चूत की कसावट बढती चली गई


आदित्य और मैं साथ में बैठे हुए थे हम लोग अपने ऑफिस की कैंटीन में थे आदित्य मुझसे कहने लगा कि मुकेश मेरी सगाई तय हो चुकी है तो मैंने आदित्य को बधाई दी और कहा कि यह तो बहुत ही खुशी की बात है। आदित्य ने मुझे बताया कि उसकी सगाई जल्द ही होने वाली है आदित्य से मेरी मुलाकात 6 महीने पहले हमारे ऑफिस में ही हुई थी और आदित्य से मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो गई। मैंने आदित्य को कहा चलो यह तो बहुत ही खुशी की बात है आदित्य कहने लगा कि तुम्हें भी मेरी सगाई में आना है मैंने उसे कहा कि जरूर आदित्य मैं तुम्हारी सगाई में जरूर आऊंगा। जिस दिन आदित्य की सगाई थी उस दिन हम लोग भी आदित्य की सगाई में गए जब हम लोग आदित्य की सगाई में गए तो उसकी सगाई काफी धूमधाम से हुई उसके काफी रिश्तेदार आए हुए थे और हमारे ऑफिस से भी हमारे कुछ स्टाफ के लोग थे।

आदित्य की सगाई में मैं मालिनी से मिला जब मालिनी से मैं मिला तो मुझे उससे मिलकर काफी अच्छा लगा और उसके व्यवहार ने मुझे पूरी तरीके से प्रभावित कर लिया था। मालिनी स्कूल में पढ़ाती है वह एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है और उसके बाद तो जैसे हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे। हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा यह बात आदित्य को भी पता थी क्योंकि मालिनी आदित्य को पहले से ही पहचानती थी इस वजह से उसने आदित्य को इस बारे में सब कुछ बता दिया था। आदित्य की सगाई भी हो चुकी थी और जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी उसकी शादी के दिन मैं और मालिनी साथ में ही थे उस दिन मालिनी ने मुझे अपने परिवार से मिलवाया। जब उसने अपने परिवार से मुझे मिलाया तो मुझे उनसे मिलकर अच्छा लगा हालांकि अभी तक मालिनी ने हम दोनों के रिश्ते के बारे में किसी को भी नहीं बताया था लेकिन मैंने मालिनी से कहा क्या तुम अपने पापा मम्मी को इस बारे में बताने वाली हो। मालिनी ने मुझे कहा कि हां मैं अपने पापा मम्मी को इस बारे में बताने वाली हूं और कुछ समय बाद ही मालिनी ने मेरे और अपने रिश्ते के बारे में अपने पापा और मम्मी को बता दिया था। जब उसने उन दोनों को इस बारे में बताया तो उन्हें हमारे रिश्ते से कोई भी परेशानी नहीं थी मालिनी और मैं अब एक दूसरे से जल्द ही शादी करने वाले थे हम दोनों की शादी भी तय हो चुकी थी।

जब हम दोनों की शादी हुई तो उसके बाद मालिनी और मैं एक दूसरे के साथ काफी अच्छे से समय बिताते और हम दोनों के बीच प्यार भी काफी था हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चल रही थी और सब कुछ ठीक था। एक दिन मालिनी ने मुझे कहा कि मुकेश मुझे आज अपनी सहेली से मिलने के लिए जाना है तो मैंने मालिनी को कहा ठीक है मालिनी तुम अपनी सहेली से मिलने के लिए चली जाओ। वह अपनी सहेली को मिलने के लिए गई तो उस दिन मालिनी का एक्सीडेंट हो गया जिससे कि उसे काफी ज्यादा चोट आई। उसका एक्सीडेंट हो जाने के बाद वह बिल्कुल भी काम नहीं कर पा रही थी मैं नहीं चाहता था कि मालिनी काम करें मैंने उसके लिए घर में एक नौकरानी रखने का फैसला कर लिया था। मालिनी अब घर पर ही रहती थी उसकी देखभाल के लिए मैंने एक नौकरानी रखी जो कि घर का काम भी देख पा रही थी, मैंने जिसको काम पर रखा उसका नाम कांता है कांता काम अच्छे से करती थी और उसके काम में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी या दिक्कत नहीं थी वह मालिनी का भी पूरा ध्यान रखती थी और घर में खाने की भी पूरी व्यवस्था वही देखती थी साफ-सफाई से लेकर सारा काम वही करती थी। मैं कई बार अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में घर से बाहर रहता था धीरे-धीरे मालिनी भी ठीक होने लगी थी और मैं कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से अहमदाबाद चला गया। अहमदाबाद में हमारा कोई जरूरी प्रोजेक्ट शुरू होने वाला था जिसके लिए मुझे ही मेरे ऑफिस से भेजा गया था और वहां पर हम लोग नया ऑफिस शुरू भी करने वाले थे इसलिए कुछ समय तक मैं अहमदाबाद में ही रहने वाला था। मैंने अब अपने ऑफिस के लिए नई जगह भी देख ली थी और उसके बाद मैं वापस मुंबई लौट आया।


मैं जब मुंबई लौटा तो मालिनी मुझे कहने लगी कि मुकेश आज मुझे घूमने के लिए कहीं जाना है काफी समय हो गया हैं मैं कहीं घूमने के लिए भी नहीं गई हूं। उस दिन मालिनी का काफी घूमने का मन था तो मैं भी उसे मना नहीं कर पाया, मैं और मालिनी उस दिन घूमने के लिए निकले क्योंकि मालिनी के पैर में चोट लगी थी जो अभी तक पूरी तरीके से ठीक नहीं हुई थी इसलिए उसे चलने में दिक्कत होती थी। हम लोग एक मॉल में पहुंचे और वहां पर हम दोनों ने उस दिन मूवी देखी मूवी देखने के बाद हम लोग घर वापस लौट आए मालिनी काफी खुश थी वह मुझे कहने लगी कि मुकेश मुझे लग रहा है कि अब मैं पहले से बेहतर महसूस करने लगी हूं। मालिनी के पैर में काफी ज्यादा चोट आ गई थी जिस वजह से उसे चलने में बहुत परेशानी होने लगी थी अब धीरे-धीरे वह ठीक भी होने लगी थी और सब कुछ ठीक हो चुका था। कांता घर का काम अच्छे से कर रही थी एक दिन मैं ऑफिस जाकर जल्दी लौट आया था उस दिन कांता रसोई में खाना बना रही थी। मैंने कांता को आवाज देते हुए कहा कांता मेरे लिए एक गिलास पानी ले आना। वह कहने लगी साहब ठीक है बस अभी लाई और वह हो थोड़ी देर बाद पानी का गिलास लेकर आई जैसे ही उसने मुझे पानी दिया तो उसके हाथ से खिला गिर गया और वह नीचे गिर गया। उसने मुझे कहा साहब माफ कर दीजिए मैं बस अभी पानी ले आती हूं।

वह दौड़ती हुई रसोई की तरफ गई लेकिन जब वह दौड़ रही थी तो उसके स्तन हिल रहे थे मैं उसे देखकर उत्तेजित होने लगा था मेरा लंड हिलोरे मारने लगा था मैं चाहता था मैं अपने लंड को उसकी उसकी चूत मे डाल दू और जल्दी से जल्दी अपनी प्यास बुझाऊं। जब वह पानी लेकर आई तो मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा मैंने पानी जल्दी से पिया और वह मेरे पास बैठी हुई थी। मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा उसने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिस मे वह बहुत ही गजब लग रही थी उसका गदराया हुआ बदन मुझे अपनी और आकर्षित कर रहा था और ना चाहते हुए भी मैं उसकी चूत मारने के लिए तैयार था। मैंने जब उसके स्तनों पर हाथ लगाया तो वह मेरी तरफ देखने लगी लेकिन वह मुझसे कुछ बोल नहीं पाई मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी गोद में बैठा लिया। मैंने अपने बटुए से कुछ पैसे निकाले और वह मैंने कंता के हाथ में थमा दिए कांता अब समझ चुकी थी कि मैं उससे क्या चाहता हूं इसलिए कांता ने भी देर नहीं की और मेरे पजामे को नीचे करते हुए मेरे अंडर वियर से उसने मेरे लंड को बाहर निकाला। मेरा लंड हिलोरे मार रहा था उसने जैसे ही उसे अपने हाथ में लेकर ऊपर नीचे करना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा और वह उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी थी। उसने अपने मुंह के अंदर लंड लिया और बड़े अच्छे से उसका रसपान किया मुझे तो मजा आ चुका था और वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। उसने मुझे कहा अब उस से बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है मैंने उसे कहा तुम अपनी साड़ी के ऊपर कर लो उसने अपनी साड़ी को ऊपर किया तो उसकी चूत को देखकर मैंने भी जल्दी से उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया और मैंने जब उसकी चूत के अंदर धक्का देते हुए अपने मोटे लंड को डाला तो उसके मुंह से एक तेज चीख निकली और उस चीख के साथ मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक चला गया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाने लगी थी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

मैंने कुछ देर बाद उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया जब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा तो उसकी उत्तेजना इस कदर बढ़ चुकी थी कि वह मुझे कहने लगी साहब आप मेरी गर्मी को अच्छे से बुझा दीजिए क्योंकि इसकी चूत से निकलता हुआ पानी काफी अधिक हो चुका था इसलिए मैं समझ चुका था कि उसकी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी है। उसकी गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी उसे मै बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहा था मेरे लिए आसान नहीं था मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह कहने लगी साहब मजा तो मुझे बहुत ज्यादा आ रहा है आपका लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा है जब आपका लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा है तो मुझे बहुत मजा आ रहा है।

मैं अब तेज गति से उसे धक्के दिए जा रहा था जब मैं उसे धक्के मार रहा था तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था अब उसे भी मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे लगता है मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही लावा बाहर आने लगा है इसलिए मैं आपका साथ नहीं दे पाऊंगी। मैं समझ चुका था कि वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी है और वह मेरा साथ नहीं दे पाएगी क्योंकि उसकी चूत से निकलता हुआ लावा कुछ ज्यादा ही अधिक हो चुका था जिससे कि उसकी चूत के अंदर मै अपने वीर्य को जल्दी से गिराना चाहता था। मेरा वीर्य जैसे ही उसकी योनि के अंदर गिरा तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी कि साहब आज तो आपके साथ मजा ही आ गया आपने मेरी इच्छा आज पूरी कर दी है। उसने अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद वह चली गई  कुछ देर बाद मालिनी भी वापस लौट चुकी थी। मैंने मालिनी को कहा मालिनी तुम कहां चली गई थी तो वह कहने लगी मैं अपनी सहेली के पास चली गई थी लेकिन मुझे तो कांता के साथ चूत चुदाई का खेल खेलकर मजा आ गया था और वह बहुत ज्यादा खुश थी।
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मै हर रोज भाभी को नए नए पोज मे चोदता


