दोस्तों मेरा नाम राज है और में अहमदाबाद गुजरात का रहने वाला हूँ और मेरे परिवार में मम्मी, पापा और मेरी एक एक बहन है जिसकी अब शादी हो गयी है और वो अब अपने ससुराल चली गई है. दोस्तों मेरी उम्र 27 है और में अपने पापा के साथ उनके बिजनेस में उनका हाथ बंटाता हूँ. दोस्तों मुझे बचपन से ही सेक्स करना बहुत अच्छा लगता था. दोस्तों एक दिन में शाम को अपने घर पर आया तो मुझे मेरी मम्मी ने बताया कि तुम्हारी रचना मौसी आई हुई है और वो अब करीब एक तक हमारे घर पर ही रहेगी.
मैंने अपनी मौसी को हैल्लो कहा और फिर हम सबने एक साथ में बैठकर खाना खाया. उनसे बात करने के बाद हमारी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और वो अब हर रोज़ रात को देर तक टी.वी. देखती और गपशप करती और फिर ऐसे ही करीब बीस दिन निकल गये. दोस्तों मेरी मौसी दिखने में ज़्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उनका बदन बहुत हॉट, फिगर सेक्सी और उसकी हाईट 5.3 और बूब्स थोड़े ठीक ठाक थे और बहुत आकर्षक लगते थे, मौसी की उम्र करीब 31 थी और वो अब तक कुंवारी थी, वो बारिश का मौसम था.
एक दिन में शाम को अपने घर पर थोड़ा जल्दी आ गया तो मम्मी ने मुझसे कहा कि में और तुम्हारे पापा किसी जरूरी काम से उनके एक दोस्त के घर पर जा रहे है और हम दोनों रात को थोड़ा देरी से वापस आएँगे और रचना को कुछ शॉपिंग करनी है तो तुम अपनी मौसी के साथ में चले जाओ. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है मम्मी.
फिर में और मेरी मौसी बाईक पर शॉपिंग के लिए चले गए, मौसी ने अपनी खरीददारी में थोड़ा समय लगा दिया और जब वो अपने सभी कामों से फ्री हुई तो हम वापस लौटने लगे, लेकिन वापस आते समय ज़ोर से बारिश होने लगी और हमें कहीं भी रुकने के लिए जगह नहीं मिल रही थी, इसलिए हम लगातार चलते रहे और कुछ ही देर बाद हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे और अब बारिश के साथ हवा भी बहुत ज़ोर से चल रही थी, जिसकी वजह से हम दोनों कांपने लगे थे और पूरे भीगे होने की वजह से हमें अब बहुत सर्दी लगने लगी थी, जिसकी वजह से मौसी की पकड़ अब मुझ पर धीरे धीरे बहुत मजबूत होने लगी थी.
फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी गाड़ी को थोड़ा साईड में लाकर रोक दिया और फिर मैंने मौसी से पूछा कि क्यों आप ठीक तो हो ना? तो उन्होंने मुझसे कांपते हुए कहा कि मुझे बहुत ठंड लग रही है, यह पानी और हवा दोनों ही बहुत ठंडे है. अब मैंने उनसे कहा कि बस थोड़ी ही देर में हम अपने घर पर पहुंच जाएँगे और मैंने अपनी बाईक को दोबारा स्टार्ट किया, लेकिन बारिश और हवा दोनों ही अचानक से बहुत ज़्यादा तेज हो गई थी.
मौसी के एक हाथ में उनका कुछ सामान था और एक हाथ मेरे कंधे पर था. मैंने उनसे कहा कि आप थोड़ा ठीक तरह से मुझे पकड़कर बैठना. दोस्तों वो सर्दी की वजह से बहुत कांप रही थी, इसलिए उन्होंने तुरंत मेरी यह बात सुनकर अपना हाथ मेरे कंधे से हटा लिया और मुझे मेरी कमर से ज़ोर से कसकर पकड़ लिया. वो मुझसे अब पूरी तरह से लिपट गई थी और उनके बूब्स मेरी पीठ को छू रहे थे. में उनके बूब्स की गरमी और आकार को बहुत अच्छी तरह से महसूस कर सकता था और उस वजह से अब मेरे पूरे बदन में जैसे करंट लग गया था और उसकी वजह से मेरा लंड भी अब धीरे धीरे खड़ा हो गया और हम दोनों बस कुछ ही देर बाद अपने घर पर पहुंच गये और अब तक हम दोनों बिल्कुल भीग चुके थे.
