उसकी और मेरी पहली बार चुदाई हुई थी.
दोस्तों हमारी उस चुदाई में हम दोनों का साथ हमारे ही बॉयफ्रेंड ने दिया था, जहाँ पर उनका एक दोस्त भी था क्योंकि वो घर उसी का था, जहाँ पर हम दोनों ने पहली बार अपनी सील को चुदाई करवाकर अपना कुंवारापन खत्म किया.
ऐसा करने में हम दोनों को बहुत मज़ा आया और हमने हंसी ख़ुशी अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर उस खेल को बड़े मज़े से खेलकर जीवन के असली मज़े लिए और उन्होंने हमे वहां पर बहुत जमकर चोदा और चुदाई का पूरा मज़ा दिया और हम दोनों को अपनी रंडी बना लिया, लेकिन अब भी हम सभी का मन चुदाई से नहीं भरा और इसलिए हमारे बॉयफ्रेंड ने हमे दोबारा चुदाई करने के लिए कहा और हम दोनों ने दूसरे दिन उस काम को पूरा करने का वादा करके हम वापस अपने कॉलेज के साथियों के पास चली आई.
दोस्तों में अपने मन की सच बात कहूँ तो में उस चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट तो हो चुकी थी, लेकिन मेरी चूत में अब भी चुदाई के नाम की खुजली चल रही थी और इसलिए हम दोनों ने अपनी मेडम को एक झूठ बोलकर दोबारा अपनी चुदाई का प्लान बना लिया और अब आप लोग खुद ही आगे की कहानी को पढ़कर उसके मज़े ले लीजिए.
दोस्तों जिस किसी ने भी हमारी पिछली कहानी को नहीं पढ़ा हो वो पहले उसको पढ़ ले उसके बाद आपको यह आज की कहानी ठीक तरह से पूरी समझ में आ जाएगी और अब उसके आगे क्या हुआ वो भी अब पूरी तरह विस्तार से सुनकर उसका भी मज़ा ले.
हम सभी अब हमारी उस दमदार चुदाई की वजह से थककर एक ही बेड पर पास पास पूरे नंगे ही लेटे हुए थे और उसी समय संदीप ने मेरे बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और वो मेरी निप्पल को मसलने लगा, जिसकी वजह से कुछ सेकिंड में मेरी निप्पल तन गई.
में उसी समय उससे पूछने लगी क्या बात है जीजू आपका क्या हेमा को इतनी देर तेज धक्के देकर चोदकर मन नहीं भरा जो अब मेरे ऊपर हाथ मारने लगे? तो वो हंसते हुए बोला कि यार चूत मारने से क्या कभी किसी का मन भरा है जो मेरा भरेगा? मेरे मन में अब तुम्हारी चूत की चुदाई करने की इच्छा हो रही है मेरे लंड को दूसरी चूत को चोदकर उसका स्वाद भी एक बार चखकर वो मज़े लेने है.
मैंने उसी समय कहा कि नहीं जीजू आप हेमा की ही मार लो, उसी के मज़े लो वो मेरी चूत से ज्यादा मस्त मज़ेदार है इसको चुदाई का अनुभव भी मुझसे कुछ ज्यादा ही है वो आपको ज्यादा मज़े देगी और अब हम दोनों के बीच में जितेन्द्र बोला पड़ा वो कहने लगा कि ऐसे अभी नहीं आज रात का प्रोग्राम बनाओ तब देखते है कि कौन साली है और कौन जीजा है? अब हेमा कहने लगी कि हाँ ठीक है हम कोशिश करके देखते है और वो मुझसे बोली कि चल कुसुम क्या तुझे चलना नहीं है क्या?
मैंने सबसे पहले राजेश के लंड पर किस किया और में कहने लगी इसने तो मुझे एक ही बार में हरामजादी पूरी रंडी बना दिया है, एक रात में तो पता नहीं मुझे क्या क्या बना देगा? और फिर हम दोनों तैयार होकर अपने बॉयफ्रेंड के साथ वापस उसी धर्मशाला में आ गए जहाँ पर हमारे साथ के सभी लोग ठहरे हुए थे. रात को हमारे पहुंचने के कुछ देर बाद वो सभी लोग भी फिल्म देखकर वापस आ गए और हम दोनों उन सभी के साथ बातें हंसी मजाक करने लगे. दोस्तों करीब आधे घंटे के बाद मैंने अपनी मेडम से कहा कि मेडम यहाँ पर कुछ दूरी पर मेरी मौसी रहती है और इसलिए मेरी मम्मी ने कुछ सामान उनको देने के लिए मुझे दिया है, आप कहें तो में वो सामान उसके घर देने कल चली जाऊं और वैसे भी कल मेरी मौसी के बेटे का जन्मदिन है, हो सकता है कि शायद कल रात को भी मुझे वहां पर रुकना पड़े.
फिर वो कहने लगी कि तुम अकेली वहां पर कैसे जाओगी? में तुम्हे उनके घर छोड़ दूँगी तुम मुझे उनके घर का पता बता देना, तभी में उनको कहने लगी कि नहीं मेडम आप यहाँ पर रुककर इन सभी लड़कियों को संभालो, क्योंकि में वहां पर हेमा को अपने साथ ले जाउंगी हम दोनों कल रात को वहीं पर रुककर परसो सुबह तक जल्दी ही वापस आ जाएगें और मैंने अपनी मेडम को राजेश का मोबाईल नंबर दे दिया और उनको कहा कि यह मेरे मौसा जी का मोबाईल नंबर है.
मेडम मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, लेकिन तुम दोनों थोड़ा जल्दी आना, क्योंकि हम सभी को इसके बाद अब उदयपुर भी जाना है और फिर मैंने मन ही मन खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है मेडम आपको बहुत बहुत धन्यवाद और कुछ देर बाद हेमा ने मेरे पास आकर हंसते हुए मुझसे कहा क्यों साली आज तूने अपने जीजू को मौसाजी बना दिया वाह में तेरे दिमाग को मान गई, तूने कितना अच्छा बहाना बनाकर मेडम को पागल बनाकर अपनी दूसरी चुदाई को अब पक्का कर लिया है. अब तो हमे उनके साथ दोबारा बड़ा मस्त मज़ा आएगा.
में : तो क्या हुआ हमे वैसे भी कुछ ना कुछ तो वैसे भी करना ही था, हमें मज़ा तो अब आ गया, लेकिन मेरी चूत में तो पिछली चुदाई की वजह से ही अब भी बहुत दर्द हो रहा है.
हेमा : हाँ कुसुम तू बात तो बिल्कुल ठीक ही कह रही है क्योंकि दर्द तो मुझे भी हो रहा है, लेकिन अब सोच सोचकर मन भी बड़ा खुश हो रहा है, तू देख लेना हम दोनों की अब वो तीनों ही बहुत जमकर चुदाई करेंगे और हो सकता है कि दूसरी बार चुदाई से हम दोनों का यह दर्द भी खत्म हो जाए, क्या तूने देखा था जितेन्द्र का लंड कितना मोटा और बड़ा है, मुझे तो अभी से ही सोच सोचकर मन ही मन में वो गुदगुदी होने लगी है, चुदाई करवाते समय ना जाने क्या होने वाला है?
में : नहीं हमारी अपनी मर्ज़ी के बिना कुछ भी ऐसा नहीं होगा, में उनको साफ मना कर दूंगी.
हेमा : तो बता तू मुझे कि आज क्यों तू रंडी बनी थी. देख जब भी प्यासी चूत को लंड चाहिए होता है तो वो लंड किसका है यह सब नहीं देखा जाता, क्योंकि चूत को तो बस किसी का भी लंड अपने अंदर लेकर उसकी खुजली को खत्म करना होता है और उसके लिए वो कुछ भी किसी के साथ भी करने को तैयार हो जाती है तब यह सब नहीं देखा जाता, चल अब तू चुपचाप सो जा रात बहुत हो चुकी है इसके बारे में कल रात को वहां पर पहुंचकर बात करेंगे.