मां मेरे कमरे में आई उस वक्त मैं कुर्सी पर बैठा हुआ था मां मेरे सामने आकर बैठी और कहने लगी कि ललित बेटा क्या तुम कल तुम्हारे भैया से मिल आओगे। मैंने मां से कहा कि मां कल तो मुझे समय नहीं मिल पाएगा लेकिन परसों मैं भैया से मिला लूंगा मां कहने लगी कि बेटा मैंने नमकीन बनाई थी तो मैं सोच रही थी तुम माधव को दे आते मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं परसों चला जाऊंगा। भैया अब अलग रहते हैं उनकी शादी के बाद भाभी के कहने पर वह अलग चले गए थे मां को नमकीन बनाने का बड़ा शौक है मां के हाथ की नमकीन बड़ी स्वादिष्ट होती हैं। मैंने मां से कह दिया था तो मां कहने लगी कि बेटा तुम जरूर माधव के लिए नमकीन लेकर चले जाना मैंने मां से कहा ठीक है। मां भी वहां से चली गई अगले दिन मैं अपने ऑफिस सुबह जल्दी ही चला गया था मैं समय पर अपने ऑफिस पहुंच गया था। हमारे ऑफिस में काम करने वाला सिक्योरिटी गार्ड उस दिन बहुत ही ज्यादा परेशान था उसका नाम राजू है मैंने उससे पूछा की तुम क्यों परेशान हो तो वह मुझे कहने लगा कि साहब कल मुझे अपने बच्चे की फीस भरनी है और मुझे अभी तक तनख्वाह नहीं मिली है।

मैंने उसे कहा कि तुम्हें कितने पैसों की जरूरत है तो वह कहने लगा कि साहब मुझे 3000 की जरूरत है मैंने उसे कहा कि तुम मुझे दोपहर के वक्त मिलना और फिर वह मुझे दोपहर के वक्त मिला। जब वह मुझे मिला तो मैंने उसे पैसे दे दिए थे वह मुझे कहने लगा साहब यह पैसे रहने दीजिए मैं आप से पैसे नहीं ले सकता लेकिन मैंने उससे कहा कि तुम यह पैसे अपने पास रख लो जब तुम्हारी तनख्वाह आ जाएगी तो तुम मुझे पैसे लौटा देना। वह मेरी बात मान गया और फिर उसने पैसे ले लिए थे अगले दिन मैं अपने ऑफिस से भैया के घर चला गया मां ने मुझे नमकीन पैक कर के दी हुई थी। जब मैं भैया के घर गया तो मैंने भैया को वह नमकीन दे दी, भैया कहने लगे कि ललित मां और पापा कैसे हैं तो मैंने भैया से कहा भैया वह लोग तो ठीक है लेकिन आप उन्हें मिलने के लिए कभी आते ही नहीं है। भैया के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था क्योंकि भैया सिर्फ भाभी की बात सुना करते थे और जब से भैया की शादी हुई है तब से भैया पूरी तरीके से बदल चुके हैं।

मां और पापा को उन पर बहुत ही भरोसा था लेकिन उन्होंने उनके भरोसे को एक ही झटके में तोड़ दिया। मैं ज्यादा देर तक उनके घर पर नहीं रुका और मैं अपने घर वापस लौट आया जब मैं घर वापस लौटा दो मां मेरा इंतजार कर रही थी क्योंकि मैं भैया के घर भी करीब एक घंटे तक रुका और मुझे घर लौटने में देर हो गई थी। जैसे ही मैं घर पहुंचा तो मां मुझसे कहने लगी कि क्या तुम्हें माधव मिला था तो मैंने मां से कहा हां मां मुझे माधव भैया मिले थे और मैंने उन्हें नमकीन दे दी थी। मां बहुत ही ज्यादा खुश थी मां कहने लगी चलो ललित बेटा तुम भी अपने कपड़े बदल लो हम लोग खाना खा लेते हैं। हम लोगों ने खाना खाया और पापा ने भी मुझसे पूछा कि माधव ठीक है? मैंने पापा को कहा हां पापा वह ठीक हैं वह आपके बारे में पूछ रहे थे। पापा ने ऊंची आवाज़ में कहा यदि वह हमारे बारे में इतनी चिंता करता है तो हमसे मिलने क्यों नहीं आता मैंने पापा से कहा पापा यह बात तो आप जानते ही हैं कि भैया भाभी के आगे कुछ कह नहीं पाते हैं। भाभी ने ना जाने उन पर ऐसा क्या जादू कर दिया है कि वह पापा और मम्मी को भूल चुके हैं हम लोगों ने अपना डिनर खत्म किया और उसके बाद मैं कुछ देर के लिए अपने कॉलोनी में ही टहलने के लिए चला गया। मैं बाहर टहल रहा था तो उस वक्त हमारी कॉलोनी में रहने वाले मिश्रा जी मुझे मिले और वह कहने लगे कि अरे ललित कैसे हो तो मैंने उन्हें कहा मैं तो ठीक हूं आप बताइए। वह कहने लगे कि मैं भी बहुत अच्छा हूं और तुमसे तो काफी दिनों से मुलाकात नहीं हुई थी तो सोचा कि तुमसे भी आज बात होगी जाएगी। मैंने उन्हें कहा कि आप बताइए आपका बिजनेस कैसा चल रहा है वह कहने लगे कि मेरा बिजनेस तो अच्छा चल रहा है उनका ट्रैवल्स का बिजनेस है और वह काफी समय से यही बिजनेस करते आ रहे हैं। मिश्रा जी हमारे घर के सामने ही रहते हैं उनके साथ मैं कुछ देर तक बात करता रहा और फिर मैं घर वापस लौट आया क्योंकि अगले दिन मुझे जल्दी ऑफिस जाना था इसलिए मैं सुबह जल्दी तैयार हुआ और मां ने मेरे लिए नाश्ता बना दिया था।


मैं नाश्ता करने के तुरंत बाद अपने ऑफिस चला गया मेरी जिंदगी में कुछ भी नया नहीं हो रहा था हर रोज सुबह मैं ऑफिस जाता और शाम के वक्त मैं ऑफिस से लौट आता। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या मेरी जिंदगी में कभी कुछ नया होगा भी या नहीं? माधव भैया भी हमसे मिलने के लिए कभी आते ही नहीं थे। हर रोज की तरह मै एक दिन अपने ऑफिस से घर लौट रहा था उस दिन जब मैं घर लौट रहा था तो मेरे आगे एक महिला जा रही थी उनके साथ एक छोटा बच्चा भी था लेकिन उस महिला के हाथ से उस बच्चे का हाथ छूट गया और वह बच्चा वहां से बड़ी तेजी से दौड़ने लगा लेकिन तभी मैंने उसे पकड़ लिया। वह महिला मेरे पास आई और कहने लगी आपका बहुत धन्यवाद उन्होंने मुझे अपना नाम बताया और कहा कि मेरा नाम मोहनी हैं मोहनी अपने नाम के अनुसार ही बहुत सुंदर थी। उन्होंने जिस प्रकार के कपड़े पहने हुए थे उससे उनके अंदर का सारा सामान मुझे दिखाई दे रहा था और उनके गोरे बदन को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा।

उसके बाद तो वह मुझे जब भी मिलती तो मुझसे बात कर लिया करती अब धीरे-धीरे उनसे मेरी बातें होने लगी थी और एक दिन उन्होने मुझे अपने घर पर भी बुलाया। जब उन्होने मुझे घर पर बुलाया तो मैंने उनसे कहा आपके पति कहां है वह कहने लगी मेरे पति काम के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं उस दिन जब मैंने उनकी गांड पर अपने हाथ को फेरा तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। उसके बाद जब भी मुझे वह मिलती तो मुझसे मिलकर वह बहुत ही खुश रहती एक दिन उन्होंने मुझे अपने घर पर बुलाया उस दिन मुझे पता नहीं था कि उनकी चूत में इतनी ज्यादा खुजली हो रही है कि वह मुझसे अपने चूत मरवाना चाहती हैं। जब उस दिन उन्होने मुझे अपने घर पर बुलाया तो मैंने भी उन्होंने अपनी बाहों में ले लिया। जब मैंने ऐसा किया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई और उन्होंने अपने लंड को बाहर निकालकर उसे अपने मुंह के अंदर समा लिया। जब उन्होंने ऐसा किया तो मुझे मजा आने लगा वह मेरे मोटे लंड को अपने गले तक लेने लगी और काफी देर तक उन्होंने ऐसा ही किया। जब उन्होंने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल दिया तो उन्होंने कहा अब मुझसे बिल्कुल भी नहीं रह जाएगा और मैंने जैसे ही उनकी चूत को देखा तो मैं उनकी चूत को चाटने के लिए बहुत ही ज्यादा बेताब हो गया था। मैंने उनकी चूत के अंदर तक अपनी उंगली को घुसा दिया मेरे ऐसा करने पर वह सिसकारियां लेने लगी और उनकी उत्तेजना में बढ़ोतरी हो गई थी। अब उनकी चूत से अधिक मात्रा में पानी बाहर निकलने लगा था मुझे पता चल चुका था वह बिल्कुल भी नहीं रह सकती। मैंने भी अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनकी योनि पर अपने लंड को सटाया तो उनकी चूत के अंदर से बहुत ही अधिक मात्रा में पानी बाहर निकल रहा था अब मैंने धीरे-धीरे उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डालना शुरू किया जैसे ही मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो बहुत जोर से चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी तुमने मेरी चूत ही फाड़ दी है।

मैंने उन्हें कहा आपकी चूत बड़ी ही लाजवाब है अब वह अपने पैरों को खोलने लगी थी जब मैं उनको चोद रहा था तो वह बडे ही मादक आवाज लेकर मेरी उत्तेजना को बढ़ाती जा रही थी। उन्होंने अपने मुंह से ना जाने किस-किस प्रकार की आवाज निकाली जिससे कि मैं ज्यादा देर तक उनकी चूत का आनंद नहीं ले पाया और मेरा वीर्य पतन जल्दी ही हो गया लेकिन मेरा वीर्य पतन होने के तुरंत बाद मैंने अपने लंड को साफ़ किया और दोबारा से उनकी चूत के अंदर डाल दिया लेकिन इस बार मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया गया जिससे कि मुझे उनकी चूत और भी ज्यादा टाइट महसूस होने लगी। उन्होंने अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाया हुआ था उनकी बडी गांड मेरी तरफ थी मैंने उनकी गांड को सहलाया तो उनकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था जैसे ही उनकी चूत से ज्यादा पानी बाहर निकलने लगा तो अब मैंने उन्हें कहा मुझे लगता है अब मैं ज्यादा देर तक अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा।