फिर हम घर के अंदर गये और मैंने लाईट को चालू किया और मैंने जैसे ही मौसी की तरफ देखा तो में उन्हें देखकर बिल्कुल पागल सा हो गया, क्योंकि भीगने की वजह से उनके पीले रंग की ड्रेस में अंदर की तरफ से नीले रंग की ब्रा और पेंटी साफ साफ दिख रही थी और में घूरता हुआ वो सब देखता ही रह गया और मौसी को भी मेरी नजर का पता चल गया कि में उनकी ब्रा, पेंटी को घूर घूरकर देख रहा हूँ और उन्होंने मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड भी देख लिया था और वो थोड़ा सा शरमाई और मम्मी के रूम में चली गई.
दोस्तों उनके अचानक से चले जाने की वजह से मुझे लगा कि मौसी मेरी गंदी खा जाने वाली नजर का बुरा मान जाएगी, लेकिन में क्या करता? में तो बिल्कुल पागल सा हो गया था, मुझसे अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और उस समय मम्मी और पापा भी घर पर नहीं थे और उस समय रात के 9:30 का टाईम हुआ था और बाहर बारिश अब भी बहुत ज़ोर से लगातार हो रही थी. फिर में भी अपने रूम में चला गया और अब में अपने कपड़े बदलने लगा और वापस बाहर आकर सोफे पर बैठकर टी.वी. देखने लगा.
तभी इतने में मौसी भी वहां पर आ गई, उन्होंने ग्रे कलर की ड्रेस पहनी हुई थी और में वापस उन्हें घूरकर देखता रह गया, क्योंकि उनके उस बिल्कुल टाईट ड्रेस से उनके बूब्स के साथ साथ उनके पूरे गदराए हुए बदन का आकार बाहर से साफ साफ नजर आ रहा था. उस पल को में किसी भी शब्द में आप सभी को नहीं बता सकता कि में उस समय क्या महसूस कर रहा था और मेरे मन में अपनी सेक्सी मौसी के लिए क्या क्या चल रहा था.
फिर उन्होंने मेरी नजर से बचने के लिए मेरा ध्यान अपने सेक्सी जिस्म से हटाने के लिए मुझसे कहा कि हमें बहुत देर हो गई है, में हमारे लिए खाना बना लेती हूँ. अब मैंने उनसे कहा कि आपको इन सभी कामों को करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मम्मी ने हमारे लिए खाना पहले से ही बनाया हुआ है, हमें तो बस खाना खाकर मज़े करने है.
दोस्तों वो मेरी यह बात सुनकर शरारती तरीके से मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी. फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर से टी.वी. देखने लगे, लेकिन अब हम एक दूसरे से आँख नहीं मिला रहे थे, लेकिन हमारे मन में कुछ और ही था और शायद वो भी अपने सेक्सी जिस्म की आग में तड़प रही थी, लेकिन मुझसे छुपाने की कोशिश कर रही थी. फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि अब 10:30 बज चुके है और में अब सोने जा रहा हूँ. तभी मौसी ने तुरंत मुझसे कहा कि मुझे यहाँ पर अकेले में बहुत डर लग रहा है, तुम जब तक तुम्हारे मम्मी, पापा वापस नहीं आ जाए तब तक तुम यहीं पर मेरे पास बैठे रहो और मुझसे बातें करो प्लीज.
