हॉट बेडशीट वाला मुंबई में

हैल्लो दोस्तों, में फिर से आपके सामने एक और नयी हक़ीकत लेकर हाजिर हूँ. में अपने रूम पार्टनर के साथ रहता हूँ, हम 3 लोग 2BHK फ्लेट शेयर करते है, सभी लोग अच्छी जॉब में है. मेरी जॉब का टाईम थोड़ा लेट है. में दोपहर में लगभग 2 बजे घर से निकलता हूँ और रात को 11-12 बजे तक वापस आ जाता हूँ.
मेरे बाकी 2 रूम पार्टनर मोर्निंग शिफ्ट में ऑफिस जाते है, उसके कारण वो दोनों सुबह 9 बजे के पहले ही घर से निकल जाते है. ऐसी ही एक सुबह की बात है में करीब 10 बजे उठा और अभी-अभी नींद से जागने के कारण मेरा लंड खड़ा था. फिर में अपने लंड के अंडो को खुजाते-खुजाते बेडरूम से बाहर आ गया.
अब मेरे दोनों रूम पार्टनर पहले ही जा चुके थे. अब में घर में अकेला ही था, अब आराम से मूतने के बाद मुझे थोड़ा हल्का लगने लगा था. अब मेरा लंड नॉर्मल रूप में आ गया था, फिर में अपने रुटीन कामों में लग गया. अब जब घर में कोई नहीं होता तो में टायलेट से आने के बाद नंगा ही इधर उधर घूमता हूँ और आज भी में अपनी ही मस्ती में नंगा होकर न्यूज़ पेपर पढ़ते-पढ़ते चाय की चुस्कियां ले रहा था.
फिर चाय पीने के बाद मैंने सोचा कि अब नहा लेता हूँ फिर नाश्ता करने बाहर निकलूंगा, अभी ऑफीस जाने के लिए बहुत टाईम था तो में नहाने चला गया. अब में बाथरूम में नंगा होकर अपनी मस्ती में नहा रहा था, अब मेरा नहाना जस्ट ख़त्म होने ही वाला था कि वैसे ही डोर बेल बज गयी. अभी घर में तो डोर ओपन करने के लिए और कोई नहीं था, तो में वैसे ही नहाने लगा.
फिर मैंने सोचा कि जो कोई भी होगा बेल बजा-बजाकर चला जाएगा, लेकिन फिर से डोर बेल बजने लगी. फिर 1 सेकेंड में मेरे मन में ख्याल आया कि कहीं इंटरनेट कनेक्शन वाला तो नहीं है? जो पैसे लेने आया हो और झट से मेरे सामने वो क्यूट सा लड़का आ गया, जो हमारी बिल्डिंग में इंटरनेट कनेक्शन मैनटेन करता है. अब उसका ख्याल आते ही मेरे लंड में थोड़ी सी हलचल हो गयी थी. फिर मैंने बिना देर किए झट से अपनी कमर में टावल लपेटकर बाथरूम से बाहर आ गया और ज़ोर से आवाज़ लगाई, अरे भाई रूको आया. फिर में बाथरूम से ऐसे ही गीले बाल और गीला बदन लेकर बाहर आ गया. अब मेरी गोरी छाती और सेक्सी बदन से पानी की बूंदे अभी भी ज़मीन पर गिरने से पहले पूरे बदन से रेंगती हुई धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ रही थी, मानो मेरे जिस्म से वो अलग होना ही नहीं चाह रही थी.
अब मेरी पतली कमर और रसीली गांड को एक छोटे से टावल ने छुपाकर रखा था और ऊपर मेरी छाती पर निपल्स पूरे गीले होने की वजह से और चमक रहे थे और मेरे बालों से पानी मेरे चेहरे पर टपक रहा था. फिर मैंने चाबी के छेद से बाहर देखा तो यह इंटरनेट वाला तो नहीं था, लेकिन कोई लड़का था जिसे में नहीं पहचानता था.
