तलाकशुदा बॉस के साथ चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी पढ़ने वालों को अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ. यह मेरी चुदाई मेरे बॉस ने की और मैंने भी उनका पूरा पूरा साथ दिया और उनके साथ बहुत मज़े किए मैंने उनको अपनी बातों में और अपने सेक्सी गदराए बदन का अंग प्रदर्शन करके उन्हें अपनी तरफ पूरी तरह से आकर्षित किया जिसकी वजह से वो मेरी चुदाई करने पर मजबूर हो गए और मुझे उनका लंड मिल गया और उनको मेरी मचलती हुई चूत और हम दोनों बहुत खुश हुए और अब में आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए सीधे अपनी आज की कहानी की तरफ बढ़ती हूँ. दोस्तों उस समय में अपने पति के साथ अमेरिका में रहती थी, लेकिन दोस्तों मेरी रूचि शुरू से ही चुदाई करने में रही है. मुझे अपनी चुदाई करवाना बहुत अच्छा लगता था और मैंने अपने पति के साथ हमेशा अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए थे, लेकिन दोस्तों जब से हम दोनों पति, पत्नी अमेरिका आए है हमने एक बार भी चुदाई का खेल नहीं खेला.
में अपने पति से पूरी तरह से संतुष्ट होकर बहुत समय पहले चुदी थी, लेकिन फिर भी मेरे पति का मुझ पर अब ज्यादा ध्यान नहीं था और वो अब मेरी चुदाई करने में इतनी ज्यादा रूचि नहीं रखते थे. मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि उन्हें ऐसा क्या हो गया था और वो जब कभी मुझे चोदते तो ज्यादा से ज्यादा दो पांच मिनट में ही मुझसे दूर हो जाते और में हमेशा प्यासी तड़पती हुई रह जाती. उन्होंने मुझे कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया इसलिए में उस बात को लेकर मन ही मन बहुत चिंतित और थोड़ा सा उदास रहने लगी थी. मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था.
फिर एक दिन मुझे एक ऑफर आया अपने पति की कंपनी में काम करने का तो मैंने बिना कुछ सोचे समझे तुरंत हाँ कर दिया. वहां पर मुझे एक चपरासी का काम मिला था जिसमे फाईल बनानी होती है और अपने बॉस को वो अपना काम दिखाकर उसको आगे भेजनी होती है. फिर मैंने अगले ही दिन से ही अपने ऑफिस में जाना शुरू कर दिया था.
में अपनी उस नौकरी से बहुत खुश थी क्योंकि उस नौकरी की वजह से अब मेरा मन भी लगा रहेगा वरना में अकेली घर पर रहकर बहुत बोर भी होने लगी थी. दोस्तों वहाँ पर औरतों के कपड़ो का कलर एक जैसा और वो हमेशा स्कर्ट और शर्ट और साड़ी भी पहनना होता था. फिर मैंने पहले दिन पीछे से पूरी खुली हुई साड़ी पहनने के बारे में सोचा और मैंने बहुत अच्छे से मेकअप किया और लाल कलर की लिपस्टिक और आउटलाईन लगाई. मेरे पति को कोई जरूरी काम था इसलिए वो मुझसे पहले ही चले गए थे.
मैंने अपने बाल खुले रखे हुए थे और एक ज्यादा गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था, जिसमें से मेरे बूब्स की लाइन साफ साफ दिख रही थी और में बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर में करीब एक घंटे के बाद अपने ऑफिस गई. मेरे पति का टेबल नंबर 6th मंजिल पर था और मेरा 13th पर था मैंने सारा दिन काम किया और बहुत थक गई थी. फिर में अपनी कुछ फाईल लेकर जब अपने बॉस के कमरे में चली गई तो दोस्तों उसके बाद में वो सब कुछ देखकर बहुत चकित थी कि वो अपनी पत्नी को ना जाने किस बात के लिए डांट रहे थे और वो उनको तलाक देने की भी बातें कर रहे थे उनकी यह लड़ाई झगड़ा कुछ देर ऐसे ही चलता रहा और करीब पांच मिनट के बाद वो वहां से चली गई.
मैंने उन्हें जाते हुए देखा और फिर में उनके बाहर निकलते ही अंदर चली गई. मैंने खुद का अपने बॉस से परिचय करवाया और फिर हम दोनों ने करीब 15 मिनट तक इधर उधर की बातें की. दोस्तों वो बहुत ही मजाकिया किस्म के आदमी थे और उन्होंने मुझसे बहुत मजाक किया और मुझे बहुत बार हंसाया, लेकिन मुझे उनके साथ अपना समय बिताकर बहुत अच्छा लगा और वो मेरा पहला दिन बहुत अच्छा गुजरा.
वो सभी बातें मैंने अपने घर पर आने के बाद अपनी पति के साथ खाना खाते समय उनको भी बताई, लेकिन उन्होंने मेरी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और वो खाना खाकर सोने चले गए और में भी अपने कामो से फ्री होकर बेड पर जा लेटी और कुछ देर अपने बॉस के बारे में सोचती रही और ना जाने कब मुझे नींद आ गई.
उसके अगले दिन में जल्दी से उठकर अपने सभी कामों को करने के बाद नहाकर तैयार हो गई और मैंने उस दिन स्कर्ट और एक गुलाबी कलर की टी-शर्ट जिसके मैंने खुद जानबूझ कर ऊपर के दो बटन खोल लिए, जिसकी वजह से मेरे बड़े आकार के बूब्स बिल्कुल साफ साफ दिखाई दे रहे थे, जिसको देखकर कोई भी मेरी तरफ आकर्षित हो जाए क्योंकि में दिखने में बहुत गोरी, सुंदर मेरे बड़े आकार के सुंदर बूब्स और मटकती हुई गांड, सेक्सी गदराया हुआ बदन किसी को भी मुझे चोदने पर मजबूर कर सकता है.
फिर में सजधजकर अपने ऑफिस चली गई. सच पूछो तो दोस्तों में उस दिन बहुत खुश थी, क्योंकि मुझे मेरे बॉस का व्यहवार बहुत अच्छा लगा, जिसकी वजह से मेरा मन भी लगने लगा था और फिर में अपना काम करने लगी.
फिर तभी कुछ देर बाद मुझे मेरे बॉस ने अपने केबिन में बुलाया और उन्होंने मुझसे कल कि कुछ फाईल माँगी और जब में उनके पास वो फाइल्स लेकर पहुंची तो वो मुझे अपनी खा जाने वाली नजरों से लगातार घूरकर देखने लगे थे, उनकी नजर मेरी छाती से हटने को तैयार ही नहीं थी.
फिर जब में अपना काम करने के बाद वापस जाने लगी तो मैंने देखा कि वो मेरे बूब्स को बहुत ध्यान से घूर घूरकर देख रहे है और उनकी नजरे मेरे सेक्सी बदन पर ही टिकी हुई थी इसलिए में भी जानबूझ कर उन्हें हल्की सी स्माइल देकर बाहर चली आई.
तभी कुछ देर के बाद मेरे साथ की एक मेडम ने मुझे अपने पास बुलाया और फिर हम दोनों बातें करने लगे तब मैंने उनसे मेरे बॉस के बारे में पूछा तब उसने मुझे बताया कि उसका तलाक हो चुका है और उसकी पत्नी आज भी उससे पैसे लेने के लिए यहाँ पर आती है. तलाक होने के बाद से वो अब तक बिल्कुल अकेला ही है और तब में वो सारा माझरा समझ गई कि उस दिन वो सब मेरे बॉस और उनकी पत्नी के बीच क्या सब चल रहा था? और फिर जब में दोबारा अपने बॉस के रूम में गई तो में उनसे बहुत हंस हंसकर बातें करने लगी और अब में अपने बॉस के अकेलेपन उनकी कमजोरी का फायदा उठाना चाहती थी, क्योंकि ऐसा करने में मेरा भी बहुत बड़ा फायदा था इसलिए में मन ही मन वो सब सोचकर बहुत खुश थी.
