दोस्त की चुदास बीवी


हैलो दोस्तो। अन्तर्वासना के दुनिया में सबका स्वागत करता हु. मैं रोज़ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पढ़ने आता हु… मेरा नाम सुनील कुमार है और मेरे दोस्त का नाम राजीव है। यू तो हम बहुत अच्छे दोस्त थे, मगर एक बार चुनाव में उसके पिताजी ने मेरे पिताजी को वोट देने से मना कर दिया. 

और जब मैंने अपने दोस्त से कहा कि तू मेरा दोस्त है तू तो हमें वोट देगा तो उसने कहा कि मै अपने पिताजी से अलग नहीं चल सकता.

मेरी बीवी की पहली चुदाई

मुझे गुस्सा तो आया बहुत आया पर मैंने सोचा कि इस बात का जवाब इसे फिर कभी दूंगा।

और बात आई गई हो गई।

खैर अब हम कहानी की ओर चलते हैं जो कि मेरी और मेरे दोस्त की बीवी सीमा की है.

यह कहानी अब से कोई 10 साल पहले की है मेरे दोस्त की नई-नई शादी हुई थी.

उसकी बीवी बहुत सुंदर थी हिंदी फिल्मों की हीरोइन तनुश्री दत्ता जैसी।

पहली नजर में तो वह कोई मुझे कुछ खास नहीं लगी मगर वह बहुत शरारती नेचर की थी.

जब भी मैं अपने दोस्त से मिलने उसके घर जाता वह देवर भाभी की तरह कुछ ना कुछ शरारती बातें करती रहती.

मैं उसकी बातें सुनकर झेप जाता।

एक बार मैंने अपने दोस्त के पास फोन किया तो फोन उसकी बीवी ने उठाया .

मैंने उससे पूछा राजीव कहां है.

तो उसने बोला कि वह तो डॉक्टर के पास मेरी दवाई लेने गए हैं।

मैंने यूं ही शरारत में बोला कि हर वक्त उसे अपने काम में लगाए रखती हो..

तो उसने बोला कि क्या करें लंड का दण्ड तो भुगतना ही पड़ता है.

मैं उसकी बातें सुनकर हैरान हो गया.

मैंने कहा कि आप क्या बोल रहे हैं और मैंने फोन रख दिया.

इस तरह धीरे-धीरे मेरी और उसकी बातें होने लगी.

यह बातें धीरे धीरे सेक्स चैट का रूप लेने लगी.

कुछ दिनों बाद मेरे दोस्त का ट्रांसफर बेंगलुरु हो गया अब हम दोनों रात को घंटों बातें किया करते.

मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें किश करना चाहता हूं.

उसने हंसते हुए कहा कि सिर्फ किश से मेरा क्या होगा..

मैंने हंसते हुए कहा किश तो सिर्फ बहाना है..

उसने कहा कि चलो मैं कोई रास्ता निकालती हूं.

2 दिन बाद मेरे दोस्त का फोन आया.

उसने बोला कि सुनील एक बार मेरे घर जाओ और मेरे घर लाइट नहीं आ रही है उसे ठीक कर दो.

क्योंकि मैं इलेक्ट्रिक इंजीनियर था, शो मुझे यह काम आता था.

मेरे दोस्त के फोन आने के बाद सीमा का फोन मेरे पास आया.

उसने कहा कि तुम मेरे घर अभी मत आना, अभी मेरे सास ससुर घर है. यह कुछ देर में बाजार जाने वाले हैं तब तुम मेरे घर आना कोई शक नहीं करेगा.

और इस तरह करीब 1 घंटे बाद में उनके घर गया.

मेरे मन में अजीब सी खलबली मची थी.

पहली बार किसी को किश करने वाला था.

मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया था.

फिल्मों और पोर्न वीडियो में ही सब कुछ देखा था.

मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं आज सच में यह सब करने वाला हूं.

जब मैं उसके घर पहुंचा तो वह नहा कर निकली थी और उसके बाल गीले थे.

उसका फिगर तो बताना भूल ही गया.

उसकी चूचियां बहुत मोटी थी और गांड भी बाहर को निकली हुई सी थी.

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नरम भाभी की गरम चुत


हैलो दोस्तो मेरा नाम विक्रम साह‌ है. अन्तर्वासना के दुनिया में सबका स्वागत करता हु. मैं रोज़ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पढ़ने आता हु… मैं रायपुर का रहने वाला हूं. मेरा उम्र 28 वर्ष है और 5.6 मेरी ऊंचाई है. 

मेरे लन्ड का साईज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

हम अपने पापा के तीन बेटे हैं और मैं सबसे छोटा हूं.

मुझे सेक्स करना बहुत पसंद हैं.

मैंने बहुत से लड़कियों और औरतों की खुब चुदाई भी किया है और उनको खुश किया है.

मुझे बचपन से ही सेक्स का खेल बहुत पसंद हैं क्योंकि जब हम छोटे थे तो हमारे पड़ोस में 3 लड़कीया थी जो उम्र में मुझसे 2-3 साल की बड़ी थी.

उन्होंने ने ही हमें सेक्स का खेल सिखाया था और वो अक्सर हमसे चुदाई करवाया करते थे .

कभी कभी तो वो आपस में झगड़ भी जाते थे हमसे चुदाई करवाने के लिए.

इन सब के कारण हमें चुत चुदाई की लत सी लग चुका था.

धीरे धीरे हम लोग बड़े होने के बाद भी यह खेल चलता रहा और उनकी शादी हो गई और हम चुत के लिए तरसने लगे.

पड़ोस के कुछ औरतों की हमने चुदाई तो किया लेकिन वो भी अपने पतियों के डर से हमें ज्यादा टाइम नहीं दे पाते थे और हमारे चुदाई का मज़ा अधुरा रह जाता था.

हमारे दिन बड़े ही मुश्किल से गुजर रहे थे कि पापा ने हमारे दोनों बड़े भाई लोगो की शादी तय कर दिया.

हमने भी पापा को शादी के लिए बहुत हेल्प किया और फिर शादी में खुब मज़े किए.

शादी के टाइम हमने एक आन्टी जो उम्र में 40 की बड़ी खुबसूरत देखने में 30 की लगती थी उनको शराब पिलाकर खुब चोदा था और फिर बारात वाले दिन भाभी की सहेली को पटा कर चुदाई कर दिया.

अब शादी के टाइम हमने बहुत मज़ा किया और फिर शादी के बाद हम फिर से चुत के लिए तड़पने लगे.

शादी के बाद एक भैया जो घर से बाहर जांब करते थे, भाभी के साथ जाकर वहां रहने लगे और बड़े भाई और भाभी हम लोगों के साथ ही रहते थे.

हमारे बड़े भैया जो सिक्यूरिटी गार्ड के पोस्ट पर काम कर रहे थे और उनकी नाईट ड्यूटी की थी.

शायद इस कारण बड़ी भाभी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हो पाया करता था क्योंकि भैया रात में ड्यूटी करते और दिन में सोते थे और भाभी को घर का काम भी तो करना रहता था.

फिर एक दिन जब हम बाथरूम में जाकर पेशाब कर रहे थे तो हमें लगा कि कोई हमें देख रहा है.

चुकि हम जब भी पेशाब करने जाते है तो हमें पैंट और अंडरवियर घुटने तक नीचे उतार कर ही पेशाब करते हैं.

हमारे यहां जहां पर बाथरूम है उससे कुछ ही दूरी पर किचन है और वहां बाथरूम के सीधे में ही खिड़की लगा था जिसमें पारदर्शी शीशा लगा हुआ था और बाहर का सारा नज़ारा दिखाई देता है.

हमारे मन में अभी तक भाभी को लेकर ऐसा कोई ग़लत विचार नहीं बना था लेकिन उस दिन के बाद हम जब भी पेशाब करने जाते बहुत देर तक पेशाब करते थे और हम वहीं खड़े होकर लन्ड को हिला देते.

धीरे धीरे हम भाभी की ओर सेक्स के लिए प्लान बनाने लगे.

अब वो जब भी हमारे सामने आती हम ऊपर से ही अपने लन्ड पर हाथ फेरते और वो हल्की सी मुस्कान दे दिया करते थे और हम भी किचन में उनको हेल्प करने के बहाने उनको टच कर दिया करते थे.

फिर हमने महसूस किया कि अब हम जब किचन में जाते वो वहां से निकल कर बाथरूम में जाकर अपनी साड़ी को पूरा ऊपर उठा कर पेशाब करने लगती.

तब हमें यह तो पता चल गया था कि आग दोनों तरफ से लगा हुआ है.

फिर हमने उनको चोदने का पूरा प्लान बना लिया और किस्मत ने भी हमारा साथ दिया.

शाम को बुआ के घर से फोन आया और पापा मम्मी को बुआ ने अपने घर बुलाया.

मम्मी पापा बड़े भैया को लेकर बुआ के घर जाने के लिए मान गए.

मम्मी ने रात में ही भाभी को कहा दिया था कि बहु सुबह हमें जल्दी निकलना होगा तो तु सुबह जल्दी उठकर खाना बना लेना और हेल्प कि जरुरत हो तो विक्रम को उठा लेना.

हमने जब यह सुना तो हमने भाभी के सेक्स के तड़प को बढ़ाने के लिए प्लान बना लिया और हमें पता था कि भाभी हमें सुबह जल्दी जगाने जरूर आएंगे.