फिर हम दोनों चुपचाप लेट गई और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे गहरी नींद आई और में दूसरे दिन सुबह उठी, अगले दिन हम सभी साथ में घूमते रहे और हमने बहुत कुछ देखा, लेकिन हमारी उन सभी में इतना मन नहीं लग रहा था, क्योंकि हमारी चूत को लंड की बड़ी याद आ रही थी. करीब शाम को पांच बजे मैंने हमारी मेडम से कहा कि क्या अब हम दोनों मेरी मौसी के घर चली जाए? उन्होंने कहा कि हाँ ठीक ठीक है चली जाओ, लेकिन ध्यान से जाना और एक दूसरे का खयाल भी रखना. फिर मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर राजेश को फोन करके कहा कि वो हमे आकर ले जाए. दोस्तों वो तीनों करीब एक घंटे बाद करीब 6 बजे हमारी बताई हुई जगह पर पहुंच गये उन्होंने अपनी कार को ठीक हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया और उसके बाद हम दोनों उस कार में बैठ गए, मैंने देखा कि हमारी ही तरह उन तीनों के चेहरे भी हम दोनों से मिलकर ख़ुशी से चमक रहे थे.
राजेश : आ मेरी हरामजादी, रंडी पूरी रात हमे अपने अपने लंड को अपने हाथ में पकड़कर सोना पड़ा.
संदीप : हेमा क्या तेरी चूत में कोई जादू है? जो उसको चोदने के लिए रात भर मेरा लंड खड़ा होकर मुझे परेशान करता रहा और में तेरे नाम की मुठ मारकर इसको शांत करके सोया तब जाकर मुझे आराम मिला. आज हम तुम्हारी सारी रात बहुत जमकर चुदाई करेंगे और तुम्हे भी बहुत मस्त मज़े देकर खुश कर देंगे, लेकिन वो सब करने से पहले हम सभी यहीं बाहर ही किसी अच्छी होटल पर कुछ खा लें, फिर उसके बाद हम फ्लेट में चलते है.
में : जीजू आप गलत कह रहे है हमारी नहीं आपके लिए सिर्फ़ हेमा है आप इसको जैसे चाहे वैसे मज़े दे क्योंकि यह बस आपकी ही है और वैसे भी कल आप मेरे बूब्स को दबा रहे थे, लेकिन तब मैंने आपको कुछ नहीं कहा और सोचा कि इतना सब तो सभी के बीच चलता ही है.
राजेश : सबसे पहले चलो तो हम सभी कुछ खा पीकर अपना पेट भरते है, उसके बाद आगे के काम के बारे में बैठकर बात करके और देखेंगे कि अब क्या करना है. फिर हम सभी रास्ते में एक अच्छी सी होटल पर रुके और हम सभी ने खाना खाया और अपना अपना पेट भर लिया.
पैसे देने के बाद हम सभी वापस अपनी कार में जा बैठे और उसके बाद हम सभी रूम पर पहुंच गये, तो फ्लेट पर पहुंचते ही अभी ठीक तरह से दरवाज़ा भी बंद नहीं किया था. उससे पहले ही राजेश ने आते ही मुझे और संदीप ने हेमा को अपनी बाहों में जकड़ लिया और राजेश ने मुझे बस दो मिनट में ही नंगी कर दिया. वो मेरे बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और यह सब करते समय ही उसने मेरे हाथ में अपना मोटा, लंबा लंड पकड़ा दिया जो पहले से ही तनकर खड़ा हुआ था. अब मेरे हाथ के स्पर्श से वो जोश में आकर हल्के से झटके भी देने लगा था और उधर संदीप ने भी बिना देर किए हेमा के सभी कपड़े उतारकर उसको भी पूरा नंगा करके अपने लंड को उसके मुहं में दे दिया था और वो अपने लंड को हेमा के मुहं में हल्के धक्के देने के साथ साथ उसके बूब्स को भी दबाकर उनको निचोड़ रहा था. में यह सब देखकर बड़ी चकित थी.
दोस्तों इतने में जितेन्द्र ने भी मेरे पीछे से आकर मेरे कूल्हों को उसने मसलना शुरू कर दिया था और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो मुझे देखकर मुस्कुराया और फिर मैंने कहा कि राजेश यह सब क्या है जितेन्द्र भी शुरू हो गया? तो वो बोला कि कोई बात नहीं यह भी तो अपना ही साथी है इसको भी थोड़े बहुत मज़े लेने दो, यह कब तक हमे ऐसे ही दूर से देखता रहेगा?
अब मैंने राजेश से कहा कि नहीं में तुम्हारे अलावा और किसी का भी लंड नहीं लूँगी, तुम इसका लंड तो देखो यह तो किसी जानवर के जैसा है, इसको अपने अंदर लेकर तो में आज मर ही जाउंगी, मेरी चूत को यह पूरा फाड़ देगा, मुझे नहीं करना इसके साथ ऐसा कुछ भी तुम इससे बोले यह कहीं और चला जाए. तभी संदीप बीच में बोल पड़ा वो कहने लगा कि साली कुतिया ज्यादा नखरा मत दिखा, आज की रात तुम दोनों हमारी रंडियां हो और आज तुम दोनों हम तीनो को पूरे चुदाई के मज़े देने वाली हो और हम तुम्हे चोदकर अपने लंड की प्यास बुझाकर इनको शांत करने वाले है हमे आज ऐसा करने से कोई भी नहीं रोक सकता.
हेमा : क्यों कुसुम मैंने पहले ही तुम्हे कहा था ना कि यह तीनों ही आज रात को हमारी जमकर चुदाई करेंगे? मुझे पहले से पता था कि हमारे साथ आज क्या होने वाला है और मैंने तुम्हे बताया भी था, लेकिन तुमने मेरी बात को नहीं माना और वैसे इसमें भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि पहली चुदाई से हमारी चूत तो पहले से ही खुल चुकी है, इसलिए अब हमे उतना दर्द कहाँ होने वाला है जो पहली चुदाई के समय हुआ था और अब तो हमे बस मज़े मिलने वाले है.
फिर इतने में राजेश ने मेरे निप्पल पर काट लिया और मुझे दर्द हुआ. मेरे मुहं से आईईईई स्सीईईइ प्लीज थोड़ा धीरे करो जानू ऐसे क्या करते हो, मुझे बहुत दर्द होता है? तो राजेश निप्पल को छोड़कर बोला क्यों साली? और इतने में जितेन्द्र ने मेरा मुहं अपनी तरफ किया और वो मेरे होंठो को चूमते हुए कुछ देर बाद मेरी जीभ को चूसने लगा आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ और में कुछ ही देर में गरम होने लगी थी जिसकी वजह से अब मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी और फिर हम दोनों को अपने अपने घुटनों के बल बैठाकर वो तीनों अपने मोटे लंड हम दोनों के मुहं के पास ले आए जिनको देखकर में बड़ी चकित थी, लेकिन अब उनको लेने के लिए में मन ही मन बहुत उत्साहित भी हो रही थी. फिर उसके बाद मेरे मुहं में अब जितेन्द्र ने और हेमा के मुहं में राजेश ने अपना लंड डाल दिया, जिसको हम दोनों अंदर बाहर करने के साथ साथ मज़े से चूसने भी लगी थी.
दोस्तों संदीप हम दोनों के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था, जिसकी वजह से हमारे बदन में गरमी और जोश पहले से ज्यादा अब बढ़ने लगा था. दोस्तों मैंने अपने मुहं में लेकर महसूस किया कि जितेन्द्र का लंड उन सभी के लंड से मोटा और लंबा भी था, जिसकी वजह से मेरे मुहं के किनारे अब फटने वाल हो गये थे. मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था.
अब जितेन्द्र मुझसे बोला कि चल अब कुतिया साली रंडी चूस मेरे लंड को और मुझे वो मज़ा दे जिसके लिए आज हमने तुझे आज यहाँ पर बुलाया है मुझे भी तो करके दिखाओ कि तुम्हे क्या क्या आता है? दोस्तों में अपने मन की सच्ची बात कहूँ तो मुझे भी ऐसा करने में मज़ा आने लगा था. तभी हेमा ने अपने मुहं से राजेश का लंड बाहर निकाला और वो बोली कि देखो लाल-लाल होंठो पर काला लंड कितना प्यारा लग रहा है? यह तेरे लाल-लाल होंठो के बीच भी आएगा और तेरे दोनों पैरों के बीच के लाल होंठो के बीच जाते हुए सबको प्यारा लगेगा.
फिर जितेन्द्र बोला कि तब कुसुम जान कहेगी वाह कितनी प्यारी लग रही है? में अब लंड को चूसने में बड़ी व्यस्त थी कभी कभी वो अपने लंड को धक्का देकर मेरे गले में भी फंसा देता जिसकी वजह से मेरी साँस रुक जाती और अब राजेश गालियाँ बक रहा था.