मैंने एक ही झटके मे उनकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया अब मेरा लंड उनकी योनि के अंदर जाते ही वह बहुत जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुमने मेरी चूत फाड़ दी है। मैंने उन्हें कहा लेकिन मुझे गुस्सा भी तो बहुत आ रहा है और वह बहुत ही ज्यादा मजे में आ चुकी थी जिससे कि मैं उनकी चूत का आनंद बड़े अच्छे से ले रहा था और मुझे उन्हें चोदने में बहुत मजा भी आ रहा था अब मैं लगातार तेज गति से उनको धक्के मार रहा था। जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो वह खुश हो गई और मुझे बहुत ही मजा आ गया था उसके बाद भी मैं कई बार मोहनी भाभी से मिलने के लिए जाता था और जब भी मैं उनसे मिलने जाता तो वह अपने बदन को मेरे सामने निछावर कर देती और कहती आप आज मेरे बदन के मजे ले लो। मुझे उनकी चूत मारने में बड़ा आनंद आता और वह चाहती थी कि मैं उन्हें हर दिन नए तरीके से चोदता रहूं और मैं उनकी इच्छा पूरी कर दिया करता।
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बीवी ने लंड पकड लिया


मुझे शोभित ने अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था मैं शोभित के घर तो अक्सर जाता ही रहता था लेकिन यह पहला ही मौका था जब शोभित के घर पर मैं मीनाक्षी को लेकर जाने वाला था। मीनाक्षी इससे पहले कभी भी शोभित से मिली नहीं थी और उस दिन वह सबसे पहली बार ही मिलने वाली थी। शोभित हमारे ऑफिस में ही नौकरी करता है और वह 6 महीने पहले ही हमारे ऑफिस में आया था मैं तो उसके घर अक्सर जाता ही रहता था। पहली बार जब मीनाक्षी और मैं शोभित के घर पर गए तो मैंने मीनाक्षी को शोभित की पत्नी दिव्या से मिलवाया उसे दिव्या बहुत ही अच्छी लगी और उन दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई। उस दिन शोभित ने अपने पापा मम्मी से भी हमें मिलवाया और उस रात हम लोगों ने उनके साथ ही डिनर किया और फिर हम लोग घर लौट आए थे। अगले दिन छुट्टी थी इसलिए मैं घर पर ही रहने वाला था तो मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि महेश क्या आज आप घर पर ही हैं तो मैंने मीनाक्षी को कहा हां मीनाक्षी आज मैं घर पर ही हूं।

उसने मुझे कहा कि यदि आज आप घर पर हैं तो क्या हम लोग आज पापा मम्मी से मिल आए पापा मम्मी को मिले हुए भी काफी समय हो चुका है। मैंने भी मीनाक्षी की बात मान ली और मैं मीनाक्षी के पापा मम्मी को मिलने के लिए चला गया उनसे मिले हुए वैसे भी काफी समय हो चुका था। जब हम लोग उनसे मिलने के लिए गए तो वह काफी खुश थे उनके लिए तो यह किसी सरप्राइज से कम नहीं था हम लोग करीब 3 महीने बाद उनसे मिल रहे थे मीनाक्षी उनकी इकलौती बेटी है इसलिए वह बहुत ही ज्यादा खुश थे। उस दिन हम लोग उनके घर से शाम के वक्त लौट आए थे क्योंकि अगले दिन मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में हैदराबाद जाना था। मैं अपने काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहता हूं लेकिन मीनाक्षी घर में काफी अच्छे से मैनेज कर लेती है वह मां और पापा का बहुत ध्यान रखती है। मेरा छोटा भाई दिव्यांशु जो कि कॉलेज में पढ़ाई करता है वह भी पढ़ने में बहुत अच्छा है और वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता है। मैं कुछ दिनों के लिए हैदराबाद चला गया था इसलिए मैं मीनाक्षी से फोन पर ही बात कर रहा था मैं करीब 2 हफ्ता हैदराबाद में रुकने वाला था।

मीनाक्षी ने मुझे बताया कि वह दिव्या से मिली थी मीनाक्षी की उससे काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और वह लोग अक्सर एक-दूसरे को मिला करते हैं कम ही समय में उन दोनों के बीच बहुत अच्छी बनने लगी थी। मैं भी हैदराबाद में ही था और हैदराबाद में अपना काम खत्म कर के वापस लौट आया था जब मैं वापस लौटा तो उस दिन मैं घर पर ही था। उस दिन हमारे पड़ोस में रहने वाले निखिल सिन्हा जी का एक्ससिडेंट हो गया था उनकी उम्र यही कोई 40 वर्ष के आसपास है। उनका एक्सीडेंट हो गया था तो उनकी पत्नी हमारे घर पर आई और कहने लगी कि महेश उनका एक्सीडेंट हो गया है इसलिए तुम्हें मेरे साथ हॉस्पिटल चलना होगा। वह काफी ज्यादा परेशान थी मैंने उन्हें कहा भाभी आप परेशान मत होइए और मैं उस दिन उनके साथ हॉस्पिटल चला गया। हमने देखा कि वह काफी ज्यादा घायल हो चुके थे लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है उन्हें थोड़ी बहुत चोट आई है उसके बाद भाभी की सांस में सांस आई और वह कहने लगी कि मैं तो घबरा गई थी। मैंने भाभी से कहा भाभी सब ठीक हो जाएगा उस दिन मैं काफी देर तक हॉस्पिटल में ही रहा और फिर वापस घर लौट आया था कुछ दिनों बाद सिन्हा साहब भी घर आ गए थे और अब वह पहले से ज्यादा ठीक महसूस कर रहे थे। सिन्हा साहब एक सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं और वह बहुत ही नेक और अच्छे व्यक्ति हैं हमारे कॉलोनी में सब लोग उनकी बहुत तारीफ करते हैं। जब वह घर लौट आए थे तो उस दिन मैं और मीनाक्षी भी उनसे मिलने के लिए गए थे मीनाक्षी और मैं काफी देर तक उन लोगों के घर पर रहे और फिर हम वापस लौट आए। मैंने मीनाक्षी से कहा कि मीनाक्षी काफी दिन हो गए हैं हम लोग कहीं साथ में घूमने भी नहीं गए हैं तो मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि हां महेश आप ठीक कह रहे है।


उस दिन हम दोनों मूवी देखने के लिए साथ में चले गए काफी लंबे अरसे बाद हम दोनों मूवी देखने के लिए गए थे इससे पहले करीब चार-पांच महीने पहले ही हम लोग मूवी देखने के लिए गए थे। उस दिन हम दोनों ने मूवी देखी और उसके बाद हम दोनों ने काफी समय बाद अच्छा समय साथ में बिताया। मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि महेश आज हम लोगों ने साथ में मूवी देखी तो कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई मैंने मीनाक्षी को कहा तुम्हें याद है जब हम लोग पहली बार अपने कॉलेज से बंक मारकर मूवी देखने के लिए गए थे। मीनाक्षी और मैं साथ में ही कॉलेज में पढ़ा करते थे हम दोनों की मुलाकात भी कॉलेज के दौरान ही हुई थी और उसके बाद ही हम दोनों एक दूसरे के करीब आए और हम दोनों ने शादी करने का फैसला किया। हम दोनों की शादी हो जाने के बाद मीनाक्षी ने हमेशा ही मेरे परिवार को सबसे ऊपर रखा है और वह पापा और मम्मी का ध्यान बड़े अच्छे से देती है। हम लोगों ने उस दिन काफी अच्छा समय बिताया और फिर हम लोग वापस घर लौट आए थे। जब उस दिन हम लोग घर लौटे तो मीनाक्षी बड़े ही रोमांटिक मूड में नजर आ रही थी काफी समय बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया उसे हिलाते हुए उसने अपना मुंह के अंदर चूसना शुरू किया तो मैंने उसे कहा लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रही हो।

उसने कोई जवाब नहीं दिया वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक उतारने लगी और उसने मेरे लंड को चूसकर पूरी तरीके से लाल कर दिया था अब मेरी उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी और मुझे भी मज़ा आने लगा था इसलिए मैंने उसके बालों को पकड़ते हुए उसके गले के अंदर तक अपने लंड को डाला। मीनाक्षी के मुंह के अंदर मेरा लंड गया तो उसे उसने अच्छे से चूसा और वह मेरे माल को अपने अंदर निगल गई और कहने लगी आज तो मजा ही आ गया। मैंने उसे कहा लेकिन अभी तो यह शुरुआत है अभी तो मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आया है अब मैं भी पूरी तरीके से मूड में आ चुका था इसलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए मैंने अपने कपड़े उतार दिया थे उसके बाद जब मैंने उसके कपड़े उतारकर उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मीनाक्षी भी उत्तेजित होने लगी थी और वह मुझे कहने लगी मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही हूं तुम मेरी चूत को चाट लो मैंने उसे कहा मैं बस तुम्हारी चूत को चाटता हूं मैंने जैसे ही उसकी चूत पर जीभ को लगाया तो उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और कहने लगी तुम मेरी चूत के अंदर अपनी जीभ को डाल दो। मैंने उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ को डाल दिया था जिसके बाद वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। वह इतनी अधिक उत्तेजित हो गई थी कि मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था जिस वजह से मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी योनि के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं। मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश की तो मेरा लंड पूरी तरीके से चिकना हो गया था मीनाक्षी ने मेरी मदद की। मीनाक्षी ने मेरे मोटे लंड को पूरी तरीके से चिकना बना दिया था अब वह अपने पैरों को खोल कर इंतजार कर रही थी कि कब मैं उसकी चूत के अंदर अपने 9 इंच मोटे लंड को घुसाकर उसकी चूत की बेचैनी को दूर करूंगा।

वह बहुत ज्यादा बेताब थी वह बहुत तड़प रही थी मैंने जब अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो वह हल्की सी आवाज में सिसकिया लेकर कहने लगी अब तुम अंदर की तरफ अपने मोटे लंड को तो धकेलते हुए डाल दो। मैंने जब उसकी चूत के अंदर धीरे-धीरे अपने लंड को घुसाना शुरू किया तो उसकी सिसकियां और बढ़ने लगी। मैंने एक ही झटके के साथ उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही मजा आया और वह बड़ी जोर से चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे तो मजा ही आ गया और उसे बहुत अधिक मज़ा आ चुका था।

वह अपने पैरों को खोलने लगी मैंने भी उसके पैरों को अपने हाथों में ले लिया और उसको मैं बड़ी तेज गति से धक्के देने लगा जब मैं उसको धक्का मार रहा था तो उसे मजा आने लगा था। उसे भी बड़ा मजा आ रहा था मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था और अब मुझे उसकी चूत मारना मे एक अलग ही प्रकार का मजा आ रहा था। मीनाक्षी की चूत मुझसे टकरा रही थी वह मुझे कहने लगी मुझे अब आप डॉगी स्टाइल में चोदो मीनाक्षी को डॉगी स्टाइल में अपनी चूत मरवाना बहुत ही अच्छा लगता था इसलिए मैंने उसे डॉगी स्टाइल में बनाते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर तक घुसाया और जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि को फाडता हुआ अंदर गया तो वह चिल्लाई और अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाने लगी उसे भी बहुत अच्छा लग रहा है। काफी देर तक ऐसा ही हम लोगों ने किया और उसे बहुत ही मजा आ गया था। मैंने अपने वीर्य को मीनाक्षी की चूतड़ों पर गिराया तो हम दोनों उसके बाद एक दूसरे की बाहों में लेट चुके थे और मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
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चूत मे उंगली डालकर उत्तेजित कर दिया