मैंने दरवाजा ओपन किया और सिर्फ़ अपना चेहरा बाहर निकालकर मैंने एक ही नज़र में उसे ऊपर से नीचे तक निहार लिया. उसकी उम्र करीब 20-21 साल होगी और उसका रंग सांवला, तेल से लथपथ चिपचिपे बाल और धूप के कारण माथे पर थोड़ा पसीना था, ऐसा लग रहा था कि वो किसी गावं से आया है और नीचे पैरों के पास एक बड़ा सा पोटला रखा हुआ था.
मैंने उससे पूछा कि कौन है? क्या चाहिए? तो उसने कहा कि भैया जी में बेडशीट बेचता हूँ, आप कहो तो दिखा दूँ? तो फिर मैंने बोला कि नहीं चाहिए और झट से दरवाजा बंद कर दिया.
अब में अंदर जा ही रहा था कि मेरे मन में शैतान जाग गया. फिर मैंने वापस से दरवाजा खोला और देखा, तो वो ऊपर के फ्लोर पर जा रहा था. फिर मैंने उसे आवाज़ लगाई सुनो, तो वो झट से वापस आ गया. फिर मैंने उससे पूछा कि किस टाईप की बेडशीट्स है? फिर जैसे ही मैंने बेडशीट्स खरीदने में दिलचस्पी दिखाई, तो उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गयी.
फिर वो बोला कि अरे बाबूजी बहुत बढ़िया बेडशीट्स है, आप एक बार देख तो लीजिए और वो वहीं पर बैठकर उसका पोटला खोलने लगा. फिर मैंने उससे बोला कि अरे-अरे यहाँ नहीं अंदर आ जाओ, तो वो झट से अंदर आ गया और ज़मीन पर अपना पोटला रखकर खुद भी नीचे बैठ गया. फिर मैंने उसे सोफे पर बैठने को कहा, तो वो बोला कि नहीं-नहीं बाबूजी माल दिखाने में नीचे ही बैठना सही रहेगा और वो अपने पोटले को खोलने में लग गया.
अब में उसे और ज्यादा ध्यान से देख रहा था, उसके कपड़े थोड़े मैले थे, लेकिन उन पुराने और मैले कपड़ों से उसकी गावं की मर्दानगी छुप नहीं रही थी, उसके हाथ पूरे लोहे जैसे सख़्त दिख रहे थे और वो बड़ी इच्छा से अपनी बेडशीट्स को एक-एक करके खोलने में लग गया. मुझे उसकी लोकल बेडशीट्स में कुछ भी दिलचस्पी नहीं थी, अब मुझे दिलचस्पी थी तो बस उसकी जवानी में.
मैंने उससे पूछा, कि तुम कहाँ से हो? तो उसने कहा कि भैया जी में बिहार से हूँ. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम इधर यह चादर ही बेचते हो? तो उसने कहा कि हाँ भैया जी, अभी तो यह चादर ही बेच रहा हूँ, वैसे सीज़न के हिसाब से और भी काम कर लेते है.
मैंने उससे पूछा कि पानी पीओगे? तो उसने कहा कि हाँ भैया जी आपकी बड़ी मेहरबानी होगी. अब में उसके सामने जानबूझ कर अपनी कमर मटका-मटकाकर चलते हुए अंदर की और चला गया. मैंने देखा कि वो मुझ में कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था, लेकिन जब में अंदर की और अपनी कमर मटका-मटकाकर जा रहा था, तो मैंने यह भाँप लिया था कि वो मुझे घूर रहा है.
फिर में एक गिलास पानी लेकर आया और उसने पूरा पानी का गिलास एक झटके में ख़त्म कर दिया. तब तक उसने बहुत सारी बेडशीट्स बाहर निकालकर रखी थी. अब में सामने जाकर सोफे पर बैठ गया, दोस्तों आप समझ रहे हो ना पोज़िशन? अब में सिर्फ़ अपने छोटे से टावल में सोफे पर बैठा था और मेरे ठीक सामने जमीन पर वो बैठकर एक-एक बेडशीट खोलकर दिखा रहा था.