फिर मैंने कहा कि ठीक है, आप कहती है तो में आपके पास बैठ जाता हूँ, लेकिन दोस्तों उसे क्या पता कि मेरे दिल में अब एक शैतान था, जो अपनी नींद से उठ चुका था और उनको अपने सामने देखकर मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, मेरा लंड अभी भी तनकर खड़ा था और मेरे धीरे धीरे झटके दे रहा था, जिसकी वजह से मुझे एक बहुत अजीब सा असहनीए दर्द हो रहा था, जिसको में अपने किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता कि मुझे वो कैसा दर्द हुआ था? दोस्तों मौसी भी अब बार बार मेरे लंड को देख रही थी.
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और उनसे कहा कि मौसी आप बहुत सुंदर हो और सेक्सी भी, लेकिन मौसी मुझसे कुछ नहीं बोली और वो अपने सर को झुकाकर शरमाने लगी और फिर मुझे पूरा यकीन हो गया कि मौसी भी शायद अब तैयार है, मुझसे अब ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा था और आख़िर मैंने मौसी को ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया और उनके होंठो पर किस करने लगा.
फिर मौसी ने मुझे अपने से अलग करने की बहुत बार नाकाम कोशिश की, लेकिन वो जैसा चाहती थी वैसा नहीं कर पाई. मैंने उनको ज़ोर से पकड़ा और होंठो पर किस के साथ साथ उनके सुंदर बूब्स को दबाने लगा और धीरे धीरे सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने के कुछ देर बाद उन्होंने विरोध करना बिल्कुल बंद कर दिया, वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और अब उनको भी मेरे साथ बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन वो कहने लगी कि यह सब बहुत ग़लत काम है, यह एक पाप है, प्लीज छोड़ दो, मुझे जाने दो प्लीज, लेकिन दोस्तों में तो एकदम पागल सा हो गया था, जिसकी वजह से मुझे कुछ भी नहीं सुनाई दे रहा था, में बस ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाकर निचोड़ रहा था और उनके मुहं से जोश के साथ आह्ह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ की आवाज निकल रही थी, लेकिन वो अब भी मुझे अपने आपसे दूर करने की लगातार कोशिश कर रही थी, लेकिन दूर नहीं कर पाई. फिर में तुरंत अपने एक हाथ उनकी सलवार के ऊपर से उनकी चूत को सहलाने लगा और एक हाथ से बूब्स को भी दबाने लगा.
अब मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार के नाड़े पर लगा दिया तो उन्होंने झट से मेरा हाथ पकड़कर मुझे रोक दिया और कहने लगी कि में तुम्हें अपने साथ यह सब नहीं करने दूंगी, प्लीज अब छोड़ दो मुझे. फिर मैंने उनके कान में धीरे से उसे समझाते हुए कहा कि प्लीज मुझे आज मत रोको, अगर तुम्हारे साथ ऐसी कुछ भी समस्या हुई तो में तुमसे शादी जरुर करूँगा और वैसे भी तुम मेरी मम्मी की बहुत दूर की बहन हो, हमारी शादी से शायद किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. फिर मौसी ने मुझसे कहा कि वो अब तक वर्जिन है और उसने कभी सेक्स नहीं किया, इसलिए यह सब करने से उन्हें बहुत डर लग रहा है.
फिर मैंने उनसे कहा कि तुम मुझ पर विश्वास करो, में ऐसा कुछ भी तुम्हें नहीं होने दूंगा, में बहुत धीरे धीरे करूंगा, एक बार थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन फिर उतना ही मज़ा भी तुम्हें जरुर आएगा और अब अपने सभी कपड़े उतारो. फिर मौसी ने बहुत डरते हुए एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए. दोस्तों में तो उनके झूलते हुए बूब्स और कामुक चूत को अपने सामने देखकर बिल्कुल पागल सा हो गया और अब में उनको गोद में उठाकर अपने रूम में ले गया, उनको मैंने अपने बेड पर लेटा दिया और फिर एक भूखे जानवर की तरह की में उन पर टूट पड़ा. दोस्तों मैंने भी कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन सेक्स वीडियो बहुत बार देखे थे.