फिर उस दिन हमारे बीच बहुत देर तक हंसी मजाक चलता रहा और तभी अचानक से मैंने जानबूझ कर अपने पेन को नीचे गिरा दिया जिसको उठाने के लिए में उसके सामने झुक गई और जिसकी वजह से मेरे दोनों बूब्स बाहर की तरफ झूलने लटकने लगे थे और अब में उसे अपने बूब्स को दिखाकर अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी और वो अब मेरे सेक्सी जिस्म का नज़ारा देखकर मुझ पर लट्टू होने लगे थे, लेकिन में कुछ देर बाद उनकी तरफ मुस्कुराकर उन्हें अपनी तरफ से हरी झंडी दिखाकर तुरंत बाहर चली आई.
फिर उस दिन शाम को मैंने अपने पति को एक के साथ गे सेक्स करते हुए मेरे ऑफिस के एक खाली रूम में रंगे हाथों पकड़ा और फिर में वो सब देखकर बहुत उदास होकर अपनी जगह पर आकर रोने लगी. तब तक ऑफिस के सभी लोग अपने अपने घर पर वहाँ से जा चुके थे और वहां पर बस में अकेली बैठी रो रही थी.
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? फिर कुछ देर बाद मेरे बॉस ने अपने केबिन से बाहर निकलने के बाद मुझे रोता हुआ बहुत उदास देखा तो वो मुझसे पूछने लगे कि ऐसा क्या हुआ जो में रोने लगी? क्या मुझे किसी ने कुछ कहा है? तुम मुझे अपनी समस्या बता सकती हो में उसका जरुर कोई ना कोई समाधान निकाल दूंगा. फिर मैंने उन्हे वो सब कुछ सच सच बता दिया जो मैंने अपनी आखों से अपनी पति को कुछ देर पहले करते हुए देखा था. वो मेरी बात को एकदम चुपचाप बहुत ध्यान से सुनते रहे और में अपनी बात को खत्म करके एक बार फिर से ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी. फिर उन्होंने मुझे दिलासा दिया और मुझे चुप करवाया और कुछ देर बाद में वहां से चली गई, लेकिन मैंने अभी तक अपने पति से कुछ भी नहीं पूछा और में चुपचाप अपने बेड पर जाकर सो गई.
फिर उसके अगले दिन क्रिस्मस था तो उसी शाम को एक पार्टी थी जिसमें हर एक जोड़े का डांस था, लेकिन हर एक मिनट के बाद जोड़े बदलते है और डांस करने वाले सब लोग अपनी जगह भी बदलते है.
उस दिन मैंने काली कलर की साड़ी जिसका ब्लाउज पीछे से पूरा खुला हुआ था वो पहना था. फिर सबसे पहले तो हमने खाना खाया तभी मेरे बॉस आ गए और मेरे पति का पता नहीं था कि वो कहाँ चला गया था इसलिए बॉस और मैंने एक साथ में बैठकर खाना खाया वो पार्टी 9 बजे से थी और अभी हमारे पास पूरा एक घंटा पड़ा हुआ था. तो हम दोनों कार में घूमने चले गये. मुझे उनके साथ बहुत मजा आया और में उनके साथ बहुत खुश थी और एक पल के लिए तो मुझे ऐसा लगने लगा था कि बस यही मेरा पति है और वो मन ही मन मुझे अच्छे लगने लगे थे.
फिर हम कुछ देर बाद पार्टी में पहुंच गये और मुझे मेरा पति वहीं पर मिला और अब डांस पार्टी शुरू हुई. हम सभी डांस करने लगे और अब मेरी नज़रें उस भीड़ में बस मेरे बॉस को ही ढूंड रही थी.
में डांस करते समय भी लगातार इधर उधर देखती रही तभी कुछ ही देर बाद जोड़े बदल गए और मैंने देखा कि उस समय मेरे सामने मेरे बॉस आ गये और फिर मैंने बहुत खुश होकर तुरंत अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उन्होंने झट से उसे पकड़ लिया और अब उनका एक हाथ मेरी गोरी, पतली, नाजुक कमर पर था जो कि धीरे धीरे नीचे सरक रहा था, लेकिन मैंने उनसे कुछ ना कहा और हमारी सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी मेरे बड़े आकार के गोरे लटकते हुए बूब्स उनकी छाती से दब रहे थे और में उस समय पूरी तरह मधहोश होकर उनकी बाहों में झूल रही थी.
में उस समय कोई दूसरी दुनिया में थी और करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों ना चाहते हुए भी एक दूसरे से अलग हो गये और अब हम ड्रिंक पीने लगे और फिर उसके बाद हम एक दूसरे से बाय कहकर जा रहे थे कि तभी हमारी कार अचानक से खराब हो गई और अब बारिश भी आने लगी थी.
फिर बॉस ने हमे देख लिया और वो हमसे कहने लगे कि में तुम्हे छोड़ देता हूँ. फिर मेरे पति ने उनसे हाँ कहा और फिर हम चले गये. अपने घर पर पहुंचने के बाद जब हमने उनसे बाय कहा तो जब मेरे बॉस जा रहे थे और तभी मेरे पति ने देख लिया कि वो पूरे भीगे पड़े थे तो मेरे पति ने उनको रुकने के लिए कहा और मैंने उनकी तरफ एक शरारत भरी हल्की सी स्माइल दे दी और वो मान गये.
फिर मेरे पति ने उन्हे उनका रूम दिखाया और फिर उनको पहनने के लिए अपना एक लोवर दे दिया फिर हम सब सो गये. फिर करीब रात को एक बजे में उठी तो मुझे किसी के बातें करने की आवाज़ आई. में उठी और में कम्बल देने अपने बॉस के कमरे में चली गई. में उस समय मेक्सी में थी और मैंने देखा कि मेरे पति से मेरे बॉस बातें कर रहे थे, तो मैंने उन्हे कम्बल दे दिया और में अपने कमरे में आकर सो गई.
दोस्तों उसके अगले दिन वो सुबह जल्दी उठकर हमारे साथ चाय पीकर चले गए और फिर दो दिन बाद उनका जन्मदिन था इसलिए उन्होंने अपने जन्मदिन की एक छोटी सी पार्टी रखी थी, लेकिन उस समय मेरे पति दो दिन के लिए बाहर कहीं एक शादी में गये हुए थे. फिर मेरे ऑफिस में पार्टी के खत्म करने के बाद उन्होंने मुझे उनके घर पर आने के लिए कहा और मैंने भी उन्हे तुरंत हाँ कर दिया. फिर शाम को करीब 6 बजे में एक गुलाबी कलर की साड़ी गहरे गले का ब्लाउज पहनकर गुलाबी कलर की लिपस्टिक और ऊँची हील्स पहनकर उनके घर पर सज धजकर मटकती हुई चली गई उन्होंने मन से मेरा स्वागत किया और अपने जन्मदिन का केक काटा हम दोनों उस समय घर पर बिल्कुल अकेले थे.
फिर हम दोनों ने कुछ देर बाद ड्रिंक करना शुरू किया, लेकिन कुछ देर बाद वो मुझसे बोले कि अब हम फिल्म देखते है और मैंने भी उनसे हाँ कह दिया. उन्होंने रागिनी एमएमएस 2 लगा दी और में तो उसे देखकर अब धीरे धीरे गरम हो रही थी और में अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उससे मुझे मेरे घर पर छोड़ने के लिए कहा तो हम दोनों बस से चले गये, वो बस पूरी तरह भरी हुई थी और उसमे बहुत भीड़भाड़ थी और वो ठीक मेरे पीछे खड़े थे मेरी गांड से बिल्कुल चिपककर और वो मेरी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश कर रहे थे और में भी पूरे जोश में आकर मज़े लेते हुए पीछे की तरफ झटके मार रही थी.
फिर मैंने कुछ देर बाद उनकी तरफ अपना चेहरा कर लिया और अब हम दोनों बहुत हंस हंसकर बातें करने लगे थे तभी अचानक से एक ज़ोर का ब्रेक लगा और उनके होंठ मेरे होंठ से टकराए मेरे बूब्स उनकी छाती से चिपक गये और उनका लंड मेरी चूत में धँस गया. हम फिर अलग हुए और घर पर पहुंच गये. अब में उन्हें सोफे पर बैठाकर चाय बनाने किचन में चली गई, लेकिन वो भी मेरे पीछे आ गये और अब वो मुझसे उन सभी हरकतों के लिए सॉरी कहने लगे.