जैसे ही मैंने एहसास किया कि टावल के नीचे से वो मेरे लंड को बराबर देख सकता है, तो उसी एहसास से मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा. अब में उसकी हरकत देख रहा था, अब वो चादर दिखाते-दिखाते अपनी आखों से मेरे टावल में देख रहा था और हल्का-हल्का मुस्कुरा भी रहा था. अब उसके इस व्यवहार से में थोड़ा रिलेक्स हो गया था. अब वो एक-एक बेडशीट खोलकर दिखा रहा था और उसकी कीमत और खूबियां बता रहा था, लेकिन में बस उसे निहार रहा था. अब मेरे टावल के नीचे मेरा लंड पूरा उफान पर था और अब मेरा लंड टावल को ऊपर उठाकर उस अजनबी को सलामी दे रहा था.
अब वो बोला कि साहब आप ठीक से बैठिए ना, आपका वो और वो बोलते-बोलते चुप हो गया. फिर मैंने अंजान बनते हुए पूछा कि क्यों भाई? क्या हुआ? तो उसने मेरे लंड की तरफ इशारा किया और फिर से मुस्कुराया.
मैंने भी मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर मसल दिया और बोला कि अच्छा यह क्यों? क्या हुआ? अच्छा नहीं लगा क्या? अब मेरे ऐसे बोलते ही वो कुछ सकपका गया और फिर से चादर दिखाने लगा. फिर मैंने उससे वही सवाल पूछा, तो वो चुप हो गया. फिर मैंने उससे हँसते-हँसते कहा कि यह बेडशीट दिखाना छोड़ो और तुम्हारा भी वो दिखा दो.
अब मेरे ऐसे कहते ही वो भड़क गया और गुस्सा हो गया और बोला कि क्या बात कर रहे हो साहब? में ऐसा वैसा लड़का नहीं हूँ, बेडशीट लेनी नहीं है तो पहले ही बोल देते और फिर वो अपनी बेडशीट्स जमा करने में लग गया.
फिर मैंने उससे कहा कि अरे तुम तो नाराज़ हो गये, अच्छा एक काम करो में तुम्हारी 1 नहीं 4 बेडशीट्स खरीद लूँगा, बस तुम अपना हथियार दिखा दो, लेकिन वो और गुस्सा हुआ और बोला कि साहब ग़रीब का मज़ाक मत उड़ाओं. फिर में अपना लंड फिर से मसलते हुए बोला कि तूने मेरा तो देख लिया, अब अपना भी दिखा दे और एक बात सुन अगर तू मुझे लंड दिखाएगा तो में तेरा लंड चूस भी दूँगा.
वो बोला कि साहब में ऐसे गंदे काम नहीं करता हूँ और वो अपनी पोटली फटाफट पैक करने लगा और फिर बाहर जाने के लिए पोटली अपने कंधे पर उठाकर दरवाजे की तरफ बढ़ गया. अब उसने अपने दोनों हाथों से पोटली अपने कंधे पर पकड़ी हुई थी. मैंने दरवाजा का लॉक पहले ही अंदर से बंद कर रखा था. फिर उसने दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसको लॉक का सिस्टम शायद समझ में नहीं आया, तो उसने मेरी तरफ देखा. अब में समझ गया था कि यह मुझे दरवाजा खोलने के लिए बोल रहा है.
फिर जैसे ही में सोफे से उठा तो मेरा टावल झट से नीचे गिर गया तो फिर मैंने उसकी तरफ देखा, लेकिन वो दरवाजे की तरफ ही देख रहा था, उसे मेरे नंगे होने का एहसास नहीं हुआ था. अब एक गबरू जवान लड़का मेरे सामने खड़ा था और में पूरा नंगा था, अब इस ख्याल से मेरी गांड में खुजली तो होगी ही ना? अब में बिना टावल उठाए वैसे ही मेरी नंगी, गोरी, चिकनी, रसीली गांड लेकर उसके सामने जाकर दरवाजे के लॉक को खोलने का नाटक करने लगा. अब मुझे पूरा यकीन था कि वो पीछे से मेरी गांड देख रहा है. अब में लॉक खोलने की बजाए जानबूझ कर डबल लॉक करके उसे खोलने का निरर्थक प्रयास करने लगा, ताकि वो मेरी चुदासी गांड का और ज़्यादा समय तक दीदार कर सके.