संदीप ने मुझे और भी नीचे झुका दिया में पूरी तरह से डॉगी स्टाइल में हो गयी. फिर तभी संदीप ने पीछे से मेरी चूत पर अपने लंड को सटा दिया और उसने मुझे कुछ भी सोचने समझने का मौका भी नहीं दिया और एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से उसका वो लंड एकदम से मेरी चूत में पूरा अंदर घुस गया और दर्द की वजह से मेरे मुहं से आह्ह्ह्हह आईईईईइ की आवाज निकली और वो लंड मेरे मुहं से निकल गया. तब मैंने संदीप से कहा ऊह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे धीरे से करो, प्लीज जीजू मुझे बहुत दर्द होता है. अब राजेश ने हेमा को डॉगी स्टाइल में किया, जिसकी वजह से उसका मुहं मेरे मुहं से छू रहा था और हम दोनों के मुहं के बिल्कुल बीच में जितेन्द्र का काला मोटा लंड झूल रहा था और हम दोनों ही उस लंड को किस करने लगी थी. वो बहुत जोश में था इसलिए तनकर खड़ा होकर हमारी चूत को सलामी दे रहा था.
अब राजेश ने हेमा की चूत के मुहं पर अपना लंड सटाया और एक तेज जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से हेमा चीख पड़ी और उसके मुहं से आईईईईईई माँ मरी उफ्फ्फ्फ़ प्लीज माँ मुझे बचाओ और हम दोनों की चूत पर लगातार जोरदार धक्के लग रहे थे, जिसकी वजह से कुछ देर बाद में अपना सारा दर्द भुलाकर अब जोश में आकर चुदाई के मज़े लेने लगी थी और में संदीप से कहने लगी थी कि हाँ आज तुमने मेरी इस चूत को पूरी ताकत से धक्के देकर नहीं चोदा, देखो मेरी यह चूत तुम्हारे लंड की प्यासी थी. फाड़ दो इस चूत को आह्ह्ह्ह हाँ तुम आज फाड़ दो मेरी इस चूत को हाँ और तेज धक्के लगाओ उह्ह्ह्हह्ह और तेज ऊउईईईईईईइ हाँ जानू तेज धक्के से चोदो, ज़ोर से चोदो तुम मुझे और अब में झड़ने वाली थी.
दोस्तों हेमा भी अब जोश में आकर बोल रही थी हाँ उफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चोदो तुम मुझे. आज तुम इस रंडी की चूत को पूरा फाड़ दो, अपनी इस हरामजादी को तुम आज इतना चोदो कि में तुम्हारे बच्चे की माँ बन जाऊं. अब में उन तेज धक्को की वजह से चीख चिल्ला रही थी और वैसे अब में झड़ने भी वाली थी इसलिए में उनको यह बात भी चिल्ला चिल्लाकर कह रही थी.
हेमा : उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह देखो जीजू तुम्हारी घरवाली आज कितनी मज़े मस्ती से चुद रही है, इसको आज तुम्हारे इस दोस्त ने पूरी तरह से रंडी बना दिया है और अब देखो इसको यह उसके बच्चे की माँ भी बनना चाहती है, देखो इसको तुम्हारे दोस्त का लंड कितना पसंद आ गया है.
राजेश : इसको ही नहीं मैंने तो आज तुझे भी एक असली रंडी बना दिया है माँ की लौड़ी तू भी तो देख कितनी मस्ती से चुद रही है, तुझे भी तो मेरे लंड से कितना मस्त मज़ा आ रहा है?
जितेन्द्र : चल आज में तुझे अच्छी तरह से पूरी रंडी, हरामजादी बना देता हूँ.
अब वो मुझसे इतना कहकर नीचे लेट गया और मुझे उसने अपने ऊपर बैठा लिया. में उसका लंड अपने हाथ से पकड़कर नीचे दवाब देने लगी थी, उसका लंड मोटा और लंबा था, तभी उसने मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर नीचे दबा दिया, जिसकी वजह से उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा था, लेकिन वो लंड मेरी चूत के अंदर जैसे जैसे जा रहा था, वैसे वैसे ही दर्द की वजह से मेरी जान बाहर निकल रही थी और में कहने लगी उफ्फ्फ् आईईई प्लीज जीत बस करो छोड़ दो मुझे आह्ह्ह में मर जाउंगी. फिर वो मुझसे कहने लगा कि चुप कर बहनचोद, झूठे नखरे करती है और वो अपने कूल्हों को ऊपर उछालकर तेज धक्के देकर अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल रहा था और में आईईई माँ में मरी वो मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों में पकड़कर कस कसकर तेज धक्के मार रहा था और कुछ देर धक्के खाने पर अब मुझे भी मज़ा आ रहा था क्योंकि मेरा दर्द अब खत्म हो चुका था, इसलिए में भी अब उसके लंड के ऊपर नीचे कूद रही थी.
मैंने देखा कि अब तक हेमा और राजेश झड़ चुके थे और अब जितेन्द्र ने चुदाई का तरीका बदल लिया था और संदीप जबरदस्ती मेरी गांड में अपने लंड को डालकर धक्के दिए जा रहा था, जिसकी वजह से में बड़े मज़े से चुदाई के उस दौर से गुजर रही थी.
अब हेमा मेरे पास आई और वो मुझसे कहने लगी कि वाह मेरी जान क्या मस्त लग रही है, तेरी चूत बहुत दमदार है जो इतना मोटा बड़ा लंड झेल गयी.
फिर इतना कहकर वो मुझे चूमने लगी थी. मैंने देखा कि उसके पैरों से अब चुदाई के बाद का पानी निकल रहा था और में आह्ह्ह उफ्फ्फ ज़ोर से चिल्ला रही थी. फिर में उससे कहने लगी कि हेमा यह अभी थोड़ी देर बाद तेरी चूत में भी जाएगा तब में साली तूझे देख लूंगी. अब वो मुझसे कहने लगी कि तू बहुत किस्मत वाली जो सबसे पहले ही इन तीनों से चुद चुकी है इतने प्यारे लंड की तो में हमेशा ही गुलाम बनकर रहूँ. पता नहीं कब यह मेरी चूत में जाएगा? अब जितेन्द्र और संदीप के बीच कुछ इशारा हुआ और जितेन्द्र ने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया, जिसकी वजह से मेरे बूब्स उसकी छाती से दब गए और उसने मेरे कूल्हों को ऊपर किया, जिसकी वजह से वो और भी ज्यादा उभर गये और हेमा यह सब देखकर हंसने लगी और वो बोली कि कुसुम तू तो गयी काम से. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों क्या हुआ? वो बोली कि तू आज सही में रंडी बन जाएगी और फिर संदीप ने मेरे दोनों कूल्हों को अपने दोनों हाथों से अलग किया और उसने मेरी गांड के छेद पर अपने लंड को लगा दिया.
में उससे बोली कि नहीं अब बस भी करो यह खेल अब यहीं पर खत्म करो और में उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन जितेन्द्र ने मेरे कूल्हों को कसकर पकड़ रखा था. संदीप ने एक तेज धक्का मारा और उसके लंड का टोपा ही अभी मेरी गांड के अंदर गया था, लेकिन मुझे उस मोटे लंड से दर्द बहुत हुआ और में ज़ोर से आईईईईइ उफफफ्फ़ करके चीख पड़ी, आह्ह्ह में मर गयी, अब नहीं करना मुझे यह सब, लेकिन किसी ने मेरी बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और में दर्द से तड़पती रही. फिर कुछ देर बाद संदीप ने अपना दूसरा झटका मारकर अपना पूरा का पूरा लंड मेरी गांड के अंदर घुसा दिया, में आह्ह्ह्ह माँ ओह्ह्ह करती रही और फिर मुझे दोनों तरफ से धक्के पड़ने लगे.
दोस्तों मेरी चूत में भी और गांड में भी अब उन दोनों के लंड एक साथ अंदर बाहर हो रहे थे और फिर में चिल्ला रही थी हाँ ज़ोर से और ज़ोर से धक्का दो फाड़ दो आज तुम मेरी गांड और चूत को क्या तुम्हारे लंड में दम नहीं है आह्ह्ह्ह हाँ चोदो मुझे, राजेश देखो तुम्हारी जान आज कैसे चुद रही है? मुझे आज तुम अपनी रंडी बना लो, में तुम तीनों की घर वाली हूँ चोदो मुझे में तुम्हारी रखेल हूँ और ज़ोर से चोदो मुझे वाह मज़ा आ गया, मुझे देखकर वो सभी हंस रहे थे और फच फच की आवाज़े भी आ रही थी. में अब झड़ रही थी और मैंने कहने लगी कि प्लीज मेरी अब तक शादी नहीं हुई है इसलिए में अभी तुम्हारे बच्चे की माँ नहीं बनना चाहती उुउऊहह प्लीज.