मैंने उनकी तरफ स्माइल करते हुए उनसे कहा कि वो जो भी था बहुत अच्छा था और जो मुझे चुभ रहा था वो भी, बस इतना कहने की देर थी कि उन्होंने आगे बढ़कर तुरंत मुझे पकड़ लिया और वो अब मेरे नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगे थे और उन्होंने मुझे वहीं उस पट्टी पर बैठा दिया और अब वो मेरे होंठो को चूसने लगे और ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स को दबाने लगे थे और में जोश में आकर लगातार सिसकियाँ ले रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उनको रूम में जाने के लिए कहा तो उन्होंने मुझे ऐसे ही अपनी गोद में उठा लिया और वो मुझे मेरे बेडरूम में ले गए और उन्होंने बेड पर पटक दिया और अब उन्होंने जल्दी से मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो खुद भी मेरे सामने पूरे नंगे हो गये. उसके बाद वो मेरी चूत को चाटने लगे, जिसकी वजह से में आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया. सिसकियाँ लेने लगी और में तो जैसे उस समय सातवें आसमान में थी.
फिर करीब बीस मिनट के बाद में झड़ गई और मेरा पूरा शरीर बेजान सा हो गया, लेकिन मेरी चूत अपना काम लगातार करती रही और वो मेरी चूत से निकला मेरा पानी भी पी गये. उसके बाद अब उन्होंने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा और में बहुत खुश होकर उनका लंड चूसने लगी, वाह दोस्तों उनका कितना लंबा और मोटा लंड था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और वो खुद मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गए उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और फिर ज़ोर से धक्का देकर उन्होंने अपना पूरा लंड एक ही बार में अंदर डालकर वो अब मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे थे और में ज़ोर ज़ोर से आहहह सस्सिईई आआअहह आअहह करके चिल्लाने लगी थी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था उनके हर एक धक्के में बहुत दम था में बिल्कुल पागल हुई जा रही थी कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर एक जोरदार धक्का देकर मेरी चूत के अंदर अपना पूरा लंड सरकाकर मेरी चुदाई करने लगे थे और मैंने एक बार फिर से सिसकियाँ भरनी शुरू कर दी थी, लेकिन वो फिर भी ना रुके और में आआहह सस्स्सिईई सस्स्स्सिईई आह्ह्हह्ह करके लगातार लंड के मज़े लेकर चीखती चिल्लाती रही.
करीब बीस मिनट की लगातार चुदाई के बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालकर मुझे सीधा लेटाकर लंड को अपने एक हाथ से हिलाते हुए सारा गरम गरम स्पर्म मेरे बूब्स पर छोड़ दिया वो मेरे पूरे बदन पर फैल गया. अब वो सीधा बाथरूम में चले गए उन्होंने अपने आप को साफ किया और फिर वो बाहर आकर अपने कपड़े पहनकर उनके घर पर चले गये, लेकिन दोस्तों में अपनी उस चुदाई के बाद बहुत खुश रहने लगी और उसके बाद में कभी अपने ऑफिस तो कभी उसके घर पर उनसे चुदती उनके साथ पूरे पूरे मज़े लेती थी.
Share:

साले की बेटी की गांड चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजा है और में नेपाल का रहने वाला हूँ. अब तो आप जान ही गये होंगे कि में कितना सेक्सी हूँ. अबकी बार मैंने अपने साले की खूबसूरत लड़की को फँसाकर जमकर अपने लंड की प्यास बुझाई थी.
दोस्तों अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. एक बार में अपने ससुराल गया तो मुझे पता चला कि घर के सारे लोग शादी में गये है और घर में केवल मेरी बीवी की भतीजी थी. फिर में सीधा उसके रूम में पहुँच गया तो मुझे वहाँ कंचन अकेले मिली, वैसे मुझे कंचन की आवाज़ और उसकी हँसी बहुत अच्छी लगती थी. में कब से उसकी चूत को चूस लेना चाहता था और उसकी नर्म-नर्म गांड मारना चाहता था. अब उसको रूम में अकेला देखकर मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गयी थी, लेकिन में समझ नहीं पा रहा था कि आगे कैसे बात बढ़ेगी? कहीं ये नाराज़ हो गयी? या इसने किसी से कह दिया तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी?
फिर मैंने सोचा कि चलो देखते है, आगे क्या होता है? फिर हम दोनों काफ़ी देर तक बातें करते रहे तो तभी मेरी वाईफ का फोन आया. मैंने थोड़ी देर तक उससे बातें करके बाय गुडनाईट कर दिया, तो कंचन ने कहा कि अच्छा किया फुफाजी आपने बुआ को नहीं बताया, कहीं उनको पता चल जाए कि में रात को आपके कमरे में हूँ, तो वो कहीं नाराज़ ना हो जाए?
फिर मैंने कहा कि उनको पता कैसे चलेगा? क्या तुम बताओगी? तो उसने कहा कि नहीं नहीं भाई. फिर मैंने कहा कि में भी नहीं बताऊँगा, अब मुझे उम्मीद जाग रही थी कि बात बन सकती है, लेकिन में हिम्मत नहीं कर पा रहा था. फिर थोड़ी देर में मैंने कहा कि कंचन मेरे सिर में हल्का सा दर्द हो रहा है. तो उसने कहा कि लाइए फूफाजी में आपको विक्स लगा देती हूँ. फिर में बेड पर लेट गया और वो मेरे माथे पर विक्स मलने लगी. फिर मैंने हल्के से उसकी गोरी कलाई पर अपना हाथ टच किया, तो उसने अपना हाथ दूर खींच लिया.
फिर मैंने हल्के से फिर से उसकी कलाई के ऊपर टच किया, तो वो कुछ नहीं बोली. अब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी, फिर मैंने धीरे-धीरे उसका बदन सहलाना शुरू कर दिया. फिर तो उसने अपना हाथ अलग कर लिया. फिर मैंने लेटे हुए ही सोने का नाटक करते हुए अपनी आँखे खोलकर उसके गाल पर अपना हाथ टच कराया और उसकी कलाई पकड़ ली और कहा कि कंचन आई लाईक यू. तो वो घबराकर बोली कि फुफाजी ये सही नहीं है अगर किसी को मालूम पड़ गया तो बहुत गड़बड़ हो जाएगी. अब मेरी हिम्मत खुल चुकी थी, फिर मैंने कहा कि हम किसी को बताएगें ही नहीं, तो मालूम कैसे पड़ेगा? और फिर मैंने उसकी कलाई और हथेली पर किस कर लिया और फिर मैंने उसके माथे पर किस किया.
अब उसकी सासें भारी हो गयी थी, अब वो विरोध करने की नाकाम कोशिश करने लगी थी. फिर मैंने उसकी सुंदर आँखों को एक के बाद एक किस किया और प्यार से उसको बेड पर लेटा दिया. अब उसकी आँखे बंद थी और उसकी छाती जल्दी-जल्दी उठ बैठ रही थी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसका टॉप उतारा और उसकी ब्रा भी उतार दी.
फिर मैंने जैसे ही उसकी चूची देखी तो में दंग रह गया, वो इतनी गोरी थी कि प्रीति ज़िंटा भी उसके आगे कुछ नहीं थी. अब उसकी चूची तनी हुई थी, फिर मैंने हल्के से उसकी चूची को अपने होठों से चूमा और अपने एक हाथ से उसकी स्कर्ट उतारकर उसकी पेंटी पर अपना हाथ फैरा. अब वो मौन कर रही थी अयाया फुफाजी ये क्या कर रहे है? प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए, उम्म्म्ममम प्लीज. फिर मैंने उसके होंठो पर किस करते हुए उसकी पेंटी को आहिस्ता से उतारा, ओहह क्या चीज़ थी वो? उसके अंदर जैसे करोड़ो का खजाना था, एकदम पिंक, चिकनी गांड थी और उसकी गांड एकदम मुलायम थी.
फिर मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाना शुरू किया तो उसे भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो मेरी उंगली जल्दी से उसकी चूत में नहीं घुस रही थी. फिर मैंने उसकी चूत चोदने के प्लान को कैंसिल करके उसकी नर्म-नर्म गांड मारने का प्लान बनाया, ताकि आगे उसे कोई दिक्कत ना हो. फिर मैंने उसे पेट के बल लेटाकर उसकी गांड को चूम लिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.