अब में उसे ऐसा दिखा रहा था जैसे मुझसे दरवाजा ओपन नहीं हो रहा है. फिर मैंने बोला कि साला निकल ही नहीं रहा है, लगता है जाम हो गया है. फिर मैंने जानबूझ कर अपनी गांड पीछे करके दरवाजे को खींचकर ओपन करने का प्रयास किया और अब ऐसा करते ही मेरी गांड उसके लंड के करीब जाकर टकरा गयी और वो झट से पीछे हट गया. फिर मैंने पीछे मुडकर देखा और उसे एक कातिलाना स्माइल दे दी, लेकिन वो साला गंदा सा मुँह बनाए दरवाजा ओपन होने का इंतजार कर रहा था. फिर मैंने सोचा कि चलो जाने दो, यह शिकार फंसने वालों में से नहीं है. फिर मैंने सही से दरवाजा ओपन किया और खुद को दरवाजे के पीछे छुपाकर उसके लिए बाहर जाने का रास्ता खोल दिया और फिर वो जल्दी से बाहर निकल गया …
 मैंने फिर से दरवाजा अंदर से लॉक किया और टावल लेकर अपने बेडरूम की और निकल गया. अब तक में बहुत गर्म हो चुका था.
फिर मैंने सोचा कि क्यों ना इस बंदे के नाम की मुठ ही मारी जाए? और में वैसे ही फिर से बाथरूम में घुस गया और शॉवर के नीच खड़ा होकर अपने एक हाथ से अपना लंड हिलाने लगाने और अपने दूसरे हाथ से अपना निप्पल सहला रहा था और अपनी आँखे बंद करके उस लड़के के बारे में सोच रहा था. अभी मुझे 2 मिनट भी नहीं हुए थे कि फिर से दरवाजे की बेल बजी, साला अब कौन आ गया? मैंने फिर से टावल लपेटा और दरवाजा ओपन करने चला गया और छेद में से से देखा, तो सामने फिर से वही लड़का था.
फिर मैंने खुशी-खुशी दरवाजा खोल दिया और पूछा कि क्यों भाई? अब क्या हुआ? तो वो डरते-डरते बोला कि साहब आप कुछ बोल रहे थे ना कि 4 बेड शीट्स खरीदोगे. तो फिर मैंने झट से दरवाजा पूरा खोलकर उसे अंदर बुला लिया और दरवाजा लॉक कर दिया. इस बार वो बहुत सहमा-सहमा सा लग रहा था फिर मैंने बोला कि हाँ हाँ 4 बेड शीट्स ले लूँगा, तुम्हारे पास डबल बेड वाली तो होगी ना? इस बार मैंने सोचा कि पहले में इसके मज़े लेता हूँ और सीधा पॉइंट पर नहीं आऊंगा, क्योंकि में देखना चाहता था कि यह बेडशीट्स बेचने की मजबूरी में वापस आया है या फिर से मेरी गांड देखने के लालच में वापस आया है.
फिर वो बोला कि हाँ डबल बेड की तो है, लेकिन हर बेड का साईज़ अलग-अलग होता है आप एक बार बिछाकर देख लीजिए. अब ऐसा कहते हुए वो अपनी पोटली फिर से खोलने लगा. फिर मैंने कहा कि तुम बेडशीट निकालो, में दूसरे कपड़े पहनकर आता हूँ.
फिर वो बोला कि रहने दीजिए ना भैया, जी कोई बात नहीं और ऐसा कहते-कहते हल्का सा मुस्कुरा दिया. अब में समझ गया था कि यह मेरी गांड देखने के लालच में ही वापस आया है और अब मेरी गांड खुद पर इतराने लग गयी थी. फिर उसने मुझे एक बेडशीट थमाते हुए कहा कि आप यह वाला साईज़ चैक कर लीजिए.