तो हम जानबूझकर सारे कपड़े उतार कर सोये हुए थे और इंतजार कर रहे थे कि कब भाभी हमारे कमरे में आकर हमें इस तरह देखें.

सुबह के 4:30 ही हुआ था कि भाभी हमें कमरे के बाहर से आवाज दे रहे थे फिर दुसरी बार उन्होंने हमारे रूम के दरवाजे को धक्का देते हुए लगाया.

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लण्डधारी शैतान


नमस्ते दोस्तो मेरे नाम अनीकेत है में नागपुर का रहें वाले हू। मेरी लंबाई छे फ़ीट है और रंग सावला है और में एक ओडीट कम्पनी में फील्ड ओफीसर हू। ये मेरी पहली चूदाइ (chudai) की कहानी है। आशा है कि आप सभी को ये कहानी बेहद पसंद आएगी।


मेंरे पापा एक ढेकेदार है।

उनका कलरींग का काम चलता है हमारा चार कमरे वाला घर है जीसमे कीचन और होल ओर तीन बेट रोम है दो नीचे और एक ऊपर है मेरे परिवार में मैं, मैरी दीदी, पापा , माँ रहते हैं।


बात उन दिनों की हैं जब मैं दसवीं के बाद गरमी की छुटी मना रहा था बस दीं भर बाहर घूमना, दोस्तों के घर जाना और फोन में चूदाइ के वीडियो देखन, फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पडना और उपर वाले से कोई जूगाड मंगना।


अब मैं कहानी की शुरुआत करताहूं।


एक दिन पापा एक मैरिज कपल को घर ले आये, और हम सब को बता ने लगे की ये दोनो अब कूछ महीनों के लिए यहाँ रहेगे क्यों वो आदमी जीसका नाम गणेश था पापा के पास काम करता था।


और जब मैंने उसकी पत्नी को देखा तो देखता ही रह गया, क्या वो बला की खूबसूरत थी, गोरा रंग, बड़ी बड़ी आखे, हाइट तकरीबन सडे 5 रही होगी। उस के बूब्स कमसे कम 38D के तो जरूर होगे और कमर 32 की होगी और गांड 36 की होगी।


उसे देखने के बाद अछे से अछा आदमी का भी लंड खडा हो जाये गया। बस कयामत की खूबसूरत थी।


मै बस उसे देखेही जा रहा था, और उतना मे पापा की आवाज मैरे कानों पर पडी, और मेरी नज़र उसकी गांड पेसे हटी और पापा मुझे बोले की आज से तू भी नीचे वाले कमरे में सोयेगा, और ये दोनों तेरे कमरे में सोयेंगे, में बोला की नीचे वाले कमरा दे दो तो मम्मी कहने लगी नीचेवाले कमरे में पापा का का सामना रखा है।


और मैरा पूरा मुड खराब हो गया, क्योंकि मैं मैरे रूम में चूदाई के वीडियो देखकर मूठ मारा करता था और दोस्तों के साथ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पडता था।


पेशल रूमना होने के कारण मूझे पूरी आजादी थी पर अब तो ये सब बहोत कम होगा पर पापा और मम्मी उने उपर वाले कमरे में लेकर चलेगी और मैं भी मेरे दोस्त अभी के घर चला गया अभी से भी मेरी इस बात पर बात हूँ तो वो बोल ने लगाया की अछा है कम से कम बूब्स देखने मीलेंगे, मैं उसे गाली देते हुए उस बातों को वही बंद कर दिया, पर उसके वजह से मैं और भी सोच ने लगा।


फिर कूछ हप्ते बाद में जब शाम को घर आया तो सीधे अपने कमरे में चले गए क्यों की उपर वाले कमरे की सीढ़ीया बरामदे से ही थी.


मैं जेसे ही अंदर गया तो गणेश भाउ की बीबी सामने सो रहीं थी और साढी घूटने के उपर तक थी मूझे उस जांगे साफ साफ दिखाई दे रही थी।


उसके पैर और जांगे इतनी साफ और सफेद थी की दूध जेसी मैं उस की जांगो को घूरा जा रहा था तभी वो बोली, आप और मूजे याद आया की मेरा रुम में अब वो लोग रहते हैं में सोरी बोल के वहा से जाने लगा उतनें में उसने आवाज दी रोको और मैं रूक गया वो बोली की लाइट कब आएगी शायद बीजली नहीं थी, मैं बोला, बीजली तो वेसे जाती तो नहीं है पर भी मैं चेक करता हु, और मेने मम्मी को आवाज दी और पूछा की बीजली है क्या तो वो हा बोलीं, और में कमरे के अंदर जाने के लीया पुछा तो वो बोली आप काही घर है, और में अंदर गया और फीयुज चेक करने लगा क्या की उसका बंटन कभी कभी बंद हो जाता था और में उने भी बता या मेंने उसे उनका नाम पूछा क्यों गणेश का नाम पता था पर इनका नहीं..


तो वो बोली मेरे नाम राची है, और मै बोला मैर नाम, तो वो उतने में बोली अनीकेत और घर में सभी अंनी बूलाते है, मैं बटन दबाके बोला आप को के से पता, तो वो बोली आप की माँ ने बताया फिर मै बोला आप मुझे आप कहके मत बूलो ला करो तो वो बोली क्यों, क्या खराबी है आप कहने मे क्योंकि आज से पहले मूझसे येसी बात नहीं की और आप मुझसे उमर मे बडी हो इतना कह कर में नीचे चला गया, रात में मम्मी ने उन्हें खाने को नहीं चे ही भूलाया राची ने लाल रंग की साड़ी पेनी थी, जीसमे वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। खाना खाते हूवे पूरी वक्त मेरी नज़र बस उसे ही देखते जा रही थी, उसके बडे बूब्स काफी कातीलाना दीख रहे थे। मेरे साथ नउ इंच लंड बार बार खड़ा हो रहा था उसे रात मे ने तीन बार उसके नाम की मूठ मारी…


अगले कुछ दिन में वो सभी के साथ घूल मील गई जब वो टीवी देखने के लिए नीचे आती तो मैं उसके बदन को नीहारता, और रोज उसके नाम की मूठ मारता था।

ये सब तकरीबन एक से दो महीनों तक चला, एक दिन अभीने मूजे वीडियो का नया कलेक्शन दीया और मैं घर लौट कर पहले उपर के कमरे में देखा तो मेने सोचा की राची टीवी देखने के लिए नीचे गयी है और मैं उसके कमरे में जाकर वीडियो देखने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा आचानक मरी नजर सामने की काच पर पडी और मेरे हूश उड गये। काच नमे की राची खडी थी और मेरे फोन में जाक रहीं थी।

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लम्बा सफर सिस्टर के साथ


हेलो फ्रेंड्स, यह मेरी पहली कहानी है ओर वौ मेरी बहन के साथ , मै भी वर्जिन था और वौ भी वर्जिन. मैं जोधपुर का रहने वाला हूं, मेंरे परिवार में ममी पापा दादा दादी ओर बहन है जो की मेरे से छोटी है मै 12 के एग्ज़ाम देकर और 1 साल ड्रॉप करने के बाद जयपुर चला गया B.Sc. करने ।


मेरि बहन अभी 11 वी क्लास में है । मेरी बहन मुझे 12 क्लास से ही अच्छी लगने लगी थी क्योकिं उस समय में दोस्तो के साथ पोर्न देखने लगा था तो मुझे मेरी बहन अच्छी लगने लगी क्यौंकि उस समय वो जवान हो रही थी और मैं उसके साथ सेक्स करने की सोचने लगा था ।


लेकिन सायद मेरी बहन ने ये सब नहीं सोचा होगा । 12 क्लास ऐसे ही निकल गयी कुछ नहीं हूआ बस हिलाता रहा । मेरी बहन का नाम काजल है और पापा की मैडिकल शॉप है ।


फिर मैं B.Sc. करने जयपुर चला गया ।जब मेरा 1 year चल रहा था जब मैं घर आया क्योकिं कॉलेज मे तो सेटिंग हूई नही थी और बस वो ही पूरे दिन हिलाना ओर सो जाना ।यह बात पिछले साल की है जब मै घर आया तो कुछ दिन तो आराम से निकल गए ।


बाद मै सोचा चलो आज बहन से बात कर ही लेते है ।फिर उस समय शाम हौ रखी थी और बहन खाना बना रही थी तो मे रसोई घर में जाकर उसकी मदद करने लगा ।ओर बहन के पास मैं खडा हो गया । उस समय ममी बाहर काम कर रही थी ।


तौ मै ने सिस्टर se कहा कि मै तूझे एक बात ब्ताऊगा अगर तु किसीको नहीं बताएं तो सिस्टर ने कहा bta दे लेकिन में ने कहा पहले ममी पापा की कसम खा कि तु किसीको नहीं ब्तयेगी ।फिर वो सोचने लगी सायद कोई एसी वेसी बात होगी फिर सिस्टर् ने कहा कि अगर कोई गलत बात हूई तौ वौ ममी को बता देगी ।


फिर मेने सोचा यार कही बता दिया तो इसकी तो नही मिलेगी ऊपर से गांड पीटेंगे फालतू में फीर मेने उस बात को टाल दिया । लेकिन चोदने की मन में तो थी करू kya ।फिर मै वापस कॉलेज चला gya । एसे करते करते मेरा 1 year कम्पलीट हो गया ।