उसकी चूत का स्वाद एकदम बटर जैसा था. अब में उसकी चूत को कस-कसकर चूस रहा था. अब वो तो बस चिल्ला रही थी उउउईईईई माँ, फुफा जी ये क्या कर दिया आपने आईईईईईईईई? फिर मैंने सोचा कि अब लोहा गर्म है और देर करना ठीक नहीं है, तो मैंने पहले अपनी उंगली को उसकी गांड में धीरे-धीरे घुसाया, उसकी गांड बहुत टाईट थी.
फिर मैंने थोड़ी क्रीम उसकी गांड में अंदर तक लगाई और फिर मैंने अपने कपड़े उतारे तो उसने भी मेरी छाती पर अपना हाथ फैरना शुरू किया और किस भी किया. लेकिन जैसे ही उसने मेरा 9 इंच का लंड देखा, तो वो घबरा गयी और बोली कि नहीं फूफाजी ये मत करिएगा, प्लीज़ ये अंदर नहीं जाएगा, में वर्जिन हूँ. फिर मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ा दी और फिर मैंने उसको बहुत प्यार से बेड पर लेटाया और उसके कूल्हों के नीचे दो तकिए लगाए, जिससे उसकी गांड और निखर गयी.
फिर मैंने अपने लंड और उसकी गांड पर खूब क्रीम लगाकर अपने लंड के टॉप को उसकी गांड से लगाया और धीरे-धीरे अंदर पुश किया तो वो चिल्लाने लगी कि नहीं फुफाजी लग रही है, उई माँ दुख रहा है आआआआआआ, दर्द हो रहा है उईईई, प्लीज़ लीव मी प्लीज़ प्लीज़. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी गांड के अंदर चला गया था और उसकी गांड से खून बाहर आ गया था, लेकिन में उसके चिल्लाने की परवाह किए बगैर अपने धक्को की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता रहा. अब वो जोर-जोर से चिल्ला रही थी और अब मैंने उसके होंठ अपने होंठ से फिट कर दिए थे.
अब वो चिल्ला रही थी उईईईई माँ में मर गयी, बाहर निकालो फुफाजी, अब में कभी आपकी बात नहीं मानूंगी, उईईईईईई आहह में मर गयी, आअहह आहह आअहह ऊऊऊ आआईईईईईईई मजा आ रहा है फुफाजी और ज़ोर से करिए उुउउहहहहहहहह उईईईईई ऊऊऊहहहहहह फुफ़ाजी और और आहहहाह. अब में भी अपने धक्के जोर-जोर से लगा रहा था और उसकी गांड से फचा फच फचा पच पच की जैसी आवाज़ आ रही थी.
अब वो नीचे से उछलने लगी थी, मज़ा आ गया उईईइ माँ, फुक मी हार्ड फुफाजी यू आर डार्लिंग, आई लव यू उईईईईईईईईईईई में गयी, ये क्या हो रहा है? अया आअहह उूउऊहह और इसके साथ ही मेरी स्पीड भी राजधानी एक्सप्रेस की हो गयी और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गांड के अंदर ही निकाल दिया. फिर थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को अपनी बाहों में लिए पड़े रहे. फिर वो उठी और शरमाते हुए बाथरूम में गयी और वॉश किया. फिर वो मेरे माथे पर किस करके बोली कि यू आर डार्लिंग फूफाजी, आई रियली लव यू. फिर हमने 4 दिन तक खूब मज़े किए और बहुत बार चुदाई भी की और एक दूसरे को चुदाई का आनंद दिया.
Share:

नई शादीशुदा भाभी की चूत

हैल्लो दोस्तों, मेरी यह पहली कहानी है, मेरा नाम विनय है. ये मेरी पहली स्टोरी है तो कोई ग़लती के लिए मुझे माफ़ करना. में चंडीगढ़ में रहता हूँ और 12वीं की पढाई कर रहा हूँ. अब में अपनी स्टोरी हिन्दी में लिख रहा हूँ, क्योंकि देशी की बात ही अलग होती है. में एक नॉर्मल सा लड़का हूँ और मेरा लंड भी नॉर्मल है बस 6 इंच लंबा है. में यहाँ एक घर में रूम लेकर एक फेमिली के साथ रह रहा हूँ, उस फेमिली में अंकल, आंटी, उनका बड़ा बेटा और एक बेटी है. वो बहुत ही अच्छी फेमिली है, वो मुझे भी अपने बेटा जैसा ही मानते है.
दोस्तों इस कहानी की हिरोइन मेरी भाभी है. में आपको तो बताना ही भूल गया 24 दिसम्बर 2015 को मेरे मकान मालिक के बड़े बेटे की शादी हुई है. भैया एक बिज़नसमैन है और उनकी शादी बड़े ही धूमधाम से हुई है. अब मैंने और बाकि मेहमानों ने खूब इन्जॉय किया और दारू भी पी, उस दिन तो में कब सो गया मुझे ही पता नहीं चला, लेकिन फिर अगले दिन जब मैंने भाभी को देखा तो देखता ही रह गया. वो बहुत ही सुंदर है.
फिर मैंने उन्हें हाय बोला तो उन्होंने भी हैल्लो बोला. फिर में कॉलेज चला गया, लेकिन अब मेरा मन कॉलेज में नहीं लग रहा था. अब में बस भाभी के बारे में ही सोचे जा रहा था कि भैया कितने भाग्यशाली है. फिर कुछ दिनों के बाद धीरे-धीरे मेरी भाभी से बातें शुरू हो गयी और वैसे भी हम सब एक ही उम्र के है तो वो अक्सर मेरी टाँग खिंचाई करती थी.
अब मैंने भी उनसे थोड़ा फ्लर्ट करना स्टार्ट कर दिया था. भैया अपने बिज़नस के सिलसिले में अक्सर बिज़ी रहते है, लेकिन वो भाभी से बहुत प्यार करते है. अब घर में सब लोग भाभी को बहुत पसंद करते थे और में तो उन पर लट्टू ही हो गया था, लेकिन शो नहीं कर रहा था, भाभी के लंबे बाल मुझे बहुत पसंद है.
फिर एक दिन भाभी किचन में कुछ बना रही थी तो में भी किचन में चला गया और भाभी की हेल्प करने लगा. फिर वो कहने लगी कि रहने दो विनय, लेकिन अब में तो बस उनके साथ टाईम बिताना चाहता था. फिर वो बोली कि विनय तेरे कोई गर्लफ्रेंड है तो मैंने बोला कि कहाँ भाभी मुझको कोई पसंद ही नहीं करती है. फिर वो बोली कि नहीं विनय तुम तो गुड लुकिंग हो, केरिंग भी हो, जो भी लड़की तेरी लाईफ में आएगी बड़ी ही भाग्यशाली होगी.
मैंने बोला कि भाभी मुझको तो आपके जैसी चाहिए, तो भाभी प्यार से मेरे कान को पकड़कर खींचने लगी और बोली कि अच्छा बच्चू, तुम बस शक्ल से ही शरीफ लगते हो. अब भाभी को मेरी कंपनी पसंद थी और मुझे उनकी कंपनी पसंद थी, भाभी का नाम आकृति है और हम यहीं सेक्टर 22 चंडीगढ़ में रहते है.
अब हम काफ़ी फ्रेंक हो गये थे और अब घर में कोई मुझ पर शक भी नहीं करता है, क्योंकि में एक अच्छा लड़का हूँ. ये बात 3 दिन पहले की है, भैया को अपने बिज़नेस के सिलसिले में पुणे जाना पड़ा और भाभी भी उनके साथ जाना चाहती थी, लेकिन भैया ने मना कर दिया और ये कहकर कि वो तो काम में ही बिज़ी रहेंगे तो वो उनको घुमा नहीं पाएगे और बोले कि में वापस आऊंगा तो फिर हम शिमला चलते है. भैया का 3 दिन का ट्रिप था और अब भाभी थोड़ी दुखी हो गई थी.