अब पहले संदीप आया और उसने अपना लंड बाहर निकालकर हेमा के मुहं में दे दिया और वो उससे बोला कि चल अब कुतिया तू पी जा यह सारा माल और हेमा उसका सारा वीर्य पी गयी और अब जितेन्द्र ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी गांड में डालकर उसने दो तीन धक्के ही दिए थे और वो भी अब झड़ गया और अब में थककर जितेन्द्र की छाती पर पड़ी हुई थी तो में बहुत थक चुकी थी और मेरे पूरे शरीर में बिल्कुल भी जान नहीं थी, इसलिए में वैसे ही बिना हिले पड़ी रही और मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, जो मेरी जांघो से बहता हुआ नीचे बेड को गंदा कर रहा था. वो बहुत ज्यादा मात्रा में निकला था.
दोस्तों कुछ देर बाद अब जितेन्द्र मेरे पास आकर मुझसे पूछने लगा कि क्यों मेरी रंडी आज तुझे कैसा और कितना मज़ा आया. क्या तू हमारे इस काम से खुश है? तो मैंने हाँ भरकर कहा कि ऐसे दमदार लंड लेकर में क्या कोई भी चूत खुश हो जाएगी, क्योंकि लंड ऐसा होना चाहिए जो चुदाई करके बस उसको पूरी संतुष्टि दे और वो पूरा मज़ा आज मुझे मिल चुका है. आज पहली बार मुझे अपनी गांड में भी लंड लेने का मौका मिला है, वहां अब भी दर्द जरुर है, लेकिन इस मज़े के सामने वो कुछ भी नहीं है. दोस्तों मेरे मुहं से वो बातें सुनकर अब संदीप ने बहुत खुश होकर मेरे बूब्स को मसलते हुए कुछ देर बाद मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और में उसको लेटे हुए ही चूसने लगी थी, जिसकी वजह से वो तुरंत ही तनकर खड़ा हो गया और उस रात को उन तीनों ने हम दोनों की जी भरकर चुदाई करके हमें पूरी तरह से रंडी बना दिया.
दोस्तों उन तीनों ने कभी एक एक करके तो कभी एक साथ हम दोनों की चूत गांड में अपना लंड डालकर हमे तेज जोरदार धक्के देकर चोदा और उन तीनों ने हमारे मुहं गांड और चूत तीनों छेद को धक्के मार मारकर पहले से ज्यादा बड़ा कर दिया था और जब भी में झड़ने वाली होती तो मेरे मुहं से अपने लिए ही गालियाँ निकलती साली कुतिया तुझे बहुत शौक है ना चुदाई का और मज़े ले इन तीनों ने तुझे एक पूरी रंडी छिनाल बना दिया है.
दूसरे दिन सुबह हम दोनों उठ गई और वो तीनो अब तक रात भर की चुदाई से थककर बिना कपड़ो के सो रहे थे. उनसे पहले हम दोनों उठकर बाथरूम में जाकर नहाकर फ्रेश होकर तैयार हो चुकी थी. उसके बाद उनको उठाया वो भी उठकर नहाकर कपड़े पहनकर तैयार हुए और उसके बाद उन्होंने हम दोनों को ले जाकर एक होटल में नाश्ता करवाकर हमें दोबार उसी जगह पर अपनी कार से लाकर छोड़ दिया, जहाँ से हम दोनों उनके साथ गई थी और उसके बाद हम हमारे कॉलेज वालो के साथ जाकर मिल गई. दोस्तों यह थी मेरी दूसरी चुदाई की सच्ची घटना और मेरा सेक्स अनुभव.
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शादी की सुहानी रात


हैल्लो दोस्तों, दोस्तों सबसे पहले में अपने बारे में बता दूँ कि मेरा नाम कुसुम है और में एक आर्ट्स कॉलेज के पहले साल में पढ़ती हूँ और मेरे फिगर का आकार 34-28-34 है, हमारे घर में मेरी मम्मी, पापा और मेरा एक भाई भी है मेरी उम्र 18 साल है, रंग गोरा बूब्स एकदम गोल है. में दिखने में बहुत सुंदर हॉट सेक्सी लगती हूँ यह सभी मुझसे मेरे दोस्त कहते है.
दोस्तों मैंने अपनी पिछली कहानी में लिखा था कि कैसे हमारे कॉलेज की तरफ से हम लोग बाहर घूमने गए और वहीं पर मेरी और हेमा की हम दोनों के बॉयफ्रेंड के साथ उनके एक दोस्त जिनका नाम राजेश, संदीप और जितेन्द्र है उन तीनों ने मिलकर हम दोनों को बहुत जमकर चोदा और उस रात को हम दोनों उन तीनों की कुंवारी पत्नी की तरह रही और उस वजह से हम दोनों उन तीनों से पूरी तरह से खुल गयी थी. हम सभी एक दूसरे से अब पूरी तरह से गंदे शब्दों में बातें करने लगी थी और उन तीनों ने हम दोनों को उन दिनों हमारे नाम से कभी भी नहीं बुलाया वो हमें हमेशा गाली देकर ही बुलाते रहे.
अब हमें भी उनके साथ यह सब करने में बड़ा मस्त मज़ा आने लगा था और हम सभी कुछ दिनों बाद वहां से वापस अपने घर आ गयी. फिर उसके बाद एक बार जितेन्द्र और उसके दो दोस्तों ने मिलकर कैसे मुझे रंडी की तरह चोदा यह बात जब मैंने अपनी सहेली हेमा को बताया तो वो मुझसे बहुत गुस्सा हुई और वो मुझसे कहने लगी कि तू मुझे क्यों अपने साथ नहीं ले गयी? फिर उसके कुछ दिनों के बाद ही बाद जितेन्द्र की बहन की शादी थी, इसलिए उसने हम दोनों को भी उस शादी में आने के लिए कहा.
वहां पर जाने के लिए हम दोनों झट से तैयार हो गई, शनिवार के दिन महिला का संगीत था और रविवार रात की शादी थी और शनिवार के दिन सुबह जल्दी में हेमा के घर चली गयी और अब दोस्तों आप लोग आगे की कहानी को सुनकर उसका मज़ा लेना शुरू करे.
में : वहां पर आज रात का प्रोग्राम है तू थोड़ा जल्दी कर.
हेमा : हाँ अभी चलेंगे यार, वैसे तू क्या पहनेगी?
में : अगर में में साड़ी पहन लूँ तो उसको वो रात को उतारेंगे.
हेमा : में तो जींस पहनूंगी, साली उस दिन तूने अकेली अपनी चूत की सेवा करवा ली.
में : हाँ आज तू भी अपनी सेवा जी भरकर उनसे करवा लेना, लेकिन यार वो लोग बड़े दमदार थे.
हेमा : हाँ चूत और लंड अपने आप जान पहचान कर लेते है.
में : हाँ यार ऐसा ही हुआ होगा तभी तो मुझे बड़ा मस्त मज़ा आया.
हेमा : तू अब आज रात के लिए अपनी चूत को तैयार कर ले कमिनी.
में : हाँ यार में तो पूरी तरह से तैयार ही हूँ.
फिर उसी शाम को हम दोनों वहां पर ठीक समय पहुँच गई और हम दोनों अपने घर पर कहकर गयी थी कि शायद हमे देर हो जाएगी तो हमें रात को वहीं पर रुकना भी पड़ सकता है. फिर मैंने एक काले रंग की सारी और उसी रंग का ब्लाउज पहना, हेमा ने जींस टी-शर्ट पहन ली और वहां पर सबसे पहले हमें जितेन्द्र मिला वो हमें देखकर बहुत खुश हुआ और वो कहने लगा कि वाह आज तो यहाँ पर सभी की नज़र बस तुम दोनों हरामजादी पर होगी.
जितेन्द्र बोला कि तुम जल्दी से खा पी लो उसके बाद लॅडीस संगीत शुरू हो जाएगा और कुसुम तेरे नये पति भी आए है तुम उनसे जरुर मिल लेना, इतना कहकर जितेन्द्र काम से चला गया. अब हम दोनों उसकी बहन से मिलने के बाद एक साथ बैठी हुई थी तभी जितेन्द्र ने हमारे पास आकर हमे राज, समीर से मिलवाया और अपने चचेरे भाई मोंटी से मिलवाया, मोंटी 26 साल का लंबा दमदार अच्छे व्यहवार का सुंदर गठीले बदन का लड़का था. उन सभी से मिलकर हमें बहुत ख़ुशी हुई और उनको भी हम सभी मिलकर एक साथ बैठे हुए थे.