मैंने उनको अब होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और फिर बूब्स पर, गर्दन के नीचे पूरे बदन पर, उनके बूब्स को चूसने लगा, वाह क्या बूब्स थे एकदम मुलायम, लेकिन ज़्यादा मोटे नहीं थे, गोल गोल थे और में उनको देखकर पागल सा हो गया था, उनकी चूत के ऊपर थोड़े बाल थे. मैंने अब उनकी चूत को घिसना और अंदर ऊँगली करना शुरू किया, वो अब भी डर रही थी और आह्ह्ह्ह स्स्सीईईइ भी कर रही थी. फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से उनके दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला दिया और अब में नीचे झुककर उनकी कुंवारी चूत पर किस करने लगा, सूंघने लगा और अब मैंने उनकी चूत को अपने एक हाथ से थोड़ा सा खोल दिया, वो आकार में बहुत छोटी, लेकिन अंदर से बिल्कुल लाल थी और उस चूत के ऊपर एक सुंदर छोटा सा हल्का गुलाबी रंग का दाना मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगा और फिर मैंने जल्दी से उसके अंदर अपनी एक उंगली डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
दोस्तों मेरे कुछ देर ऐसा करने के बाद वो थोड़ी ही देर में धीरे धीरे गरम होने लगी और अब उनका डर भी दूर हो गया. फिर मैंने दोबारा किस करना शुरू किया, में अपने एक हाथ से चूत में उंगली कर रहा था और एक हाथ से बूब्स को ज़ोर से दबाकर निचोड़ रहा था, लेकिन दोस्तों मैंने ऊँगली को अंदर डालकर महसूस किया कि मौसी की चूत अंदर से ज़्यादा टाईट नहीं थी, शायद वो अपनी चूत में कुछ ज्यादा ही उंगली किया करती थी. फिर मैंने उनसे पूछा कि आप अपनी चूत में कितनी बार उंगली डालती हो?
फिर वो बोली कि तुम्हें इस बात का कैसे पता? तो मैंने कहा कि बस मुझे ऐसे ही पता चल गया और अब हम दोनों ने एक दूसरे को ज़ोर से अपनी बाहों में पकड़ लिया और एक दूसरे को लगातार किस करने लगे. तभी मैंने सही मौका देखकर अपना खड़ा हुआ लंड मौसी के हाथ में दे दिया और उनसे कहा कि अब आप मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाओ और चूसो. फिर मौसी ने मेरा लंड अपनी मुट्ठी में ले लिया और धीरे से हिलाने लगी और वो थोड़ा सा शरमाई, क्योंकि वो आज पहली बार किसी का लंड अपने हाथ में पकड़कर उसे हिला रही थी, उसे यह सब करना बहुत अलग सा लग रहा था और थोड़ी देर लंड को हिलाने के बाद मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरा लंड चूसो. दोस्तों वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा हिचकिचाई, उसे यह काम करना तो बहुत दूर की बात थी, उसे यह बात सुनना भी बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन वो एक बार यह काम भी करके जरुर देखना चाहती थी.
फिर उसने अपनी दोनों आखों को बंद किया और मेरे लंड को अपना पूरा मुहं खोलकर धीरे धीरे अंदर लेकर चूसने लगी और लंड के सुपाड़े पर अपनी जीभ को घुमा रही थी, वो कुछ देर चूसने के बाद अब जब उसे जोश के साथ साथ मज़ा आने लगा तो वो लंड को पूरा अंदर बाहर कर रही थी और आईसक्रीम की तरह चूस रही थी. दोस्तों में तो अब बिल्कुल पागल हो गया था, वो जोश में आकर किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़कर चाट रही थी और चूस रही थी और उसके थोड़ी देर लंड चूसने के बाद लंड बहुत कड़क हो गया, जिसकी वजह से मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने लंड को तुरंत उसके मुहं से बाहर निकाला और उसके दोनों पैरों को पकड़कर पूरा खोल दिया और फिर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के छेद के पास लगाया और थोड़ा ज़ोर लगाया.