फिर मैंने बोला कि बेड तो अंदर है, चलो बेडरूम में चलते है और में उसके सामने अपनी गांड लचकाते हुए चलने लगा. फिर बेडरूम में आते ही मैंने अपने बेड से पुरानी बेडशीट निकाल दी और बेड पर नयी वाली बेडशीट बिछाने लगा. अब में बेड के ऊपर चढ़कर दीवार वाली साईड में जाकर बेडशीट ठीक करने लगा. अब वो पीछे खड़ा होकर मुझे चादर बिछाते हुए देख रहा था. अब में अपनी गांड पीछे की साईड ज़्यादा ही झुकाकर बेडशीट ठीक करने में लगा ही था कि उतने में मेरे टावल ने फिर से मेरी गांड का साथ छोड़ दिया और टावल फिसलकर नीचे सरक गया.
फिर मैंने बोला कि ऊफफ यह टावल भी ना और पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखकर अपना नीचे वाला होंठ अपने दातों के नीचे दबा दिया. अब वो बड़े चाव से मेरी गांड को घूर रहा था.
फिर मैंने उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए उसकी पेंट की ज़िप को हाथ लगाया, तो वो अपनी आँखे बंद करके ऊपर मुँह करके अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़ा हो गया. अब में उसकी पेंट के अंदर खड़ा होता हुआ लंड महसूस कर रहा था.
फिर मैंने अपना मुँह उसकी पेंट के ऊपर से ही उसके लंड के ऊपर लगा दिया तो उसने तुरंत मेरे दोनों हाथों से मेरे सिर को अपने लंड पर दबा दिया. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी पेंट का बटन खोला और उसकी शर्ट ऊपर करके उसके पेट को चूमने लगा. उसने अंदर कोई गंदी सी अंडरवेयर पहन रखी थी. फिर में बेड से नीचे उतरकर उसके सामने खड़ा हो गया और उसकी बाहों में समा गया.
अब उसने अपने हाथ मेरी पीठ पर रखकर मुझे अपनी बाहों में भींच लिया और में उससे लिपट गया. अब में उसकी गर्दन, गाल और कान पर किस करने लगा था. उसने अपने बालों में जो तेल लगाया था, उसकी अजीब सी महक आ रही थी, लेकिन मैंने उधर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और उसके पूरे फेस को चूमने लगा. अब वो अपनी आँखे बंद करके मज़े ले रहा था.
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखने का जैसे ही प्रयास किया, तो उसने मुझे तुरंत हटा दिया और बोला कि साहब मेरे होंठो को मत चूसो. तो में समझ गया कि लड़को को होंठो पर किस करना अच्छा नहीं लगता है, लेकिन इससे में और खुश हो गया था क्योंकि अब में समझ गया था कि यह बंदा सीधा है.
अब में उसकी बाहों में लिपटा पड़ा था. अब वो भी मेरा साथ दे रहा था, अब धीरे-धीरे उसके हाथ मेरी पीठ से फिसलकर मेरी गांड का जायजा करने लगे थे. फिर जैसे ही उसने मेरी गांड को छुआ तो में सिसक कर और जोर से उससे लिपट गया. अब वो धीरे-धीरे मेरी गांड के गोलो को सहला रहा था और बीच-बीच में मसल भी रहा था. फिर में झट से नीचे बैठ गया और उसकी पेंट चड्डी के साथ उसके घुटनों तक खींचकर उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया.
फिर उसने जोर से मेरे सिर को पकड़कर अपना पूरा लंड मेरे गले में उतार दिया. उसका लंड वीर्य से पूरा लथपथ था तो में उसका नमकीन वीर्य पूरा का पूरा चाट गया. अब में उसके लंड को अपने मुँह से बाहर निकालकर निहारने लगा था, उसका नॉर्मल साईज़ का काला लंड, लाल टोपा और हल्के-हल्के झाटों के बीच में वो किसी गर्म रोड की तरह खड़ा था, भले ही उसकी लम्बाई सामान्य थी, लेकिन उसकी मोटाई काफ़ी थी. फिर मैंने उसके लंड को पूरे तरीके से जाँच करके अपने हाथ से हिलाया और अपनी जीभ बाहर निकालकर उसे हिलाते-हिलाते चाटने लगा.