मैं अपना काम खत्म कर के घर लौट रहा था तो मेरी मां का मुझे फोन आया और वह कहने लगी कि रोहन बेटा क्या तुम घर आ रहे हो तो मैंने मां से कहा हां मां बस मैं थोड़ी देर बाद घर आ रहा हूं मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम अपने पापा की दवाई जरूर लेते हुए आना। पापा का जिन डॉक्टर से इलाज चल रहा था उन्हीं के यहां से मुझे दवाई लेकर आनी थी। मैं जब अपने ऑफिस से निकला तो मैं दवाई लेता हुआ घर पहुंचा और मैंने मां को दवाई दी, मैंने मां से कहा मां पापा की तबीयत कैसी है मां मुझे कहने लगी कि रोहन बेटा अब उनकी तबीयत पहले से बेहतर है। कुछ समय से पापा बीमार थे जिसकी वजह से हम लोग काफी ज्यादा परेशान हो गए थे। पापा के इलाज में काफी पैसा लग चुका था जिससे कि हमारी आर्थिक स्थिति भी अब पहले जैसे नहीं रह गई थी क्योंकि पापा के रिटायरमेंट के तुरंत बाद पापा की तबीयत खराब हो गई और उनके इलाज के लिए काफी पैसा खर्च हो चुका था।

पापा के रिटायरमेंट के वक्त उन्हें जितना भी पैसा मिला था वह सारा का सारा उनके इलाज में लग चुका था और अब उनकी दवाइयां चल रही थी। मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम अपने काम पर पूरा ध्यान देते रहो, मैंने मां से कहा हां मां मैं तो अपने काम पर पूरा ध्यान दे रहा हूं लेकिन मां को यह बात पता थी कि मैं इस बात से काफी ज्यादा परेशान हूं। एक दिन मैं जब निकिता को मिला तो निकिता मुझे कहने लगी कि रोहन आजकल तुम कुछ ज्यादा ही परेशान लग रहे हो। मैंने उस दिन निकिता को कहा कि निकिता तुम्हें मेरी परेशानी का कारण तो पता ही है पापा की जब से तबीयत खराब हुई है तब से सब लोग बहुत परेशान रहने लगे हैं और मैं इस बात से बहुत ज्यादा परेशान हो चुका हूं। घर में मां भी बहुत परेशान रहती है और दीदी का भी फोन मुझे अक्सर आता रहता है दीदी भी पापा के बारे में पूछती रहती हैं और अब मुझे लगने लगा है कि इस वजह से हमारी आर्थिक स्थिति भी काफी बदलने लगी हैं। निकिता मुझे कहने लगी कि रोहन सब कुछ ठीक हो जाएगा निकिता मेरी बहुत अच्छी दोस्त है वह मेरे साथ स्कूल में पढ़ती थी और कुछ समय बाद ही उसकी शादी होने वाली है।

निकिता मुझे कहने लगी कि रोहन तुम यह बात छोड़ो कुछ समय बाद मेरी शादी है तुम मेरी शादी में तो आओगे ना, मैंने निकिता को कहा कि मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगा। उसके बाद हम दोनों काफी देर तक साथ में बैठे रहे फिर निकिता जा चुकी थी और मैं भी अपने घर लौट आया लेकिन जब मैं घर पहुंचा तो उस दिन पापा की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मुझे उन्हें डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ा। डॉक्टर ने उन्हें खाने के लिए काफी कुछ चीजों के लिए मना किया था लेकिन शायद पापा ने उस दिन कुछ ऐसा खा लिया था जिसकी वजह से उन्हें तकलीफ होने लगी थी और उस दिन पापा हॉस्पिटल में ही रहे फिर अगले दिन हम उन्हें घर ले आए थे। उस दिन शाम के वक्त दीदी भी घर आने वाली थी दीदी की शादी को अभी दो वर्ष ही हुए थे दीदी उस दिन घर आई तो वह काफी ज्यादा परेशान थी लेकिन मैंने दीदी को कहा कि आप परेशान मत होइए पापा की तबीयत ठीक है। उस दिन मैं घर पर ही था अगले दिन सुबह मुझे ऑफिस जल्दी जाना था इसलिए मैं सुबह जल्दी ऑफिस चला गया था। ऐसे ही काफी समय तक मैं परेशान रहा लेकिन अब सब कुछ ठीक होने लगा था पापा की तबीयत भी ठीक होने लगी थी और वह पहले से ज्यादा स्वस्थ महसूस करने लगे थे और वह अब ठीक हो चुके थे। एक दिन मां ने मुझे कहा कि रोहन बेटा तुम भी शादी कर लो तो मैंने मां से कहा मां अभी मैं शादी नहीं करना चाहता हूं अभी मेरी उम्र ही कितनी है। मां कहने लगी कि बेटा लेकिन फिर भी तुम शादी कर लो, मां के कहने पर मैंने उन्हें कहा कि मां कुछ महीने रुक जाओ अभी मैं शादी नहीं करना चाहता मां कहने लगी कि ठीक है रोहन बेटा। उसके बाद मेरे लिए मां और पापा ना जाने कितनी लड़कियां देखने लगे थे लेकिन मुझे अभी तक कोई लड़की पसंद नहीं आई थी। कुछ समय बाद जब मेरी मुलाकात सुहानी के साथ हुई तो सुहानी के साथ मुझे समय बिता कर अच्छा लगता था और एक दिन मैं उसे अपने घर ले आया था। मैं जब उसे अपने घर लेकर आया तो उस दिन मैंने उसे अपनी मां और पापा से मिलवाया सुहानी उनसे मिलकर काफी खुश थी।


हमारे जीवन में सब कुछ सामान्य होने लगा था और मैं चाहता था कि मैं सुहानी से शादी करूं लेकिन जब मैंने सुहानी से इस बारे में बात की तो उसने मुझे बताया कि वह मुझसे शादी नहीं करना चाहती है। सुहानी चाहती थी कि वह नौकरी करने के लिए विदेश चली जाए इसलिए वह मुझसे शादी नही करना चाहती थी फिर मैंने भी उसके बाद सुहानी का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया। निकिता की शादी जल्दी होने वाली थी और मैं उसकी शादी में जाने वाला था। एक दिन निकिता ने मुझे फोन किया और कहा तुम कहां हो? मैंने उसे कहा मैं तो अभी घर पर ही हूं उसने मुझे उस दिन कहा तुम मेरे घर पर आ जाओ मैं निकिता के घर पर चला गया निकिता के घर पर कोई भी नहीं था हम दोनों ही अकेले थे। निकिता मुझसे कहने लगी जल्दी मेरी शादी होने वाली है और मैं बहुत ज्यादा खुश हूं मैंने निकिता को कहा तुम बहुत ही खुश नसीब हो जो तुम्हारी शादी जल्दी होने वाली है। हम दोनों एक दूसरे के सामने बैठे हुए थे लेकिन उस दिन निकिता ने जो कपडे पहने हुए थे उसमें उसकी जांघ साफ दिखाई दे रही थी मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि उसने आज कल में वैक्स की हो।

मैंने जब उसकी जांघ पर हाथ रखा तो वह मुझे कुछ नहीं बोली मैं धीरे-धीरे उसकी जांघ को सहलाने लगा मैंने उससे कहा जल्दी तुम्हारी शादी हो जाएगी और तुम मुझे भूल जाओगी। निकिता कहने लगी रोहन मैं तुम्हें ऐसे ही कैसे भूल जाऊंगी यह कहते हुए उसने मुझे गले लगा लिया। अब तो मेरे अंदर की आग और भी ज्यादा बढने लगी थी मैंने निकिता की गर्मी को भी बढ़ा दिया जब मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया तो वह भी उत्तेजित होती चली गई और उसकी उत्तेजना इतनी बढने लगी कि वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही हूं वह अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। मैंने भी इसी का फायदा उठाया और उसके शॉट्स को उतारते हुए उसकी पैंटी के अंदर से उसकी चूत को सहलाना शुरु किया तो उसकी गर्मी और भी ज्यादा बढ़ने लगी वह मुझे कहने लगी लगता है शादी से पहले ही मैं सुहागरात मना लूंगी। मैंने उससे कहा क्या तुम मेरे साथ सेक्स नहीं कर सकती तो वह मुझे कहने लगी अब तो तुम ने मेरे चूत से पानी निकाल दिया है अब तुम जल्दी से मेरी चूत मार लो मेरी चूत तुम्हारे लंड को लेने के लिए तड़प रही है मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने अपने हाथ में लेकर उसे हिलाना शुरू किया और उसे अपने मुंह के अंदर लेने लगी। उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को ले लिया था और उसे बड़े अच्छे तरीके से उसने सकिंग किया मुझे बहुत ही मजा आ रहा था वह काफी देर तक ऐसे ही मेरे लंड को सकिंग करती रही और मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाती रही। मेरे लंड से उसने पानी भी बाहर निकाल दिया था मैं अपने आप को रोक पा रहा था। मैंने भी अपने लंड को उसकी योनि पर लगाया और उसे कहा क्या मैं तुम्हारी चूत के अंदर लंड डाल दूं तो वह कहने लगी क्यों नहीं। मैंने उसकी शॉर्ट्स और पैंटी को उतार दिया था जिस वजह से उसकी चूत के अंदर मै अपने लंड को डालना चाहता था मैंने एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया था अब वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी मेरी चूत से खून निकल चुका है।

अब वह इतनी ज्यादा गरम हो गई उसने अपनी टीशर्ट को उतार दिया मैंने उसकी ब्रा उतारने में उसकी मदद की और उसके स्तनो को मैंने अपने मुंह में लेकर उनका रसपान किया वह और भी ज्यादा गर्म हो रही थी। जब मैं उसके स्तनो को चूसता तो उसकी गर्मी में बढ़ोतरी हो जाती। निकिता की गर्मी इतनी अधिक बढ़ने लगी थी कि मैं अब उसे बड़ी तेज गति से चोदना लगाया था। मैं जिस तेजी से उसे चोद रहा था उससे वह जोर से चिल्ला रही थी और मुझे कह रही थी कि जल्दी से तुम मेरी चूत के अंदर लंड को घुसा दो मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को बड़ी तेजी से डाल रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था और वह अपने पैरों को चौड़ा कर रही थी उसकी चूत से इतना ज्यादा खून निकल रहा था कि अभी तक उसकी चूत से निकलता हुआ खून रुका नहीं था कुछ देर बाद मैंने भी उसके पैरों को अपने कंधों पर रख लिया।