फिर में भैया को छोड़ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट गया. फिर रास्ते में भैया ने मुझसे बोला कि विनय अपनी भाभी का ख्याल रखना तो मैंने बोला कि कोई बात नहीं बिग ब्रो. फिर में वापस आया तो मैंने देखा कि भाभी अभी भी नाराज़ थी. फिर मैंने भाभी से बोला कि क्यों नाराज़ हो भाभी? में हूँ ना. फिर में भाभी को हंसाने की कोशिश करने लगा और फिर रात को डिनर करने के बाद सब अपने-अपने रूम में सोने चले गये. जब ठंड भी बहुत ज़्यादा थी. अब में अपने रूम में बैठकर किताब खोलकर अपने मोबाईल में सेक्स स्टोरी पढ़ रहा था. तभी दरवाजे पर किसी ने लॉक किया तो मैंने सोचा कि कौन होगा? लेकिन मेरा रूम खुला ही रहता है तो मैंने बोला कि कौन है? अंदर आ जाओ.
फिर जब दरवाजा खुला तो में देखता ही रह गया. अब ब्लेक टाईट नाइटी और लंबे खुले बाल में भाभी कयामत ढा रही थी. फिर वो बोली कि विनय मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि तेरे साथ थोड़ी देर बात ही कर लूँ. फिर मैंने बोला कि आओ भाभी बैठो और मैंने कम्बल भाभी की तरफ कर दिया. फिर वो पूछने लगी कि क्या कर रहे थे?
मैंने बोला कि बस भाभी थोड़ी सी पढ़ाई तो वो बोली कि मैंने डिस्टर्ब तो नहीं किया ना. फिर मैंने बोला कि नहीं भाभी, फिर हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे, लेकिन अब मेरी नज़र बस उनके बूब्स पर ही थी और माँ कसम भाभी की बॉडी से क्या खुशबू आ रही थी? फिर भाभी ने भी नोटीस किया और बोली कि क्या विनय कभी लड़की नहीं देखी क्या? तो में हक्का बक्का रह गया और बोला कि देखी तो है, लेकिन आप जैसी नहीं. वास्तव अब आग दोनों तरफ लगी हुई थी. फिर मैंने कुछ नहीं सोचा और बस अपना एक हाथ आगे करके और भाभी के लंबे बालों में फैरने लगा.
अब भाभी बिल्कुल मदहोश हो गयी थी. अब मौसम भले ही ठंडा था, लेकिन अंदर गर्मी हो रही थी. तभी में बेड से उतरा और रूम को लॉक किया और फिर भाभी के पास आकर उनके लिप्स पर अपना लिप रखा और उन्हें किस करने लगा.
फिर भाभी कुछ नहीं बोली, लेकिन वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब हम दोनों एक दूसरे में खो गये थे. अब में धीरे-धीरे भाभी के बूब्स पर अपना हाथ फैरने लगा था, उनके बूब्स काफ़ी सॉफ्ट और बड़े-बड़े थे. सॉरी दोस्तों मुझे उनका फिगर साईज़ का पता नहीं है. फिर मैंने कहा कि भाभी नाइटी खोल दो, तो वो कहने कि लगी कि तुम खुद ही खोल लो. फिर मैंने देखा कि भाभी ने अंदर बस ब्रा ही पहनी हुई थी.
फिर मैंने उनकी ब्रा खोली और बूब्स को चूसने लगा. अब वो बिल्कुल पागल सी हो गयी थी. फिर में धीरे-धीरे नीचे गया और उनकी चूत तक पहुँच गया. अब उनकी चूत से बड़ी ही अच्छी खुशबू आ रही थी और थोड़ा पानी भी निकल रहा था, शायद भाभी झड़ गयी थी. अब में उनकी चूत को चाटने लगा तो भाभी बोली कि छी-छी ये क्या कर रहे हो? तेरे भैया तो ऐसा नहीं करते है, लेकिन में नशे में उनकी चूत चाटता रहा.
फिर भाभी ने अपना हाथ मेरे सिर पर रखा और दबाने लगी और बोली कि बस विनय अब डाल भी दे. फिर मैंने बोला कि भाभी पहले इसको थोड़ा चूसो, लेकिन वो मना करने लगी और बोली कि नहीं ये बहुत गंदा काम है. फिर मैंने भी उन्हें ज़्यादा फोर्स नहीं किया और अपने लंड को उनकी चूत के ऊपर रखकर सहलाने लगा. भाभी की चूत टाईट थी तो मैंने उनसे पूछा कि भाभी आप कितनी बार चुदी हो तो वो बोली कि बस 2 बार.
फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रखा और एक झटका दिया, तो मेरा लंड थोड़ा सा उनकी चूत के अंदर चला गया. अब भाभी को बहुत दर्द हो रहा था और मुझे भी थोड़ा सा दर्द हुआ था. फिर में थोड़ी देर तक रुका और फिर एक पुश किया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया. फिर में उनको 15 मिनट तक लगातार चोदता रहा और उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया और फिर में उनके ऊपर ही लेटा रहा. फिर थोड़ी देर के बाद में उठा और उनको अपनी गोद में उठाकर उनको उनके रूम में छोड़कर आया. अब भाभी बहुत खुश थी और में भी बहुत खुश था. अब इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई कर लेते है. दोस्तों ये मेरी पहली स्टोरी है अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो प्लीज मुझे माफ़ कर देना.
Share:

हॉट बेडशीट वाला मुंबई में

हैल्लो दोस्तों, में फिर से आपके सामने एक और नयी हक़ीकत लेकर हाजिर हूँ. में अपने रूम पार्टनर के साथ रहता हूँ, हम 3 लोग 2BHK फ्लेट शेयर करते है, सभी लोग अच्छी जॉब में है. मेरी जॉब का टाईम थोड़ा लेट है. में दोपहर में लगभग 2 बजे घर से निकलता हूँ और रात को 11-12 बजे तक वापस आ जाता हूँ.
मेरे बाकी 2 रूम पार्टनर मोर्निंग शिफ्ट में ऑफिस जाते है, उसके कारण वो दोनों सुबह 9 बजे के पहले ही घर से निकल जाते है. ऐसी ही एक सुबह की बात है में करीब 10 बजे उठा और अभी-अभी नींद से जागने के कारण मेरा लंड खड़ा था. फिर में अपने लंड के अंडो को खुजाते-खुजाते बेडरूम से बाहर आ गया.
अब मेरे दोनों रूम पार्टनर पहले ही जा चुके थे. अब में घर में अकेला ही था, अब आराम से मूतने के बाद मुझे थोड़ा हल्का लगने लगा था. अब मेरा लंड नॉर्मल रूप में आ गया था, फिर में अपने रुटीन कामों में लग गया. अब जब घर में कोई नहीं होता तो में टायलेट से आने के बाद नंगा ही इधर उधर घूमता हूँ और आज भी में अपनी ही मस्ती में नंगा होकर न्यूज़ पेपर पढ़ते-पढ़ते चाय की चुस्कियां ले रहा था.
फिर चाय पीने के बाद मैंने सोचा कि अब नहा लेता हूँ फिर नाश्ता करने बाहर निकलूंगा, अभी ऑफीस जाने के लिए बहुत टाईम था तो में नहाने चला गया. अब में बाथरूम में नंगा होकर अपनी मस्ती में नहा रहा था, अब मेरा नहाना जस्ट ख़त्म होने ही वाला था कि वैसे ही डोर बेल बज गयी. अभी घर में तो डोर ओपन करने के लिए और कोई नहीं था, तो में वैसे ही नहाने लगा.
फिर मैंने सोचा कि जो कोई भी होगा बेल बजा-बजाकर चला जाएगा, लेकिन फिर से डोर बेल बजने लगी. फिर 1 सेकेंड में मेरे मन में ख्याल आया कि कहीं इंटरनेट कनेक्शन वाला तो नहीं है? जो पैसे लेने आया हो और झट से मेरे सामने वो क्यूट सा लड़का आ गया, जो हमारी बिल्डिंग में इंटरनेट कनेक्शन मैनटेन करता है. अब उसका ख्याल आते ही मेरे लंड में थोड़ी सी हलचल हो गयी थी. फिर मैंने बिना देर किए झट से अपनी कमर में टावल लपेटकर बाथरूम से बाहर आ गया और ज़ोर से आवाज़ लगाई, अरे भाई रूको आया. फिर में बाथरूम से ऐसे ही गीले बाल और गीला बदन लेकर बाहर आ गया. अब मेरी गोरी छाती और सेक्सी बदन से पानी की बूंदे अभी भी ज़मीन पर गिरने से पहले पूरे बदन से रेंगती हुई धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ रही थी, मानो मेरे जिस्म से वो अलग होना ही नहीं चाह रही थी.