लेकिन बीच बीच मै घर पर आता था लेकिन बात नही बनती थी ।


अब मेरी सिस्टर ओर भी जवान हो गई थी। गौरी गौरी गाल, बडी बडी गांड, 30, 32 का फिगर ।क्या कहना यार मेरी सिस्टर का ।bc मेरेको को तो कमाल लगती थी ।फिर आया सही टाईम ओर वो टाईम था लॉकडाउन का टाईम इधर मैं घर पर आ गया था। फिर घर पर आने के कुछ दिनों के बाद एक बात का पता चला और वौ थी मेरी बहन ओर एक लडके की सेटिंग होना जो कि उसी के स्कूल का था ।


मेरि सिस्टर के पास खुद का फोन नही था तो वो अपने फ्रेंड् के घर जाकर पढने के बहाने उस लडके से बात करने के लिए ।फिर उसका पता तब लगा जब एक दिन दौनो कौ बात करते हुए आंटी ने पकड़ लिया और घर पर बता दिया फिर पापा ने उसको 3 4 मारी ओर स्कूल जाना बंद कर दिया सीधा पेपर दिलवने लेकर ग्ये ।


यह मुझे तब पता चली जब लॉकडाऊन मै घर आया ।तब मैं ने सिस्टर से बात करने करने का सोचा ओर फीर मेने सिस्टर कौ अकेले रुम मेरी बुलाया और सारी बात पूछी पहले तो उसने बताने से मना कर दिया लेकीन थोड़ा दबाव देने पर बताने लगी और साथ में रोने भी लगी ओर बताया कि मेरी सभी सहेलियो के bf h ओर वो स्कूल मैं बात करती रहती तो मेरा भी मन करता है ।


फिर मेने समझाया की शादी से पहले ये सब सही नही है ये सब तो बाद में भी हौ सकता लेकिन पहले पढना जरूरी है । फिर मेने सोचा यार क्यौ न मौके पे चोका मारा जाये फिर मैं ने कहा सच सच बता कि क्यौ बात करती थी फिर वो दोबारा रोने लगी और साथ में बताने लगी …. कि मेरा मन करता है सेक्स करने के लिए । (मैं सोचने लगा यार इतनी आसानी से केसे कह दिया) कुछ देर वो भी चुप रही ओर में भी छुप रहा ।


फिर मेने कहा रात को करते है अभी जाओ ।फिर रात भी हो ग्यी मेरे अन्दर तो चूल मची हूई थी की जल्दी रात हो 11 बजे के आस पास सभी सो ग्ये तो मे उसके रूम में ग्या तो सिस्टर उस समय लाईट जलाकर सौ रही थी सलवार टीशर्ट में ।तो मेरे रूम के अन्दर जाते ही खड़ी हो गई फिर मेने कहा चलो मेरे रूम में चलते है ।फिर वो मेरे साथ साथ आ ग्यी । फिर रूम में जाते ही गेट बंद कर दिया ओर सिस्टर को बैड पर बेठा दिया ।फिर में उसके पास बेठ ग्या ओर कहने लगा यार ये सब इतनी जल्दी सही नंहि है आगे सोचना चाहिए फिर बहन कूछ ना बॉली ।


फीर मेने कहा मेरे पास एक आइडिया है ।उसने कहा क्या? । मेने डरते-डरते कहा क्यौ ना हम सेक्स करते है ।इतने में ही वो गुस्सा हौ ग्यी ओर कहने लगी मै ममी को ब्ताऊगी ।ये सब गलत है उसने कहा ।फिर मेने कहा पहले बात पुरी तौ सुन लो। ये कुछ गलत नही होता भाई बहन के रिश्ते तौ लोगों ने बना दिये पहले एसा कुछ नहीं होता था ।मेने कहा मेरे भी कई दोस्तो ने अपनी बहन के साथ सेक्स कर रखा है ।


इतने में ही मेने मोबाईल मैं पोर्न ऑन कर दी ब्रदर सिस्टर वाली ।और मेरी बहन पोर्न देखने लगी ।फिर मेने कहा यार घर की बात घर में ही रह जायेगी किसीको पता नहीं चलेगा ।फिर मेने रूम की लाईट ऑफ़ कर दी मेरि बहन के सामने बेड पर मोबाइल रखा हूआ था जिसमे वो देख रही थी ।इतने में ही मेने पीछे से बहन के बूब्स दबा दिये ओर वो डर ग्यी लेकिन बैड से नहीं हिली ।फिर मेने दोबारा बूब्स दबा दिये ओर पीछे किस्स भी कर दिया ।


सिस्टर टीशर्ट के निचे ब्रा नही पहन रखी थी ईस लिए दबाने मे ओर भी मजा आ रहा था ।फिर बहन को बेड पर लेटा लिया और मुह पर पुरी तरह किस्स करने लगा ।ओर वो भी गरम हो गई वो भी मुझे किस्स करने लगी ।मेने एक हाथ उसकी सलवार मैं डाल दिया ओर दुसरे हाथ से बूब्स दबाता रहा ।उसने सलवार के नीचे panty पहन रखी थी or झाट भी आ रखी थी मै दो उंगली एक साथ चुत में डाल रहा था ओर चुत भी गीली हो गयी थी ।


ओर बहन भी पुरा साथ दे रही थी मेरा मुह पकड़ कर मुह पर किस्स कर रही थी ।कुछ देर बूब्स चूसने के बाद मेने उसकी टीशर्ट निकाल दी क्योकी मुझसे अब इन्तज़ार नही हो रहा था ।ओर बहन भी कह रही थी भईया आज पूरी तरह फाड दो बस इसमे पेन डाल डाल कर मजा नही आता ।हम धीरे-धीरे बोल रहे थे ।फिर मेने फटा फट सलवार भी निकाल दी ओर पुरा नगा कर दिया ।ओर मैं भी पुरा नंगा हो गया ।


अब तक मेने बहन की चुत को नही चाटा था । मेने अपना 6.5 inch लम्बा ब्न्टी निकाला और उस पर थूक लगाया ओर उसकी चुट पर सेट किया ।पहले धके मै अन्दर नही ग्या कयोंकि चुत बहुत टाईट थी फिर दुसरी बार पुरा जोर लगाकर धक्का मारा तो आधा अन्दर ग्या ओर सिस्टर की बुरी तरह से चीख निकल गयी ओर इतने मैं सायद ममी को सुन ग्या फिर ममी को कहा कुछ नही छिपकली आ गयी ।


इतने में सिस्टर बैड से खड़ी होकर भागने लगी और कहने लगी मैं नही चूदवा rhi तुमसे बहुत दर्द होता है । मेने उसे वापस पकडा ओर बैड पर बेठया ओर उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा धीरे-धीरे कुछ देर बाद उसे आराम आ गया ओर वो वापस लेट गई ।फिर वापस लण्ड को चुत पर सेट किया ओर थोडा सा धक्का मारा ओर बहन आ ..आ ..आ ..आ .

आ ..धीरे-धीरे ..आ ..आ ..आ की आवाज करने लगी ।ये आवाज सुनकर मुझ मै भी जोश आ गया ओर जोर जोर से धके मारने लगा ।ओर बहन चिख्ने लगीं मर ..ग्यी ..हाये ..मर.. ग्यी lekin mene मेने स्पीड कम नहीं की ।


ओर कुछ देर बाद लगभग 5 मिनट बाद वो भी झड ग्यी ओर मै भी ।मेने लण्ड कौ बाहर निकाल कर उसकी मुह पर कर दिया ओर सारा वीर्य उसके मुह पर गिर गया ओर वो चाटने लगी ।मैं उसके ऊपर ही सो ग्या ।ओर उस रात तिन बार chudai की हमने ।


अब लॉकडाउन चल रहा है और हमारी chudai भी ।।।

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भैया अब मुझे रोज़ चोदते हैँ


मेरा नाम स्वाति गुप्ता है. मैं दिल्ली की रहने बाली हु, मेरे घर में माँ पापा और हम भाई बहन रहते है. माँ और पापा दोनों बैंक में जॉब करते है. भाई कॉलेज के थर्ड पार्ट में है और मैं अभी कॉलेज जाना शुरू की हु, मैं 19 साल की हु, बहूत ही हॉट हु, मेरे ब्रा की साइज 34 B है, मुझे लड़को में चस्का लग गया है. पहले भी मैं दो तीन बार अपने स्कूल के फ्रेंड से चुद चुकी हु, जब मैं कॉलेज गई तो वह एक लड़का है सोनू, बहूत ही हॉट है. हलकी हलकी दाढ़ी रखता है. कान में सोने की बालियां पहनता है. और कॉलेज खुली जीप पर आता है, उसका मसल्स बहूत ही बेजोड़ है. मैं उसके आगोश में आना चाहती थी. 


वो बहूत ही बड़े घर का बेटा मैं चाहती थी की उससे पटाऊँ, और खूब मजे लू, अपने चूत की गर्मी शांत करवाऊं उससे, मैं अपने जलवे दिखने शुरू किये, और अपनी कजरारी आँख और मटकती हुई चाल, और मेरी छलकती हुई जवानी से रिझाने लगी.


और करीब दस दिन में ही कामयाब हो गई, और मैं उसको अपना बॉय फ्रेंड बना लिया, खूब मजे लेने लगी.