हेमा : अच्छा तो यह है मेरे नये जीजू?
समीर : कहो तो आज कुसुम के जीजू बन जाए?
राज : साली तो वैसे ही आधी घर वाली होती है.
जितेन्द्र : यह दोनों रंडियां तो हर समय पूरी घर वाली बनने को तैयार रहती है.
हेमा : तुम इतनी गालियाँ तो कुसुम को ही दो मुझे नहीं.
जितेन्द्र : तुम दोनों लंड को देखकर तो बड़ी बोलती हो जब तो चाहे कुतिया बनाकर चोद लो और जब तक कपड़े में हो बड़ी शरीफ लगती हो.
में : जितेन्द्र हमे वापस घर भी जाना है.
राज : आज की रात तुम्हे कहीं नहीं जाना, आज तो पूरी रात तुम दोनों को डांस करना है पहले महिला संगीत होगा जिसमे तुम्हे भी हमारे साथ नाचना होगा और उसके बाद लंड पर का मज़ा लेना, क्यों कुसुम मैंने ठीक कहा ना?
में : हाँ ठीक है चलो करके देखते है हमें आज इन सभी कामों में कितना मज़ा आता है?
फिर महिला संगीत में मैंने और हेमा ने उन चारो के साथ जमकर नाची, हमने बहुत डांस किया और रात को 11.30 बजे के करीब हम सभी एक साथ बैठे हुए थे. फिर में उनसे पूछने लगी कि अब इसके आगे का क्या प्रोग्राम है? तभी जितेन्द्र बोला कि अभी एक घंटे के बाद यहाँ पर सभी लोग सो जाएगें तब हम घर पर चलेंगे तुम तब तक थोड़ा आराम कर लो या कुछ और कर लो. फिर उसी समय राज ताश ले आया और हम सभी खेलने लगे और बकवास भी करते रहे.
उसी समय समीर बोला कि यार हम कोई शर्त लगाते है, तो में पूछने लगी कि वो क्या? वो हम दोनों से बोले कि तुम जीती तो तुम जैसे कहोगी वैसे ही चोदेंगे और अगर तुम हारी तो हमारी मर्ज़ी का पूरा काम होगा. अब हेमा कहने लगी कि तुम मुझे गाली मत देना बाकी जो तुम्हारी मर्ज़ी हो तुम वैसा करना, वैसे अगर में हार गई तो तुम क्या करोगे? तो राज बोला कि कुसुम की तरह एक ही झटके में पूरा लंड तुम्हे अंदर लेना पड़ेगा.
अब वो यह बात मान गयी और कुछ देर बाद वो हार भी गई और उसके बाद हम सभी एक साथ गाड़ी में बैठकर जितेन्द्र के घर आ गये, हेमा भी उसका वो बेडरूम देखकर एकदम हैरान हो गयी वो बहुत चकित होकर कहने लगी कि वाह क्या मस्त बेडरूम है? तो में उससे बोली कि यह बेडरूम नहीं रंडी खाना है मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो सभी लोग ज़ोर से हंस पड़े.
अब जितेन्द्र बोला कि एक और नयी रंडी का इस बेड पर बहुत बहुत स्वागत है, तुम अंदर चली आओ, हेमा कहने लगी कि में कोई रंडी नहीं हूँ, ऐसे शब्द तुम कुसुम को बोलो मुझे यह सब सुनना अच्छा नहीं लगता. तभी राज बोला कि मेरी जान आज रंडी तो हम तुझे बहुत अच्छी तरह से बना देंगे, इतना कहकर राज और मोंटी हेमा के चिपक गये, उसके बाद राज ने हेमा को एक ज़ोर का किस किया और वो बोला कि तेरे कूल्हों को देखकर मेरा लंड काबू में नहीं हो रहा साली अब में क्या करूं? अब समीर मुझसे बोला कि हम तुझे क्या कहकर बुलाए? में उससे बोली कि तुम्हारी जो इच्छा हो उसी नाम से बुला लो.
अब जितेन्द्र मुझसे बोला कि हरामजादी तू सही में बड़ी मस्त नमकीन चीज़ है और इतना कहकर उसने मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ा और मुझे घुमा दिया, जिसकी वजह से मेरी साड़ी उतर गयी और में अब उनके सामने बस पेटीकोट और ब्लाउज में खड़ी हुई थी और उधर उन लोगों ने हेमा की टॉप और जींस को भी उतार दिए, जिसकी वजह से वो अब ब्रा पेंटी में खड़ी हुई थी.
अब मोंटी ने हेमा की ब्रा को खोल दिया, जिसकी वजह से हेमा के दोनों गोरे बूब्स पूरे नंगे हो गए और उसके गुलाबी रंग के निप्पल को देखकर राज बोला कि वाह यह माँ की लौड़ी अब तक कहाँ छुपी हुई थी और इतना कहकर उसने एक निप्पल को अपने मुहं में ले लिया और वो दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था.
फिर हेमा उससे बोली कि तुम मुझे फिर से गाली देने लगे ना, राज बोला कि माफ़ करना और फिर जितेन्द्र ने मेरे पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया, जिसकी वजह से वो मेरे पैरों में आ गया, समीर मुझसे बोला कि ब्लाउज क्या तेरी माँ खोलेगी साली कुतिया?
में उससे बोली कि माँ नहीं हाँ में ही खोल दूंगी मेरे राजा. फिर इतना कहकर मैंने अपने ब्लाउज के हुक को खोलकर उसको उतार दिया उसके साथ साथ मेरी पेंटी और ब्रा को भी उतर गये मुझे पता ही नहीं चला कि में अब उनके सामने पूरी नंगी खड़ी हुई थी. अब जितेन्द्र मेरे बूब्स को चूस रहा था और समीर मेरी चूत को चूस रहा था, जिसकी वजह से मेरे मुहं से आह्ह्ह्ह उूउह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकल रही थी और हेमा नीचे बैठकर मोंटी का लंड चूस रही थी.
अब मैंने मोंटी का लंड देखा और मेरी आखें चकित होकर फेल गई मेरे मुहं से निकला हाए राम इतना बड़ा लंड जैसे किसी घोड़े का लंड हो? वो हेमा के थूक की वजह से पूरा चिकना हुआ पड़ा था और वो करीब पांच इंच लंबा और मोटा बहुत बहुत था. फिर में मोंटी के पास चली गयी और मैंने उसका लंड अपने एक हाथ में पकड़ लिया. यह सब देखकर समीर बोला कि यह रंडी तो अब काम से गयी, मैंने मोंटी के लंड पर एक किस किया और उसको धीरे धीरे अपने मुहं में पूरा भर लिया और इतने में हेमा के कूल्हों पर फटाक से एक चांटा पड़ा.
अब जितेन्द्र उससे बोला कि साली कुतिया यह लंड क्या तेरी माँ आकर चूसेगी? उसने समीर का लंड तुरंत अपने मुहं में भर लिया, उस समय राज और जितेन्द्र हमारी चूत और बूब्स को मसल रहे थे. फिर राज मुझसे बोला कि जितेन्द्र हमेशा रंडियां बहुत छांटकरकर लाता है, में उससे बोली कि कभी तुम हमें अपनी घरवाली बनाते हो तो कभी रंडी तो कभी कुतिया क्यों तुम ऐसा क्यों करते हो? तो समीर बोला कि कमीनी तू तो खुद ही तैयार है, लेकिन इस कुतिया को जरुर ठीक करना है, में बोली कि हेमा आज तेरा तो काम हो गया. फिर हम सभी एक साथ उस बेड पर आ गये, राज हेमा से पूछने लगा कि हेमा तुम्हे अपनी वो शर्त याद है या नहीं?
हेमा बोली कि हाँ मुझे अच्छी तरह से सब कुछ याद है. फिर कहने लगा कि तो तू अब लंड लेने के लिए तैयार हो जा. फिर हेमा उससे बोली कि में तो कब से तैयार ही हूँ तुम बोलो कि वो कौन है जो एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डालेगा. तुम मेरी चूत को देखो यह तो एक है, में तुम चारों की छुट्टी कर दूंगी. फिर तभी राज बोला कि वाह यह हुई ना बात और अब मोंटी उसको नीचे लेटाकर हेमा को चूमने लगा और वो हेमा से बोला कि चल दिखा तू अपनी चूत का दम.
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दोस्तों उस समय मोंटी का मोटा लंबा लंड खंबे की तरह तनकर खड़ा हुआ था, तो हेमा तुरंत उसके ऊपर बैठ गयी, जिसकी वजह से लंड अब उसकी चूत को छू रहा था. तो में उससे बोली कि हेमा रानी तेरी चूत तो अब गई काम से, तभी हेमा बोली कि चूत तो बनी है फटने के लिए.