अब मेरी पतली कमर और रसीली गांड को एक छोटे से टावल ने छुपाकर रखा था और ऊपर मेरी छाती पर निपल्स पूरे गीले होने की वजह से और चमक रहे थे और मेरे बालों से पानी मेरे चेहरे पर टपक रहा था. फिर मैंने चाबी के छेद से बाहर देखा तो यह इंटरनेट वाला तो नहीं था, लेकिन कोई लड़का था जिसे में नहीं पहचानता था.
मैंने दरवाजा ओपन किया और सिर्फ़ अपना चेहरा बाहर निकालकर मैंने एक ही नज़र में उसे ऊपर से नीचे तक निहार लिया. उसकी उम्र करीब 20-21 साल होगी और उसका रंग सांवला, तेल से लथपथ चिपचिपे बाल और धूप के कारण माथे पर थोड़ा पसीना था, ऐसा लग रहा था कि वो किसी गावं से आया है और नीचे पैरों के पास एक बड़ा सा पोटला रखा हुआ था.
मैंने उससे पूछा कि कौन है? क्या चाहिए? तो उसने कहा कि भैया जी में बेडशीट बेचता हूँ, आप कहो तो दिखा दूँ? तो फिर मैंने बोला कि नहीं चाहिए और झट से दरवाजा बंद कर दिया.
अब में अंदर जा ही रहा था कि मेरे मन में शैतान जाग गया. फिर मैंने वापस से दरवाजा खोला और देखा, तो वो ऊपर के फ्लोर पर जा रहा था. फिर मैंने उसे आवाज़ लगाई सुनो, तो वो झट से वापस आ गया. फिर मैंने उससे पूछा कि किस टाईप की बेडशीट्स है? फिर जैसे ही मैंने बेडशीट्स खरीदने में दिलचस्पी दिखाई, तो उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गयी.
फिर वो बोला कि अरे बाबूजी बहुत बढ़िया बेडशीट्स है, आप एक बार देख तो लीजिए और वो वहीं पर बैठकर उसका पोटला खोलने लगा. फिर मैंने उससे बोला कि अरे-अरे यहाँ नहीं अंदर आ जाओ, तो वो झट से अंदर आ गया और ज़मीन पर अपना पोटला रखकर खुद भी नीचे बैठ गया. फिर मैंने उसे सोफे पर बैठने को कहा, तो वो बोला कि नहीं-नहीं बाबूजी माल दिखाने में नीचे ही बैठना सही रहेगा और वो अपने पोटले को खोलने में लग गया.
अब में उसे और ज्यादा ध्यान से देख रहा था, उसके कपड़े थोड़े मैले थे, लेकिन उन पुराने और मैले कपड़ों से उसकी गावं की मर्दानगी छुप नहीं रही थी, उसके हाथ पूरे लोहे जैसे सख़्त दिख रहे थे और वो बड़ी इच्छा से अपनी बेडशीट्स को एक-एक करके खोलने में लग गया. मुझे उसकी लोकल बेडशीट्स में कुछ भी दिलचस्पी नहीं थी, अब मुझे दिलचस्पी थी तो बस उसकी जवानी में.
मैंने उससे पूछा, कि तुम कहाँ से हो? तो उसने कहा कि भैया जी में बिहार से हूँ. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम इधर यह चादर ही बेचते हो? तो उसने कहा कि हाँ भैया जी, अभी तो यह चादर ही बेच रहा हूँ, वैसे सीज़न के हिसाब से और भी काम कर लेते है.
मैंने उससे पूछा कि पानी पीओगे? तो उसने कहा कि हाँ भैया जी आपकी बड़ी मेहरबानी होगी. अब में उसके सामने जानबूझ कर अपनी कमर मटका-मटकाकर चलते हुए अंदर की और चला गया. मैंने देखा कि वो मुझ में कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था, लेकिन जब में अंदर की और अपनी कमर मटका-मटकाकर जा रहा था, तो मैंने यह भाँप लिया था कि वो मुझे घूर रहा है.
फिर में एक गिलास पानी लेकर आया और उसने पूरा पानी का गिलास एक झटके में ख़त्म कर दिया. तब तक उसने बहुत सारी बेडशीट्स बाहर निकालकर रखी थी. अब में सामने जाकर सोफे पर बैठ गया, दोस्तों आप समझ रहे हो ना पोज़िशन? अब में सिर्फ़ अपने छोटे से टावल में सोफे पर बैठा था और मेरे ठीक सामने जमीन पर वो बैठकर एक-एक बेडशीट खोलकर दिखा रहा था.
जैसे ही मैंने एहसास किया कि टावल के नीचे से वो मेरे लंड को बराबर देख सकता है, तो उसी एहसास से मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा. अब में उसकी हरकत देख रहा था, अब वो चादर दिखाते-दिखाते अपनी आखों से मेरे टावल में देख रहा था और हल्का-हल्का मुस्कुरा भी रहा था. अब उसके इस व्यवहार से में थोड़ा रिलेक्स हो गया था. अब वो एक-एक बेडशीट खोलकर दिखा रहा था और उसकी कीमत और खूबियां बता रहा था, लेकिन में बस उसे निहार रहा था. अब मेरे टावल के नीचे मेरा लंड पूरा उफान पर था और अब मेरा लंड टावल को ऊपर उठाकर उस अजनबी को सलामी दे रहा था.
अब वो बोला कि साहब आप ठीक से बैठिए ना, आपका वो और वो बोलते-बोलते चुप हो गया. फिर मैंने अंजान बनते हुए पूछा कि क्यों भाई? क्या हुआ? तो उसने मेरे लंड की तरफ इशारा किया और फिर से मुस्कुराया.
मैंने भी मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर मसल दिया और बोला कि अच्छा यह क्यों? क्या हुआ? अच्छा नहीं लगा क्या? अब मेरे ऐसे बोलते ही वो कुछ सकपका गया और फिर से चादर दिखाने लगा. फिर मैंने उससे वही सवाल पूछा, तो वो चुप हो गया. फिर मैंने उससे हँसते-हँसते कहा कि यह बेडशीट दिखाना छोड़ो और तुम्हारा भी वो दिखा दो.
अब मेरे ऐसे कहते ही वो भड़क गया और गुस्सा हो गया और बोला कि क्या बात कर रहे हो साहब? में ऐसा वैसा लड़का नहीं हूँ, बेडशीट लेनी नहीं है तो पहले ही बोल देते और फिर वो अपनी बेडशीट्स जमा करने में लग गया.
फिर मैंने उससे कहा कि अरे तुम तो नाराज़ हो गये, अच्छा एक काम करो में तुम्हारी 1 नहीं 4 बेडशीट्स खरीद लूँगा, बस तुम अपना हथियार दिखा दो, लेकिन वो और गुस्सा हुआ और बोला कि साहब ग़रीब का मज़ाक मत उड़ाओं. फिर में अपना लंड फिर से मसलते हुए बोला कि तूने मेरा तो देख लिया, अब अपना भी दिखा दे और एक बात सुन अगर तू मुझे लंड दिखाएगा तो में तेरा लंड चूस भी दूँगा.
वो बोला कि साहब में ऐसे गंदे काम नहीं करता हूँ और वो अपनी पोटली फटाफट पैक करने लगा और फिर बाहर जाने के लिए पोटली अपने कंधे पर उठाकर दरवाजे की तरफ बढ़ गया. अब उसने अपने दोनों हाथों से पोटली अपने कंधे पर पकड़ी हुई थी. मैंने दरवाजा का लॉक पहले ही अंदर से बंद कर रखा था. फिर उसने दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसको लॉक का सिस्टम शायद समझ में नहीं आया, तो उसने मेरी तरफ देखा. अब में समझ गया था कि यह मुझे दरवाजा खोलने के लिए बोल रहा है.