जब मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रखा तो मै उसे बड़ी तीव्रता से धक्के मारने लगा मैं उसे बड़ी तीव्र गति से धक्के मारने लगा मै उसे जिस तेज गति से धक्के मार रहा था उससे मुझे मज़ा आ रहा था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरी चूत के मजे लेते रहो 5 मिनट तक मैंने ऐसे ही उसे बड़ी तीव्र गति से धक्के दिए लेकिन फिर मुझे एहसास होने लगा कि उसकी चूत मेरे अंडकोषो से मेरे वीर्य को बाहर निकालने लगी है क्योंकि उसकी चूत से निकलता हुआ गर्म लावा कुछ अधिक गर्म हो चुका था जिसे कि मैं बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहा था इसलिए मेरा वीर्य पतन जल्द ही होने वाला था। जैसे ही मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिरा तो निकिता के चेहरे की रौनक बढ़ चुकी थी और वह मुझे कहने लगी आज तो मुझे मजा ही आ गया। शादी से पहले उसके साथ सुहागरात मनाने मेरे लिए भी बड़ा सुखद एहसास था और मै बहुत ज्यादा खुश था थोड़े समय बाद उसकी शादी हो गई थी।
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मेरे बदन की मालिश करके थकान दूर कर दी


मुझे पुणे में आए हुए अभी सिर्फ दो महीने ही हुए थे लेकिन इन दो महीनों में मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी आस पड़ोस में भी मुझे काफी लोग पहचानने लगे थे। मैं जिस कॉलोनी में रहता था वहां पर आकाश भी रहता है आकाश के साथ मेरी पहली बार मुलाकात हमारी कॉलोनी की ही दुकान में हुई थी। मैं उस वक्त वहां पर कुछ सामान खरीदने के लिए गया हुआ था तो उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम यहीं रहते हो मैंने उसे बताया कि हां मैं यहीं रहता हूं और उसके बाद हम दोनों में अच्छी दोस्ती होने लगी। हम दोनों अब काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे जिसके बाद मैं और आकाश अक्सर एक-दूसरे को मिला करते थे। एक दिन आकाश ने मुझसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूँ, उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम भी मेरे साथ मुंबई चलोगे तो मैंने उसे कहा की लेकिन मैं मुंबई में क्या करूंगा। वह कहने लगा कि यदि तुम अपने ऑफिस से कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले लो तो तुम मेरे साथ चल सकते हो मैंने भी आकाश की बात नहीं टाली और मैं उसके साथ मुंबई चला गया।

आकाश अपने बिजनेस के सिलसिले में मुंबई गया था इसलिए हम दोनों मुंबई के एक होटल में रुके थे वहां पर हम करीब दो दिन तक रुके और फिर उसके बाद हम लोग वापस पुणे लौट आए थे। आकाश के पिताजी का कपड़ों का काफी पुराना कारोबार है जिसे की अब आकाश ही संभालता है आकाश ज्यादातर सामान मुंबई से ही मंगवाता था इसलिए उसे मुंबई जाना पड़ता था और मैं भी उस समय उसके साथ मुंबई गया था। एक दिन आकाश मुझे कहने लगा कि आज हमारे घर पर एक छोटी सी पार्टी है तो उस दिन उसने मुझे अपने घर पर इनवाइट किया घर पर कुछ मेहमान ही थे ज्यादा लोग उस वक्त उसके घर पर नहीं थे। मुझे आकाश ने अपने पापा मम्मी से मिलवाया यह पहला ही मौका था जब मैं आकाश के मम्मी पापा से मिला था और उनसे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा। उस दिन मैं देर से घर वापस लौटा था जब मैं उस दिन घर वापस लौटा तो मुझे काफी देर हो चुकी थी आकाश के साथ मेरी बहुत ही अच्छी बातचीत है जिस वजह से आकाश और मैं अक्सर एक दूसरे को मिलते रहते हैं।

एक दिन हम दोनों हमारी कॉलोनी के बाहर ही खड़े थे तो उस दिन मैंने सामने से आते हुए एक लड़की को देखा उसने जैसे मेरे ऊपर कोई जादू सा कर दिया था उसके लंबे बाल और उसकी कद काठी मुझ पर जादू कर रही थी। मैंने जब यह बात आकाश को बताई तो आकाश कहने लगा उसका नाम सुमन है और वह बहुत ही सीधी लड़की है वह किसी के साथ भी बात नहीं करती। आकाश ने मुझे सुमन के बारे में बताया तो मैं उसकी तरफ और भी आकर्षित होता चला गया। मैं चाहता था कि किसी भी प्रकार से मैं सुमन से बात करूं और उसके लिए मैंने आकाश को कहा तो आकाश ने मेरी मदद करने की बात कही और उसने मेरी मदद की। आकाश ने मुझे कहा कि मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं और उस दिन आकाश जब मेरी मदद करने कों तैयार हो गया तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था। उसने मेरी बात पहली बार सुमन से करवाई, मैंने सुमन से बात की तो मैं उससे हमेशा बात करने लगा लेकिन वह मुझसे काफी कम बात किया करती थी उसका नेचर शर्मिला था इसलिए वह बहुत कम ही बात किया करती थी। हम लोग एक दूसरे को मिलने भी लगे थे तो एक दिन मैंने उसे कहा कि क्या आज तुम मेरे साथ घूमने के लिए चल सकती हो सुमन ने मुझे मना कर दिया और कहा कि नहीं मैं तुम्हारे साथ ऐसे ही घूमने के लिए नहीं आ सकती। अभी भी मुझे सुमन का भरोसा जीतना था इसलिए मैं उससे हर रोज फोन पर बातें करने लगा और हम लोग हमेशा मिला भी करते थे। धीरे धीरे सुमन को मुझ पर पूरी तरीके से भरोसा हो चुका था तो एक दिन मैं सुमन को अपने साथ लेकर गया उस दिन हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बात कर रहे थे। सुमन के बारे में मुझे काफी कुछ पता था लेकिन उस दिन पहली बार सुमन ने मुझे अपनी बहन के बारे में बताया और कहा कि उसकी बहन एक लड़के से प्यार करती थी लेकिन उस लड़के ने उसे किस प्रकार से धोखा दिया उसने मुझे उस दिन सारी बात बताई उसकी बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। सुमन ने मुझे बताया कि उसकी बहन की मानसिक स्थिति भी काफी बिगड़ चुकी है।


मुझे यह बात पता नहीं थी लेकिन मैं चाहता था कि सुमन से मैं अपने दिल की बात कह दूं और उसे प्रपोज कर दूं लेकिन यह सही समय नहीं था इसलिए मैंने सुमन को इस बारे में कुछ नहीं कहा और ना ही मैंने उसे प्रपोज किया लेकिन जल्द ही वह समय नजदीक आ गया जब मैंने सुमन को अपने दिल की बात कह दी और मैंने उसे प्रपोज कर दिया। मैंने सुमन को प्रपोज किया तो वह भी मुझे शायद मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन शुरू हो चुका था। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। एक दिन सुमन ने मुझे कहा राजन मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं और अब हम दोनों का रिलेशन काफी आगे बढ़ चुका था। सुमन अक्सर मुझे यह बात कहती कि तुम कभी मुझे धोखा मत देना मैंने सुमन को कहा कि मैं तुम्हें कभी भी धोखा नहीं दूंगा। सुमन और मेरी मुलाकात अक्सर होती ही रहती थी एक दिन मै काफी ज्यादा कमजोरी महसूस कर रहा था उस दिन मैं घर पर ही था मैं उस दिन ऑफिस नहीं गया था।

सुमन ने मुझे उस दिन फोन किया तो मैंने उसे बताया कि मेरी आज तबियत ठीक नहीं है सुमन यह सुनते ही मेरे पास आं गई जब वह मेरे फ्लैट में आई तो उसने मुझे कहा क्या तुमने नाश्ता कर लिया है तो मैंने उसे कहा नहीं मैंने अभी नाश्ता नहीं किया है सुमन ने मेरे लिए नाश्ता बनाया और उसके बाद मैंने नाश्ता किया। मैंने उसे कहा आज मेरे बदन में काफी दर्द हो रहा है वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे बदन की मालिश कर देती हूं मैंने उसे कहा नहीं रहने दो लेकिन उसकी आगे मैं कुछ कह ना सका और वह मेरे बदन की मालिश करने लगी। वह तेल से मेरे बदन की मालिश कर रही थी लेकिन जब उसने अपने हाथ को मेरे लंड पर लगाया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसने मेरे लंड पर तेल लगाकर उसे चिकना बना दिया। सुमन ने मुझे पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था जब मैंने सुमन से उसके कपड़े उतारने की बात कही तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और वह मेरे पास आकर लेट गई। अब सुमन इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारे बदन की गर्मी को महसूस करना है मै उसके बदन की गर्मी को महसूस करना चाहता था। मैंने अब उसके बदन को महसूस करना शुरू किया जब मैं उसके स्तनों का रसपान करने लगा तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था उसके स्तनों को चूसना मेरे लिए एक सुखद एहसास था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उसके स्तनों का रसपान काफी देर तक किया। वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि मुझे कहने लगी मेरी योनि से पानी बाहर निकलने लगा है। मैंने भी उसकी चूत पर जीभ को लगाया तो उसकी चूत से इतना ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था कि मैंने उसे अपने अंदर ही निगल लिया और उसकी चूत से निकलते हुए पानी को मैंने इतना ज्यादा बढ़ा दिया था कि वह अपने पैरों को खोलने लगी और कहने लगी तुम अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो। अब मेरी सारी थकान दूर हो चुकी थी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरे अंदर एक अलग प्रकार की ताकत आ चुकी है।

अब मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और तेल लगाने के बाद जब मैने लंड को सुमन की चूत सटाया तो जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो वह कहने लगी मुझे अब मत तड़पाओ जल्दी से चूत के अंदर लंड घुसा दो। मैंने उसे धक्का देते हुए उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो मुझे एक अलग अलग प्रकार का मजा आने लगा मैंने उसकी च को थोड़ा सा ऊपर उठाया और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह जोर से चिल्ला कर मुझे कहने लगी आज तो मजा ही आ गया मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ चुका था क्योंकि मेरा पूरा लंड उसकी योनि के अंदर तक जा चुका था।

अब मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा था मुझे उसे धक्के मारने में मजा आ रहा था और वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ लिया था जब उसने ऐसा किया तो मुझे उसकी चूत और भी ज्यादा टाइट महसूस होने लगी। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और उसकी सिसकियां बढती जा रही थी और उसकी चूत से लगातार खून टपक रहा था। मैंने उसे कहा आज मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने में मजा आ गया था। सुमन कहने नहीं लगी आज ना जाने मेरे अंदर भी तुम्हें देखता ही क्या हो गया और मैं अपने आपको रोक ना सकी लेकिन मुझे उसकी चूत मारने मे मजा आ रहा था पर मैं ज्यादा देर तक उसकी टाइट चूत का मजा ना ले सका और मेरा वीर्य पतन हो गया।
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छत पर सलवार खोलकर चोद डाला