एक दिन सबकी चूत को फटना होता है आज मेरी फट जाएगी तो उससे मुझ पर क्या असर होगा? अब हम सभी वो खेल बड़े ध्यान से देख रहे थे. उसी समय समीर बोला कि अगर थोड़ा सा भी बाहर रहा ना तो तुझे भी हम सभी की कुतिया बनना पड़ेगा, समीर ने उसके बूब्स पकड़े, जितेन्द्र बोला तैयार हो इतना कहकर जितेन्द्र ने उसकी कमर पकड़ी और हेमा ने लंड पर दवाब बनाया, जितेन्द्र ने झटके से उसकी कमर को नीचे किया जिसकी वजह से लंड सरसरता हुआ उसकी चूत के अंदर चला गया, लेकिन वो पूरा नहीं गया. फिर करीब दो इंच के करीब अब भी बाहर था, हेमा दर्द की वजह से ज़ोर से चीख पड़ी आईईई ऊईईई माँ में मर गई.
मोंटी पहली बार बोला कि साली कुतिया अब तुझे माँ याद आ गई ना, उस समय हेमा की आखों में पानी था और वो उठना चाह रही थी, लेकिन जितेन्द्र ने उसकी कमर को बड़ी सख्ती से पकड़ रखा था. उसी समय राज मेरी तरफ इशारा करके हेमा से बोला कि देख तेरे से तो इस हरामजादी की चूत बड़ी ताकतवर है यह माँ की लौड़ी तो पिछली बार एक ही बार में पूरा लंड खा गयी.
हेमा रानी अब तू भी कुसुम की तरह हमारी रंडी बनेगी. अब मोंटी ने अपने कुल्हे उचकाए जिसकी वजह से अब उसका पूरा लंड हेमा कि चूत में था और हेमा ने फिर से अपने मुहं से वो चीख की आवाज निकाली आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ माँ मेरी चूत फट गयी, कुत्ते तेरी माँ की चूत, अब तू मुझे छोड़ दे साले हरामी, अब तू अपने लंड को बाहर निकाल ले, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
दोस्तों वो उस दर्द की वजह से बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी थी और उसी समय समीर मेरे पास आ गया. वो मुझसे बोला कि साली रंडी तू इसकी चूत की चुदाई ही देखेगी या अपनी चूत में भी मेरे लंड लेकर चुदवाएगी या तेरी जगह अब तेरी माँ मुझसे चुदवाने आएगी. फिर में उससे बोली कि साले कुत्ते मेरी माँ नहीं में ही तुझसे अपनी चुदाई करवा लूंगी. में भी तो देखूं कि तेरे लंड में कितनी ताकत और जोश है?
यह बात सुनकर जितेन्द्र ने तुरंत मुझे कुतिया की स्टाइल में किया और मेरे पीछे से उसने अपना मोटा काला लंड मेरी कामुक रसभरी गीली चूत के खुले पर लगा दिया और उसने एक कसकर धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से उफफ्फ्फ्फ़ ऊऊईईईईईईइ माँ मर गई निकला और तभी समीर मेरे मुहं की तरफ आ गया. वो मुझसे बोला की साली छिनाल तू पहले भी इतनी बार चुद चुकी है और अब भी साली तू रंडियों की तरह हमे अपने नखरे दिखाती है.
मैंने उसको जवाब दिया कि जब में तुम्हारी पूरी रंडी बन ही गयी हूँ तो अब में रंडियों की तरह ही करूंगी, उसी समय उसने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुहं में जबरदस्ती उसने अपने लंड को ठूंस दिया जो सीधा जाकर मेरे हलक में उतरकर मेरी सांसो को रोकने लगा था. मेरी आखों से आंसू तक बाहर आकर बहने लगे थे. अब मोंटी बोला कि साली कुतिया रानी की तरह तू मेरे लंड पर बैठी रहेगी या रंडी की तरह कुछ कसरत भी करेगी? हेमा को भी अब इस खेल में दर्द की जगह मज़ा आ रहा था.
फिर वो कहने लगी कि में तो इस लंड पर सारी उम्र कुतिया की तरह डांस करना चाहती हूँ. कोई मुझे नचाने वाला तो हो. तभी राज बोला कि वाह अब तो देखो इस छिनाल को यह कुतिया बनने को भी तैयार है मादरचोद साली रंडी तब तो यह बड़ा नखरा दिखा रही थी. अब हेमा लंड के ऊपर उठक बैठक करने लगी थी और इधर मेरी चूत में भी तेज गति के साथ बड़े दमदार धक्के लग रहे थे और उसी समय राज ने हेमा के कूल्हों पर थप्पड़ मारते हुए कहा कि साली मेरा लंड तो तेरी गांड का दीवाना है साली जब तू अपने कूल्हों को मटका मटकाकर डांस कर रही थी तभी से यह मेरा लंड बेकाबू हुआ पड़ा है.
अब मोंटी ने हेमा को अपने ऊपर गिरा लिया, जिसकी वजह से हेमा के कूल्हे बाहर की तरफ निकलकर उभर गये, हेमा उनका मतलब समझकर बोली कि नहीं गांड में नहीं, वहां पर मुझे बहुत दर्द होगा में एक साथ दोनों लंड को कैसे ले सकती हूँ, तुम रहने दो, मेरी चूत को चाहे जैसे मार लो, लेकिन तुम मेरी इस कुंवारी गांड को छोड़ दो, मुझे नहीं मरवानी तुमसे अपनी गांड, लेकिन दोस्तों वहां पर उसकी वो बातें कौन सुनने वाला था. सभी को बस मज़े लेने की एक होड़ सी लग रही थी, फिर चाहे उसके लिए उन्हें कुछ भी कैसे भी करना पड़े, उनको दर्द से कोई भी मतलब नहीं था.
अब राज ने बिना देर किए अपना उसकी लंड गांड के छेद पर लगा दिया और उसने एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से लंड अब गांड के अंदर जाने लगा था. फिर हेमा दर्द से चीखती हुई सिसकियाँ लेते हुए बोल पड़ी आह्ह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ आईईईई तुमने मुझे आज मार ही दिया साले भड़वे तूने तो आज मेरी गांड को भी फाड़ दिया उफ्फ्फफ्फ्फ़ अब बस भी कर प्लीज इसको बाहर निकाल ले, में इस दर्द से मर ही जाउंगी मेरी गांड में जलन हो रही है हरामी कुत्ते क्या तुझे मेरे दर्द दिखाई और मेरी यह आवाजे सुनाई नहीं देती कि में तुझसे क्या करने के लिए कह रही हूँ.
दोस्तों उसकी बातों का किसी के भी ऊपर कोई भी असर नहीं पड़ा, जिसकी वजह से अब हेमा के दोनों तरफ से धक्के पड़ रहे थे. में पास में लगे एक कांच में हेमा की और अपनी मजेदार दमदार चुदाई को देख रही थी और उसी समय मैंने समीर के कान में कहा कि देख ले इस कुतिया को यह हरामजादी कैसे मज़े से चुद रही है, इतनी देर से बस नाटक ही किए जा रही थी. फिर उसने मेरे गाल पर एक किस करते हुए मुझसे कहा कि अब में तुम्हे भी पूरी तरह से हरामजादी बना देता हूँ क्यों तुम्हे कैसा लगेगा? में उसके मुहं से वो बात सुनकर मुस्कुराने लगी और मैंने अपना सर हिलाकर कहा हाँ तुम अपनी इस हरामजादी को जिस तरह भी काम में लेना चाहो ले सकते हो, क्योंकि मेरे राजा में तो पहले से ही तुम्हारे लंड की गुलाम बन चुकी हूँ. अब समीर नीचे लेट गया और वो हंसते हुए मुझसे बोला कि आजा तुझे भी हरामजादी बनाए, जितेन्द्र ने मेरा मुहं अपनी तरफ किया और वो बोला कि चल कुतिया ले तू मेरा लंड अपनी गांड में डाल ले.
उसने कहने पर मैंने उसका लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी गांड के छेद पर लगा लिया और फिर में धीरे धीरे उस पर बैठती चली गयी. ऐसा करने से मुझे दर्द तो बहुत हुआ और मेरे मुहं से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ की आवाज भी निकली, लेकिन में उस समय जोश में होने की वजह से बहुत गरम थी, इसलिए में उस दर्द को पी गयी और उसके बाद में एक दो बार ऊपर नीचे हुई जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हुआ. अब जितेन्द्र ने मुझे समीर के ऊपर उल्टा लेटा दिया और वो मेरी चूत में अपने लंड को डालने लगा. में उससे बोली कि प्लीज तुम थोड़ा ध्यानपूर्वक आराम से डालना में कोई लकड़ी की नहीं बनी हूँ मुझे भी दर्द तो होता ही है.
फिर वो ज़ोर से हंसते हुए बोला कि देखो इस हरामजादी को 900 चूहे खाकर यह बिल्ली हज़ को चली है और अब मेरे भी हेमा की तरह चूत और गांड में लगातार तेज गती से झटके लग रहे थे, उस कमरे में उनकी गालियाँ, हमारी सिसकियों की आवाज और ठप ठप फच फच की आवाज़ आ रही थी और कभी-कभी कूल्हों पर थप्पड़ की आवाज़ भी आती. अब हेमा ज़ोर से चीख रही थी वो कहने लगी कि सालों तुमने मुझे आज अपनी रंडी बनाया है और ज़ोर से करो तुम दो दो अकेली लड़कियों के साथ उनकी चुदाई करने में लगे हुए हो. आज तुम फाड़ दो मेरी इस चूत और गांड को भी वो मोंटी को चूम रही थी और कह रही थी कि साले कुत्ते थोड़ा ज़ोर से कर.
अब समीर बोला कि तुम हमे गालियाँ नहीं दोगी, में बोली कि हम अपने राजा को गाली कैसे दे सकती है. मुझे तो सुनने में या खुद को देने में ज्यादा मज़ा आता है मेरे पास है ही क्या जो में इतना घमंड करूं तुम्हारे पास तो इतने प्यारे लंड है, जो मर्ज़ी चाहो तुम हमे कह सकते हो. अब जोश में आकर यह ले साली कुतिया ले समीर और जितेन्द्र ने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया. वो मुझसे बोले कि तू सही में बड़ी मस्त चीज़ है.
दोस्तों में उस समय बहुत गरम थी, इसलिए में उनको बोल रही थी उह्ह्ह्ह हाँ तुम आज अपनी इस हरामजादी की चूत को फाड़ दो, जितेन्द्र आज तुम मुझे चोद चोदकर मार डालो, में तुम्हारे लंड की गुलाम हूँ तुम तेज धक्के देकर चोदो मुझे और तुम हर रोज़ ऐसे ही चोदना, जब तुमने हमें अपनी रांड बनाया है तो अपनी रांड का बेंड बजाने में अपनी तरफ से कोई भी कसर तुम नहीं छोड़ना, तुम मेरी चूत को फाड़ दो, यह साली रात में मुझे बहुत दुखी करती है आह्ह्ह्ह तुम आज अपनी इस हरामजादी, कुतिया को इतना जमकर चोदो कि यह तुम बार बार तुम्हारे ही पास आए ज़ोर से में तुम्हारी रंडी हूँ. जितेन्द्र आज मेरी चूत को तुम भर दो अपने वीर्य से, में उसको अपने अंदर लेकर महसूस करना चाहित हूँ.
अब हेमा बोली कि तू क्या पागल है? में उससे बोली कि मैंने पहले से गर्भनिरोधक गोली खा रखी है, मुझे पता था कि आज रात को मेरे राजा मुझे एक रंडी की तरह चोदेंगे पूरी हरामजादी बनायेंगे, हाँ ज़ोर से धक्के मारो में आज सुबह से ही बहुत तड़प रही हूँ हाँ और ज़ोर से ज़ोर से. अब समीर ने अपना वीर्य मेरी गांड में और जितेन्द्र ने चूत में निकाल दिया और राज ने हेमा की गांड से अपने लंड को बाहर निकाला और मेरे मुहं पर वो अपने वीर्य को निकालने लगा.
उस समय हेमा खड़ी हो गई और वो मोंटी के लंड के अपने मुहं में लेकर उसको चूस चूसकर उका पूरा वीर्य पी गयी. अब में उठी तो मेरी जांघो पर मेरा और उनका वीर्य बहने लगा. मेरे मुहं पर भी वीर्य लगा हुआ था, उसी समय मोंटी बोला कि इतनी गरम लड़की में अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार देख रहा हूँ. फिर में मोंटी के पास चली गई में उससे बोली कि तुम्हारा लंड इतना प्यारा है कि कोई भी लड़की इसको देखकर ही इसकी गुलाम बन जाए.
फिर उन चारों ने हम दोनों को अपनी गोद में उठाया और वो हमे बाथरूम में ले गये और सबसे पहले उन चारों ने मुझे नीचे बैठाकर अपने पेशाब से नहलाया और फिर उसके बाद उन्होंने अपने अपने लंड मुझसे साफ करवाए. फिर उसके बाद उन्होंने कुछ देर बाद ठीक वैसा ही हेमा के साथ भी किया और फिर उसके बाद पानी से नहलाकर हम दोनों को वो वापस बेड पर ले आए और उस रात को अगली सुबह तक हमारी चुदाई वैसे ही रुक रुककर चलती रही.
वो सभी हमें बदल बदलकर हर बार अलग अलग स्टाइल से चुदाई का मस्त मज़ा दे रहे थे, जिसकी वजह से हमे बहुत मस्त मजेदार मज़ा आ गया. दोस्तों यह थी मेरी अपनी सहेली और उन चारों लड़को के साथ चुदाई की मस्त मज़ेदार कहानी, जिसमें हमने पूरी रात बड़े मज़े लिए और उन सबने हम दोनों को चोद चोदकर रंडी बनाने के साथ साथ पूरी तरह से संतुष्ट भी किया और हम दोनों ने भी उसका चुदाई करते समय पूरा पूरा साथ दिया, दोस्तों में उम्मीद करती हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आई होगी.
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मामी ने मुठ मारना सिखाया


हैल्लो दोस्तों, ये बात बहुत पुरानी है, जब में 18 साल का था. में अपने मामा-मामी के पास रहता था, क्योंकि मेरे माँ नहीं थी और पापा ज़्यादातर बिज़नेस के सिलसिले में बाहर ही रहते थे. मेरे मामा भी बाहर जाते रहते थे,मेरे मामा का छोटा सा गाँव था, जहाँ में मामी और उनकी लड़की धारा के साथ रहता था.
मेरी मामी की उम्र 35 साल और धारा की उम्र 12 साल थी, उनका घर छोटा था, हम सब एक ही रूम में सोते थे और जब मामा आते थे, तो में और धारा एक रूम में और मामा-मामी बरामदे में सोते थे. मैंने कई बार नोट किया था कि उनका एक बेड बिल्कुल साफ रहता था जबकि दूसरा बुरी तरह से अस्त व्यस्त था. अभी तक मुझे सेक्स का ज़्यादा नहीं पता था, लेकिन एक दिन जब हम सो रहे थे तो सुबह करीब 4-5 बजे मेरा पज़ामा कुछ गीला-गीला लगा तो में समझा की शायद पेशाब निकल गया है.
में शर्म के मारे रोने लगा और मामी को उठाकर कहा कि शायद मेरा मूत निकल गया है.
फिरपहले तो वो बहुत गुस्सा हुई, लेकिन जब उन्होंने देखा कि बिस्तर ठीक है सिर्फ़ पज़ामा गीला हुआ है और वो भी मूत ना होकर कुछ गाड़ा सफेद पानी है, तो वो मुस्कराने लगी. अब में और ज़ोर से रोने लगा था. फिरतभी वो बोली कि तुम्हें कुछ नहीं हुआ, इस उम्र में यह सब होता है.
मैंने पूछा कि क्या होता है?तो वो बोली कि तुमने कोई गंदा सपना देखा होगा इसलिए ऐसा हो गया है, जाओ साफ करके पज़ामा बदल लो, लेकिन मेरा लंड अब भी तना हुआ था और उससे कुछ निकल रहा था. फिर मैंने मामी को बताया, तो वो बोली कि कोई बात नहीं निकलने दो, में सुबह धो दूँगी. मेरी मामी की एक गंदी आदत थी,उनके सुबह उठते ही उनको शौचआ जाती थी और हमारे घर में टॉयलेट भी नहीं था.
फिर उस दिन भी ऐसा ही हुआ, लेकिन अंधेरा होने के कारण वो डर रही थी. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि में साथ चलूँ. अब हमने दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया था, क्योंकि धारा सो रही थी और फिर हम टार्च लेकर शौच के लिए निकल गये.