फिर वो थोड़ा सा चूत के अंदर चला गया, लेकिन मौसी के मुहं से आह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईई की आवाज निकल गई और थोड़ी सी दर्द की वजह से चीख भी निकल गई. उन्होंने उस दर्द की वजह से मुझे बहुत कसकर पकड़ लिया और अब तक मौसी की चूत ने पानी छोड़ दिया था, जिसकी वजह से चूत बहुत गीली हो गयी थी, इसलिए मैंने सोचा कि लंड एक ज़ोर के झटके में फिसलता हुआ अंदर चला जाएगा. फिर मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल लिया और अचानक से एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मौसी की चीख निकल गई और वो तड़पने लगी, उछलने लगी.
फिर मैंने तुरंत मौसी के दोनों हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया. मैंने अब एक और ज़ोर से झटका लगा दिया और मैंने महसूस किया कि अब तक मेरा आधा लंड अंदर चला गया था और मौसी की आँख से आँसू बाहर निकलने लगे थे, लेकिन उन्होंने उस दर्द पर बहुत कंट्रोल किया. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से करीब 6-7 और लगातार धक्के लगाए तो मौसी की बहुत ज़ोर से चीख निकल गई.
मैंने मौसी के होंठो पर किस किए और अब धीरे से झटके लगाने लगा और मौसी अब भी बहुत तड़प रही थी, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने बस लगातार झटके लगाना शुरू कर दिया था और मेरे धक्को की वजह से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी और में उसके बूब्स को ज़ोर से दबा रहा रहा था और कुछ देर बाद उसका दर्द जब थोड़ा कम हुआ तो वो भी आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी. अब मैंने कुछ देर धक्कों के बाद उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उनको मज़े से धक्के देकर चोदने लगा. दोस्तों मेरा लंड अब पूरा अंदर चला गया था और कुछ देर की चुदाई के बाद में अब झड़ने वाला था.
तभी मेरे धक्को की स्पीड अचानक ही कुछ ज़्यादा हो गई और करीब ज़ोर के दो तीन धक्को के बाद में झड़ गया. मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और में मौसी के ऊपर ही लेट गया, लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे जब होश आया तो मुझे मन ही मन उस चुदाई का बहुत अफ़सोस हुआ कि यह मैंने क्या किया? मैंने देखा कि मौसी रो रही थी और मौसी की चूत से खून और मेरा वीर्य बाहर निकल रहा था और उस समय 11:30 का टाईम हुआ था.
फिर मैंने मौसी के गाल पर, आँख पर, सर पर किस किया और मैंने उनसे कहा कि में तुम्हें कभी भी धोखा नहीं दूँगा. मैंने मौसी को टाईट हग किया तो मौसी अब थोड़ा मुस्कुराई और मैंने कहा कि में एक बार और तुम्हें चोदना चाहता हूँ, तो मौसी ने कहा कि नहीं मुझे बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उनसे कहा कि क्या तुम मेरे लिए यह हल्का सा दर्द नहीं सहन कर सकती हो? वो शरमाई और फिर हम दोनों उठकर एक साथ बाथरूम में चले गये. वहां पर उसने अपनी चूत और मेरे लंड को पानी डालकर अच्छी तरह से साफ किया, लेकिन तब तक मेरा लंड उनके छूने की वजह से वापस खड़ा हो चुका था और मैंने फिर से उन्हें किस करना शुरू किया और उनके लटकते हुए बूब्स को दबाने लगा. फिर मैंने उन्हें इशारा किया कि तुम मेरा लंड चूसो.
फिर वो तुरंत मेरा लंड चूसने लगी और थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा कि तुम अब दीवार की तरफ झुक जाओ और अपने दोनों हाथ दीवार पर लगाओ और उसने ठीक वैसा ही किया. मैंने पीछे से उसकी कमर को पकड़ा और घोड़े की स्टाईल में अपना कड़क लंड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और में उसके बूब्स को भी दबाने लगा, वो अब सिसकियाँ लेने लगी और उसको अब बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ देर बाद में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा और करीब दस मिनट बाद में दोबारा से उनकी चूत में झड़ गया.