शाम के 6:00 बज रहे थे और मैं छत पर टहलने के लिए चला गया जब मैं अपनी छत पर टहलने के लिए गया तो मैंने उस वक्त अपने दोस्त रंजीत को फोन किया। रंजीत से काफी समय से मेरी बात नहीं हुई थी रंजीत अब जॉब करने के लिए इंदौर चला गया है रंजीत के साथ कुछ देर मैंने बात की मैंने जैसे ही फोन रखा तो मैंने देखा कि सामने की छत पर एक लड़की है। सामने के घर पर गोविंद अंकल रहते हैं वह अक्सर हमारे घर पर आते जाते रहते हैं लेकिन मैंने उस लड़की को कभी उस घर में पहले नहीं देखा था। मैं काफी देर तक उसे देखता रहा उसने मेरी तरफ एक दो बार देखा लेकिन उसके बावजूद भी उसने मुझे जैसे नजरअंदाज कर दिया था। उसके बाद मैं अपने घर पर आ गया था उस वक्त 7:30 बज रहे थे मां मुझे कहने लगी कि कमलेश बेटा तुम्हारे पापा आने वाले हैं तुम जल्दी से जाकर चीनी ले आओ। घर में चीनी खत्म हो चुकी थी इसलिए मैं अपने घर के पास की ही दुकान में चीनी लेने के लिए चला गया, मैं चीनी लेकर 10 मिनट बाद ही वापस लौट आया था।

मैं जैसे ही घर पहुंचा तो उस वक्त पापा भी घर पर आ चुके थे पापा काफी थके हुए थे तो माँ ने उनके लिए चाय बनाई और थोड़ी देर बाद मां ने उन्हें चाय दी तो पापा मुझसे कहने लगे कि कमलेश तुमने आगे क्या सोचा है। मैंने पापा से कुछ नहीं कहा मैंने कुछ दिनों पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि मेरे सर के साथ मेरा झगड़ा हो गया था इसलिए मैं नौकरी नहीं करना चाहता था लेकिन अब मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था। मुझे घर पर दो महीने हो चुके थे दो महीने से मेरे पास कोई भी काम नहीं था मुझे भी लगने लगा था कि मुझे अब नौकरी कर लेनी चाहिए। अगले ही दिन से मैं इंटरव्यू देने के लिए जाने लगा लेकिन मेरे हाथ हर रोज निराशा ही लगती। मैं एक दिन एक कंपनी में इंटरव्यू देने गया और वहां पर मेरा सिलेक्शन हो गया जब मेरा उस कंपनी में सिलेक्शन हुआ तो उसके बाद मैं वहां पर जॉब करने लगा। मैं हर रोज सुबह ऑफिस जाता और शाम को घर लौट आता मेरे जीवन में कुछ भी नया नहीं था। एक दिन मैं घर लौट रहा था तो मैंने उसी लड़की को देखा जिसे मैंने एक दिन छत पर देखा था वह अपने फोन पर किसी से बात कर रही थी वह मेरे आगे आगे चल रही थी तभी अचानक से उसका पर्स नीचे गिर गया।

मैंने उसका पर्स उठाया और उसे आवाज़ देते हुए रोका जैसे ही वह पीछे मुड़ी तो मैंने उसे कहा कि आपका पर्स छूट गया था उसने अपना पर्स वापस लिया। वह किसी से फोन पर बात कर रही थी इसलिए मुझसे उसने बात नहीं की और फिर मैं भी अपने घर निकल चुका था मैं जब घर पहुंचा तो मां मुझे कहने लगी कि कमलेश बेटा तुम काफी ज्यादा थके हुए नजर आ रहे हो। मैंने मां से कहा हां मैं काफी ज्यादा थक चुका हूं क्योंकि आज ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था मैंने मां से कहा कि मां मेरे लिए तुम चाय बना देना। मां कहने लगी बस बेटा मैं अभी तुम्हारे लिए चाय बना देती हूं। मां ने मेरे लिए चाय बनाई और जब मां ने मेरे लिए चाय बना कर लाई तो मैंने चाय पी और उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। मैं अपने रूम में कपड़े चेंज कर के बैठक में आया तो पापा भी आ चुके थे पापा मुझसे कहने लगे कि कमलेश बेटा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है। मैंने पापा से कहा कि पापा मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है पापा और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे तो पापा ने मुझे कहा बेटा कुछ दिनों के लिए मेरे एक दोस्त हमारे घर पर आएंगे तो पापा मुझे कहने लगे कि तुम उन्हें कल सुबह रेलवे स्टेशन लेने के लिए चले जाना। मैंने पापा से कहा ठीक है मैं कल सुबह उन्हें लेने के लिए स्टेशन चला जाऊंगा। अगले दिन सुबह मैं जब उन्हें लेने के लिए स्टेशन जा रहा था तो मैंने उस लड़की को दोबारा से देखा जो कि हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई थी वह सुबह कहीं जा रही थी लेकिन उससे मेरी अभी तक बात नहीं हो पाई थी। मैं उस दिन रेलवे स्टेशन चला गया और पापा के दोस्त को मैं घर ले आया था। मैं उस लड़की से बात करना चाहता था लेकिन मेरी उससे अभी तक कोई बात नहीं हो पाई थी एक दिन मैं छत पर ही था और वह भी छत पर आ गई। जब वह छत पर आई तो वह मुझसे बात करने लगी और कहने लगी कि मेरा नाम पायल है औऱ उस दिन मैं आपको थैंक्यू भी नहीं कह पाई क्योंकि मैं मम्मी से बात कर रही थी।


मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैंने भी उसे अपना नाम बताया। उसने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों पहले ही गोविंद जी के घर पर रहने के लिए आई थी वह गोविंद अंकल के घर पर किराए पर रहती है और किसी हॉस्पिटल में वह जॉब करती है। मैं पायल से काफी देर तक बात करता रहा, और उसके बाद भी हम लोगों की बातें होती रही हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो अक्सर बातें किया करते थे। अब हम दोनों की मुलाकात कुछ ज्यादा ही होने लगी थी मुझे पायल से बात करना अच्छा लगता पायल जब भी परेशान होती तो वह मुझसे जरूर मदद लिया करती और मुझे भी पायल की मदद करना अच्छा लगता था। एक दिन पायल अपने किसी दोस्त के घर पार्टी में गई हुई थी तो उसे आने में देर होने वाली थी पायल ने मुझे फोन किया और मैं उस दिन पायल को रिसीव करने के लिए चला गया पायल हमेशा ही कहती कि कमलेश तुम बहुत अच्छे हो। हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो चुकी थी लेकिन शायद मेरे दिल में उसके लिए कुछ था मैं पायल से प्यार करने लगा था और पायल को मैं पसंद करने लगा था।

पायल को मैंने एक दिन छत पर मिलने के लिए बुलाया पायल छत पर आ गई उस दिन मैंने पायल से अपने दिल की बात कह दी। शाम का अंधेरा था इसलिए छत में कोई भी नहीं दिखाई दे रहा था धीरे-धीरे अंधेरा बढ़ने लगाया था पायल और मैं ही साथ में थे। जब पायल को मैंने अपने दिल की बात कही तो वह भी मना ना कर सकी और उस दिन मैंने पायल को अपने गले लगा लिया गले लगाने के बाद हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही चली गई। मै पायल के बदन के गरमाहट को महसूस कर पा रहा था छत पर ही मैंने उसे किस कर लिया जिस छत पर मैने उसे पहली बार देखा था। मैंने जब उसे पहली बार देखा तो उसे मैंने किस कर लिया था अब तो जैसे पायल मेरी हो चुकी थी और अपने आपको बिल्कुल भी रोक नही पाई। मैंने जब उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी और उसे बहुत ही ज्यादा आनंद आने लगा वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मैंने भी उसके कपड़े उतारे और जब मैंने उसके सलवार के नाडे को खोलते ही उसके सलवार को नीचे किया तो वह मुझे कहने लगी कमलेश कहीं कुछ होगा तो नहीं मैंने उसे कहा कुछ नहीं होगा जैसे ही मैंने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाला तो उसकी चूत को सहलाना शुरु किया वह उछल पड़ी और कहने लगी मेरी चूत से पानी बहुत ज्यादा निकलने लगा है। मैंने उसकी पैंटी को उतार और उसकी चूत को मैं चाटने लगा जब मैं ऐसा कर रहा था तो उसकी चूत से बहुत अधिक पानी बाहर की तरफ निकल रहा था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाया तो वह मुझे कहने लगी तुम अब अपने मोटे लंड को मेरी चूत मे डाल दो। मैं चाहता था पहले वह मेरे लंड को सकिंग करे और उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया मेरे लंड को वह मुंह के अंदर बाहर कर रही थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी। मेरे अंदर की गर्मी लगातार बढ़ती ही जा रही थी लेकिन जब मैंने उसके मुंह के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो उसने उसे अंदर ही निगल लिया अब वह खुश हो चुकी थी जैसे उसके अंदर की ताकत बढ़ चुकी थी।

उसने अपनी चूतड़ों को मेरे सामने किया मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से बहुत अधिक मात्रा में पानी बाहर निकल रहा था मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को सटाते हुए डालना शुरू किया जैसे ही मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसा तो वह चिल्लाने लगी थी मैंने उसे कहा बस थोड़ा सा ही रह गया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड कितना लंबा है मेरी चूत में दर्द हो रहा है। मैंने उसकी पतली कमर को कस कर पकड़ लिया और अब मैंने उसे जोर से धक्का दिया जिसके साथ ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा चुका था वह जोर से चिल्लाई और उसकी चूत से खून बाहर की तरफ निकल गया मैंने उसे कहा मुझे आज मजा आ गया। वह मुझे कहने लगी मजा तो मुझे भी आ रहा है लेकिन बहुत दर्द हो रहा है मेरा लंड पायल की योनि के अंदर पूरी तरीके से सेट हो चुका था इसलिए उसे भी अब अच्छा लग रहा था। मै उसे तेजी से चोद रहा था वह बोली जब तुम ऐसा कर रहे हो तो मुझे मजा आ रहा है।

मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था और उसकी गर्मी को मैंने अच्छी तरीके से बढा कर रख दिया था वह मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है। उसकी योनि से पानी कुछ ज्यादा ही बाहर की तरफ को निकलने लगा था इसलिए मुझे एहसास होने लगा था कि शायद वह ज्यादा देर तक मेरा साथ नहीं दे पाएगी मैंने उसे कहा मुझे लगने लगा है तुम मेरा ज्यादा देर तक साथ नहीं दे पाओगी। वह कहने लगी हां कमलेश तुम ठीक कह रहे हो मैं झडने वाली हूं उसकी चूत से इतना अधिक पानी निकल चुका था कि मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज तुमने मेरी इच्छा को पूरा कर दी है मैं बहुत ही खुश हूं। उस दिन के बाद हमारी प्यार की शुरुआत हो गई मैने पहली बार उसे छत पर देखा था और छत पर मैंने पायल के साथ चूत चुदाई का आनंद लिया।
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झाडियो के बीच में सील तोड़ी


बारिश काफी तेज हो रही थी और मैं उस दिन जब अपने घर लौट रहा था तो मैंने देखा कि रास्ते में एक लड़की मुझे हाथ दे रही थी वह बारिश में भीगी हुई थी। मैंने कार रोकी और उसे अंदर आने के लिए कहा वह कार में बैठ गई और मुझे कहने लगी कि क्या आप मुझे आगे तक छोड़ देंगे। उस वक्त काफी ज्यादा अंधेरा हो रहा था और मैं भी अपने ऑफिस से लौट रहा था मैंने उसे उसके घर तक छोड़ दिया था। रास्ते में हम दोनों की बात हुई और उसने मुझे अपना नाम बताया और कहा कि मेरा नाम मंजू है। उसे छोड़ने के बाद मैं अपने घर लौट आया था मैं जब अपने घर लौटा तो मुझे काफी देर हो गई थी मैंने जल्दी से अपने कपड़े चेंज किए और मां ने खाना तैयार कर दिया था। मां कहने लगी कि सार्थक बेटा तुम खाना खा लो, पापा और मम्मी खाना खा चुके थे क्योंकि पापा उस दिन घर पर ही थे।

मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं भी लेट गया अगले दिन मुझे अपने ऑफिस की मीटिंग से मुंबई जाना था मैंने अपना सामान पैक कर लिया था और सुबह जब मैं उठा तो पापा मुझे कहने लगे कि सार्थक बेटा तुम कहां जा रहे हो। मैंने पापा से कहा कि पापा मैं आज मुंबई जा रहा हूं पापा मुझे कहने लगे कि लेकिन कल रात को तो तुमने हमें इस बारे में बताया ही नहीं। मैंने पापा से कहा पापा बस मैं दो दिन बाद वहां से लौट आऊंगा मां मुझे कहने लगी कि बेटा मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूं मैंने मां से कहा नहीं मां रहने दीजिए मैं बाहर ही कुछ खा लूंगा और मुझे लेट भी हो रही है। मैं जब मुंबई पहुंचा तो वहां से मैं दो दिन बाद वापस लौट आया था, पापा मुझे कहने लगे कि बेटा आज हम लोग तुम्हारे मामा जी के घर जा रहे हैं मैंने उन्हें कहा पापा मामा जी के घर क्या कुछ जरूरी काम है। वह कहने लगे बेटा बस ऐसे ही तुम्हारी मम्मी कह रही थी कि काफी दिन हो गए तुम्हारे मामा जी से मुलाकात नहीं हुई है तो सोच रहे हैं कि आज उनसे मिल आते हैं। मैंने पापा से कहा ठीक है पापा मैं भी आप लोगों के साथ चलता हूं हालांकि मैं उसी वक्त मुंबई से दिल्ली पहुंचा था लेकिन मैं जल्दी से तैयार हुआ और पापा और मम्मी के साथ मैं मामा जी के घर चला गया। हम लोग जब मामा जी के घर पहुंच गए तो मामा जी और मामी काफी खुश थे वह दोनों घर पर अकेले रहते हैं उनके दोनों बेटे इंग्लैंड में जॉब करते हैं और वहां पर वह एक अच्छी कंपनी में जॉब करते हैं।

मामा जी कहने लगे कि सार्थक बेटा तुम तो हमसे मिलने के लिए आते ही नहीं हो मैंने मामा जी को कहा मामा जी आपको तो पता ही है कि ऑफिस के काम में कितना बिजी रहता हूं इस वजह से आपसे मिलना नहीं हो पाता है। मामा जी काफी अच्छे हैं और मामी भी बहुत अच्छी हैं उस दिन हम लोग उनके घर पर ही रुक गए थे और अगले दिन हम लोग वापस लौट आए थे। सुबह के वक्त मैं उस दिन जल्दी उठ गया था और जब मैं उठा तो मैंने देखा अखबार आ चुका था मैं अखबार पढ़ने लगा और जब मैं अखबार पढ़ रहा था तो उस वक्त पापा भी उठ गए और मुझे कहने लगे कि सार्थक बेटा आज तुम जल्दी उठ गए। मैंने उन्हें कहा पापा बस ऐसे ही मेरी आंख खुल गई थी तो मैं अब अखबार पढ़ रहा था और मां भी थोड़ी देर बाद उठ चुकी थी। मां ने मेरे और पापा के लिए चाय बनाई अब हम लोगों ने चाय पी और उसके बाद मैं अपने ऑफिस जाने की तैयारी करने लगा। मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था और अपने ऑफिस के लिए तैयार होकर मैं तुरंत ही ऑफिस निकल गया। मैं जैसे ही अपने ऑफिस के लिए निकला तो मुझे मंजू दिखाई दी काफी समय बाद मुझे मंजू दिखी थी उसने मुझे देखते ही पहचान लिया। मैं अपनी कार में था मैंने उसे कहा कि क्या तुम्हें कहीं ड्रॉप कर दूं तो मंजू ने मुझे कहा कि आप मुझे मेरे ऑफिस तक ड्रॉप कर दीजिए। उस दिन मैंने मंजू से पूछा कि मैं तुम्हारा नंबर लेना ही भूल गया था तो मंजू मुझे कहने लगी कि कोई बात नहीं मैं आपको अभी अपना नंबर दे देती हूं। मैंने और मंजू ने नंबर एक्सचेंज कर लिया था हम दोनों उसके बाद एक दूसरे से बातें करने लगे हम दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। हम दोनों के विचार एक जैसे ही थे हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे।


एक दिन मंजू ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपने पापा और मम्मी के साथ जयपुर जा रही है जयपुर में वह अपने ननिहाल जा रही थी लेकिन उस दौरान भी मैं मंजू से फोन पर बातें करता रहा। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या मंजू और मेरे बीच में दोस्ती का रिश्ता है या उससे भी आगे कुछ और है लेकिन मुझे उस वक्त एहसास हुआ कि मैं मंजू से प्यार करने लगा हूं जब कुछ दिनों तक मंजू से मेरी बात नहीं हुई। उसके बाद तो मैंने भी अपने दिल की बात मंजू को कह दी और मंजू को जब मैंने अपने दिल की बात कही तो वह भी तुरंत मान गई। उसने मुझे कहा मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा था तभी मैंने तुम्हें पसंद कर लिया था और तुम मुझे बहुत अच्छे लगे थे। हम दोनों का रिलेशन चलने लगा था मैं मंजू से ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश करता और उसके साथ समय बिताने की कोशिश भी करने लगा था। मंजू भी मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करती थी अगर कभी मैं उसका फोन नहीं उठाता तो वह मुझ पर गुस्सा हो जाया करती उसका यही प्यार तो मुझे पसंद आने लगा था।

मैंने एक दिन मंजू से कहा चलो आज कहीं लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं मंजू भी मान गई और हम दोनों लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़े। मंजू के साथ मुझे अच्छा लग रहा था लेकिन उस दिन मेरा हाथ उसकी जांघ पर लगा तो मेरा मंजू को चोदने का मन होने लगा और वह भी शायद मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे मैंने उसके होठों को किस किया तो वह मेरे लिए तडपने लगी और मैं भी उसके लिए पूरी तरीके से तडपने लगा था वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी जिस वजह से मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। मैंने कार को किनारे रोक कर खड़ा कर दिया और उसके बाद मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने उसे अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरु किया मेरा लंड पूरी तरीके से खड़ा हो चुका था उसने जब मेरा मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो वह बड़े अच्छे से उसे अपने मुंह के अंदर लेने लगी और मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। वह जिस प्रकार से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी उस से मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया था कि मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी चूत मारनी है तो वह कहने लगी हां सार्थक तुम मेरी चूत मार लेना लेकिन अभी मुझे तुम्हारे लंड की गर्मी को महसूस करने दो उसने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था और मेरा माल गिर चुका था। जिस वजह से मुझे मजा आने लगा था मैं उसे चोदना चाहता था मैंने भी गांडी को एक सुनसान जगह पर रोका और वहां से हम लोग झाड़ियों में चले गए झाडिया बहुत ज्यादा धनी थी इसलिए वहां पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। मैंने भी जल्दी से मंजू के कपड़े उतारे जब उसने अपनी जींस को उतारा तो उसकी मोटी जांघे देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैं अपने लंड को हिलाने लगा उसने मुझे कहा तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दो मैंने भी उसकी पैंटी को उतारकर उसकी चूत को अपनी उंगलियों से सहलाना शुरु किया जिस वजह से उसकी चूत से पानी बहुत ज्यादा बाहर निकलने लगा था और वह तड़पने लगी थी। अब उसकी तडप इतनी ज्यादा बढ़ने लगी कि वह मुझे कहने लगी उस से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था।

वह बोली तुम जल्दी से अपने लंड को चूत के अंदर घुसा दो वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी उसकी गर्मी इतनी बढ़ने लगी कि वह मुझे कहने लगी वह कहने लगी अब मै बिल्कुल भी अपने आपको रोक नहीं पा रही हूं उसकी गर्मी बढ़ चुकी थी इसलिए मैंने भी उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला कर लिया। जब मैंने ऐसा किया तो वह बड़ी बेताब थी मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को टच किया जैसे ही मैंने अपने लंड को टच किया तो वह बड़ी उत्तेजित होने लगी मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर गया था तो उसकी चूत के अंदर से पानी बाहर निकालने लगा और पानी के साथ साथ खून भी बहुत ज्यादा बाहर निकल रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द होने लगा है मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और बड़ी तेज गति से चोदना शुरू किया वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है।

वह अपनी चूतडो को मुझसे मिला रही थी उसकी चूतडो का रंग लाल होने लगा था वह बहुत ही ज्यादा मचलने लगी थी वह मुझे कहने लगी उस से बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा तुम जल्दी से अपने माल को मेरी चूत में गिरा कर मेरी इच्छा को पूरा कर दो। मैंने उसे कहा कि बस थोड़ी देर बाद मैं तुम्हारी इच्छा को पूरा कर दूंगा मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था लेकिन मेरी इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई थी। मुझे मंजू को चोदने मे बहुत मजा आ रहा था और मंजू की चूत के अंदर से गरम लावा बाहर निकल रहा था वह और भी अधिक होता जा रहा था वह अपने मुंह से लगातार तेज आवाज मे सिसकिया ले रही थी और उसकी सिसकिया बढ़ने लगी थी। मुझे उसकी चूत मारने में बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था और काफी देर तक मैंने उसके चोदा लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर आपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई और कहने लगी क्या अब हम लोग चले। हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और वहां से चले आए।
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लंड और चूत का जबरदस्त मिलन