कभी मक डोनाल्ड, कभी पिज़्ज़ा हट, कभी सिनेमा, आखिर रो में टिकेट लेती थी और वो मेरी जीन्स के अंदर हाथ डाल के मेरी चूत को सहलाने लगता था. चूचियां दबाते हुए मेरी तो तन बदन में आग लग जाती थी. मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी मुट्ठी में भरते रहती थी, और हिलाते रहती थी, दोस्तों मेरी दोनों निप्पल दर्द करने लगता था क्यों को वो मेरी निप्पल को अपने दोनों अँगुलियों से रगड़ते रहता था. मेरी चूत हमेशा गीली होने लगती थी. वो मुझे चूमता था मेरी होठ को अपने दांतो से काटता था, इसी तरह से चलने लगा.


दोस्तों अब मुझे लगता था की वो मुझे चोदे, क्यों की अब उसकी के ख्याल में रहती थी. और हमेशा रात में सोचते रहती थी की वो मुझे ऐसे चोदेगा, और मेरी गांड में ऊँगली घुसायेगा, ऐसे मेरी चूत को चाटेगा, ऐसी मेरी चूचियों को मसलेगा, मैं आह आह करुँगी और वो मेरी चूत में अपना मोटा लंड घुसाते रहेगा और मैं आह आह आह करते रहूंगी, दोस्तों वो दिन भी आगया, एक दिन मेरा भाई कॉलेज गया, माँ और पापा दोनों बैंक गए.


मैं बहा ना बनाई की मेरी तबियत खराब है और मैं घर पे ही रह गई. जैसे सब लोग बाहर गए. एक दिन पहले ही मैं सोनू को बोल दिया था की कल तू पक्का १० बजे मेरे घर के आस पास ही रहियो, क्यों की मैं तुम्हे दस बजे ही कॉल करुँगी. कल मैं नहीं चाहती की देरी हो. और हुआ भी यही, मैंने तुरंत फ़ोन किया. वो पार्क के पास ही था और सिर्फ पांच मिनट में आ गया.


आते ही उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरे होठ को चूसने लगा. मैं गदगद हो रही थी, मैं टी शर्ट पहनी थी और जानबूझ कर ब्रा पहले से उतार दी थी ताकि मजा में कोई ज्यादा खलल ना हो. वो देखते ही बोला वाओ, मैंने भी सोनू का लंड तुरंत ही पकड़ लिया, और बैठ गई. बेल्ट खोली और चेन खोली, और उनका मोटा लंड निकाल कर चूसने लगी. वो मेरी बाल पकड़ रखा था और वो भी हौले हौले से मेरे मुह में लंड घुसाने लगा. मुझे बहूत ही ज्यादा मजा आने लगा. फिर मैंने उसको अपने बैडरूम में ले गई. वो मुझे बेड पे पटक दिया. और मेरी टी शर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी चूचियों को दबाने लगा. उसके मुह से सी सी सी ऊ ऊ की आवाज आ रही थी. क्यों को वो बहूत ही ज्यादा कामुक हो गया था.


मैंने तुरंत अपनी काप्री उतारी दी. उसने भी बिना देर किया अपने सारे कपडे उतार फेके, मेरी लाल कलर की पेंटी के ऊपर से वो पहले सुंघा और एक गहरी साँसे लेते हुए कहा, तुम हुस्न की मालिक हो मेरी जान, मैं तेरे ऊपर मरता हु, तेरे जैसा लड़की जो इतनी हॉट हो आज तक मुझे नहीं मिली, मजा आ गया तुन्हें पाके मेरी जान स्वाति, मैंने कहा क्या तुम मुझे ऐसे ही प्यार करोगे? सोनू बोला अरे इससे भी ज्यादा करूँगा.


एक रात तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाऊंगा. फिर देखना क्या क्या होता है. पर didikichudai ki एक बात का ध्यान रखना. जब तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाउगा, मैं तेरे शरीर में जितने भी छेद है उस सब में मैं अपना लंड घुसूंगा. मैंने पूछा कहा कहा घुसायेगा. उसने कहा. देख तेरे मुह में घुसूंगा. तेरी चूत में घुसूंगा. फिर तेरी गांड में घुसूंगा. मैंने कहा मुह में और चूत में तो ठीक है पर मैं तुम्हे अपने गांड में नहीं घुसने दूंगी. क्यों की गांड में बहूत ही ज्यादा दर्द होगा. और मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी.तभी सोनू बोला मेरी जान तुम चिंता क्यों करती हो. मैंने तुम्हे पहले शराब पिलाऊंगा. उसके बाद सब कुछ होगा. मैं बोली ठीक है देखते है.


और उसने मेरी पेंटी उतार दी और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा. मैंने आज उस दिन ही सुबह सुबह अपने चूत की और काख की बाल को साफ़ की थी. मेरी चूत एक दम क्लीन था. वो बड़े मजे लेके मेरी चूत को चाट रहा था. और अपनी जीभ से मेरी चूत में घुसा रहा था. मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी. मेरी चूत आग में धधक रही थी. मेरी चूत से बार बार पानी छोड़ रहा था, मैं पागल हुए जा रही थी. मैंने सोनू से बोला की सोनू मुझे तड़पाओ मत मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, मेरी चूत अब काफी गीली हो गई है.


मैं अब बिना देर किये तुम्हरे लंड को अपने चूत के अंदर लेना चाहती हु. सोनू तुरंत ही अपना लंड अपने हाथ में लिया और दिखाया, बोला देख नौ इंच का लंड, आज तेरी चूत को फाड़ देगा. मैंने कहा अरे जा जा देखती हु किसमे कितना दम है. आज मैं भी पूरी तरह से अपने चूत में मोटा से मोटा लंड लेने के लिए तैयार हु.


उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पे रखा, दोस्तों मेरी चूत पे लंड रखते ही. मेरा पूरा शरीर काँप उठा और अंगड़ाइयां लेने लगी. मैंने अपने हाथो से अपने दोनों बूब के दबाने लगी. तभी सोनू बोला अरे तुम खुद अपनी चूचियां दबा रही हो. जब आज मैं तुम्हारे साथ हु तो ये सब मेरा काम है और वो मेरी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा. और जोर से धक्का दिया, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.

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ऑफिस वाली सेक्सी माया


दोस्तों, मेरा नाम अमित शर्मा है ओर मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हू. मेरी उम्र ३१ साल है ओर मैं एक मल्टिनॅशनल मैं अच्छे पद पर हू. ये मेरी अंतर्वनसा पर पहली कहानी हैं ओर पूरी तरह काल्पनिक हैं. अगर कुछ भूल हुई हो तो माफ़ कीजिएगा ओर अपने विचार भेजना ना भूलिएगा. मेरा ईमेल हैं


आआह्ह्ह. आआह्ह्ह. आआह्ह्ह्ह. आआअह्ह्ह्हह चिल्लाते हुए माया अपनी गांड उछाल रही थी. आज माया का जोश सातवे आसमान पे था और अंकित भी उसे चोदने मैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था. वो बस अपनी बीवी को रगड़ के चोदना चाहता था. अंकित और माया की शादी को लगभग १० साल हो गए थे. वैसे तो उनकी सेक्स लाइफ शुरू से ही अच्छी थी, लेकिन पिछले ४-५ सालो मैं माया की वासना बढ़ने लगी थी. अंकित को भी इससे कोई शिकायत नहीं थी. माया को चोदते हुए अंकित की नज़र माया के चुच्चो पे पड़ी. ३६C के भरी भरी मम्मे अंकित के हर धक्के से ताल से ताल मिला रहे थे.


३५ साल की उम्र मैं भी माया ने खुद को फिट रखा था. ३६-२८-३४ का फिगर किसी को भी पागल करने के लिए काफी था. बेड के कोने पे लेटी माया ने अपनी टाँगे अंकित की कमर मैं डाल राखी थी. अंकित बेड के नीचे खड़ा हुआ माया की चुत मैं अपना लन्ड अंदर बाहर कर रहा था. अंकित जानता था माया किसी भी पल झड सकती है और अंकित भी झड़ने ही वाला था. अंकित ने झुक के माया का एक निप्पल मुँह मैं ले लिए और दूसरे को मरोड़ने लगा. अंकित के झुकने से उसके लन्ड के ऊपर का हिस्सा माया के दाने को रगड़ने लगा. अपने दाने और मम्मे पर हुए इस हमले से माया पिघलने लगी. आआह्ह्ह्हह आआआअह्ह्ह्हह. “और जोर से अंकित. जोर से चोदो. चूस लो मेरे मम्मो को. और जोर से डालो. आआह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.” अपनी कमर उठाते हुए माया झड़ने लगी.


अंकित भी माया की चुत की गर्मी सहन नहीं कर पाया और माया की चुत मैं झड़ने लगा और माया के ऊपर गिर गया. माया को अंकित का भार अपने बदन पे अच्छा लग रहा था. दोनों हाफ्ते हुए एक दूसरे से लिपट गए और जब माया की आँख खुली, सुबह हो चुकी थी. माया सीधे नहाने चली गई. आज उसके लिए बड़ा दिन था. माया आज एक नयी कंपनी ज्वाइन करने वाली थी. यह एक बढ़ती हुई कंपनी थी और यहाँ माया जल्दी ही अपने बॉस, कंपनी के MD को इम्प्रेस करना चाहती थी.