फिर जैसे ही में सोफे से उठा तो मेरा टावल झट से नीचे गिर गया तो फिर मैंने उसकी तरफ देखा, लेकिन वो दरवाजे की तरफ ही देख रहा था, उसे मेरे नंगे होने का एहसास नहीं हुआ था. अब एक गबरू जवान लड़का मेरे सामने खड़ा था और में पूरा नंगा था, अब इस ख्याल से मेरी गांड में खुजली तो होगी ही ना? अब में बिना टावल उठाए वैसे ही मेरी नंगी, गोरी, चिकनी, रसीली गांड लेकर उसके सामने जाकर दरवाजे के लॉक को खोलने का नाटक करने लगा. अब मुझे पूरा यकीन था कि वो पीछे से मेरी गांड देख रहा है. अब में लॉक खोलने की बजाए जानबूझ कर डबल लॉक करके उसे खोलने का निरर्थक प्रयास करने लगा, ताकि वो मेरी चुदासी गांड का और ज़्यादा समय तक दीदार कर सके.
अब में उसे ऐसा दिखा रहा था जैसे मुझसे दरवाजा ओपन नहीं हो रहा है. फिर मैंने बोला कि साला निकल ही नहीं रहा है, लगता है जाम हो गया है. फिर मैंने जानबूझ कर अपनी गांड पीछे करके दरवाजे को खींचकर ओपन करने का प्रयास किया और अब ऐसा करते ही मेरी गांड उसके लंड के करीब जाकर टकरा गयी और वो झट से पीछे हट गया. फिर मैंने पीछे मुडकर देखा और उसे एक कातिलाना स्माइल दे दी, लेकिन वो साला गंदा सा मुँह बनाए दरवाजा ओपन होने का इंतजार कर रहा था. फिर मैंने सोचा कि चलो जाने दो, यह शिकार फंसने वालों में से नहीं है. फिर मैंने सही से दरवाजा ओपन किया और खुद को दरवाजे के पीछे छुपाकर उसके लिए बाहर जाने का रास्ता खोल दिया और फिर वो जल्दी से बाहर निकल गया …
 मैंने फिर से दरवाजा अंदर से लॉक किया और टावल लेकर अपने बेडरूम की और निकल गया. अब तक में बहुत गर्म हो चुका था.
फिर मैंने सोचा कि क्यों ना इस बंदे के नाम की मुठ ही मारी जाए? और में वैसे ही फिर से बाथरूम में घुस गया और शॉवर के नीच खड़ा होकर अपने एक हाथ से अपना लंड हिलाने लगाने और अपने दूसरे हाथ से अपना निप्पल सहला रहा था और अपनी आँखे बंद करके उस लड़के के बारे में सोच रहा था. अभी मुझे 2 मिनट भी नहीं हुए थे कि फिर से दरवाजे की बेल बजी, साला अब कौन आ गया? मैंने फिर से टावल लपेटा और दरवाजा ओपन करने चला गया और छेद में से से देखा, तो सामने फिर से वही लड़का था.
फिर मैंने खुशी-खुशी दरवाजा खोल दिया और पूछा कि क्यों भाई? अब क्या हुआ? तो वो डरते-डरते बोला कि साहब आप कुछ बोल रहे थे ना कि 4 बेड शीट्स खरीदोगे. तो फिर मैंने झट से दरवाजा पूरा खोलकर उसे अंदर बुला लिया और दरवाजा लॉक कर दिया. इस बार वो बहुत सहमा-सहमा सा लग रहा था फिर मैंने बोला कि हाँ हाँ 4 बेड शीट्स ले लूँगा, तुम्हारे पास डबल बेड वाली तो होगी ना? इस बार मैंने सोचा कि पहले में इसके मज़े लेता हूँ और सीधा पॉइंट पर नहीं आऊंगा, क्योंकि में देखना चाहता था कि यह बेडशीट्स बेचने की मजबूरी में वापस आया है या फिर से मेरी गांड देखने के लालच में वापस आया है.
फिर वो बोला कि हाँ डबल बेड की तो है, लेकिन हर बेड का साईज़ अलग-अलग होता है आप एक बार बिछाकर देख लीजिए. अब ऐसा कहते हुए वो अपनी पोटली फिर से खोलने लगा. फिर मैंने कहा कि तुम बेडशीट निकालो, में दूसरे कपड़े पहनकर आता हूँ.
फिर वो बोला कि रहने दीजिए ना भैया, जी कोई बात नहीं और ऐसा कहते-कहते हल्का सा मुस्कुरा दिया. अब में समझ गया था कि यह मेरी गांड देखने के लालच में ही वापस आया है और अब मेरी गांड खुद पर इतराने लग गयी थी. फिर उसने मुझे एक बेडशीट थमाते हुए कहा कि आप यह वाला साईज़ चैक कर लीजिए.
फिर मैंने बोला कि बेड तो अंदर है, चलो बेडरूम में चलते है और में उसके सामने अपनी गांड लचकाते हुए चलने लगा. फिर बेडरूम में आते ही मैंने अपने बेड से पुरानी बेडशीट निकाल दी और बेड पर नयी वाली बेडशीट बिछाने लगा. अब में बेड के ऊपर चढ़कर दीवार वाली साईड में जाकर बेडशीट ठीक करने लगा. अब वो पीछे खड़ा होकर मुझे चादर बिछाते हुए देख रहा था. अब में अपनी गांड पीछे की साईड ज़्यादा ही झुकाकर बेडशीट ठीक करने में लगा ही था कि उतने में मेरे टावल ने फिर से मेरी गांड का साथ छोड़ दिया और टावल फिसलकर नीचे सरक गया.
फिर मैंने बोला कि ऊफफ यह टावल भी ना और पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखकर अपना नीचे वाला होंठ अपने दातों के नीचे दबा दिया. अब वो बड़े चाव से मेरी गांड को घूर रहा था.
फिर मैंने उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए उसकी पेंट की ज़िप को हाथ लगाया, तो वो अपनी आँखे बंद करके ऊपर मुँह करके अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़ा हो गया. अब में उसकी पेंट के अंदर खड़ा होता हुआ लंड महसूस कर रहा था.
फिर मैंने अपना मुँह उसकी पेंट के ऊपर से ही उसके लंड के ऊपर लगा दिया तो उसने तुरंत मेरे दोनों हाथों से मेरे सिर को अपने लंड पर दबा दिया. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी पेंट का बटन खोला और उसकी शर्ट ऊपर करके उसके पेट को चूमने लगा. उसने अंदर कोई गंदी सी अंडरवेयर पहन रखी थी. फिर में बेड से नीचे उतरकर उसके सामने खड़ा हो गया और उसकी बाहों में समा गया.
अब उसने अपने हाथ मेरी पीठ पर रखकर मुझे अपनी बाहों में भींच लिया और में उससे लिपट गया. अब में उसकी गर्दन, गाल और कान पर किस करने लगा था. उसने अपने बालों में जो तेल लगाया था, उसकी अजीब सी महक आ रही थी, लेकिन मैंने उधर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और उसके पूरे फेस को चूमने लगा. अब वो अपनी आँखे बंद करके मज़े ले रहा था.
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखने का जैसे ही प्रयास किया, तो उसने मुझे तुरंत हटा दिया और बोला कि साहब मेरे होंठो को मत चूसो. तो में समझ गया कि लड़को को होंठो पर किस करना अच्छा नहीं लगता है, लेकिन इससे में और खुश हो गया था क्योंकि अब में समझ गया था कि यह बंदा सीधा है.
अब में उसकी बाहों में लिपटा पड़ा था. अब वो भी मेरा साथ दे रहा था, अब धीरे-धीरे उसके हाथ मेरी पीठ से फिसलकर मेरी गांड का जायजा करने लगे थे. फिर जैसे ही उसने मेरी गांड को छुआ तो में सिसक कर और जोर से उससे लिपट गया. अब वो धीरे-धीरे मेरी गांड के गोलो को सहला रहा था और बीच-बीच में मसल भी रहा था. फिर में झट से नीचे बैठ गया और उसकी पेंट चड्डी के साथ उसके घुटनों तक खींचकर उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया.