कॉलेज में जब मैंने दाखिला लिया तो उस वक्त मुझे कॉलेज के पहले दिन ही संध्या मिली संध्या हमारी क्लास में पढ़ती थी और संध्या को देखकर मैं उसकी तरफ मोहित हो गया लेकिन संध्या से मैं कभी अपने दिल की बात कह ना पाया और संध्या की शादी विजय के साथ हो गई विजय भी हमारे साथ ही पड़ता था। कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो जाने के बाद सब लोग अपने अपने करियर को लेकर सोचने लगे थे और मैंने भी अपना करियर बनाने के लिए अपने मामा जी की मदद ली मेरे मामा जी की मदद से मैं अमेरिका जॉब करने के लिए चला गया। कुछ वर्षों तक मैंने अमेरिका में जॉब की और जब मैं अमेरिका से वापस लौटा तो मेरे लिए सब कुछ बदल चुका था क्योंकि मेरे दोस्तों से मेरा कोई संपर्क नहीं था। मैं जब अपने दोस्त दलजीत से मिला तो दलजीत ने मुझे बताया कि वह अपनी शादीशुदा जिंदगी में इतना उलझा हुआ है कि उसके पास अब समय ही नहीं है।

मुझे दलजीत से मिलकर ऐसा लगा कि जैसे वह अपनी जिंदगी में कहीं खो चुका है इसलिए मैं दलजीत से कम मिलता था। मेरे सारे दोस्त अपनी जिंदगी में पूरी तरीके से उलझे हुए थे लेकिन इसी दौरान मेरी मुलाकात मानवी के साथ हुई मानवी बड़ी बिंदास लड़की है मानवी से मिलकर मुझे अच्छा लगा मेरी मुलाकात उससे मेरे मामा जी के लड़के ने करवाई थी। मानवी के साथ अब मेरा काफी अच्छा रिलेशन हो गया था और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय बिताया करते थे। एक दिन मानवी ने मुझसे पूछा कि रोहन क्या तुम्हें चंडीगढ़ में अच्छा लगता है तो मैंने उसे कहा हां मुझे तो चंडीगढ़ में पहले से ही अच्छा लगता था लेकिन कुछ समय तक मैं अमेरिका में रहा उसके बाद जब मैं वापस आया तो यहां सब कुछ बदला हुआ था। अब मेरे दोस्त पूरी तरीके से बदल चुके हैं और शायद वह अपनी जिंदगी में इतना ज्यादा उलझ चुके हैं कि उनके पास किसी के लिए भी समय नहीं है।

मुझे नहीं पता था कि मानवी से मैं इतना प्यार कर बैठूंगा की वह जब मुझसे दूर चली जाएगी तो मुझे काफी तकलीफ होगी। मैंने मानवी से अपने दिल की बात नहीं कही थी मैं नहीं चाहता था कि जैसे मैंने संध्या को अपने जीवन से जाने दिया वैसे ही मैं मानवी को अपने जीवन से जाने दूँ मानवी मेरे लिए बहुत ही ज्यादा महत्व थी। वह जॉब करने के लिए मुंबई चली गई और मेरी बात मानवी से हर रोज हुआ करती थी लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं मैं उसे अपने दिल की बात कहने में डर रहा था जिस वजह से मैं अपने दिल की बात उसे ना कह सका परंतु जब मानवी कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ आई तो मैंने उसे अपने दिल की बात कह दी। मैंने जब मैंने उसे प्रपोज किया तो उसने भी तुरंत हामी भर दी क्योंकि मेरे पास अब किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी मेरा बिजनेस चंडीगढ़ में अच्छा चल रहा था और मैं अब चंडीगढ़ में ही रहना चाहता था। मानवी और मेरा रिलरशन चलने लगा था मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार संध्या से प्यार किया था और उसके बाद मैंने मानवी से ही प्यार किया लेकिन मानवी की मेरी जिंदगी में बहुत ज्यादा अहम भूमिका थी। उसने मुझे कहा कि मैं अपने तरीके से जीना चाहती हूं इसीलिए वह जॉब करने के लिए मुंबई गई थी। मुंबई में वह अपने सपने पूरा करना चाहती थी इसलिए मैंने भी उसे कभी रोका नहीं लेकिन मैं चाहता था कि मैं जल्द से जल्द मानवी से शादी कर लूं परंतु यह सब मानवी नहीं चाहती थी। मानवी चाहती थी कि वह मुंबई में कुछ समय रहे और कुछ समय तक वह मुंबई में ही जॉब करती रही। एक दिन मैंने मानवी से फोन पर कहा कि मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है क्या तुम चंडीगढ़ आ सकती हो तो मानवी कहने लगी कि अभी तो मेरा चंडीगढ़ आना मुश्किल होगा लेकिन मेरे कहने पर वह चंडीगढ़ आ गई। जब वह चंडीगढ़ आई तो वह मुझे कहने लगी कि तुम्हारी वजह से मुझे अपनी जॉब भी छोड़नी पड़ी मैंने उसे कहा कि मैं चाहता हूं कि हम दोनों साथ में रहे। मैंने जब उसे यह बात कही तो वह कहने लगी कि रोहन तुम्हें मालूम है कि मैं अपनी जिंदगी खुशहाल जीना चाहती हूं और अपने तरीके से मैं अपने जिंदगी जीना चाहती हूं। उसने जब मुझसे यह बात कही कि मुझे तुम सिर्फ 6 महीने का समय दे दो 6 महीने बाद हम लोग शादी कर लेंगे तो मैंने उससे कहा कि ठीक है।


यह बात सबको पता थी मेरे परिवार में मैंने मानवी के बारे में सबको बता दिया था और उसके परिवार में भी मेरे बारे में सबको मालूम था लेकिन मानवी की वजह से हम दोनों शादी नहीं कर पाए थे। 6 महीने बाद जब मैंने उससे शादी की बात कहीं तो वह कहने लगी कि रोहन मैं कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ आ रही हूं हम लोग इस बारे में बैठ कर बात करते हैं। वह कुछ ही दिन में चंडीगढ़ आ गई हम दोनों ने इस बारे में बात की और हमने अब शादी करने का फैसला कर लिया था। मानवी भी शादी के लिए मान चुकी थी और वह मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो गई थी मैं भी इस बात से काफी खुश था। मैं बहुत ज्यादा खुश था और वह कुछ दिनों तक चंडीगढ़ में ही रुकने वाली थी इसलिए उस बीच हम दोनों ज्यादा ही मिलने लगे थे। हम दोनों जब एक दूसरे को मिलते तो हमें बहुत ही अच्छा लगता और मैंने एक दिन मानवी से फोन पर अश्लील बातें कि वह मुझसे बात कर कर बड़ी खुश थी उसने मुझे अपने फिगर का साइज बताया और मैं बहुत ज्यादा खुश था।

मैं उसे चोदने के घर पर ही चला गया उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया और कहा मुझे तुमसे अपनी चूत मरवानी है मैं बहुत तड़प रही हूं मै उसकी तडप को दूर करना चाहता था मैं जब उसके घर गया तो उस वक्त उसके घर पर कोई भी नहीं था। मैंने अपनी गर्मी को शांत करने का फैसला कर लिया था जब मैं मानवी को मिला तो हम दोनों बिस्तर पर लेटे हुए थे मै उसके स्तनो को महसूस करने लगा और उसको महसूस कर के मुझे मजा आ रहा था और मुझे अच्छा लग रहा था। मुझे उसके बदन को महसूस करने में इतना मजा आ रहा था कि मैंने जब उसके कपड़े उतारकर किनारे रखा तो मैं उसकी ब्रा खोलते हुए उसके स्तनों को चूसने लगा उसके गोरे स्तनों को चूसकर मुझे मजा आने लगा लेकिन जब मैंने उसके निपल्स को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मेरे अंदर की गर्मी और भी बढ़ने लगी थी और उसकी चूत से भी अधिक मात्रा में पानी निकलने लगा था। वह मुझे कहने लगी कि तुम मेरी चूत को चाट लो मैंने जब उसकी पैंटी को उतारा तो उसकी चूत पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी उसकी गीली हो चुकी चूत को मैंने कुछ देखा मैंने जब उसकी चूत को चाटा तो उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगडना शुरू किया तो मेरे लंड से भी पानी निकलने लगा था और उसकी चूत से पानी निकलने लगा था उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने उसे कहा तुम मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में ले लो और उसने अपने मुंह में ले लिया जब उसने ऐसा किया तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा और वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी उसने मुझे कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी मैंने जब उसके पैरों को खोल कर उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था जिससे कि उसकी चूत से खून निकलने लगा था उसकी चूत से निकलता हुआ खून देखकर मेरी उत्तेजना और भी अधिक बढ़ने लगी।

मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे बड़ी तीव्रता से चोदना शुरू कर दिया जब मैंने ऐसा किया तो उसकी चूत से इतना अधिक मात्रा में पानी निकल चुका था कि वह तड़पने लगी थी और मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। मैंने उससे कहा मैं तुम्हें घोड़ी बना देता हूं लेकिन घोडी बनाने से पहले ही मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर गया और उसकी इच्छा भी पूरी हो चुकी थी लेकिन मैं उसको दोबारा से चोदना चाहता था मैंने उसे कहा तुम अपनी चूत को साफ कर लो और उसने अपनी चूत को कपड़े से साफ किया मेरे लंड को उसने साफ कर लिया था। जिसके बाद मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी चूत को चाटना है और मैंने उसकी योनि को बहुत देर तक चाटा जब मैंने ऐसा किया तो उसे मज़ा आने लगा था और वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी।

उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और काफी देर तक उसने मेरे लंड को सकिंग किया जिससे कि मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और मेरे लंड से बहुत ही अधिक मात्रा में पानी निकलने लगा था मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था और मैने उसे डॉगीस्टाइल पोजीशन में बना लिया लेकिन उसकी चूत से हल्का खून बाहर की तरफ निकल रहा था वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी। जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे मजा आ रहा है। अब मैं उसे बड़ी तीव्रता से चोदना लगा था मैंने उसे जिस प्रकार से चोदा उससे मुझे इतना अधिक मज़ा आने लगा था कि मैं उसे कहता मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा वह भी मुझे कहने लगी शायद मैं भी अपने आपको बिल्कुल रोक नहीं पा रही हूं और अब मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को बड़ी तेजी से किए जा रहा था काफी देर तक मैंने उसकी चूत का मजा लिया मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को किया और वह कहने लगी आज तो मजा ही आ गया। वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।
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