माया नहा के निकली और अपनी अलमारी से एक पंजाबी सूट निकला. माया बोहोत सुन्दर थी. गोरा चिट्टा रंग, ५’५” की हाइट और ऊपर से ३६C-२८-३४ का फिगर. आज भी माया २८ साल से ज्यादा नहीं लगती थी. माया खुले विचारो वाली मोर्डर्न औरत थी. ऑफिस में कई लोग उससे फ़्लर्ट करते थे और माया को इससे कोई परहेज़ नहीं था. जब माया के फ़्लर्ट करने की वजह से लोगो का लन्ड खड़ा हो जाता था, माया को बोहोत मज़ा आता था. उसे लगता था के वो किसी को भी अपने वश में कर सकती है. अंकित उसका पहला प्यार था और शादी के बाद माया अंकित के अलावा किसी भी मर्द से नहीं चुदी थी. या कहिये माया को किसी से चुदने की जरुरत नहीं पड़ी. अंकित उसे हर तरह से खुश रखता था और दोनों हफ्ते में ३-४ बार सेक्स कर ही लेते थे.


माया ने पंजाबी सूट में खुद को निहारा. वो जानती थी आज बोहोत ले लोग उसे देख के उसके नाम की मुठ मरेंगे. टाइट फिटिंग की वजह से माया के मम्मे और भी बड़े लग रहे थे. मम्मो का ऊपर का हिस्सा सूट से बाहर झांक रहा था. अपनी बलखाती हुई कमर पे माया ने हाथ फिराया और १ चुन्नी डाल ली. माया ने अपनी गाडी निकली और चल दी ऑफिस की और.


ऑफिस मे माया का वेलकम खुद MD ने किया और माया को सभी से मिलवाया. माया लोगो की नज़रो में अपने लिए हवस देख सकती थी. खासकर कोने में खड़ा हुआ १ आदमी, जो की उसे ४० के आस पास लगा, लगातार माया को ही घूरे जा रहा था. “बहनचोद आज तो आखो से ही बलात्कार कर देगा ये हरामी” सोचते हुए माया ने उससे हाथ मिलाया. “माया, यह है Mr अमित. आपके पहले प्रोजेक्ट पे ये आपके साथी होंगे और इसलिए आप दोनों का केबिन एक ही है” कहते हुए MD ने माया को अमित से मिलवाया. माया ने मुस्कुराते हुए अमित से हाथ मिलाया और सोचने लगी “पहला प्रोजेक्ट इस हरामी के साथ. बोहोत संभल के रहना होगा”.


माया को ऑफिस ज्वाइन किये हुए २ दिन हो चुके थे और अमित के बारे में जिस भी लड़की से पूछा, माया को उससे और चीड़ होती गई. अमित MD का साला था और एक नंबर का ठरकी था. ऑफिस में कोई भी लड़की ऐसी नहीं थी जिसपे अमित ने लाइन न मारी हो. “मुझसे पन्गा लिया तो इस हरामी को ऐसा सबक सिखाऊंगी, साला अपनी बीवी को भी आँख उठा के नहीं देखेगा” सोचते हुए माया अपने कैबिने मे एक फाइल ढूंढ रही थी. उसे याद आया के वो फाइल ऊपर वाले शेल्फ में रखी है. आज माया ने साडी पहनी थी और जैसे ही माया ने अपना हाथ बढ़ाया फाइल उतरने के लिए, उसे अपने पेट पे एक हाथ महसूस हुआ. माया फ़ौरन पलटी उसके सामने अमित खड़ा था. माया ने सोचा भी नहीं था अमित की इतना हिम्मत हो सकती है. अमित के चेहरे की मुस्कराहट माया से बर्दास्त नहीं हुई और माया ने कस के अमित को थप्पड़ मार दिया. अमित ने कुछ नहीं कहा और सीधे कमरे से बाहर निकल गया. माया का चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था लेकिन उसने किसी तरह खुद को शांत किया.


अगले ४-५ अमित और माया में बस उतनी ही बात हुई जितनी जरुरी थी. माया को देखते ही अमित अपनी आखें झुका लेता. माया को लगने लगा था के अमित को उसका सबक मिल गया है और आगे से अमित अपनी लिमिट में रहेगा. उसे ये भी लगने लगा था के शायद उसे अमित को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था और उसे अमित से इस बारे में बात करनी चाहिए. माया ये सब सोच ही रही थी के अमित की आवाज उसके कानो में पड़ी “माया, आपके लिए कॉफी लाया हूँ. आपकी मीटिंग से पहले ये आपमें एनर्जी भर देगी”. आज माया की एक बोहोत ही बड़े क्लाइंट क साथ मीटिंग थी जिसमे खुद MD होने वाले थे. ये प्रेजेंटेशन इस कंपनी में माया का भविष्य बना और बिगड़ सकती थी. माया ने जैसे ही कॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, कॉफी माया की साडी पे गिर गई. “रियली सॉरी माया, सब मेरी गलती है. जल्दी से इससे साफ़ कर लो” कहते हुए अमित ने माया को साडी साफ़ करने के लिए टिश्यू पकड़ाया. माया तुरंत लेडीज वाशरूम की तरफ भागी.


गरम कॉफी गिरने की वजह से माया जो पेट पे जलन हो रही थी. माया ने पहले अपने पेट पर से, फिर अपनी सेमि-ट्रांसपेरेंट साडी पर से कॉफी साफ़ की. “साला चूतिया, देख के कॉफी भी नहीं दे सकता” सोचते हुए माया साडी ठीक करने लगी. लेकिन पेट पे जलन की वजह से माया साडी ठीक से नहीं पहन पा रही थी. माया ने साडी अपनी नाभि से २ इंच नीचे की, तब जाके उसे अच्छा लगा. ठन्डे पानी की वजह से जलन तो काम हो गई थी, लेकिन माया को ये पता था के वो साडी ऊपर नहीं बांध पाएगी. माया ने खुद को शीशे में देखा. साडी नीचे बाँधने की वजह से माया और भी सेक्सी लग रही थी. “ये ट्रांसपेरेंट साडी भी आज ही पहननी थी मुझे” बड़बड़ाते हुए माया बाहर निकली और सीधे अपने केबिन में घुस गई जहा अमित नहीं था.


माया ने घडी की तरफ देखा और अपनी फाइल ढूंढ़ने लगी. “यार तू इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है माया. इतनी महत्वपूर्ण फाइल और तू रख के भूल गई”. तभी माया को अमित की आवाज सुनाई दी “माया, क्या ढूंढ रही हो? वो आपकी महत्वपूर्ण फाइल?” माया का ग़ुस्सा सातवे आसमान पे था. वो अमित का खेल समझ चुकी थी. “अमित, अगर वो फाइल तुमने अभी के अभी मुझे नहीं दी, तो में MD सर से कंप्लेंट कर दूंगी” माया गरजते हुए बोली. “जिसको बोलना है बोल दो, लेकिन सब यही सोचेंगे के मीटिंग से पहले तुमने फाइल कही खो दी और इलज़ाम मुझपे डाल रही हो. MD सर को में आराम से मन लूंगा” अमित अपनी चेयर पे बैठते हुए बोलै, उसके चेहरे पे विजयी मुस्कान थी और माया जानती थी, इस समय वो कुछ नहीं कर सकती थी. “अमित प्लीज वो फाइल मुझे दे दो, उस थप्पड़ के लिए मुझे दिल से दुःख है” माया लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोली. “नाटक करती है रंडी, उस दिन तो बोहोत लाल पीली हो रही थी. निकल गई सारी हेकड़ी”.


अमित के बात करने के तरीके से माया को झटका लगा, लेकिन वो जानती थी के वो फाइल कंपनी के लिए बोहोत महत्वपूर्ण है. “मैं तुम्हे वो फाइल दे सकता हूँ, लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा?” “कितने पैसे चाहिए तुम्हे, बोलो.” माया ने कहा, हलाकि वो जानती थी अमित ये सब पैसो के लिए नहीं कर रहा. “फाइल के बदले में मुझे तुम्हारी ब्रा चाहिए, अभी”. माया की आखे खुली की खुली रह गई और उसे एक मिनट लगा समझने में अमित क्या मांग रहा था. “मैं बाहर जा रहा हूँ, ५ मिनट में वापस आऊंगा. तब तक मुझे तुम्हारी ब्रा तुम्हारी टेबल पे मिलनी चाहिए” कहते हुए अमित रूम से बाहर चला गया.


अपनी सीट पे बैठते हुए माया उस दिन को कोसने लगी जब उसने अमित को थप्पड़ मारा था. खुद को संभाते हुए माया उठी, और गेट बंद किया. उसे पता था ५ मिनट जल्दी ही निकल जाएंगे. अपना पल्लू हटाया और जल्दी से ब्लाउज खोलने लगी. फिर ब्रा निकल के टेबल पे रखी, और ब्लाउज का हुक बंद ही कर रही थी के दरवाजे पे दस्तक हुई. माया जैसे ही ब्लाउज बंद कर के मुड़ी, सामने सुमित खड़ा था. वो माया का जूनियर था और माया को शायद मीटिंग के लिए याद दिलाने आया था. टेबल पे रखी ब्रा देख कर सुमित का मुँह खुला का खुला रह गया. “मैं थोड़ी देर में वापस आता हूँ” कह के सुमित केबिन से बाहर निकल गया. “पता नहीं आज क्या क्या और देखना बचा है” कहते हुए माया दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी के तभी अमित अंदर आ गया, और उसके पीछे था उस्मान. उस्मान ऑफिस में पियोन था. “ये यहाँ क्या कर रहा है” माया ने गुस्से से अमित को देखते हुए पूछा.

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मेरे चाची की जवान लड़की

 

हाय दोस्तो मेरा नाम साजिद है. में यूपी के मिर्जापुर के जिले में रहता हूं मेरे घर में हम 3 लोग रहते है मम्मी अब्बू और मैं ये मेरी पहली कहानी है. एक बार की बात में अपनी कनीज के शादी में वाराणसी जिले में गया था. में शादी के दो दिन पहले ही गया था, तो मेरी मुलाकात एक लड़की से हुयी.


उसका नाम में बदल के लिख रहा हु उसका नाम सलिमुन था. म उससे मिला. उसकी उम्र लगभग 18 साल की होगी उसकी साइज 32 34 32 की थी और ओ मुझे बहुत ही ध्यान से देख रही थी. म उसके पास गया और उससे बात की तो ओ बोली म आपको पहली बार देख रहा हु और आपका नाम बहुत बार सुन चूका हूँ


ज्यादा टाइम न वेस्ट करते हुए सीधे कहानी प आता हूं..


जब म वापिस अपने घर को आ रहा था तब उससे मिलने के लिए गया तो उसने मेरा फ़ोन नम्बर माँगा तो मैंने उससे अपना नंबर दिया और घर चला आया हुआ यु की 15 दिन मेरे माता और पिता की किसी काम से बाहर जाना था तो में घर पे अकेला रह जाता तो माँ को बोल के उसको अपने घर बुला लिया ओ लड़की मेरे चाचा की लड़की थी जब ओ आयी तो आते ही उसने मुझे प्रपोज़ कर दिया.


पर मैंने उसका रिप्लाई नही दिया जब माँ और अब्बू चले गए तब एक रात को ओ सोयी हुयी थी मेरी अचानक से नींद खुली तो मैंने देखा की ओ सोयी हुयी थी और उसका सलवार खुला हुआ था ये देख कर में उसकी सलवार को ठीक करने लगा तभी उसने करवट बदली तो उसका सलवार उसके बुर के नीचे आ गया.


फिर में बैठ कर देखने लगा तभी मैंने अपना एक हाथ उसके बुर पे रख के सहलाने लगा और उसके बाद में मैंने उसकी समीज को धीरे से ऊपर कर दिया जिससे की ओ आधी नंगी हो गयी और में उसकी एक हाथ से बुर और दूसरे हाथ से किसी चूची को सहलाने लगा जिससे की उसकी नींद खुल गयी और उठ के बैठ गयी में डर गया और मेरी हालात खराब हो गयी फिर ओ कुछ नही बोली अपने कपडे ठीक कर के सो गयी


फिर दूसरे दिन में उसके सोने का ईनतेजर कर रहा था रात के12 बजे जब ओ सो गयी तब मै अपने बिस्तर से उठ के उसके पास गया और उसका समीज ऊपर कर के चूची को दबाने लगा जिससे उसकी नींद खुल गयी और ओ मुझे देखने लगी और में रुक गया .


और ओ मुझे पकड़ के किस करने लगी और 5 मिनट तक किस की और मेरे कपडे उतरने लगी मै भी उसका साथ देने लगा था उसके कपडे में उतारने लगा ओ सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी म उसके पूरे शरीर प किस किया और धीरे धीरे उसकी पैंटी निकलने लगा और उसके बुर पे किस करते करते दाँते काट लिया और ओ चीला पड़ी उसके बुर को मैंने करीब 15 मिनट तक किस किया और चाटा जिससे उसका पानी निकल गया.


अब में अपना लंड उसके मुंह म डाल दिया और चाटने लगी मेरा भी पानी 10 मिनट में निकल गया फिर ओ मेरे लंड को सहलाने लगी करीब 10 मिनट बाद ओ फिर से खड़ा हो गया तो ओ मेरे ऊपर आके बैठ गयी और धीरे धीरे लंड को बुर में डालने लगी 5 मिनट में पूरा लंड अपने बुर में डाल के उपर नीचे करने लगी 10 मिनट ऐसे चोदते हुए मैंने पोजिशन बदला उसको झुका दिया 20 मिनट चोदने के बाद मेरा पानी निकल गया और पूरी रात हमने 5 बार चुदाई की.


और वैसे ही हम सो गये सुबह उठे तो ओ मेरे लंड से खेलने लगी और मुह में डाल के चाटने और चूसने लगी जब पानी निकल गया तो उठ कर बाथरूम में चले गये वहां प हमने 3 बार चुदाई की ऐसे ही 15 दिन तक हमारी चुदाई चली फिर 15 दिन बाद मम्मी आबू आ गए और ओ अपने घर चली गयी.


बाद में उसने फ़ोन कर के बताया कि ओ प्रेगेनेट हैऔर बाद में मै उससे मिलने गया और उसके घर प उसकी गाड़ मरी अब अगली कहानी में बताऊंगा की कैसे मारी उसकी गांड!

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ट्रैन में आंटी की चुदाई


दोस्तो कैसे है आप लोग? अच्छे ही होंगे । दोस्तो ये मेरी पहली कहानी है आज मैं आपको अपनी सच्ची घटना बताना चाहता मैं अपने बारे में बताऊ तो मैं 18 साल का लड़का हु अच्छा शरीर है अच्छे 6 पैक अबस भी ह और लंड 7 इंच का ह । आज म आपको बताऊंगा की कैसे मैने एक अनजान आंटी को चोदा उसकी चुत फाड़ दी और गांड भी मारी। 


दोस्तो ये कहानी कुछ महीने पहले की ह जब हम घूमने जा रहे थे । हम सभी दिल्ली से ह । हम श्रीनगर जा रहे थे घूमने ।


हमारी सुबह 7 बजे की ट्रेन थी और वक़्त अनुसार हम वह जा चुके थे। हम सभी ट्रैन में गए और अपनी सीट अनुसार बैठे । हम 4 दोस्त थे जिसमें 2 लड़के और 2 लड़किया थी । मेरा दोस्त जिसका नाम रोनी था वो ओर उसकी गर्लफ्रैंड मानवी दोनो ऊपर की सीट पर थे और म ओर एक लड़की रुचि नीचे वाली पर थे । और हमारे नीचे भी 1 लड़की और उसकी मम्मी थी । दरसल वो लोग भी श्रीनगर है जा रहे थे । लड़की अच्छी थी परंतु उसकी माँ ही चुदाई करने लायक थी ।


गद्देदार बदन मोटे स्तन ओर गांड तो पूछो है मत एक दम मटकती हुई ऐसी की कोई भी देखे तो लन्ड खड़ा हो जाय।


अब आपको तो पता ही होगा कि ट्रैन में सब खाना एक साथ ही खा लेते ह । तो मनवी ओर रोनी एक साथ थे और रोमांस कर रहे थे और हम दोनों नीचे उन दोनों के साथ वाली सीट पर बैठे गए । क्योंकि मेरे साथ रुचि थी तो हमने आंटी से सीट शेयर कर ली । ये सब रुचि ने पूछा था तो उनको मुझ पर कोई शक नही हुआ । वो आंटी भी रुचि से बात करने में लगी हुई थी । मैं बस उनको देख रहा था और उनकी बातें सुन रहा था । फिर हमने सब ऐसे ही बात करते करतेथोड़ी दोस्ती कर ली । मैने देखा की आंटी बात करते करते थोड़ी अजीब बर्ताव कर रही थू। फिर बोली कि मैं वाशरूम होके आयी । मैं भी हाथ धोने जाने वाला था ।

मैने कहा रुचि मैं हाथ धोके आया और तुम्हारे लिए कुछ लाना है तो बता दो ।रुचि बोली नही तू बस ध्यान से वापस आ जाना और हँसने लग गयी । वो बस थोड़ा मजाक कर रही थी,मैं तो वहां से चल दिया। रुचि ओर वो लड़की दोनो बात करने लग गए । मैं गया और वाशरूम में बिना कुछ बोले घुस गया मुझे लगा आंटी दूसरे में है क्योंकि दरवाजा बन्द नही था अंदर जाते ही मेरी आँखें फटी रह गयी। मैं देखा की आंटी नंगी होकर चुत में उँगलु दे रही थी और मुजे देख कर घबरा गई । मैं भी देखते ही हैरान रह गया । मैं तुरंत बाहर आया और वापस आकर सीट पर लेट गया और थोड़ा डर गया कि आंटी क्या कहेगी ।


कुछ देर में वो आयी और बैठ गयी और वो 3 बाते करने लग गयी ओर थोड़ी देर बाद रुचि से बोली अमन ने कुछ कहा क्या ?रुचि बोली नही आंटी कुछ नही कहा। फिर बोली कि कुछ हुआ क्या आंटी ने कहा कुछ नही । रात बहुत हो गयी थी तो रुचि सो गई लेकिन मैं अब भी हैरान था । मैं उठा और वाशरूम में जाने लगा । मैन सोच लिया था कि आज हिला कर सोना पड़ेगा । मैं चला गया और गेट बंद कर दिया । और बैठ कर आराम से आंटी को सोच कर हिला रहा था । तबि किसी ने गेट बजाया उस वक़्त रात थी और सब सो रहे थे तो मुजे लगा कोई आ गया होगा गलती से मैं फिर से मुठ मारने लगा फिर किसी ने दुबारा बजया ।