फिर उसने जोर से मेरे सिर को पकड़कर अपना पूरा लंड मेरे गले में उतार दिया. उसका लंड वीर्य से पूरा लथपथ था तो में उसका नमकीन वीर्य पूरा का पूरा चाट गया. अब में उसके लंड को अपने मुँह से बाहर निकालकर निहारने लगा था, उसका नॉर्मल साईज़ का काला लंड, लाल टोपा और हल्के-हल्के झाटों के बीच में वो किसी गर्म रोड की तरह खड़ा था, भले ही उसकी लम्बाई सामान्य थी, लेकिन उसकी मोटाई काफ़ी थी. फिर मैंने उसके लंड को पूरे तरीके से जाँच करके अपने हाथ से हिलाया और अपनी जीभ बाहर निकालकर उसे हिलाते-हिलाते चाटने लगा.
अब में कभी उसका लंड चाट रहा था, तो कभी उसके अंडो को चाट रहा था. अब वो किसी दूसरी दुनिया में चला गया था, शायद इससे पहले कभी उसने किसी से अपना लंड चुसवाया नहीं था, या यह कहिए कि मेरे जैसा किसी ने चूसा नहीं था. अब काफ़ी टाईम तक नीचे बैठकर में उसके लंड को चूस रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि बस इतना ही ठीक है, या और कुछ करोगे?
उसने मेरे कंधो को पकड़कर झटके से मुझे ऊपर उठा लिया और बोला कि अरे साहब इस मटकती हुई गांड का तो रस चखने दीजिए. अब ऐसा कहते हुए उसने मेरी गांड बहुत ज़ोर से भींच ली, तो मेरी जोर से सिसकारी निकल गयी. फिर उसने मुझे बेड पर धकेला तो अब में उसकी न्यू बेडशीट पर उसी से चुदने के लिए खुद बिछ गया था.
फिर उसने मेरी गांड को दबा-दबाकर मेरी गांड के छेद में उंगली करना शुरू किया, तो में मचलने लगा. मैंने उसी दिन ही अपनी गांड के बाल साफ किए थे तो मेरी गांड बहुत चिकनी लग रही थी और अभी अभी नहाने की वजह से मेरे बदन से धीमी-धीमी खुशबू भी आ रही थी. अब वो मेरी गांड को चूम रहा था और मेरी पीठ सहला रहा था और में उस अंजान बेडशीट बेचने वाले से मेरी गांड रगड़वा रहा था.
अब में अपनी आँखे बंद करके उसके सख़्त हाथ मेरी गांड के ऊपर महसूस कर ही रहा था कि उतने में मेरी गांड पर उसका कड़क लंड टच हुआ, तो में झट से उठकर बैठ गया. फिर उसने पूछा कि क्या हुआ भैया जी? तो मैंने कहा कि ऐसे नहीं रूको कंडोम लाने दो. फिर वो हंसा और बोला कि आप तो शायद पूरी तैयारी में थे.
फिर मैंने कहा कि में हमेशा अपने साथ रखता हूँ, कब कौन तेरे जैसा मिल जाए, क्या पता? फिर मैंने अलमारी से कंडोम निकाला, तब तक वो पूरा नंगा हो गया था. फिर में वापस से नीचे बैठ गया और कंडोम चढ़ने के पहले फिर से उसका लंड अपने मुँह में भर लिया. फिर मैंने उसका लंड चूसते-चूसते कंडोम खोलकर उसके टोपे पर लगा दिया और फिर जैसे ही वो कंडोम चढ़ाकर तैयार हो गया तो में थोड़ी क्रीम अपनी गांड में और उसके लंड पर लगाकर बेड पर चढ़ गया और अब में अपनी गांड पूरी फैलाकर उसके लिए खड़ा था.
फिर उसने 1 मिनट की भी देरी किए बिना अपना खड़ा लंड मेरी गांड में एक ही झटके में उतार दिया. अब मेरी गांड में दर्द की एक हल्की सी लहर दौड़ गयी थी. फिर मैंने अपनी गांड सेट कर ली और उसके मोटे लंड के लिए और ज़्यादा खोल दी. फिर उसने वापस से एक जोरदार धक्का मारा, तो अब मेरी गांड उसका पूरा का पूरा लंड निगल गयी थी. अब वो मेरी कमर को पकड़कर धीरे-धीरे मेरी गांड को पेल रहा था और में सुख से सागर में गोते खा रहा था. अब वो धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था और में सिसकियां लेते हुए उसकी स्पीड का अपनी गांड हिला-हिलाकर जवाब देने लगा था.
अब वो मुझ पर झुककर मेरे निप्पल के साथ खेलते हुए पीछे से मेरी गांड बजा रहा था और मुझे गाली दे रहा था, साली रंडी कब से मेरे सामने मचल रही है, यही वो गांड है ना जिसे तू मटका-मटकाकर चलती है? ले अब पेल दिया अपना लंड तेरी गांड में, यही चाहती थी ना तू? ले ले, अब खोल मादरचोद अपनी गांड खोल, आज तो इसका बाजा बजा दूँगा. अब ऐसा बोलते हुए वो मेरी गांड को पच-पच करके चोदे जा रहा था. अब में पूरी मस्ती में आकर अपनी गांड चुदवा रहा था. अब उसकी स्पीड और साँसे बढ़ने लगी थी, अब उसका लंड घप-घप करके अंदर बाहर होने लगा था.
अब में उस नई बेडशीट को अपनी मुट्टीयों में भींचकर अपनी गांड पर होता उसका हर एक वार सहन कर रहा था. अब वो जोर-जोर से धक्के लगा रहा था और में ज़ोर से और ज़ोर से नीचे से चिल्ला रहा था और वो वैसे ही आगे बढ़ रहा था. अब धक-धक, फ़च-फ़च की आवाज़ से पूरा कमरा गूँज उठा था. फिर अचानक से उसका फव्वारा छूट गया और उसने लास्ट के 7-8 धक्के मेरी कमर पकड़कर दिए तो में नीचे झुककर बेडशीट अपने मुँह में भरकर अपनी गांड में होती हुई उसके लंड की हर एक हरकत महसूस कर रहा था. अब वो झड़ चुका था और फिर वो मेरे ऊपर आकर गिर गया और फिर में भी बेड पर लेट गया.
फिर 4-5 मिनट तक मुझसे चिपककर सोने के बाद जब उसकी सांसे नॉर्मल हुई, तो तब उसने मेरी गांड से अपना लंड खींच लिया और उठकर खड़ा हो गया. अब हम एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. फिर मैंने उसे इशारे से बाथरूम दिखा दिया, तो जैसे ही वो बाथरूम में घुसा तो मैंने भी अपना लंड हिला- हिलाकर पानी निकाल दिया और फिर में भी बाथरूम में घुस गया. अब वो उधर मुँह करके मूत रहा था, तो में उससे पीछे से जाकर चिपक गया.
वो बोला कि अरे साहब आपने तो मेरी पूरी जान ही निकाल दी और अभी भी मन नहीं भरा क्या आपका? फिर मैंने बोला कि मेरी लंड लेने की चाहत कभी भी कम नहीं होती है. फिर जैसे ही उसका मूतना ख़त्म हुआ तो मैंने उसके हाथ को पकड़कर रोक दिया और खुद उसका लंड पकड़कर ज़ोर-जोर से हिलाने लगा, जिससे उसकी पेशाब की आखरी बूंदे भी गिर गयी.
फिर हम दोनों ने 5 मिनट तक एक साथ शॉवर लिया और बाहर आ गये और फिर हम दोनों ने अपने- अपने कपड़े पहन लिए. फिर उसने मुझसे हंसते हुए पूछा कि अब बेडशीट खरीदोगे? या बस गांड चुदवाने से ही मन भर गया? फिर मैंने हंसकर उससे 4 बेडशीट का हिसाब पूछा. तो उसने कहा कि 400 रुपए के हिसाब से 4 बेडशीट के 1600 रुपए होते है, लेकिन आप मुझे 1500 रूपए दे दीजिए. फिर मैंने अपने वॉलेट से उसे 2000 रूपए दे दिए और बोला कि जिस बेडशीट पर तुमने मुझे चोदा है, वो वाली रखकर बाकी सब तुम अपने साथ में ले जाओ और यह पैसे भी पूरे रख लो, तो उसके चेहरे पर एक बहुत बड़ी सी स्माइल आ गयी. फिर उसने अपना सामान पैक किया और मुझसे गले मिलकर निकल गया और में अपने बेडरूम के बेड पर बिछी उस बेडशीट को देखकर मुस्कुराने लगा.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया