मुझे पुणे में आए हुए अभी सिर्फ दो महीने ही हुए थे लेकिन इन दो महीनों में मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी आस पड़ोस में भी मुझे काफी लोग पहचानने लगे थे। मैं जिस कॉलोनी में रहता था वहां पर आकाश भी रहता है आकाश के साथ मेरी पहली बार मुलाकात हमारी कॉलोनी की ही दुकान में हुई थी। मैं उस वक्त वहां पर कुछ सामान खरीदने के लिए गया हुआ था तो उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम यहीं रहते हो मैंने उसे बताया कि हां मैं यहीं रहता हूं और उसके बाद हम दोनों में अच्छी दोस्ती होने लगी। हम दोनों अब काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे जिसके बाद मैं और आकाश अक्सर एक-दूसरे को मिला करते थे। एक दिन आकाश ने मुझसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूँ, उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम भी मेरे साथ मुंबई चलोगे तो मैंने उसे कहा की लेकिन मैं मुंबई में क्या करूंगा। वह कहने लगा कि यदि तुम अपने ऑफिस से कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले लो तो तुम मेरे साथ चल सकते हो मैंने भी आकाश की बात नहीं टाली और मैं उसके साथ मुंबई चला गया।
आकाश अपने बिजनेस के सिलसिले में मुंबई गया था इसलिए हम दोनों मुंबई के एक होटल में रुके थे वहां पर हम करीब दो दिन तक रुके और फिर उसके बाद हम लोग वापस पुणे लौट आए थे। आकाश के पिताजी का कपड़ों का काफी पुराना कारोबार है जिसे की अब आकाश ही संभालता है आकाश ज्यादातर सामान मुंबई से ही मंगवाता था इसलिए उसे मुंबई जाना पड़ता था और मैं भी उस समय उसके साथ मुंबई गया था। एक दिन आकाश मुझे कहने लगा कि आज हमारे घर पर एक छोटी सी पार्टी है तो उस दिन उसने मुझे अपने घर पर इनवाइट किया घर पर कुछ मेहमान ही थे ज्यादा लोग उस वक्त उसके घर पर नहीं थे। मुझे आकाश ने अपने पापा मम्मी से मिलवाया यह पहला ही मौका था जब मैं आकाश के मम्मी पापा से मिला था और उनसे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा। उस दिन मैं देर से घर वापस लौटा था जब मैं उस दिन घर वापस लौटा तो मुझे काफी देर हो चुकी थी आकाश के साथ मेरी बहुत ही अच्छी बातचीत है जिस वजह से आकाश और मैं अक्सर एक दूसरे को मिलते रहते हैं।
एक दिन हम दोनों हमारी कॉलोनी के बाहर ही खड़े थे तो उस दिन मैंने सामने से आते हुए एक लड़की को देखा उसने जैसे मेरे ऊपर कोई जादू सा कर दिया था उसके लंबे बाल और उसकी कद काठी मुझ पर जादू कर रही थी। मैंने जब यह बात आकाश को बताई तो आकाश कहने लगा उसका नाम सुमन है और वह बहुत ही सीधी लड़की है वह किसी के साथ भी बात नहीं करती। आकाश ने मुझे सुमन के बारे में बताया तो मैं उसकी तरफ और भी आकर्षित होता चला गया। मैं चाहता था कि किसी भी प्रकार से मैं सुमन से बात करूं और उसके लिए मैंने आकाश को कहा तो आकाश ने मेरी मदद करने की बात कही और उसने मेरी मदद की। आकाश ने मुझे कहा कि मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं और उस दिन आकाश जब मेरी मदद करने कों तैयार हो गया तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था। उसने मेरी बात पहली बार सुमन से करवाई, मैंने सुमन से बात की तो मैं उससे हमेशा बात करने लगा लेकिन वह मुझसे काफी कम बात किया करती थी उसका नेचर शर्मिला था इसलिए वह बहुत कम ही बात किया करती थी। हम लोग एक दूसरे को मिलने भी लगे थे तो एक दिन मैंने उसे कहा कि क्या आज तुम मेरे साथ घूमने के लिए चल सकती हो सुमन ने मुझे मना कर दिया और कहा कि नहीं मैं तुम्हारे साथ ऐसे ही घूमने के लिए नहीं आ सकती। अभी भी मुझे सुमन का भरोसा जीतना था इसलिए मैं उससे हर रोज फोन पर बातें करने लगा और हम लोग हमेशा मिला भी करते थे। धीरे धीरे सुमन को मुझ पर पूरी तरीके से भरोसा हो चुका था तो एक दिन मैं सुमन को अपने साथ लेकर गया उस दिन हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बात कर रहे थे। सुमन के बारे में मुझे काफी कुछ पता था लेकिन उस दिन पहली बार सुमन ने मुझे अपनी बहन के बारे में बताया और कहा कि उसकी बहन एक लड़के से प्यार करती थी लेकिन उस लड़के ने उसे किस प्रकार से धोखा दिया उसने मुझे उस दिन सारी बात बताई उसकी बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। सुमन ने मुझे बताया कि उसकी बहन की मानसिक स्थिति भी काफी बिगड़ चुकी है।