मामी ज़्यादा दूर नहीं गई और घर के पास ही झाड़ियों के पास जाकर बोली कि में यही बैठ जाती हूँ, तुम भी कर लोऔर फिर वो अपनी साड़ी ऊपर उठाकर पेंटी नीचे करने लगी, तो मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर वो बैठ गई,अब में भी अपना पज़ामा खोलकर उनके नजदीक ही बैठ गया था. अब मामी को हवा चलने से डर लग रहा था. फिर जैसे ही झाड़िया हिलतीतो वो कहती देखो कोई सांप तो नहीं है ना? तो में टार्चसे चारो तरफ़ देखता.
फिर ऐसे में एक बार टार्च की रोशनी मामी पर भी पड़ गईतो मुझे उनकी गोरी-गोरी जांघे दिखाई दी, तो मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा, तो मामी कुछ नहीं बोली.
तो मैंने टार्चकई बार उनपर की और फिर बाद में जब वो हाथ धोने लगी, तो मैंने फिर से टार्चउनपर कर दी,तो मुझे पहली बार मामी की झांटो से भरी चूत दिखाई दी. अबमेरा लंड एकदम से कड़क हो गया था. फिर बाद में मैंने उन्हें टार्च दी और हाथ धोने लगा, तो मामी ने टार्चमेरी तरफ कर दी. अब मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था,तो वो देखकर भी उन्होंने टार्चनहीं हटाई.
हम घर आ गये,तो तभी मामी मुझसे बोली कि अब तो तुम कई बार पज़ामा गंदा किया करोगे. तो मैंने पूछा कि क्यों?तो वो बोली कि अब तुम जवान जो होने लगे हो. तो मैंने कहा कि कैसे?तो वो बोली कि तुम्हारे शरीर पर बाल जो आने लगे है. फिर मैंने कहा कि कहाँ पर?तो वो बोली कि बगलों में और पेट के नीचे. तो मैंने कहा कि तो में क्या करूँ? तो वो बोली कि किसी लड़की से दोस्ती कर लो.
फिरमैंने पूछा कि उससे क्या होगा? तो वो बोली कि पहले कर लो, फिर सब समझ जाओगे. तो मैंने कहा कि मेरी तो कोई दोस्त नहीं है, आप ही बन जाओ, प्लीज. फिर वो मुस्करा दी और नहाने चली गई. फिर एक रात को फिर से मेरे लंड से कुछ निकला तो तब में मामी के बारे में ही सपना देख रहा था. फिर में चुपचाप उठकर पज़ामा बदलने लगा,लेकिन मामी जाग गई थी तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ?
मैंने कहा कि कुछ नहीं,लेकिन वो नहीं मानी और उठकर मेरा पज़ामा देखने लगी. उसपर सफेद गाढ़ा वीर्य लगा हुआ था. फिर उन्होंने उसको सूंघा और मुस्कुराई और बोली कि शैतान फिर से गीला कर दिया. फिरमैंने कहा कि में तो नींद में था, पता नहीं अपने आप हो गया. फिरतभी वो बोली कि कोई बात नहीं,लेकिन अब मुझे शौच करने लिए बाहर जाना पड़ेगा, तो मुझे फिर से उनके साथ जाना पड़ातो इस बार में उसके पास ही बैठकर शौच करने लगा.
फिर तभी मामी ने मुझसे पूछा कि सच बताओं जब तुम्हारा पज़ामा गीला हुआ तो तब तुम क्या सपना देख रहे थे? तो मैंने कहा कि सपने में आप ही थी. तो वो बोली कि चल शैतान मामी पर लाईन मारता है. अब में बीच-बीच में टार्चकी रोशनी में उनकी चूत भी देख लेता था और उसकी रोशनी में उन्हें मेरा लंड भी दिख रहा था. अब मेरा लंड खड़ा था, जिसे वो लगातार देख रही थी.
उन्होंने पूछा कि अच्छा में सपने में क्या कर रही थी? तो में बोला कि आप कपड़े बदल रही थी और में छुपकर देख रहा था,तो तभी ये हो गया. फिरवो बोली कि तुमने क्या देखा?तो मैंने कहा कि आपकी पूरी बॉडी. तो वो बोली कि नाम लेकर बताओ. तो में बोला कि आपके स्तन,योनि और गुदा जिसके कारण ऐसा हुआ. तो तभी वो हंसकर बोली कि मुझे किताबी नाम नहीं नार्मल नाम बताओ और उनमें से कौन सा पार्ट सबसे अच्छा लगा?तो मैंने कहा कि आपकी चूचीयाँ, चूत और गांड, लेकिन गांड सबसे अच्छी लगती है.
फिर वो थोड़ी शर्मा गई और चुप हो गईऔर फिर वो बोली कि तुम ऐसे कब तक रात को परेशान होते रहोगे?तो मैंने कहा कि में क्या करूँ?तो वो बोली कि दिन में अपने हाथ से निकाल दिया करो. फिरमैंने पूछा कि कैसे? तो उन्होंने बताया कि अपने इस तंबू जैसे लंड को अपने हाथ में लेकर मुठ मारलिया करोतो फिर रात को नहीं निकलेगा. फिरमैंने कहा कि मुझेनहीं आता, प्लीज आप सिखा दो. फिर वो बोली कि देखूंगी, जब धारा घर पर ना हो तब.
मैंने कहा कि ठीक है, आज मामी की चूत पर बाल नहीं थे और उनकी चूत बहुत चमक रही थी. फिर हम घर आ गये.फिर दोपहर को जब धारा पड़ोस में गईतो मैंने मामी से कहा कि अब सीखा दो. फिर वो बोली कि अभी में नहा लूँ, बाद में. तो मैंने कहा कि नहाना तो मुझे भी है, क्या में आपके साथ नहा लूँ? तो वो बोली कि ठीक है वहींसिखा दूँगी, तेरा पज़ामा भी गंदा नहीं होगा.
फिर हम दोनों बाथरूम में आ गयेतो तभी वो बोली कि चलो अपने कपड़े निकाल दो,में पहले तुम्हें नहलाती हूँ. फिरमैंने फटाफट से अपने कपड़े निकाल दिए. तो वो मेरे लंड को देखकर बोली कि तुम तो पूरे जवान हो गये हो और फिर अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया,तो मुझे बहुत अच्छा लगा. अब वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्रा में थी, जिससे उनकी चूची साफ-साफ दिखाई दे रही थी.
अब मेरा लंड तन चुका था. तो तब वो बोली कि क्या मन हो रहा है अभी?तो मैंने कहा कि आपकी चूत देखने का. फिरये सुनकर वो बोली कि क्या करोगे देखकर? तो मैंने कहा कि मुझे अच्छी लगती है बस. फिर इस पर उन्होंने अपना पेटीकोट ऊपर उठा दियातो मैंने कहा कि प्लीज इसे निकाल दो. फिर उन्होंने अपना पेटीकोट और ब्रा दोनों खोल दिए,मैंने पहली बार किसी औरत को नंगा देखा था.
अब उनकी चिकनी चूत चमक रही थी और वो अपने एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी. फिरमुझसे रहा नहीं गया तो मैंने भी अपने एक हाथ को उनकी चूत पर रख दिया,उनकी चूत गर्म और गीली थी,लेकिन मामी कुछ नहीं बोली और मेरे लंड को तेज़ी से हिलाने लगी.
तभी मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी. फिर वो जोर- जोर से सिसकारियां लेने लगी और ज़ोर-ज़ोर से मेरी मुठ मारने लगी थी. अब में भी उनकी चूत में अपनी एक उंगली अंदर बाहर कर रहा था और अपना दूसरा हाथ उनकी चूची पर रखकर दबा रहा था. अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मामी भी आअहह,ऊहहहहह की आवाजे निकाल रही थी.
करीब 5 मिनट के बाद मुझे ऐसा लगा किमेरा शरीर अकड़ गया है और मेरा लंड फटने वाला है. फिर तभी मैंने मामी से कहा कि अया मामी मुझे क्या हो रहा है? में आआआआ पिघलने वाला हूँ. तो वो और तेजी से अपना हाथ चलाने लगी, तो तभी अचानक से मेरे लंड से सफेद गाढ़ा वीर्य निकलने लगा. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में मामी की चूत में ज़ोर-ज़ोर से उंगली कर रहा था.
अब मेरा पानी उनके हाथऔर उनकी जाँघो पर गिर गया था, लेकिन वो नहीं रुकी. फिर करीब 2 मिनट के बाद मेरा लंड शांत हुआ. फिर मामी बोली कि किसी को बताना नहीं औरफिरउन्होंने मुझे नहलाया.
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