मैं ग़ुस्से में आ गया और गेट खोला तो सामने आंटी थी ।इससे पहले कुछ पूछता वो अंदर आगयी ओर गेट बंद कर दिया । मैने पूछा आप यहाँ क्या कर रही हो बोली कि मैं कर्ज अदा करने आई हूं । मैने पूछा कैसा कर्ज बोली कि तुमने मुझे उंगली करते हुए देख लिया और बिना बोले चले गए । मुझे लगा तुम मेरी बेटी से बात कह दोगे पर तुमने ऐसा नही किया । इसलिए मैं तुम्हे कुछ देना चाहती हु । ओर ये बोलते है उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपने चुच्चो में दबा दिया । मैं अब थोड़ा नशे में आ गया और साडी के ऊपर से ही उन्हें चूसने लगा। वो भी अब मदहोश होने लगी थी।कुछ मिनट के बाद मैं हट गया।


मैने बिना देरी किये उनकी साडी निकाल दी । और उनने मेरी टी शर्ट ओर लोअर निकाल दिए । मैने उनके होंठ चूसे ओर रुक नही रह था । करीब 10 मिनट के बाद मैं उनके निप्पल्स पर आ गया। और काटने ओर चूसने लगा और वो ममम यसससस्स ओईई करने लगी । अब मुझसे रुका नही जा रहा था तो मैने उनकी पैंटी फाड़ दी और चूत पर टूट पड़ा जैसे कोई भूक लगी हो। वो बस ससीईई अहह हहहहहहहह मममममममम कर रही थी।और कुछ देर बाद मैं उनके दाने को काट रहा था और चूस रहा था। तो वो पूरे मूड में आके मेरा सर दबाने लगी और मैं उनकी चूत में जीब देने लगा। क्या मजा आ रहा था मैं बया नही कर सकता।


उनकी चूत गीली होने लग गयी थी और पानी भी आने लगा था । वो स्वाद में ला जवाब था। फिर मैंने आंटी से कहा आपको कैसा लगा वो बोली कि आज तक उन्हें इतना मजा कभी नही आया । मैने पूछा आपके पति की तो जिंदगी जन्नत होगई होगी । बोली कि वो अब नही रहे वो किसी ओर के साथ रहते है। मुझे बहुत दुख हुआ और मैन कहा सॉरी भी कहा उनने कहा कोई नही तुम आज मुझे जन्नत दिला दो। मैं खुश हो गया और फिर कहा क्यों नही । उसके बाद आंटी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और लंड को देख कर बोली आ मजा आ जाएगा । बहुत दिन के बाद कोई लंड मिला है और वो भी इतना सुंदर और मोटा तगड़ा ।


मैने कहा अब आप जो चाहे कर सकती हो आपका है सब। वो एक स्माइल देके घटनो पर बैठ गयी और लंड को हिलाने लगी। मुझे बहुत मजाआ रहा था।फिर उन्होंने लंड को एक प्यार भरी किस दी । और बोली अब मैं इसको खा जाउंगी।मैं भी बस यही चाहता था। वो पूरे मजे में लंड चूस रही थी और जैसे ही ट्रेन थोड़ी हिलति मेरा लंड उनके गले के अंदर तक चला जाता और एक गजब ही अहसास होता । करीब 5 मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैने कहा आंटी कहा निकलू बोली चूत पर निकाल दो मैने यही किया। । अब बोली कि अब शुरू करते है जो करने आये है।मैने कहा है क्यों नही। ओर बस उनने तो लंड मुह में लिया ओर चूसा वो वापस खड़ा हो गया। बोली अब डाल दो अंदर आग लग रही है।


मैने भी देर नही करी ओर टोपा चूत के दाने पर रख दिया और एक धक्का मारा और आंटी थोड़ी चीखी मैने कहा आप क्यों चीखी । बोली कि सालो से नही चुदी। मैने एक ओर धक्का मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया। आंटी की आँख से आंसू आ गए। फिर मैं थोड़ा रुक गया और जब आंटी थोड़ी सही हुई मैने धीरे धीरे चोदना शुरू किया । अब उनको भी मजा आ रहा था वी सिसकिया भर रही थी। फिर मैंने उनकी एक टांग को कंधे पर रख लिया और कमर हिलाने लगा । आंटी को बीच बीच मे मैं किस कर रहा था।वो धीरे धीरे उफ्फ्फ आहह सस्सससीई मम्म्म्म्ममम्म कर रही थी और करीब 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद जब मैं झाड़ने वाला था मैंने कहा कहा तो आंटी तुरंत चूत से लंड निकल कर मुह में ले गयी ।


और इतनी जोर से चूस रही थी मानो कोई लॉलीपॉप हो मैं 5 या 6 झटको में ही झाड़ गया और वो सारा पी गयी और लंड को चूस चूस कर आखरी बून्द तक निकाल ली। फिर हम उठे और जाकर सो गए। अगली सुबह हमने नाश्ता साथ किया और रुचि से पूछा कि बेटा तुम कहा जाओगे उसने बताया हम किसी होटल में रुकेंगे तो वो भी बोली कि हम भी घूमने है आये है।तो रुचि ने कहा आप हमारे होटल में है चल लो वो बोली है यही सही रहेगा । इसके बाद उनने मुझे शरारती स्माइल दी । दोस्तो यही थी मेरी कहानी । अगले भाग में मैं बताऊंगा की कैसे मैने उनकी गांड मारी।

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जब पसंद लड़के हैं तो सेक्स भी लड़कों के साथ ही करेंगे!

  


हैलो दोस्तों! मुझे आप लोगों की ईमेल मिली, जिसे पढ़कर मुझे अपनी नई कहानी लिखने का मन किया, नहीं तो कैसे पता चलता कि किसी ने कहानी पढ़ी भी है या नहीं। इसीलिए मुझे मेल करते रहा करो मेरी ईमेल आईडी 

यह कोई पुरानी बात नहीं अभी 4-5 महीनें पुरानी बात है। एक दिन त्यौहार पर मैं दिल्ली गया तो वहां मेरा मन नहीं लगा। घर पर अकेले परेशान था। सोचा किसी पार्क में घूम आता हूँ। मैं घूमने एक पार्क में गया तो देखा कि एक आदमी अकेला बैठा है सोचा इसी से जान पहचान बना ली जाए। बस फिर क्या था उससे बात करने पर पता चला कि वह यहां अकेला है क्योंकि बीवी बच्चे गांव गए थे। देखने में वह ठीक ठाक था।

जब उसने मेरे बारे में पूछा तो बिना डरे बता दिया कि मैं एक गे हूँ। कि गे तो गांडू होते हैं मैने कहा नहीं बस लड़कों में दिलचस्पी लेते हैं और जब पसंद लड़के हैं तो सेक्स भी लड़कों के साथ ही करेंगे।

उसने बोला कि बात तो तेरी ठीक है पर अगर मैं बोलूं तो मेरे साथ सेक्स करोगे ? मैने तुरंत हां कह दिया।

वो बोला कि लेकिन जैसे मैं करूंगा वैसे करना होगा मैने फिर से हां कह दिया। बोला कई दिनों से लुगाई तो चूत देती नहीं हैं क्योंकि बच्चे परेशान करते हैं।

फिर वह मुझे अपने घर ले गया? और अंदर से गेट बंद कर लिया। फिर उसने कहा कि तुम्हें लड़की बनना पसंद है मैने हां कहा तो उसने मैरे कपड़े उतार दिए अपने हाथो से और चूची जो लोगों ने चूस चूस के मोटी कर दी थी उस पर जुबान फेरी।

फिर उसने कहा कि एक काम करों मेरी बीवी के कपड़े पहन कर आओ तुम्हारे साथ सुहागरात मनाने का मूड है वो भी हवस वाली। मैने साड़ी जो उसकी पत्नी की थी और टी शर्ट ब्लॉउज की तरह करके उसके सामने बैड पर बैठ गया। फिर उसने मेरा घूंघट उठाते हुए मेरे होठों को चाटते हुए होंठों पर किस करने लगा और मेरी जीभ भी चुसने लगा हम एकदूसरे का थूक भी चाट रहे थे। मुझे भी मजा आ रहा था तो मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था।

फिर मैने बीस मिनट बाद उसे हटाया तो उसने जोर से मुझे पकड़ लिया और गाल को चूसने लगा धीरे धीरे उसने मेरी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया हाय!!!!!! मैं तो मर ही गया था आाहहहहह आहहहह और चूमो मेरे राजा। फिर उसने मेरी चूची दबाना शुरू कर दी घर में से देशी घी लगाकर उसे इतनी जोर से दबाने लगा कि आज इन्हें उखाड़ ही देगा।

दर्द होने पर मैने मना किया तो वो बोला अबे बोल मत मुझे घी चाटना पसंद है फिर मेरी दर्द भरी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया आहहहह आहहह मममहहहह ममममम, क्या मजा आ रहा था। कभी दांत से काटता तो कभी अपनी जुबान फेरता। मेरी चूचियों को एसे चूस रहा था जैसे आज ही निचोड़ेगा।

मैने कहा यार दर्द हो रहा है छोड़ दो! वो बोला कहा था ना जैसे करूंगा करने दे। उसने मेरे सारे बदन को काट काट कर लाल कर दिया था कभी जांघ पर काटता तो कभी गांड पर, कभी दोनों टांगे फैलाकर मेरी गांड के छेद पर छूक लगाकर चाटता। फिर मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड चाटने लगा।