मुझे यह बात पता नहीं थी लेकिन मैं चाहता था कि सुमन से मैं अपने दिल की बात कह दूं और उसे प्रपोज कर दूं लेकिन यह सही समय नहीं था इसलिए मैंने सुमन को इस बारे में कुछ नहीं कहा और ना ही मैंने उसे प्रपोज किया लेकिन जल्द ही वह समय नजदीक आ गया जब मैंने सुमन को अपने दिल की बात कह दी और मैंने उसे प्रपोज कर दिया। मैंने सुमन को प्रपोज किया तो वह भी मुझे शायद मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन शुरू हो चुका था। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। एक दिन सुमन ने मुझे कहा राजन मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं और अब हम दोनों का रिलेशन काफी आगे बढ़ चुका था। सुमन अक्सर मुझे यह बात कहती कि तुम कभी मुझे धोखा मत देना मैंने सुमन को कहा कि मैं तुम्हें कभी भी धोखा नहीं दूंगा। सुमन और मेरी मुलाकात अक्सर होती ही रहती थी एक दिन मै काफी ज्यादा कमजोरी महसूस कर रहा था उस दिन मैं घर पर ही था मैं उस दिन ऑफिस नहीं गया था।
सुमन ने मुझे उस दिन फोन किया तो मैंने उसे बताया कि मेरी आज तबियत ठीक नहीं है सुमन यह सुनते ही मेरे पास आं गई जब वह मेरे फ्लैट में आई तो उसने मुझे कहा क्या तुमने नाश्ता कर लिया है तो मैंने उसे कहा नहीं मैंने अभी नाश्ता नहीं किया है सुमन ने मेरे लिए नाश्ता बनाया और उसके बाद मैंने नाश्ता किया। मैंने उसे कहा आज मेरे बदन में काफी दर्द हो रहा है वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे बदन की मालिश कर देती हूं मैंने उसे कहा नहीं रहने दो लेकिन उसकी आगे मैं कुछ कह ना सका और वह मेरे बदन की मालिश करने लगी। वह तेल से मेरे बदन की मालिश कर रही थी लेकिन जब उसने अपने हाथ को मेरे लंड पर लगाया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसने मेरे लंड पर तेल लगाकर उसे चिकना बना दिया। सुमन ने मुझे पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था जब मैंने सुमन से उसके कपड़े उतारने की बात कही तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और वह मेरे पास आकर लेट गई। अब सुमन इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारे बदन की गर्मी को महसूस करना है मै उसके बदन की गर्मी को महसूस करना चाहता था। मैंने अब उसके बदन को महसूस करना शुरू किया जब मैं उसके स्तनों का रसपान करने लगा तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था उसके स्तनों को चूसना मेरे लिए एक सुखद एहसास था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उसके स्तनों का रसपान काफी देर तक किया। वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि मुझे कहने लगी मेरी योनि से पानी बाहर निकलने लगा है। मैंने भी उसकी चूत पर जीभ को लगाया तो उसकी चूत से इतना ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था कि मैंने उसे अपने अंदर ही निगल लिया और उसकी चूत से निकलते हुए पानी को मैंने इतना ज्यादा बढ़ा दिया था कि वह अपने पैरों को खोलने लगी और कहने लगी तुम अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो। अब मेरी सारी थकान दूर हो चुकी थी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरे अंदर एक अलग प्रकार की ताकत आ चुकी है।
अब मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और तेल लगाने के बाद जब मैने लंड को सुमन की चूत सटाया तो जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो वह कहने लगी मुझे अब मत तड़पाओ जल्दी से चूत के अंदर लंड घुसा दो। मैंने उसे धक्का देते हुए उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो मुझे एक अलग अलग प्रकार का मजा आने लगा मैंने उसकी च को थोड़ा सा ऊपर उठाया और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह जोर से चिल्ला कर मुझे कहने लगी आज तो मजा ही आ गया मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ चुका था क्योंकि मेरा पूरा लंड उसकी योनि के अंदर तक जा चुका था।
अब मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा था मुझे उसे धक्के मारने में मजा आ रहा था और वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ लिया था जब उसने ऐसा किया तो मुझे उसकी चूत और भी ज्यादा टाइट महसूस होने लगी। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और उसकी सिसकियां बढती जा रही थी और उसकी चूत से लगातार खून टपक रहा था। मैंने उसे कहा आज मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने में मजा आ गया था। सुमन कहने नहीं लगी आज ना जाने मेरे अंदर भी तुम्हें देखता ही क्या हो गया और मैं अपने आपको रोक ना सकी लेकिन मुझे उसकी चूत मारने मे मजा आ रहा था पर मैं ज्यादा देर तक उसकी टाइट चूत का मजा ना ले सका और मेरा वीर्य पतन हो गया।