अब में कभी उसका लंड चाट रहा था, तो कभी उसके अंडो को चाट रहा था. अब वो किसी दूसरी दुनिया में चला गया था, शायद इससे पहले कभी उसने किसी से अपना लंड चुसवाया नहीं था, या यह कहिए कि मेरे जैसा किसी ने चूसा नहीं था. अब काफ़ी टाईम तक नीचे बैठकर में उसके लंड को चूस रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि बस इतना ही ठीक है, या और कुछ करोगे?
उसने मेरे कंधो को पकड़कर झटके से मुझे ऊपर उठा लिया और बोला कि अरे साहब इस मटकती हुई गांड का तो रस चखने दीजिए. अब ऐसा कहते हुए उसने मेरी गांड बहुत ज़ोर से भींच ली, तो मेरी जोर से सिसकारी निकल गयी. फिर उसने मुझे बेड पर धकेला तो अब में उसकी न्यू बेडशीट पर उसी से चुदने के लिए खुद बिछ गया था.
फिर उसने मेरी गांड को दबा-दबाकर मेरी गांड के छेद में उंगली करना शुरू किया, तो में मचलने लगा. मैंने उसी दिन ही अपनी गांड के बाल साफ किए थे तो मेरी गांड बहुत चिकनी लग रही थी और अभी अभी नहाने की वजह से मेरे बदन से धीमी-धीमी खुशबू भी आ रही थी. अब वो मेरी गांड को चूम रहा था और मेरी पीठ सहला रहा था और में उस अंजान बेडशीट बेचने वाले से मेरी गांड रगड़वा रहा था.
अब में अपनी आँखे बंद करके उसके सख़्त हाथ मेरी गांड के ऊपर महसूस कर ही रहा था कि उतने में मेरी गांड पर उसका कड़क लंड टच हुआ, तो में झट से उठकर बैठ गया. फिर उसने पूछा कि क्या हुआ भैया जी? तो मैंने कहा कि ऐसे नहीं रूको कंडोम लाने दो. फिर वो हंसा और बोला कि आप तो शायद पूरी तैयारी में थे.
फिर मैंने कहा कि में हमेशा अपने साथ रखता हूँ, कब कौन तेरे जैसा मिल जाए, क्या पता? फिर मैंने अलमारी से कंडोम निकाला, तब तक वो पूरा नंगा हो गया था. फिर में वापस से नीचे बैठ गया और कंडोम चढ़ने के पहले फिर से उसका लंड अपने मुँह में भर लिया. फिर मैंने उसका लंड चूसते-चूसते कंडोम खोलकर उसके टोपे पर लगा दिया और फिर जैसे ही वो कंडोम चढ़ाकर तैयार हो गया तो में थोड़ी क्रीम अपनी गांड में और उसके लंड पर लगाकर बेड पर चढ़ गया और अब में अपनी गांड पूरी फैलाकर उसके लिए खड़ा था.
फिर उसने 1 मिनट की भी देरी किए बिना अपना खड़ा लंड मेरी गांड में एक ही झटके में उतार दिया. अब मेरी गांड में दर्द की एक हल्की सी लहर दौड़ गयी थी. फिर मैंने अपनी गांड सेट कर ली और उसके मोटे लंड के लिए और ज़्यादा खोल दी. फिर उसने वापस से एक जोरदार धक्का मारा, तो अब मेरी गांड उसका पूरा का पूरा लंड निगल गयी थी. अब वो मेरी कमर को पकड़कर धीरे-धीरे मेरी गांड को पेल रहा था और में सुख से सागर में गोते खा रहा था. अब वो धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था और में सिसकियां लेते हुए उसकी स्पीड का अपनी गांड हिला-हिलाकर जवाब देने लगा था.