मुझे गुदगुदी हो रही थी पर मजा भी आ रहा था। एकदम वो मेरे पास आया और बोला कि अब मेरा लंड चूसो वो भी चाट चाट कर मैने वैसा ही किया कभी धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करता तो कभी एक दम मुह मैं इतनी जोर का धक्का मारतस कि मेरे आंसू निकल पड़ते।

लेकिन वो लंड चुसवाता रहा करीब आधा घंटा लंड चूसने के बाद उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारकर लाल कर दी ओर तेल लगाकर चिकनी करदी उसने अपने लंड पर तेल लगाकर फिर एकदम लंड धूसा दिया।

मेरी चीख निकल पड़ी आहहहहहइइइइइइइइइइई मरररगगया छोड़ दो दोस्त प्लीससससससससससस तो उसने बाहर निकाल दिया फिर इतने जोर से धक्का मारा कि मेरी आह निकल गई आााााााााहहहहहहहहहहहहह उफ्कककक ममममममम हहहहहहहहमरर अआाााााााहहहहहहहह इसे सुनकर वो समझ गया कि मुझे दर्द काफी हो रहा था ता उसने मेरे मुह में कपड़ा दे दिया।

एसे ही मेरी गांड मार मार कर सुजा दी। पर छुट्टी थी तो मैने भी कुछ नहीं बोला क्योकि घर पर आराम ही करना था।

फिर वो बोला दूध पियेगा मेरा मैने हां कह दिया फिर वो मेरे मुह पर आया और मुह में लंड घुसा कर झाड़ दिया।

झड़ने के बाद उसने मुझे बुलाया और गले लगाकर बैड पर ही लेट गया और बोला कि मैं अगली बार तुझे अपने दोस्त से भी चुदवाउंगा क्योंकि उसकी भी पत्नी नहीं है उसने मेरी विडीओ कॉल पर बात कराई उसने आधे घंटे में आने को कहा।

फिर मैने पूछा दोबारा सेक्स होगा क्या वो बोला यार आराम करेंगे दोनों नंगे होकर आधे घंटे तक वो नहीं आया क्योकि घर पर मेहमान आये थे फिर मैं अपने आप बोला यार घर वाले ढूंड रहे होंगे तो मै बाद में उठा और घर आया फिर नहा धोकर, सौ गया।

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मामी की नौकरानी – कावेरी


मुझे इंदौर आए अभी कुछ ही दिन हुए.. यहाँ मैं अपने कुछ जरूरी काम से आया हुआ हूँ। क्योंकि कुछ ही दिन का काम है और इंदौर में मेरे मामा भी रहते हैं तो फिलहाल मैं उन्ही के घर ठहरा हूँ।  मामा अक्सर बाहर ही रहते हैं और मामी इन दिनों अपने मायके गई हुई हैं। 

घर में सिर्फ नानी और मामा का लड़का रहता है, नानी बीमार रहती हैं तो अक्सर आराम करती रहती हैं।


यह किस्सा जो मैं आपको सुना रहा हूँ, कुछ ज्यादा दिन नहीं.. बस दो दिन पुराना है।

मामा का लड़का स्कूल गया हुआ था और और नानी आराम कर रही थीं।

मैं भी उस दिन फ्री ही था.. सुबह का वक़्त था.. यही कोई 8.30 बजे होंगे।

इस समय एक नौकरानी आती है और झाड़ू आदि लगाती है।

उसने दरवाजे पर दस्तक दी मैं समझ गया कि वाही आई होगी.. मैंने दरवाज़ा खोला और वो अन्दर काम करने आ गई।

मैं अपने लैपटॉप पर फिल्म देख रहा था।

मेरा मन उस नौकरानी को देख कर ही मचल गया था। काले ब्लाउज और सफ़ेद साड़ी में वो बड़ी ही बेहतरीन माल लग रही थी।

वो बेहद खूबसूरत और जवान थी। उसकी उम्र यही कुछ 26 साल करीब होगी।

जब वो मेरे कमरे में आई तो उसके स्तन मुझे उसके ब्लाउज से झांकते हुए दिखे।

उसके उभारों में इतनी गोलाई थी कि मैं उनमें ही खो गया। 

नानी उसे कावेरी बाई कह कर पुकारती थीं.. किसी नदी के मचलते पानी की तरह ही उसका बदन था.. बिल्कुल लचीला.. हर तरह के सांचे में ढल जाए मानो…

मुझे तो उसने अपनी खूबसूरती का कायल ही कर दिया था।

जब मेरी नज़र उसके ब्लाउज से झांकते स्तनों को निहार रही थी.. तब कावेरी की नज़रें मुझे ये चोरी करते देख चुकी थीं और वो मेरे इरादे भांप गई थी।

इसलिए उसने अपने साड़ी का पल्लू ठीक किया और मुँह घुमा कर झाड़ू लगाने लगी..

लेकिन फायदा क्या??

अब मुझे उसके चूतड़ नज़र आ रहे थे।

क्या उभरे हुए चूतड़ थे उसके.. मैं तो देखते ही मानो पागल हो गया था।

मैंने अपना मन बना लिया था कि आज घर पर भी कोई नहीं है और नानी भी सो रही हैं तो कावेरी के साथ कुछ न कुछ हो ही जाए।

वो मेरे कमरे से जा चुकी थी और मैं अपना मन बना कर रह गया।

उसके बदन की मादक नक्काशी ने मानो मेरे मन में कई मीनार बांध दिए थे।

मैं अपने लण्ड को शांत नहीं कर पा रहा था पर फिर नौकरानी भी तो इंसान ही है ना उसे भी वही सारी चीजें मिली हैं जो दूसरी लड़कियों के पास हैं और फिर उसके इतने सुन्दर और इतने गठीले जिस्म को देख कर किस का मन नहीं होगा उसे गन्दा करने को…

मुझे अपने लण्ड को आज तो उसकी चूत में डाल कर पवित्र करना था..

मेरे तन्नाए हुए लौड़े को कावेरी की जवानी का रस चखना ही था।

ऐसा लगता था कि अब मेरे इस लंड का यही उद्देश्य रह गया था।

कावेरी मेरे कमरे से निकल कर बर्तन मांजने लगी थी।

उसे दूसरे घर भी काम करने जाना था।

जब वो बर्तन घिस रही थी तो अपने चेहरे पर आते बालों को कलाइयों से हटाती जाती.. उसके बर्तन घिसने से हिलते हुए वक्ष मुझे और कामुक कर रहे थे।

मैंने आव देखा न ताव और पीछे से जा कर उसके स्तनों को पकड़ कर चूचियाँ अपनी मुट्ठी से भींचने लगा।

अपना लण्ड उसकी गांड को चुभाने में मज़ा आ रहा था.. उसने तनिक विरोध किया तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से रोक लिया और चूमने लगा, धीरे से उसे अपनी तरफ घुमाया और तेज़ी से उसके वक्षों को ब्लाउज से आज़ाद किया।

उसने ब्रा नहीं पहनी थी।

वो मुझे रोकने लगी तो मैंने उसे कहा- चुप रहो और मज़ा लो।

मैंने धीरे से उसकी साड़ी ऊँची कर अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी।

मैं उसे नंगा करने लगा.. तो वो बोली- कोई देख लेगा…

वो विरोध करने लगी..

उसका विरोध मैं निरंतर अपने होंठों को उसके होंठों पर चिपका कर रोक रहा था।

वो नंगी हो चुकी थी और अब चुदने का मन भी बना बैठी थी।

मैं उसे नंगी ही अपने कमरे में ले गया और उसके बदन को गद्दा समझ उस पर चढ़ गया।

उसकी चूचियाँ मानो जैसे आइसक्रीम का स्वाद दे रही थीं।

मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को छेड़ना शुरू किया और फिर उसने भी मेरा लण्ड मुँह में लेकर बहुत देर तक चूसा।

एक बार तो मैं उसके मुँह में ही झड़ गया..

फिर मैंने धीरे से अपने लण्ड को कावेरी की चूत के मुहाने पर रख कर अन्दर सरकाया और धीरे-धीरे चुदाई आरम्भ की..

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

उसकी ‘आह.. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.. ह्हाआआऐईईई’ मुझे और ताकत दे रही थी। 

मैं अपनी रफ़्तार से कहीं ज्यादा रफ़्तार रख कर उसे चुदाई की शांति दे रहा था और वो और कामुक होती जा रही थी।

उसकी चुदाई की आग का वहशीपन बढ़ता ही जा रहा था।

मैंने भी अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी वासना को ठंडा किया। कुछ देर उपरान्त झड़ने के बाद हम दोनों नंगे पड़े रहे।

उसने कहा- तुमने आज बहुत समय लिया और मुझे दूसरे घर काम करने जाना था.. मेरे घर की हालत ख़राब है मुझे पैसों की ज़रूरत है।

मैंने उसकी पूरी आपबीती सुनी और उसे कुछ पैसे दिए।

अब वो और मैं रोज़ चुदाई करते हैं।

मेरा मन तो कर रहा है कि मामा के घर से जाऊँ ही नहीं..

पर जाना तो पड़ेगा ही।

इतनी खूबसूरत चुदक्कड़ हुस्न की मालकिन मैंने आज तक नहीं देखी 

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