अब वो मुझ पर झुककर मेरे निप्पल के साथ खेलते हुए पीछे से मेरी गांड बजा रहा था और मुझे गाली दे रहा था, साली रंडी कब से मेरे सामने मचल रही है, यही वो गांड है ना जिसे तू मटका-मटकाकर चलती है? ले अब पेल दिया अपना लंड तेरी गांड में, यही चाहती थी ना तू? ले ले, अब खोल मादरचोद अपनी गांड खोल, आज तो इसका बाजा बजा दूँगा. अब ऐसा बोलते हुए वो मेरी गांड को पच-पच करके चोदे जा रहा था. अब में पूरी मस्ती में आकर अपनी गांड चुदवा रहा था. अब उसकी स्पीड और साँसे बढ़ने लगी थी, अब उसका लंड घप-घप करके अंदर बाहर होने लगा था.
अब में उस नई बेडशीट को अपनी मुट्टीयों में भींचकर अपनी गांड पर होता उसका हर एक वार सहन कर रहा था. अब वो जोर-जोर से धक्के लगा रहा था और में ज़ोर से और ज़ोर से नीचे से चिल्ला रहा था और वो वैसे ही आगे बढ़ रहा था. अब धक-धक, फ़च-फ़च की आवाज़ से पूरा कमरा गूँज उठा था. फिर अचानक से उसका फव्वारा छूट गया और उसने लास्ट के 7-8 धक्के मेरी कमर पकड़कर दिए तो में नीचे झुककर बेडशीट अपने मुँह में भरकर अपनी गांड में होती हुई उसके लंड की हर एक हरकत महसूस कर रहा था. अब वो झड़ चुका था और फिर वो मेरे ऊपर आकर गिर गया और फिर में भी बेड पर लेट गया.
फिर 4-5 मिनट तक मुझसे चिपककर सोने के बाद जब उसकी सांसे नॉर्मल हुई, तो तब उसने मेरी गांड से अपना लंड खींच लिया और उठकर खड़ा हो गया. अब हम एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. फिर मैंने उसे इशारे से बाथरूम दिखा दिया, तो जैसे ही वो बाथरूम में घुसा तो मैंने भी अपना लंड हिला- हिलाकर पानी निकाल दिया और फिर में भी बाथरूम में घुस गया. अब वो उधर मुँह करके मूत रहा था, तो में उससे पीछे से जाकर चिपक गया.
वो बोला कि अरे साहब आपने तो मेरी पूरी जान ही निकाल दी और अभी भी मन नहीं भरा क्या आपका? फिर मैंने बोला कि मेरी लंड लेने की चाहत कभी भी कम नहीं होती है. फिर जैसे ही उसका मूतना ख़त्म हुआ तो मैंने उसके हाथ को पकड़कर रोक दिया और खुद उसका लंड पकड़कर ज़ोर-जोर से हिलाने लगा, जिससे उसकी पेशाब की आखरी बूंदे भी गिर गयी.
फिर हम दोनों ने 5 मिनट तक एक साथ शॉवर लिया और बाहर आ गये और फिर हम दोनों ने अपने- अपने कपड़े पहन लिए. फिर उसने मुझसे हंसते हुए पूछा कि अब बेडशीट खरीदोगे? या बस गांड चुदवाने से ही मन भर गया? फिर मैंने हंसकर उससे 4 बेडशीट का हिसाब पूछा. तो उसने कहा कि 400 रुपए के हिसाब से 4 बेडशीट के 1600 रुपए होते है, लेकिन आप मुझे 1500 रूपए दे दीजिए. फिर मैंने अपने वॉलेट से उसे 2000 रूपए दे दिए और बोला कि जिस बेडशीट पर तुमने मुझे चोदा है, वो वाली रखकर बाकी सब तुम अपने साथ में ले जाओ और यह पैसे भी पूरे रख लो, तो उसके चेहरे पर एक बहुत बड़ी सी स्माइल आ गयी. फिर उसने अपना सामान पैक किया और मुझसे गले मिलकर निकल गया और में अपने बेडरूम के बेड पर बिछी उस बेडशीट को देखकर मुस्कुराने लगा.
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